उत्तराखंड

पर्वतारोही जुड़वा बहनें दून में आयोजित करेंगी बेस कैंप फेस्टिवल इंडिया

 माउंट एवरेस्ट सहितब दुनिया के सात सर्वोच्च शिखरों को फतह करने वाली पर्वतारोही जुड़वा बहनों नुंग्शी व ताशी मलिक ने बताया कि उनकी द्वारा संचालित नुंग्‍शी ताशी फाउंडेशन की ओर से 25 अक्‍टूबर से देहरादून में बेस कैंप फेस्टिवल इंडिया …

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देहरादून: हॉस्टल में 10वीं की छात्रा के साथ गैंगरेप, गर्भवती होने पर हुआ खुलासा, नौ लोग गिरफ्तार

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से एक शर्मनाक मामला सामने आया है. घटना जिले के सहसपुर क्षेत्र की है, जहां एक हॉस्टल में दसवीं की छात्रा के साथ गैंगरेप का मामला सामने आया है. निजी आवासीय विद्यालय परिसर में चार छात्रों द्वारा एक नाबालिग छात्रा …

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अमेरिकी व भारतीय सैन्य विशेषज्ञों ने साझा की अत्याधुनिक हथियारों की तकनीक

भारत व अमेरिका का संयुक्त सैन्य युद्ध अभ्यास अब चरम की ओर बढ़ गया है। दूसरे चरण में अमेरिकी व भारतीय सैन्य विशेषज्ञों ने अत्याधुनिक हथियारों के संचालन की तकनीक साझा की। आतंकवादियों से काफी करीब से मुठभेड़ या जमीनी …

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जलवायु परिवर्तन के संकट से जूझ रहा हिमालय, गड़बड़ा गया है वर्षा का चक्र

हिमालय दिवस पर दून में विभिन्न संगठनों ने हिमालय की सुरक्षा पर मंथन किया और इसके संभावित खतरों पर चर्चा करते हुए संरक्षण की राह भी सुझाई। रविवार को जोगीवाला चौक के पास स्थित एक स्कूल में उत्तरांचल उत्थान परिषद …

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उत्‍तराखंड में भारी बारिश के आसार, जिलाधिकारियों को जारी किया अलर्ट

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के उलट रविवार को गढ़वाल से लेकर कुमाऊं मंडल तक धूप खिली रही। हालांकि बदरीनाथ हाईवे लामबगड़ में मलबा आने से बंद रहा। यात्री तीन किलोमीटर की दूर तय कर पैदल ही भूस्खलन जोन को पार …

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महंगे नहीं मोटे अनाज से बनती है सेहत, जानिए कैसे

बदली परिस्थितियों में जमीन 'जहरीली' हो रही तो फसलें भी। रासायनिक उर्वरकों के बेतहाशा उपयोग ने खेती की जो दुर्दशा की है, उससे सभी विज्ञ हैं। हालांकि, जो पैदावार हो रही, वह मात्रात्मक रूप में अधिक जरूर है, मगर गुणवत्ता में बेदम। सूरतेहाल, ऐसा अन्न खाने से सेहत पर असर तो पड़ेगा ही और यही मौजूदा दौर की सबसे बड़ी चिंता भी है। इस सबको देखते हुए थाली में बदलाव व विविधता लाना समय की मांग है। इस लिहाज से देखें तो उत्तराखंड की 'बारानाजा' फसलें इसी बदलाव का प्रतिबिंब हैं, जो पौष्टिकता के साथ औषधीय गुणों से भी लबरेज हैं। कृषि पैदावार बढ़ाने को जिस तरह रासायनिक उर्वरकों का उपयोग हो रहा है, उससे भूमि की उर्वरा शक्ति पर असर पड़ा तो फसलों पर भी। परिणाम तमाम रोगों के तौर पर सामने आ रहा है। ऐसे में पौष्टिक और औषधीय गुणों से लबरेज अन्न मिल जाए तो कहने ही क्या। उत्तराखंड की 'बारानाजा' फसल पद्धति में वह सब मिलता है, जिसकी आज दरकार है। भले ही यहां के पहाड़ी क्षेत्र में सदियों से चलन में मौजूद इस पद्धति से पैदावार कम हो, लेकिन पौष्टिकता के मामले में इनका कोई सानी नहीं है। –– ADVERTISEMENT –– यहां दस घंटे बंद रही लाइफ लाइन, गाड़ियों में बिताई रात यह भी पढ़ें यह है बारानाजा पद्धति विषम भूगोल वाले उत्तराखंड की जलवायु और भौगोलिक स्थितियों को देखते हुए पहाड़ी क्षेत्र के लोगों ने सदियों पहले गेहूं एवं धान की मुख्य फसल के साथ ही विविधताभरी बारानाजा पद्धति को महत्व दिया। मंडुवा व झंगोरा बारानाजा परिवार के मुख्य सदस्य हैं। इसके अलावा ज्वार, चौलाई, भट्ट, तिल, राजमा, उड़़द, गहथ, नौरंगी, कुट्टू, लोबिया, तोर आदि इसकी सहयोगी फसलें हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो बारानाजा मिश्रित खेती का श्रेष्ठ उदाहरण है और यह फसलें पूरी तरह से जैविक भी हैं। इसमें एक साथ बारह फसलें उगाकर पौष्टिक भोजन की जरूरत पूरी करने के साथ ही भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने की क्षमता भी है।

बदली परिस्थितियों में जमीन ‘जहरीली’ हो रही तो फसलें भी। रासायनिक उर्वरकों के बेतहाशा उपयोग ने खेती की जो दुर्दशा की है, उससे सभी विज्ञ हैं। हालांकि, जो पैदावार हो रही, वह मात्रात्मक रूप में अधिक जरूर है, मगर गुणवत्ता …

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उत्तराखंड: भागीरथी नदी में गिरा टैंपो ट्रेवलर, दस लोगों की मौत की आशंका; चार घायल

उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी ब्लॉक में एक वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जिसमें दस से ज्यादा लोगों के मरने की आशंका है। मौके पर पहुंची पुलिस और एसडीआरएफ का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। वहीं, जिलाधिकारी ने घायलों को देहरादून पहुंचाने के लिए चॉपर मंगवाया है। उत्तरकाशी से करीब 40 किलोमीटर दूर भटवाड़ी के पास टैंपो ट्रेवलर भागीरथी नदी में गिर गया। बताया जा रहा है कि टैंपो ट्रेवलर में पंद्रह लोग सवार थे। ये सभी स्थानीय निवासी थे, जो गंगोत्री से पूजा कर वापस अपने गंतव्य की ओर लौट रहे थे। जैसे ही वाहन संगलाई के पास पहुंचा तो वहां भूस्खलन होने से सड़क पर मलबा पड़ा हुआ था। जिसके चलते चालक वाहन पर से अपना नियंत्रण खो बैठा और ट्रेवलर भागीरथी नदी में गिर गया। हादसे में दस लोगों के मरने की आशंका है, जबकि चार घायल है। वहीं, चालक का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। इधर, स्थानीय लोगों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी। फिलहाल, सूचना पर पुलिस और एसडीआरएफ की टीम घटनास्थल पर पहुंच गर्इ है और राहत-बचाव के कार्य में जुटी है।

उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी ब्लॉक में एक वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जिसमें दस से ज्यादा लोगों के मरने की आशंका है। मौके पर पहुंची पुलिस और एसडीआरएफ का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। वहीं, जिलाधिकारी ने घायलों को देहरादून पहुंचाने के …

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जंगल से निकल दबे पांव आबादी क्षेत्र में घुसा गुलदार, कुत्ते पर मारा झपट्टा; वीडियो वायरल

जंगल से निकल दबे पांव आबादी क्षेत्र में घुसा गुलदार, कुत्ते पर मारा झपट्टा; वीडियो वायरल

नैनीताल जिले के अयारपाटा क्षेत्र में अचानक एक गुलदार(तेंदुआ) घुस आया। गुलदार कुत्ते को अपना शिकार बनाने के लिए आगे बढ़ रहा था। इसी बीच पास खड़े कुछ युवकों ने चुपके से गुलदार को अपने कैमरे में कैद कर लिया। …

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अराजक तत्वों ने तोड़ी आंबेडकर की प्रतिमा, गांव में पुलिस तैनात

भगवानपुर के खुब्बनपुर गांव में अराजक तत्वों ने डॉ भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया। सूचना पर गांव में पुलिस पहुंच गई। घटना बीती रात हरिद्वार जिले के भगवानपुर क्षेत्र के खुब्बनपुर गांव की है। अराजक तत्‍वों ने गांव में लगी डॉ भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया। सुबह जब घटना का पता चला तो दलित समाज के लोगों ने रोष जातया। वहीं, सूचना पर पुलिस बल भी मौके पर पहुंच गया। खबर मिलते ही भीम आर्मी के कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंच गए हैं। उन्होंने इस घृणित कार्य को करने वाले व्यक्ति के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। मौके पर थाना गंग नहर, थाना झबरेडा, थाना कलियर समेत अन्य जगहों का पुलिस बल मौजूद है

भगवानपुर के खुब्बनपुर गांव में अराजक तत्वों ने डॉ भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया। सूचना पर गांव में पुलिस पहुंच गई। घटना बीती रात हरिद्वार जिले के भगवानपुर क्षेत्र के खुब्बनपुर गांव की है। अराजक तत्‍वों ने …

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टिहरी में भूस्खलन से दो मकान ध्वस्त, छह की मौत; एक लापता

लगातार बारिश से नदी-नालों का उफान और भूस्खलन जानलेवा साबित हो रहा है। पहाड़ से लेकर मैदान तक नुकसान का दौर जारी है। टिहरी के भिलंगना क्षेत्र में दो मकान भूस्खलन के मलबे की चपेट में आकर जमींदोज हो गए। इसमें आठ लोग दब गए। अभी तक छह शव निकाले जा चुके हैं। वहीं, एक बच्ची को जिंदा निकाल लिया गया। चमोली जिले में पिंडर नदी के कटाव से हो रहे भूस्खलन के कारण पांच दुकानें जमींदोज हो गईं। टिहरी जनपद के भिलंगना के दूरस्थ गांव कोट बिशन में तड़के करीब चार बजे भारी बारिश से दो मकान ध्वस्त हो गए। सूचना पर एसडीआरएफ और प्रशासन की टीम गांव में रेस्क्यू को पहुंच गई। स्थानीय ग्रामीणों के साथ ही एसडीआरएफ, प्रशासन की टीम मलबे में दबे लोगों को निकालने में जुटी रही। एसडीएम पीआर चौहान के अनुसार अभी तक छह शव निकाले जा चुके हैं। वहीं, एक बच्ची को मलबे से जिंदा निकाल लिया गया। अभी एक महिला लापता हैं। दूरुस्थ क्षेत्र होने के कारण वहां संपर्क नही हो पा रहा है। उत्तराखंड में बारिश का दौर जारी, भूस्खलन से बंद यमुनोत्री हाईवे खुला; मकान ध्वस्त यह भी पढ़ें मृतकों के नाम 1-मोर सिंह (32वर्ष) उत्तराखंड में आफत की बारिश, नदी-नालों में उफान; दो लोगों की मौत यह भी पढ़ें 2आशीष पुत्र मोर सिंह 3-अतुल पुत्र हुकम सिंह उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट; यमुनोत्री हाईवे बंद यह भी पढ़ें 4- हंसा देवी (27 वर्ष) 5-संजू देवी (24 )पत्नी हुकम सिंह बारिश से मकान ध्वस्त, सड़कें बंद; अगले 24 घंटे होगी भारी बारिश यह भी पढ़ें 6-स्वाति पुत्री राकेश सिंह घायल कुमारी बबली (14 वर्ष) पुत्री मोर सिंह लापता का नाम 1-लक्ष्मी देवी धर्मपत्नी राकेश प्रदेश में मौसम का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। समूचे उत्तराखंड में रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है। भूस्खलन से क्षतिग्रस्त सड़कों पर आना-जाना मुश्किल हो रहा है। प्रदेश में 150 से ज्यादा संपर्क मार्गों पर आवागमन बाधित है। भूस्खलन का सर्वाधिक प्रभाव पौड़ी जिले में है। यहां 80 सड़कें बाधित हैं। बदरीनाथ के पास लामबगड़ में हाईवे सातवें दिन भी नहीं खुल पाया है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के जवान मलबा हटाने के लिए मशक्कत कर रहे हैं, लेकिन लगातार दरक रही पहाड़ी के कारण मार्ग खोलना चुनौती बन गया है। भूस्खलन प्रभावित इस भाग को यात्री पैदल ही वैकल्पिक मार्ग से पार कर रहे हैं। इसके अलावा चमोली जिले के नारायणबगड़ में पिंडर नदी का कटाव कस्बे पर भारी पड़ा। पिंडर के किनारे पांच दुकानें भरभरा कर ढह गईं। शुक्र यह रहा कि उस वक्त दुकानों में कोई नहीं था। दूसरी ओर हरिद्वार के लक्सर में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। तटबंध क्षतिग्रस्त होने से गंगा का पानी खेतों में जा घुसा, जिससे फसलों को नुकसान पहुंचा है। उत्तरकाशी में गंगोत्री हाईवे हेल्गुगाड के पास मलबा आने से बंद हो गया। वहीं, यमुनोत्री हाईवे डाबरकोट में अभी भी बंद है। दूसरी ओर कुमाऊं में मौसम का मिजाज सोमवार रात से गड़बड़ाया हुआ है। पिथौरागढ़ में मुनस्यारी के थापा गांव में भारी बारिश से भू-स्खलन हो गया। दो मकान धराशायी हो गए, जिसमें एक बाइक दब गई। सात परिवारों को रात में ही प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कराया। नैनीताल जिले में बीती रात हुई तेज बारिश से मल्लीताल में सनवाल पब्लिक स्कूल के पीछे भूस्खलन हो गया और खेल मैदान का मलबा टिन से बने कक्षा कक्ष में जा घुसा। मलबा पूरी क्लास में जमा हुआ है। गनीमत रही कि घटना रात को हुई। स्कूल प्रबंधन ने खतरे को देखते हुए आज अवकाश घोषित कर दिया है। उधर बारिश से जिले में एक स्टेट हाइवे समेत दस ग्रामीण मार्ग बंद हैं। इसमें भोर्सा-पिनरौ, देवीपुरा-सौंड़, काठगोदाम- हैड़ाखान, गर्जिया-बेतालघाट, ओखलाढुंगा-तल्लीसेठी, रानीकोटा-गोतिया, पशयां, तपुआ-बबियाड़, हरीनगर-चंदादेवी आदि शामिल हैं। भीमताल मार्ग पर तीन जगह दरारें, धंसने का खतरा नैनीताल की लोअर मालरोड़ की तरह भीमताल हल्द्वानी मोटर मार्ग का एक बड़ा हिस्सा झील में समा सकता है। भीमताल और आसपास के क्षेत्र में भारी बरसात के चलते मल्लीताल के बाईपास डायवर्जन से तल्लीताल पंत पार्क तक तीन स्थानों पर दरारें दिख रही हैं। ये मार्ग तीन स्थानों पर धंसा हुआ है। हल्द्वानी-भीमताल मार्ग का लगभग डेढ़ किमी हिस्सा झील की दीवार पर टिका है। इस दीवार की मरम्मत न होने से जगह-जगह पत्थर आदि निकल आए हैं। ऐसे में दीवार के क्षतिग्रस्त होते ही सड़क के झील में विलीन होने का अंदेशा बढ़ता जा रहा है। इस मार्ग पर सुबह से रात तक कई सौ वाहन रोज गुजरते हैं। इससे इस मार्ग पर लोड भी अधिक है। इस बाबत लोक निर्माण विभाग सिंचाई विभाग को झील की दीवार की मरम्मत के लिए पत्र लिख चुका है।लगातार बारिश से नदी-नालों का उफान और भूस्खलन जानलेवा साबित हो रहा है। पहाड़ से लेकर मैदान तक नुकसान का दौर जारी है। टिहरी के भिलंगना क्षेत्र में दो मकान भूस्खलन के मलबे की चपेट में आकर जमींदोज हो गए। इसमें आठ लोग दब गए। अभी तक छह शव निकाले जा चुके हैं। वहीं, एक बच्ची को जिंदा निकाल लिया गया। चमोली जिले में पिंडर नदी के कटाव से हो रहे भूस्खलन के कारण पांच दुकानें जमींदोज हो गईं। टिहरी जनपद के भिलंगना के दूरस्थ गांव कोट बिशन में तड़के करीब चार बजे भारी बारिश से दो मकान ध्वस्त हो गए। सूचना पर एसडीआरएफ और प्रशासन की टीम गांव में रेस्क्यू को पहुंच गई। स्थानीय ग्रामीणों के साथ ही एसडीआरएफ, प्रशासन की टीम मलबे में दबे लोगों को निकालने में जुटी रही। एसडीएम पीआर चौहान के अनुसार अभी तक छह शव निकाले जा चुके हैं। वहीं, एक बच्ची को मलबे से जिंदा निकाल लिया गया। अभी एक महिला लापता हैं। दूरुस्थ क्षेत्र होने के कारण वहां संपर्क नही हो पा रहा है। उत्तराखंड में बारिश का दौर जारी, भूस्खलन से बंद यमुनोत्री हाईवे खुला; मकान ध्वस्त यह भी पढ़ें मृतकों के नाम 1-मोर सिंह (32वर्ष) उत्तराखंड में आफत की बारिश, नदी-नालों में उफान; दो लोगों की मौत यह भी पढ़ें 2आशीष पुत्र मोर सिंह 3-अतुल पुत्र हुकम सिंह उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट; यमुनोत्री हाईवे बंद यह भी पढ़ें 4- हंसा देवी (27 वर्ष) 5-संजू देवी (24 )पत्नी हुकम सिंह बारिश से मकान ध्वस्त, सड़कें बंद; अगले 24 घंटे होगी भारी बारिश यह भी पढ़ें 6-स्वाति पुत्री राकेश सिंह घायल कुमारी बबली (14 वर्ष) पुत्री मोर सिंह लापता का नाम 1-लक्ष्मी देवी धर्मपत्नी राकेश प्रदेश में मौसम का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। समूचे उत्तराखंड में रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है। भूस्खलन से क्षतिग्रस्त सड़कों पर आना-जाना मुश्किल हो रहा है। प्रदेश में 150 से ज्यादा संपर्क मार्गों पर आवागमन बाधित है। भूस्खलन का सर्वाधिक प्रभाव पौड़ी जिले में है। यहां 80 सड़कें बाधित हैं। बदरीनाथ के पास लामबगड़ में हाईवे सातवें दिन भी नहीं खुल पाया है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के जवान मलबा हटाने के लिए मशक्कत कर रहे हैं, लेकिन लगातार दरक रही पहाड़ी के कारण मार्ग खोलना चुनौती बन गया है। भूस्खलन प्रभावित इस भाग को यात्री पैदल ही वैकल्पिक मार्ग से पार कर रहे हैं। इसके अलावा चमोली जिले के नारायणबगड़ में पिंडर नदी का कटाव कस्बे पर भारी पड़ा। पिंडर के किनारे पांच दुकानें भरभरा कर ढह गईं। शुक्र यह रहा कि उस वक्त दुकानों में कोई नहीं था। दूसरी ओर हरिद्वार के लक्सर में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। तटबंध क्षतिग्रस्त होने से गंगा का पानी खेतों में जा घुसा, जिससे फसलों को नुकसान पहुंचा है। उत्तरकाशी में गंगोत्री हाईवे हेल्गुगाड के पास मलबा आने से बंद हो गया। वहीं, यमुनोत्री हाईवे डाबरकोट में अभी भी बंद है। दूसरी ओर कुमाऊं में मौसम का मिजाज सोमवार रात से गड़बड़ाया हुआ है। पिथौरागढ़ में मुनस्यारी के थापा गांव में भारी बारिश से भू-स्खलन हो गया। दो मकान धराशायी हो गए, जिसमें एक बाइक दब गई। सात परिवारों को रात में ही प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कराया। नैनीताल जिले में बीती रात हुई तेज बारिश से मल्लीताल में सनवाल पब्लिक स्कूल के पीछे भूस्खलन हो गया और खेल मैदान का मलबा टिन से बने कक्षा कक्ष में जा घुसा। मलबा पूरी क्लास में जमा हुआ है। गनीमत रही कि घटना रात को हुई। स्कूल प्रबंधन ने खतरे को देखते हुए आज अवकाश घोषित कर दिया है। उधर बारिश से जिले में एक स्टेट हाइवे समेत दस ग्रामीण मार्ग बंद हैं। इसमें भोर्सा-पिनरौ, देवीपुरा-सौंड़, काठगोदाम- हैड़ाखान, गर्जिया-बेतालघाट, ओखलाढुंगा-तल्लीसेठी, रानीकोटा-गोतिया, पशयां, तपुआ-बबियाड़, हरीनगर-चंदादेवी आदि शामिल हैं। भीमताल मार्ग पर तीन जगह दरारें, धंसने का खतरा नैनीताल की लोअर मालरोड़ की तरह भीमताल हल्द्वानी मोटर मार्ग का एक बड़ा हिस्सा झील में समा सकता है। भीमताल और आसपास के क्षेत्र में भारी बरसात के चलते मल्लीताल के बाईपास डायवर्जन से तल्लीताल पंत पार्क तक तीन स्थानों पर दरारें दिख रही हैं। ये मार्ग तीन स्थानों पर धंसा हुआ है। हल्द्वानी-भीमताल मार्ग का लगभग डेढ़ किमी हिस्सा झील की दीवार पर टिका है। इस दीवार की मरम्मत न होने से जगह-जगह पत्थर आदि निकल आए हैं। ऐसे में दीवार के क्षतिग्रस्त होते ही सड़क के झील में विलीन होने का अंदेशा बढ़ता जा रहा है। इस मार्ग पर सुबह से रात तक कई सौ वाहन रोज गुजरते हैं। इससे इस मार्ग पर लोड भी अधिक है। इस बाबत लोक निर्माण विभाग सिंचाई विभाग को झील की दीवार की मरम्मत के लिए पत्र लिख चुका है।

लगातार बारिश से नदी-नालों का उफान और भूस्खलन जानलेवा साबित हो रहा है। पहाड़ से लेकर मैदान तक नुकसान का दौर जारी है। टिहरी के भिलंगना क्षेत्र में दो मकान भूस्खलन के मलबे की चपेट में आकर जमींदोज हो गए। …

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