उत्तरप्रदेश

पीसीएस परीक्षा 2018 के बदले पाठ्यक्रम की सही जानकारी न मिलने से दुविधा में अभ्यर्थी

पीसीएस परीक्षा 2018 के पाठ्यक्रम में बदलाव कर और इसके स्वरूप की अब तक जानकारी न देकर यूपी पीएससी ने प्रतियोगियों को दुविधा में डाल दिया है। इस परीक्षा में शामिल होने के लिए ऑनलाइन आवेदन छह जुलाई से शुरू …

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केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में होगा ‘लेडी ब्रिगेड’ का दबदबा, भर्ती होंगी महिला अफसर

नारी शक्ति का अपनी मौजूदगी का एहसास हर क्षेत्र में करा रही है। देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। असिस्टेंट कमाडेंट व इससे …

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बड़बोले मंत्री मोहसिन रजा ने कराई योगी आदित्यनाथ सरकार की किरकिरी

प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के मुस्लिम वक्फ एवं हज राज्यमंत्री मोहसिन रजा अक्सर ही अपने बयानों से सरकार की किरकिरी कराते रहते हैं। राजधानी में मदरसों में ड्रेस कोड लागू करने के उनके विवादित बयान पर तो प्रधानमंत्री कार्यालय …

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इलाहाबाद महापौर अभिलाषा गुप्ता के विरुद्ध गैर जमानती वारंट

महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। कोर्ट ने कोतवाली पुलिस को चार जुलाई को या उसके पूर्व महापौर को गिरफ्तार कर पेश करने का आदेश दिया है। यह आदेश अतिरिक्त न्यायालय के …

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सोशल मीडिया पर ट्रोल हुई सुषमा स्वराज ने उठाया ये कदम और फिर….

उत्तर प्रदेश पासपोर्ट ऑफिसर और हिन्दु-मुस्लिम कपल विवाद के बाद सोशल मीडिया पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की निंदा की गई और वो भी बेहद बेहूदा भाषा मे. जिस पर अब सुषमा ने टि्वटर पर एक पोल के जरिये पूछा है कि सोशल मीडिया पर ये 'ट्रोलिंग' कहा तक जायज है जिसमे 57 प्रतिशत लोगों ने इसे गलत बताया. विदेश मंत्री के पति स्वराज कौशल ने एक ट्रोलर को दिए भावुक जवाब में कहा कि ट्विटर यूजर्स के कड़े शब्दों से उनके परिवार को 'असहनीय दर्द' मिला है. 24 घंटे तक चले इस पोल में 1,24,305 लोगों ने हिस्सा लिया. इसमें 57 प्रतिशत लोगों ने सुषमा का समर्थन किया तो 43 प्रतिशत लोगों ने ट्रोल्स का समर्थन किया. पोल के बाद सुषमा ने हिन्दी कवि नीरज की कुछ पंक्तियों को ट्वीट किया. उन्होंने साथ ही कहा, "लोकतंत्र में मतभिन्नता स्वाभाविक है. आलोचना अवश्य करो. लेकिन अभद्र भाषा में नहीं. सभ्य भाषा में की गई आलोचना ज्यादा असरदार होती है." दिनों से ट्विटर पर ट्रोल सुषमा के लिए ये असहनीय तब हुआ जब उनके पति ने एक टि्वटर यूजर के एक पोस्ट का स्क्रीनशॉट ट्वीट किया, जिसमें उनसे कहा गया है कि वह 'उनकी (सुषमा) पिटाई करें और उन्हें मुस्लिम तुष्टीकरण न करने की बात सिखाएं.' उन्होंने ट्वीट किया, "मित्रों मैंने कुछ ट्वीट लाइक किए हैं. यह पिछले कुछ दिन से हो रहा है. क्या आप ऐसे ट्वीट को स्वीकृति देते हैं?" सुषमा के पति कौशल ने ट्वीट किया, "आपके शब्दों ने हमें असहनीय दुख दिया है. आपको एक बात बता रहा हूं कि मेरी मां का 1993 में कैंसर से निधन हो गया. सुषमा एक सांसद और पूर्व शिक्षा मंत्री थीं. वह एक साल तक अस्पताल में रहीं. उन्होंने मेडिकल अटेंडेंट लेने से मना कर दिया और मेरी मरती मां की खुद देखभाल की." सुषमा को ट्वीट के जरिए निशाना बनाने वाले व्यक्ति को जवाब देते हुए जाने माने वकील ने कहा, "परिवार के प्रति उनका (सुषमा) इस तरह का समर्पण है. मेरे पिता की इच्छा के अनुरूप उन्होंने (सुषमा) मेरे पिता की चिता को मुखाग्नि दी. कृपया उनके लिए इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल न करें. हम कानून और राजनीति में पहली पीढ़ी हैं. हम उनके जीवन से ज्यादा किसी और चीज के लिए प्रार्थना नहीं करते. कृपया अपनी पत्नी को मेरी ओर से सम्मान दें."

उत्तर प्रदेश पासपोर्ट ऑफिसर और हिन्दु-मुस्लिम कपल विवाद के बाद सोशल मीडिया पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की निंदा की गई और वो भी बेहद बेहूदा भाषा मे. जिस पर अब सुषमा ने  टि्वटर पर एक पोल के जरिये पूछा …

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तो क्या उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा अब दलालों और पैसों के चंगुल में फंस चुके हैं

मेरी एक दोस्त हैं भारती सिंह । बहुत ही संवेदनशील , भावुक और हिंदी साहित्य की मर्मज्ञ । विदुषी हैं । उन्नाव के एक गवर्मेंट डिग्री कालेज में प्रिंसिपल हैं । पहले लखनऊ में ही एक डिग्री कालेज में हिंदी पढ़ाती थीं । प्रिंसिपल होने के बाद उन्नाव ट्रांसफर कर दी गईं । लखनऊ से रोज आती-जाती हैं । इस उम्मीद में कि लखनऊ ट्रांसफर हो जाएगा । बहुत दौड़-धूप , सोर्स-सिफ़ारिश सब कर लिया है । उप मुख्यमंत्री और शिक्षा विभाग देख रहे दिनेश शर्मा से , प्रमुख सचिव तक से भी मिल चुकी हैं , अपनी व्यथा और निवेदन ले कर । देवरिया की हैं । गोरखपुर और बी एच यू में पढ़ी-लिखी हैं । क्षत्रिय भी हैं । सो वहां के संपर्कों के मार्फ़त मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी तक से सिफ़ारिश करवाई । योगी ने संस्तुति भी कर दी उन्नाव से लखनऊ ट्रांसफर के लिए । लेकिन उप मुख्य मंत्री दिनेश शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी की संस्तुति को डस्टविन में डाल दिया । भारती सिंह का ट्रांसफर लखनऊ नहीं किया । पता चला कि कभी साफ़-सुथरी छवि के लिए जाने , जाने वाले दिनेश शर्मा अब दलालों और पैसों के चंगुल में फंस चुके हैं । सो जाने कितनी भारती सिंह के आवेदन मुख्य मंत्री की संस्तुति के बाद भी दिनेश शर्मा डस्टविन में डाल देने के आदी हो चले हैं । भारती सिंह  भारती सिंह भी दिनेश शर्मा की इस करतूत से खफ़ा रहती हैं लेकिन उन्हों ने कभी अपनी सीमा रेखा पार नहीं की । मानसिक संतुलन नहीं खोया कभी । अपना विवेक , अपनी संजीदगी और संयम कायम रखा है । बावजूद इस के वह जब कभी इस प्रसंग की चर्चा करती हैं तो मृदुभाषी होने के बावजूद दिनेश शर्मा के प्रति उन की बातों में तल्खी आ ही जाती है । भारती सिंह के पति एच एल में डाक्टर थे जो दुर्भाग्य से अब नहीं हैं । एक बेटे और एक बेटी की ज़िम्मेदारी है भारती सिंह पर। उन्नाव से लखनऊ ट्रांसफर से भी एक बड़ी दिक्कत यह है कि नरेंद्र मोदी के तमाम स्वच्छता और शौचालय अभियान के बावजूद उन्नाव के उस गवर्मेंट डिग्री कालेज में एक शौचालय भी नहीं है । बताइए कि जब गवर्मेंट डिग्री कालेज का यह हाल है तो बाक़ी कालेजों और स्कूलों का क्या हाल होगा । पर दिनेश शर्मा को यह नहीं मालूम होगा । सत्ता पाने के बाद अगर दिनेश शर्मा जैसा शिक्षक और साफ़-सुथरी छवि वाला आदमी भी बिगड़ कर बदनाम हो सकता है , पैसा और दलाली के तामझाम में फंस सकता है , पतन की पराकाष्ठा पार कर सकता है तो बाक़ी लोगों के क्या कहने । तो क्या पहले की दिनेश शर्मा की छवि नकली थी , बनावटी थी ? जिस की कलई अब खुल गई है ? उत्तराखंड की प्राथमिक शिक्षक उत्तरा बहुगुणा की पीर क्या ऐसे ही पर्वत हुई होगी जो उन्हें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भरी सभा में चोर उचक्का कह गईं । मुख्यमंत्री रावत ने अपनी सारी लोक-लाज और मर्यादा ताक पर रख दी । बरसों की सेवा के बाद दुर्गम से सुगम का ट्रांसफर ही तो मांग रही थीं उत्तरा बहुगुणा । मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की पत्नी भी प्राथमिक शिक्षक हैं , शुरू ही से सुगम नियुक्ति मिली हुई है । रावत को इस नाते भी उत्तरा बहुगुणा की दिक्कत समझनी चाहिए थी । लेकिन गरिमा बना कर चुप रहने या उत्तरा बहुगुणा की समस्या का समाधान करने की जगह एक शिक्षिका से निरंतर अभद्रता , अशिष्टता का उन का बर्ताव उन्हें एक नालायक , अभद्र और गुंडा मुख्यमंत्री सिद्ध कर गया है । उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा या उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को समझना चाहिए कि एक स्त्री , एक शिक्षक के साथ अपमानजनक व्यवहार उन्हें कहां से कहां पहुंचा सकता है । उन्हें याद रखना चाहिए कि चाणक्य भी शिक्षक थे । चाणक्य के साथ एक अपमानजनक व्यवहार नंद वंश के पतन का कारण बन गया था । अटल बिहारी वाजपेयी याद आते हैं । कल्याण सिंह मुख्यमंत्री थे तब । अटल जी तब तक प्रधानमंत्री नहीं हुए थे । दिल्ली से वह सुबह-सुबह लखनऊ आए थे । लखनऊ मेल से । मीराबाई मार्ग वाले स्टेट गेस्ट हाऊस में ठहरे थे । उन से मिलने के लिए उसी सुबह कल्याण सिंह , राजनाथ सिंह , कलराज मिश्र सहित और कई मंत्री , भाजपा के नेता आदि पहुंचे हुए थे । बतौर पत्रकार मैं भी गया था । लेकिन देखा कि एक बिलकुल गंवई , कस्बाई सा मुड़ी-तुड़ी कमीज , पायजामा पहने , एक व्यक्ति हाथ में कपड़े का एक मामूली झोला लिए खड़ा था । मेरी नज़र बार-बार इस आदमी पर चली जाती । अंततः उस आदमी के पास मैं गया और पूछा कि आप कैसे आए हैं यहां । उस आदमी ने कहा , पंडित जी से मिलने । यह सुन कर मैं ने फिर उस आदमी की वेश-भूषा और व्यक्तित्व पर नज़र डाली और पूछा कि आप को लगता है कि पंडित जी आप से मिल लेंगे ? वह आदमी पूरे आत्म-विश्वास से बोला , हां ! मैं चुपचाप हट गया वहां से । यह सोच कर कि इस आदमी का दिल मैं क्यों तोडूं भला । थोड़ी देर में अटल जी अपने कमरे से बाहर आए और गरदन घुमा-घुमा कर चारो तरफ सब की तरफ देखा और अचानक उस साधारण से व्यक्ति को देखते ही उन की आंखों में चमक आ गई । अटल जी ने सब से पहले उसी व्यक्ति को इशारों से बुला लिया । मुख्य मंत्री और तमाम मंत्री अवाक खड़े रह गए थे । वह आदमी उम्र होने के बावजूद बड़ी फुर्ती से अटल जी के पास गया । अटल जी उस व्यक्ति से लपक कर मिले , उस का कुशल क्षेम पूछा । फिर उस ने अपने झोले से एक कागज निकाला । अटल जी ने कागज़ पढ़ा फिर खड़े-खड़े ही उस पर कुछ लिखा और वह आदमी उन को नमस्कार कर वापस आ गया । अब मेरी जिज्ञासा उस व्यक्ति में बढ़ गई । मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों का अटल जी से मिलना-बतियाना , देखना छोड़ उस आदमी की तरफ बढ़ गया । उस का परिचय पूछा । पता चला कि हरदोई ज़िले के संडीला से आया था वह व्यक्ति । अटल जी बहुत पहले , कभी कुछ दिन संडीला में रहे थे । तब ही से वह उन से परिचित था । उस की अप्लिकेशन देखी मैं ने । अप्लिकेशन के मुताबिक उस व्यक्ति के पास उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बस में चलने का नि:शुल्क बस पास था , अब उम्र ज़्यादा होने के कारण अपने साथ एक सहायक की भी सुविधा चाहता था । इस आवेदन पर अटल जी ने सिर्फ इतना लिखा था , परिवहन मंत्री , इस पर उचित कार्रवाई करें । मैं यह देख कर हंसा और बोला , यह तो कोई आदेश नहीं है । इस पर कुछ नहीं होगा । इस पर उस आदमी ने कागज मेरे हाथ से ले लिया और पूरे विश्वास के साथ बोला , इसी पर सब कुछ होगा । जैसे उस ने जोड़ा , मेरा पास भी यही लिखने पर बन गया था । आप देखिएगा , यह भी हो जाएगा । यह कह कर वह आदमी चला गया । मैं ने बाद में पता किया तो पता चला कि सचमुच उस आदमी को सहायक वाली सुविधा भी मिल गई थी । सोचिए कि तब क्या दिन थे और अब कैसे दिन हैं कि मुख्यमंत्री की संस्तुति को भी दिनेश शर्मा जैसे लोग डस्टविन में डाल देते हैं । और भारती सिंह जैसी प्रिंसिपल उन्नाव से लखनऊ की रोज परिक्रमा करने को अभिशप्त हो जाती हैं । बिना शौचालय वाले गवर्मेंट डिग्री कालेज में दिन गुज़ारती हुई । उत्तरा बहुगुणा जैसी प्राथमिक शिक्षक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास फ़रियाद करते हुए अपमानित हो कर सस्पेंड हो जाती हैं । तो क्या दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय की अवधारणा अटल बिहारी वाजपेयी तक ही सीमित थी । उत्तर प्रदेश के दिनेश शर्मा और उत्तराखंड के त्रिवेंद्र सिंह रावत तक आते-आते सूख जाती है अंत्योदय की यह नदी , यह अवधारणा ! यह तो शुभ संकेत नहीं है । किसी भी सत्ता के लिए शुभ नहीं है । न उत्तराखंड के लिए , न उत्तर प्रदेश के लिए । कहां तो बात अंत्योदय की होनी थी , कहां आप अपनी शिक्षिका और अपनी प्रिंसिपल तक भी नहीं पहुंच पा रहे । अंतिम आदमी तक क्या खाक पहुंचेंगे ! जो सत्ता अपने शिक्षक को सम्मान न दे सके उस सत्ता को कोई क्यों मान देगा भला । क्यों स्वीकार करेगा भला ।

मेरी एक दोस्त हैं भारती सिंह । बहुत ही संवेदनशील , भावुक और हिंदी साहित्य की मर्मज्ञ । विदुषी हैं । उन्नाव के एक गवर्मेंट डिग्री कालेज में प्रिंसिपल हैं । पहले लखनऊ में ही एक डिग्री कालेज में हिंदी …

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योगी राज में विद्युत आपूर्ति में अभूत पूर्व सुधार के लिए प्रदेश सरकार को बधाई – शलभ मणि त्रिपाठी

सवा लाख मजरों को अंधेर में छोड़ने वाले अखिलेश से बेहतर हुई बिजली व्यवस्था पर दे रहे है गुमराह करने वाले बयान लखनऊ 30 जून 2018, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि उ०प्र० के …

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भ्रष्टाचार के खिलाफ योगी की मुहिम अंजाम तक ,लोक सेवा आयोग और गोमती के गुनहगारों पर कसा सीबीआई का शिकंजा – शलभ मणि त्रिपाठी

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्य नाथ जी की अगुवाई में भ्रष्टाचार के खिलाफ छेडी गयी मुहिम का बड़ा असर हुआ है और इस मुहिम से भ्रष्टाचारियों में …

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नोटबन्दी आजाद भारत का सबसे बड़ा स्कैम: रामगोविंद चौधरी

लखनऊ। नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि नोटबंदी के की आड़ में देश में आजाद भारत का सबसे बड़ा स्कैम हुआ है। सुप्रीमकोर्ट की निगरानी में इस स्कैम की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और इसके दोषियों को कड़ी …

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टोंटी चोरी विवाद के बाद लंदन में परिवार के साथ छुट्टियां मना रहे अखिलेश यादव

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की दोस्ती का असर अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी दिखने लगा है। अखिलेश यादव भी अब अवकाश मनाने विदेश जाने लगे हैं। लखनऊ में सरकारी बंगला खाली होने के बाद तोडफ़ोड़ तथा …

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