Tag Archives: ‘डेडलाइन के साथ काम कर रहा है रेल मंत्रालय’

‘डेडलाइन के साथ काम कर रहा है रेल मंत्रालय’

छह मंत्रालयों रेल, कोयला, वित्त , उर्जा, रिन्यूएबल इनर्जी और खान मंत्रालय में का सफर चार साल में तय कर चुके पियूष गोयल ने खुद को हर मोर्चे पर साबित किया है . अपने काम पर बात करते हुए पियूष गोयल का कहना है कि एक ऐसी सरकार जिसका ध्येय विकास हो और सर्वश्रेष्ठ होना मापदंड वहां संतुष्टि के लिए कोई स्थान नहीं है। मैं इतना कह सकता हूं कि पहले दिन से मैंने डाक्टर की तरह मर्ज पहचाने का काम शुरू किया और एक एक कर दुर्घटना, लेटलतीफी, गुणवत्ता, सुरक्षा, यात्री सुविधा हर पहलू पर काम शुरू कर दिया. डेडलाइन के साथ. कुछ चीजें दिखने लगीं हैं जैसे दुर्घटनाओं पर अंकुश लगा। कुछ चीजें आपको जल्द महसूस होगी. बड़े बदलाव में और खासकर तब जबकि नीचे व्यवस्था गल रही हो या ठप हो तो थोड़ा वक्त लगता है. ट्रेनों की लेटलतीफी पिछले सत्तर सालों के बैकलॉग का नतीजा है. हमने ट्रैक नवीकरण के साथ दोहरीकरण व तिहरीकरण के कार्यों को तेज किया है. सुरक्षा की दृष्टि से रखरखाव के लिए भी हम नियोजित ढंग से ब्लॉक लेकर कार्य कर रहे हैं. इसकी वजह से ट्रेनों की समयबद्धता पर विपरीत प्रभाव पड़ा है. मैंने 14 जोनों की व्यक्तिगत तौर पर समीक्षा की और वीडियो कांफ्रेंसिंग से हर एक डिवीजन के साथ चर्चा हुई. आप सब जानते हैं कि आजादी के बाद रेलवे का बुनियादी ढांचा 10-15 फीसदी ही बढ़ा है. इसका मतलब 10 हजार किमी से ज्यादा लाइनें नहीं बढ़ी हैं. अब अगर आप 65 साल और पांच साल के काम की तुलना करेंगे, तो हैरानी होगी कि पांच साल में कैसे इतने बदलाव हुए हैं. क्या आप विश्वास करेंगे कि मुंबई, दिल्ली और चेन्नई की लाइन के कुछ हिस्से अभी भी सिंगल लाइन हैं. इसकी जिम्मेदारी किसकी है? इस साल के अंत तक ये पूरी लाइन डबल हो जाएगी. डबल लाइन होने से ट्रैफिक दोगुना नहीं, चार गुना हो जाता है. मोदी सरकार में चार साल में आधारभूत परिवर्तन लाया गया है. मैं आप सब से अनुरोध करता हूं कि जब भी ट्रेन और प्लेटफार्म पर गंदगी देखें, तो उसकी फोटो लेकर मुझे बताएं. अगर किसी की कोई शिकायत आती है, तो उसका निदान किया जाता है. ट्रेन में अधिकारी सफर करके यात्रियों से सुझाव लेते हैं. शिकायत को सुनते हैं. हर अधिकारी को हफ्ते में एक-दो दिन ट्रेन की यात्रा करने का निर्देश दिया गया है. आपने कहा कि प्लेटफार्म पर गाडिय़ां खड़ी रहती हैं, तो इस सबके लिए जमीनी कारणों को देखना होता है. पता चलता है कि स्टेशनों पर ट्रेनों में पानी भरने में वक्त लगता है. वो मोटर की क्षमता कम होने की वजह से है. हमने उस पर निर्णय लिया और बड़े स्टेशनों की मोटर की क्षमता को बढ़ाने का निर्देश दिया है. प्लेटफार्म पर 40-50 मिनट खड़े होने की जरूरत नहीं है. इसे कम किया जाएगा. मेरा तो मानना है कि दो मिनट से ज्यादा रेल खड़ी नहीं होनी चाहिए लेकिन उसमें भी व्यवहारिक दिक्कतें आएंगी. सही निदान निकाला जाएगा.

छह मंत्रालयों रेल, कोयला, वित्त , उर्जा, रिन्यूएबल इनर्जी और खान मंत्रालय में का सफर चार साल में तय कर चुके पियूष गोयल ने खुद को हर मोर्चे पर साबित किया है . अपने काम पर बात करते हुए पियूष …

Read More »

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com