राजनीति

LG को नहीं मां-बहनों की चिंता, अंग्रेजों के बाद दिल्ली में इनका राज : केजरीवाल

आख़िरकार आज एक बार फिर राजधानी को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार और दिल्ली के एलजी को जमकर घेरा. उन्होंने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाए जाने की मांग को काफी तेज कर दिया हैं. और इसके लिए उन्होंने आज दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम से आंदोलन का बिगुल बजा दिया हैं. स्टेडियम में जनता से रुबरु होते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 1000 मोहल्ला क्लिनिक बने लेकिन LG कहते हैं नहीं बनने चाहिए. मैं आपसे पूछना चाहता हूँ कि जनता की चलनी चाहिए या LG की? सीएम अरविंद केजरीवाल ने LG पर जोरदरा हमला करते हुए कहा कि दिल्ली में पहले अंग्रेजों का राज था, जबकि अभी राजधानी में LG का राज हैं. उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी एलजी को जमकर घेरा. केजरीवाल ने कहा कि एलजी दिल्ली में CCTV कैमरे नही लगने दे रहे है, इन्हे हमारी माँ-बहनों की कोई चिंता नहीं है. केजरीवाल ने यह भी माना कि एलजी ने दिल्ली की जनता का मजाक बना दिया हैं. एलजी पर करारा प्रहार करते हुए उन्होंने एलजी को दिल्ली का शासक तक कह डाला. वहीं अपनी सरकार की तारीफ करते हुए अरविंद ने कहा कि जब हम सत्ता में आए तो हमने बिजली के दाम आधे करके दिखाए. और दिल्ली की जनता को मुफ्त में पानी दिया.

आख़िरकार आज एक बार फिर राजधानी को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार और दिल्ली के एलजी को जमकर घेरा. उन्होंने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाए जाने की मांग …

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सोशल मीडिया पर ट्रोल हुई सुषमा स्वराज ने उठाया ये कदम और फिर….

उत्तर प्रदेश पासपोर्ट ऑफिसर और हिन्दु-मुस्लिम कपल विवाद के बाद सोशल मीडिया पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की निंदा की गई और वो भी बेहद बेहूदा भाषा मे. जिस पर अब सुषमा ने टि्वटर पर एक पोल के जरिये पूछा है कि सोशल मीडिया पर ये 'ट्रोलिंग' कहा तक जायज है जिसमे 57 प्रतिशत लोगों ने इसे गलत बताया. विदेश मंत्री के पति स्वराज कौशल ने एक ट्रोलर को दिए भावुक जवाब में कहा कि ट्विटर यूजर्स के कड़े शब्दों से उनके परिवार को 'असहनीय दर्द' मिला है. 24 घंटे तक चले इस पोल में 1,24,305 लोगों ने हिस्सा लिया. इसमें 57 प्रतिशत लोगों ने सुषमा का समर्थन किया तो 43 प्रतिशत लोगों ने ट्रोल्स का समर्थन किया. पोल के बाद सुषमा ने हिन्दी कवि नीरज की कुछ पंक्तियों को ट्वीट किया. उन्होंने साथ ही कहा, "लोकतंत्र में मतभिन्नता स्वाभाविक है. आलोचना अवश्य करो. लेकिन अभद्र भाषा में नहीं. सभ्य भाषा में की गई आलोचना ज्यादा असरदार होती है." दिनों से ट्विटर पर ट्रोल सुषमा के लिए ये असहनीय तब हुआ जब उनके पति ने एक टि्वटर यूजर के एक पोस्ट का स्क्रीनशॉट ट्वीट किया, जिसमें उनसे कहा गया है कि वह 'उनकी (सुषमा) पिटाई करें और उन्हें मुस्लिम तुष्टीकरण न करने की बात सिखाएं.' उन्होंने ट्वीट किया, "मित्रों मैंने कुछ ट्वीट लाइक किए हैं. यह पिछले कुछ दिन से हो रहा है. क्या आप ऐसे ट्वीट को स्वीकृति देते हैं?" सुषमा के पति कौशल ने ट्वीट किया, "आपके शब्दों ने हमें असहनीय दुख दिया है. आपको एक बात बता रहा हूं कि मेरी मां का 1993 में कैंसर से निधन हो गया. सुषमा एक सांसद और पूर्व शिक्षा मंत्री थीं. वह एक साल तक अस्पताल में रहीं. उन्होंने मेडिकल अटेंडेंट लेने से मना कर दिया और मेरी मरती मां की खुद देखभाल की." सुषमा को ट्वीट के जरिए निशाना बनाने वाले व्यक्ति को जवाब देते हुए जाने माने वकील ने कहा, "परिवार के प्रति उनका (सुषमा) इस तरह का समर्पण है. मेरे पिता की इच्छा के अनुरूप उन्होंने (सुषमा) मेरे पिता की चिता को मुखाग्नि दी. कृपया उनके लिए इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल न करें. हम कानून और राजनीति में पहली पीढ़ी हैं. हम उनके जीवन से ज्यादा किसी और चीज के लिए प्रार्थना नहीं करते. कृपया अपनी पत्नी को मेरी ओर से सम्मान दें."

उत्तर प्रदेश पासपोर्ट ऑफिसर और हिन्दु-मुस्लिम कपल विवाद के बाद सोशल मीडिया पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की निंदा की गई और वो भी बेहद बेहूदा भाषा मे. जिस पर अब सुषमा ने  टि्वटर पर एक पोल के जरिये पूछा …

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2019: मजबूत बीजेपी एक्शन में, सुस्त विपक्ष का पता नहीं

भारतीय जनता पार्टी की रणनीति के आगे फ़िलहाल सब फेल है. इस हेतु विपक्ष को सिर्फ एक ही रास्ता सूझ रहा है और वो है महागठबंधन. मगर ये जितना दिखता है उतना आसान नहीं है. जहा विपक्ष को अभी यही तय करना है कि शुरुआत कहा से करना है वही बीजेपी की रणनीति तैयार है और उस पर काम भी शुरू कर दिया गया. कई तरह के केम्पेन के बीच अब 'मिशन स्वर्णिम अष्टभुज' को लेकर आ रही है बीजेपी. जीत के लिए BJP ने कुछ खास कदम उठाये है - कश्मीर मुद्दे को समय पर भुनाया और उसकी मार्केटिंग करने में अब बीजेपी पूरी शिद्द्दत से जुटी है . आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ सेना को खुली छूट का नारा भी इसका अहम पहलु है. यूपी चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने गन्ना किसानों को 15 दिन में भुगतान का वादा किया था मगर किसान उसे उसी समय निभाए जाने वाले वादों में गिन बैठे थे मगर वो वादा 2019 के थोड़े पहले फिर से पूरा करने के लिए या दोहराये जाने के लिए किया गया था. शुक्रवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में यूपी, उत्तराखण्ड, पंजाब, कर्नाटक और महाराष्ट्र के गन्ना किसानों से मुलाकात की है जिसका फिर लम्बे समय तक असर रहेगा प्रधानमंत्री ने हर भाषण में फसल के लागत मूल्य से किसानों को डेढ़ गुना मूल्य देने का वादा दोहरा रहे है. संपर्क फॉर समर्थन का फंडा भी कमजोर रणनीति का हिंसा कतई नहीं है. रूठो को मनाए की कवायद भी जारी है. राम मंदिर मुद्दा भी फिर से छेड़ ही दिया गया है जो हर काल खंड में तुरुप के इक्के के रूप में रहा है और पता नहीं कब तक रहेगा. हिन्दू कार्ड को बीजेपी कभी नहीं भूल सकती. ऊपर से लेकर निचे तक के हर नेता को मुद्दे रटा दिए गए है और लम्बी चौड़ी फ़ौज अपने काम में जुट गई है सबसे बड़ी बाद जिम्मेदारी और विजस साफ है. कुल मिलकर बीजेपी तैयार है ज पहले से ही मजबूत है वही कमजोर विपक्ष अभी भी बगले झांक रहा है.

भारतीय जनता पार्टी की रणनीति के आगे फ़िलहाल सब फेल है. इस हेतु विपक्ष को सिर्फ एक ही रास्ता सूझ रहा है और वो है महागठबंधन. मगर ये जितना दिखता है उतना आसान नहीं है. जहा विपक्ष को अभी यही …

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तो क्या उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा अब दलालों और पैसों के चंगुल में फंस चुके हैं : दयानंद पांडेय

मेरी एक दोस्त हैं भारती सिंह । बहुत ही संवेदनशील , भावुक और हिंदी साहित्य की मर्मज्ञ । विदुषी हैं । उन्नाव के एक गवर्मेंट डिग्री कालेज में प्रिंसिपल हैं । पहले लखनऊ में ही एक डिग्री कालेज में हिंदी …

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उत्तराखंड: खाई में गिरी बस 22 लोगों की मौत

उत्तराखंड से एक बड़ी खबर मिल रही है. खबर के अनुसार उत्तराखंड के पौड़ी के घुमावदार क्षेत्र में बस का बैलेंस बिगड़ने के कारण यह बड़ा हादसा हो गया है. बताया जा रहा है कि बस में करीब 40-45 लोगों के बैठे होने का अंदेशा था वहीं अभी मिल रही खबर के अनुसार 22 लोगों की मौत हो गई है. उत्तराखंड से मिल रही इस बड़ी खबर में अभी रेस्क्यू के लिए आपातकालीन सुविधाओं के साथ SDRF का दल रवाना हो गया है. बताया जा रहा है कि जिस जगह पर बस का एक्सीडेंट हो गया है यह काफी पिछड़ा हुआ इलाका है. यहाँ पर मोबाइल फोन के नेटवर्क नहीं मिलते है ऐसे में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. मौके पर पहुंचे कुछ लोगों ने घटना में घायल और मृत लोगों को निकालने की कोशिश की लेकिन बस के गिरने के बाद लोग बुरी तरह से उसके भीतर दबे हुए है. हाल ही में हिमाचल प्रदेश में इस तरह का एक एक्सीडेंट संज्ञान में आया था. उत्तराखंड में पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण जरा सी लापरवाही से इस तरह की घटनाएं आम हो चली है. इस तरफ न प्रशासन का ध्यान जाता है न ही सरकार का.

उत्तराखंड से एक बड़ी खबर मिल रही है. खबर के अनुसार उत्तराखंड के पौड़ी के घुमावदार क्षेत्र में बस का बैलेंस बिगड़ने के कारण यह बड़ा हादसा हो गया है. बताया जा रहा है कि बस में करीब 40-45 लोगों …

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मंदसौर बलात्कार मामले में अखिलेश का बीजेपी पर निशाना

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंदसौर गैंगरेप में बीजेपी पर निशाना साधा है. अखिलेश यादव ने कहा कि "मंदसौर की घटना काफी अमानवीय और हृदय विदारक है. यह बहुत शर्म एक विषय है कि भाजपा के राज्यों में महिलाओं और बच्चों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ी है और इन घटनाओं पर भाजपा का रवैया हमेशा से शून्य ही रहा है." अखिलेश ने हाल ही में अपना एक बयान जारी करते हुए कहा है कि "बीजेपी की जो भी नीतियां है वो महिला विरोधी है." वहीं अखिलेश यादव ने आगे कहा कि "देश में जहाँ-जहाँ भी बीजेपी की सरकारें है वहां-वहां इस तरह की घटनाएं बढ़ने के साथ ही अपराधियों का हौसला भी बढ़ा है." अखिलेश ने कहा कि "भाजपा नेता बातें तो बड़ी-बड़ी करते हैं लेकिन जमीनी हकीकत में उनके परिणाम शून्य ही रहते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बलात्कार की घटनाओं पर शासन प्रशासन को अत्यंत कठोर कार्रवाई करनी चाहिए और अपराधियों को कड़ा दंड मिलना चाहिए. जो सरकार महिलाओं और बच्चियों की इज्जत और सुरक्षा नहीं कर सकती है उसे सत्ता में बने रहने का हक नहीं हैं. जनता भाजपा को इन घटनाओं के लिए माफ नहीं करेगी."

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंदसौर गैंगरेप में बीजेपी पर निशाना साधा है. अखिलेश यादव ने कहा कि “मंदसौर की घटना काफी अमानवीय और हृदय विदारक है. यह बहुत शर्म एक विषय …

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ईश्वर करे बिहार में कोई उथल पुथल न हो-राज्यपाल

बिहार के राज्यपाल कहते हैं, राज्यपाल की भूमिका महत्वपूर्ण होती है. वह राष्ट्रपति और सरकार के बीच सेतु का काम करता है.' इसके अलावा राज्यपाल के पास मुख्यमंत्री से कम शक्तियां होने के सवाल पर सत्यपाल मलिक ऐसी बात से इनकार करते हैं. उन्होंने साफ कहा कि फ़ेडरल सिस्टम में पावर की ज़्यादा ज़रूरत नहीं होती है और राज्यपाल के पास वर्तमान समय में पर्याप्त शक्ति प्राप्त है. राज्यपाल सत्यपाल मलिक बिहार के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी हैं.उन्होंने कहा 'चाणक्य ने कहा कि जब तक व्यवस्था पूरी तरह से ठीक न हो जाए, तब तक शासक को संतुष्ट नहीं होना चाहिए. उच्च शिक्षा के स्तर को लेकर मैं भी संतुष्ट नहीं हूं.' मलिक ने आगे कहा, 'शिक्षा की बदहाली के लिए हम सब दोषी हैं. क्लास ठीक से नहीं हो रहा, पढ़ाई समय पर नहीं हो रही. हमने कुलपतियों की बैठक कर सुधारने के लिए सख़्त क़दम उठाने को कहा है और अब कुलपतियों की बैठक भी हो रही है, जो पहले नहीं होती थी.' उन्होंने कहा था कि अगर लड़कियों को कोई दिक़्क़त हो तो वे सीधे राजभवन फ़ोन करें. इसे लेकर पूछे जाने पर राज्यपाल मलिक ने कहा, 'देखिये उस बात को ग़लत तरीक़े से लाया जा रहा था. आज पुलिस के रवैये को देखिए एक एफआईआर करवाने तक में दिक़्क़त होती है. मैंने कहा था कि अगर कोई समस्या होती है तो उसे दूर करने के लिए मैं हूं. इसका परिणाम हुआ कि तीन दिन बाद बेतिया से एक लड़की का फ़ोन आया. सत्यपाल मलिक कहते हैं, 'मैं ऐसे हाथ धरे नहीं बैठ सकता, लेकिन ये काम सरकार का है. मैं एक और सेंटर नहीं बनना चाहता. मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं, लेकिन किसी लड़की को असहाय नहीं छोड़ सकते.'

बिहार के राज्यपाल कहते हैं, राज्यपाल की भूमिका महत्वपूर्ण होती है. वह राष्ट्रपति और सरकार के बीच सेतु का काम करता है.’ इसके अलावा राज्यपाल के पास मुख्यमंत्री से कम शक्तियां होने के सवाल पर सत्यपाल मलिक ऐसी बात से …

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अमेरिका हमें न सिखाए तेल कहा से लेना है-ओवैसी

ईरान से भारत को तेल आयात खत्म करने के लिए करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के फरमान पर भारत के एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने अमेरिका को आड़े हाथों लेते हुए जमकर खरी खोटी सुनाई है. ज्ञात हो कि अमेरिका ने पिछले हफ्ते ही भारत समेत अन्य देशों को ईरान से तेल आयात नहीं करने की चेतावनी दी थी क्योंकि ईरान पर 4 नवंबर से अमेरिकी प्रतिबंध लगा हुआ है. असदुद्दीन ओवैसी यहाँ ही नहीं रुके और आगे उन्होंने कहा कि भारत की संप्रभुता में दखल देने वाला अमेरिका कौन होता है. भारत की संप्रभुता पर अमेरिका कैसे हस्तक्षेप कर सकता है. ओवैसी ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में जनसभा को संबोधित करते वक़्त यह बयान दिया. साथ ही उन्होंने कहा, ‘अमेरिका कौन होता है भारत को कहने वाला? आप हमें कैसे कह सकते हो कि हम यहां से तेल खरीदे और यहां से नहीं? क्या अमेरिकी राष्ट्रपति को यह कहना चाहिए कि हम कहां से चीजें खरीदें और कहां से नहीं? क्या यह भारत की संप्रभुता में अमेरिका का दखल नहीं है?’ गौरतलब है कि ईराक और सऊदी अरब के बाद भारत ईरान का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है. 2017 से 2018 तक ईरान ने भारत को 18.4 मिलियन टन का कच्चा तेल दिया है

ईरान से भारत को तेल आयात खत्म करने के लिए करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के फरमान पर भारत के एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने अमेरिका को आड़े हाथों लेते हुए जमकर खरी खोटी सुनाई है. …

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भ्रष्टाचार के खिलाफ योगी की मुहिम अंजाम तक ,लोक सेवा आयोग और गोमती के गुनहगारों पर कसा सीबीआई का शिकंजा – शलभ मणि त्रिपाठी

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्य नाथ जी की अगुवाई में भ्रष्टाचार के खिलाफ छेडी गयी मुहिम का बड़ा असर हुआ है और इस मुहिम से भ्रष्टाचारियों में …

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पटना पहुंचे हार्दिक ने कहा नितीश से मिलने में कोई रूचि नहीं

गुजरात में किसानों के नेता कहे जाने वाले पाटीदार नेता हार्दिक पटेल शुक्रवार को पटना पहुंचे थे. इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए हार्दिक पटेल ने कहा कि वो नितीश कुमार से मिलने में कोई रूचि नहीं रखते, क्योंकि नितीश कुमार अब बीजेपी के साथ है और मैं बीजेपी के खिलाफ हूँ. बातों ही बातों में हार्दिक पटेल ने नितीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा है कि "नीतीश कुमार ने अपना रास्ता बदल दिया है. वह अब भारतीय जनता पार्टी के साथ हैं. उनसे मिलने और बातचीत करने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि मैं बीजेपी के खिलाफ हूं." हार्दिक यहां कुछ कार्यक्रमों में हिस्सा लेने आए हुए हैं." पाटीदार नेता ने कहा, "मैं लालू यादव से मिलकर उनसे बात करना चाहता हूं, लेकिन मुझे पता चला है कि वह मुंबई में हैं, जहां उनका इलाज चल रहा है." उन्होंने कहा कि अब वह बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मुलाकात करेंगे. इससे पहले जैसे ही हार्दिक पटेल पटना के एयरपोर्ट पर उतरे, दर्जनों की संख्या में समर्थकों ने उनके लिए नारेबाजी की. बता दें, यह हार्दिक का दूसरा पटना दौरा है, इससे पहले 2016 में भी हार्दिक पटेल पटना आ चुके है.

गुजरात में किसानों के नेता कहे जाने वाले पाटीदार नेता हार्दिक पटेल शुक्रवार को पटना पहुंचे थे. इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए हार्दिक पटेल ने कहा कि वो नितीश कुमार से मिलने में कोई रूचि नहीं रखते, क्योंकि …

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