-डॉ. सौरभ मालवीय नवरात्र हवन के झोंके, सुरभित करते जनमन को।है शक्तिपूत भारत, समरस हो जनमन में ॥नव सम्वत् पर संस्कृति का, सादर वन्दन करते हैं।हो अमित ख्याति भारत की, हम अभिनन्दन करते हैं॥ 2 अप्रैल से विक्रम सम्वत् 2079 …
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..तो ख़त्म हो जाएगी शादियों की रौनक
राम प्रकाश राय। शादियों का नाम सुन अक्सर जो सबसे पहले जेहन में आता है वो है ‘दावत’. दावत यानि मस्त सजावट, चकाचक लाइट, मस्ती, डीजे पर डिस्को और खूब सारे पकवान. यार-दोस्त, नातेदार-रिश्तेदार से लेकर मुहल्ले के लोगों तक …
Read More »पंजाब में पीएम मोदी की सुरक्षा चूक कारण !
विनीत गुप्ता : प्रधानमंत्री मोदी ने कभी इतने गुस्से में किसी नेता पर टिप्पणी नहीं की, जहां तक मैं प्रधानमंत्री को जानता हूं वह आज बहुत गुस्से में हैं उनके गुस्से के साथ पूरा देश है, अगर प्रधानमंत्री ने यह …
Read More »मंदिर में भगदड़ जिम्मेदार कौन !
आज के भागते दौड़ते जीवन मे कब श्रद्धा भक्ति में भी भगदड़ होने लगी, हमे मालूम ही नही चला। वैष्णो मंदिर धाम में भगदड़ और उसमें 12 मृतक, कई घायल। ह्रदय विदारक घटना है। मंदिर या किसी धार्मिक स्थल पर …
Read More »पं. माखनलाल चतुर्वेदी : भारतीय पत्रकारिता के ‘कर्मवीर’
प्रो. संजय द्विवेदी, महानिदेशक, भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली पं. माखनलाल चतुर्वेदी के संपादन में निकला ‘कर्मवीर’ एक ऐसा पत्र है, जिसकी धमक हम आज भी महसूस करते हैं। हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र में ‘कर्मवीर’ एक ऐसा नाम है, …
Read More »कांग्रेस को छोड़कर ब्राह्मणों को रिझाने में जुटे सभी दल
लखनऊ। आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर जहां सभी राजनीतिक दल ब्राह्मण मतों को रिझाने में जुट गये हैं वहीं पार्टी में हो रही उपेक्षा से आहत कांग्रेस के कई ब्राह्मण नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। प्रदेश में सभी राजनीतिक …
Read More »जयंती 25 सितंबर पर विशेष : मूल्य आधारित मीडिया के पक्षधर थे दीनदयाल जी
पं. दीनदयाल उपाध्याय स्वयं बहुत बड़े पत्रकार और संचारक थे। अपनी विचारधारा को पुष्ट करने के लिए पत्रों का संपादन, प्रकाशन, स्तंभलेखन, पुस्तक लेखन उनकी रूचि का विषय था। उन्होंने लिखने के साथ-साथ बोलकर भी एक प्रभावी संचारक की भूमिका …
Read More »संवाद कला के महारथी हैं मोदी
राजनीति में संवाद की बड़ी भूमिका है। कुशल नेतृत्व के लिए नेतृत्वकर्ता का कुशल संवादक होना अत्यंत आवश्यक है। संवाद की इसी प्रक्रिया को भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक क्रांतिकारी दिशा दी है। आम आदमी से जुड़कर …
Read More »तो पूरा भारत ही अब तक इस्लामी राष्ट्र होता, हम सभी मुसलमान होते, तालिबान होते !
दयानंद पांडेय। कृपया एक बात कहने की मुझे अनुमति दीजिए। वह यह कि अगर अंगरेज भारत में न आए होते और कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ न होता तो किसी को पाकिस्तान आदि बनाने की ज़रुरत ही नहीं पड़ती। नौबत …
Read More »किसान महापंचायत से क्यों निराश हुए यूपी के किसान!
नवेद शिकोह। अक्सर शहरी जनता या हुकुमत किसानों की परेशानियों से वाक़िफ नहीं होती, ये इनकी ग़ैर जिम्मेदाराना पुरानी फितरत है। लेकिन सैकड़ों किसान नेताओं की महापंचायत यूपी के किसानों के गढ़ मुज़फ्फरनगर मे हो, लाखों लोग जुटें, अल्लाह हू …
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