लेख

Jharkhand Elections 2024: जानिए हर बार से क्यों अलग है इस बार का झारखंड विधानसभा चुनाव

बीएस राय: झारखंड चुनाव 2024: 24 साल पहले अस्तित्व में आया झारखंड इस बार अभूतपूर्व राजनीतिक मोड़ पर खड़ा है। राज्य की राजनीति में न तो पारंपरिक मुद्दों की गूंज है और न ही पुराने समीकरणों की पकड़। ऐसे समय में …

Read More »

शारदा सिन्हा का पान भी सुरीला था !

छठ मइ्या की आवाज़, लोकसंगीत की लता मंगेशकर, स्वरकोकिला, बिहारी माटी की सुगंध,भोजपुरी-मैथिली गीतों की पवित्रता.. मां शारदा की शक्ति…जैसी पहचान बनाने वाली शारदा सिन्हा का जिक्र और गीत गूंज रहे हैं। ये छठ महापर्व का शोक काल है। उनके …

Read More »

यूपी मदरसा एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, जानिए क्या है योगी सरकार के लिए इसके मायने

UP Madarsa Act: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड एक्ट 2004 की वैधता बरकरार रखी है। कोर्ट ने इसे संवैधानिक बताया और कहा कि यह धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन नहीं करता है। इस फैसले से यूपी के मदरसों में …

Read More »

उपचुनाव: करहल में “कमल” खिला पाएगी बीजेपी या फिर दौड़ेगी “साइकिल”

UP By Election: उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव की बिसात बिछ चुकी है। यूं तो यूपी में 9 सीटों पर उपचुनाव हो रहा है लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा में करहल विधानसभा सीट है। इसकी वजह सपा के मुखिया अखिलेश यादव …

Read More »

दीपावली का सांस्कृतिक, धार्मिक व आर्थिक महत्व

दीपावली अंधकार पर प्रकाश की जीत का पर्व है। दीपावली का अर्थ है- दीपों की पंक्तियां। दीपावली शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के दो शब्दों ‘दीप’ एवं ‘आवली’ से हुई है। यह त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। …

Read More »

पत्रकार अनंत मिश्र का ‘अनंत’ खेल

लखनऊ का एक युवा पत्रकार अमर उजाला और हिन्दुस्तान जैसे टॉप थ्री अखबारों में पैंतीस साल तक निरंतर नौकरी करने के बाद खेल-खेल में रिटायर हो गया। अब एक नई पारी खेलने की तैयारी के जोश मे लबरेज है। पत्रकारिता …

Read More »

वारफेयर की पारंपरिक परिभाषाओं को चुनौती ‘पेजर’ हमला

21वीं सदी की तकनीकी क्रांति ने संचार और सूचना के क्षेत्र में जबरदस्त बदलाव किए हैं, और इसके साथ ही साइबर सुरक्षा और साइबर हमलों का भी विस्तार हुआ है। आधुनिक युग में, साइबर अटैक पारंपरिक युद्ध रणनीतियों से एक …

Read More »

तीन श्रेष्ठ कवियों की पत्रकारिता का आकलन

हिंदी के तमाम मूर्धन्य संपादक पत्रकारिता के किसी संस्थान या विश्वविद्यालय से प्रशिक्षित नहीं थे। किंतु वे अपने आप में प्रशिक्षण संस्थान थे। वे पूरे के पूरे पाठ्यक्रम थे और वे ही प्रयोगशाला थे। उनके भीतर अपने समाज को देखने …

Read More »

हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा क्यों नहीं है ?

भावों और विचारों के आदान-प्रदान के माध्यम को भाषा कहते हैं । भावों एवं विचारों के अभिव्यक्ति के कई माध्यम हैं, यथा सांकेतिक, लिखित एवं बोलकर । मानव जाति सभ्यता के आरम्भ से ही स्वयं को व्यक्त करने के अनेक …

Read More »

हिंदी : राजभाषा, राष्ट्रभाषा और विश्वभाषा

  एक भाषा के रूप में हिंदी न सिर्फ भारत की पहचान है, बल्कि हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति और संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक भी है। बहुत सरल, सहज और सुगम भाषा होने के साथ हिंदी विश्व की …

Read More »

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com