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यात्रीगण कृपया ध्यान दें, चार दिन तक और नहीं चलेंगी ये 8 ट्रेनें

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अगले चार दिनों तक चलने वाले काम के कारण करीब 8 ट्रेन रद्द कर दी गई हैं। अगर आपको नई दिल्ली से जालंधर, अमृतसर, पलवल या गाजियाबद जाना है तो अगले चार दिनों तक ट्रेन नहीं मिलेगी। दरअसल, रेलवे विभाग स्टेशन पर लगे वाशेबल एप्रेन लगाने का काम कर रहा है। इस सुविधा के बाद रेलवे ट्रेक की सफाई व ट्रेनों में पानी की व्यवस्था बेहतर हो जाएगी। पूरी प्रक्रिया में वक्त लगेगा इसके बाद ही ट्रेनों का आवागमन सुचारू रूप से चल पाएगा। इस कारण फिलहाल आधा दर्जन से ज्यादा ट्रेन को 23 से 26 तारीख तक के लिए रद् कर दिया गया है। इसके अलावा कई ट्रेनों को हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से रेगुलेट किया जाएगा। ये ट्रेनें हुईं रद्द- 14681 नई दिल्ली- जालंधर एक्सप्रेस 14682 जालंधर-नई दिल्ली एक्सप्रेस 12459 नई दिल्ली-अमृतसर इंटरसिटी एक्सप्रेस 12460 अमृतसर-नई दिल्ली एक्सप्रेस 64087 हजरत निजामुद्दीन- नई दिल्ली 64097 नई दिल्ली- शकूरबस्ती (ईएमयू) 64052 गाजियाबद से पलवल 64015 पलवल से शकूरबस्ती इसके अलावा कई लंबी दूरी ट्रेनों को हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से रात 11 बजे तक के लिए रेगुलेट किया गया है। ये ट्रेन अपने तय समय पर ही इस स्टेशन से गंतव्य के लिए रवाना होंगी। 16317 कन्याकुमारी- कटरा हिमसागर एक्सप्रेस 16687 मंगलोर- कटरा नवयुग एक्सप्रेस 11449 जबलपुर-कटरा एक्सप्रेस 16031 चेन्नई-कटरा अंडमान एक्सप्रेस 19803 कोटा-कटरा एक्सप्रेस

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अगले चार दिनों तक चलने वाले काम के कारण करीब 8 ट्रेन रद्द कर दी गई हैं। अगर आपको नई दिल्ली से जालंधर, अमृतसर, पलवल या गाजियाबद जाना है तो अगले चार दिनों तक ट्रेन …

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Exclusive: कश्मीर के राज्यपाल वोहरा ने कहा-हालात सामान्य बनाना हमारी पहली प्राथमिकता

जम्मू-कश्मीर का शासन संभालने के बाद राज्यपाल एन.एन. वोहरा ने कहा कि कश्मीर में 'हालात सामान्य बनाना और युवाओं को मुख्य धारा में लाना' उनकी पहली प्राथमिकता है. उन्होंने आजतक-इंडिया टुडे से खास बातचीत में यह बात कही. राज्यपाल वोहरा ने कहा, 'कश्मीर के युवाओं में नाराजगी है-जो भी वजह हो-और हमें उन्हें मुख्य धारा में लाना होगा.' गौरतलब है कि मंगलवार को बीजेपी ने राज्य की महबूबा मु्फ्ती सरकार से समर्थन वापस ले लिया था, जिसके बाद राज्यपाल शासन लागू हो गया. गवर्नर वोहरा ने कहा, 'सड़कों, चौराहों, राजमार्गों पर हालात सामान्य करना और लोगों में भरोसा एवं विश्वास कायम करना हमारी पहली प्राथमिकता होगी. साथ ही साथ, हम युवाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए हर संभव कोशि‍श करेंगे.' गौरतलब है कि कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाओं और हिजबुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों की भर्ती में युवाओं की संख्या बढ़ रही है. जबकि सरकार और प्रशासन यह दावे करता रहा है कि सख्ती से ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगेगा. वोहरा ने कहा, 'समूचे जम्मू-कश्मीर में सामाजिक सौहार्द्र को बनाए रखना सबसे जरूरी है और हमारी प्राथमिक चिंता है. सामाजिक सौहार्द्र के बिना न तो प्रगति हो सकती है, न कारोबार हो सकता है.' उन्होंने कहा, 'इसके अलावा, सरकारी मशीनरी को भी सक्षमता, गति और ईमानदारी के साथ काम करना होगा ताकि व्यापक तौर पर लोगों को लाभ मिले. पिछले कुछ महीनों में कश्मीर घाटी में हिंसा लगातार बढ़ी है और पत्थरबाजी तथा आतंकी घटनाओं में भी बढ़ोतरी हुई है. लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने रमजान के दौरान एक माह से ज्यादा समय तक आतंकियों के खिलाफ अभियान बंद रखा. लेकिन इस बीच पत्रकार सुजात बुखारी और जवान औरंगजेब की हत्या जैसी घटनाएं हुईं जिसके बाद सरकार ने निर्णय लिया कि सीजफायर को रमजान से आगे नहीं बढ़ाया जाएगा.

जम्मू-कश्मीर का शासन संभालने के बाद राज्यपाल एन.एन. वोहरा ने कहा कि कश्मीर में ‘हालात सामान्य बनाना और युवाओं को मुख्य धारा में लाना’ उनकी पहली प्राथमिकता है. उन्होंने आजतक-इंडिया टुडे से खास बातचीत में यह बात कही. राज्यपाल वोहरा …

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कांग्रेस नेता सोज बोले- सही है मुशर्रफ का बयान, आजादी ही चाहते हैं कश्मीरी

जम्मू-कश्मीर में मची राजनीतिक उथल-पुथल के बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता सैफुद्दीन सोज़ ने बड़ा बयान दिया है. सैफुद्दीन सोज ने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ के उस बयान का समर्थन किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर कश्मीरियों को मौका मिले तो वह किसी के साथ जाने के बजाय आजाद होना चाहेंगे. सोज़ का कहना है कि मुशर्रफ का एक दशक पहले दिया गया ये बयान आज भी कई मायनों में ठीक बैठता है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि ये आजादी मिलना मुमकीन नहीं है. मेरे बयानों का पार्टी से लेना-देना नहीं है. आजतक से बात करते हुए यूपीए सरकार में मंत्री रह चुके सोज़ ने अपनी आने वाली किताब में इस बात पर भी जोर दिया है कि केंद्र सरकार को हुर्रियत नेताओं के साथ खुले तौर पर बात करनी चाहिए. उन्होंने कहा है कि 1953 से आज तक जितनी भी सरकारें रही हैं उन्होंने कश्मीर मुद्दे में कोई ना कोई गलती की है, फिर चाहे वह नेहरू और इंदिरा गांधी की ही सरकार ही क्यों ना हो. आपको बता दें कि सैफुद्दीन सोज़ कश्मीर मुद्दे पर एक किताब ला रहे हैं जिसका नाम Kashmir: Glimpses of History and the Story of Struggle है. ये किताब अगले हफ्ते रिलीज़ होगी. कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर केंद्र कश्मीर के मुद्दे को सुलझाना चाहता है कि उसे कश्मीरियों के प्रति एक ऐसा माहौल बनाना होगा जिससे वह सुरक्षित महसूस कर सकें और बातचीत को तैयार हो पाएं. बात करने के लिए हुर्रियत ग्रुप से पहले बात होनी चाहिए और उसके बाद मेनस्ट्रीम पार्टियों से बात होनी चाहिए. कश्मीर मुद्दे पर मुशर्रफ-वाजपेयी-मनमोहन के फॉर्मूले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध बढ़ने चाहिए, आवाजाही बढ़नी चाहिए जब दोनों देशों के लोग करीब आएंगे तो ही बात बनेगी. उन्होंने बताया कि परवेज मुशर्रफ ने काफी हद तक अपने देश में इस तरह का माहौल बना लिया था कि ये ही एक रास्ता है जिससे शांति लाई जा सकती है. केंद्र सरकारों ने कश्मीर में की गई गलतियां धारा 370 के बारे में उन्होंने कहा कि भारत सरकार को इस बारे में पहले ही सोचना चाहिए था कि दिल्ली और शेख अब्दुल्ला के बीच 1952 में जो समझौता हुआ था वह सही तरीके से लागू नहीं हो पाया था. उन्होंने ये भी कहा कि उस दौरान नेहरू सरकार के द्वारा शेख अब्दुल्ला को गैरसंवैधानिक रूप से गिरफ्तार करना सबसे बड़ा ब्लंडर था. इस बात को नेहरू ने भी स्वीकार किया था कि कश्मीर में उनकी नीति सही नहीं गई थी. इसके अलावा सैफुद्दीन सोज़ ने लिखा कि उसके बाद भी भारत सरकार से कई बड़ी गलतियां हुईं, जिसमें 1984 के दौरान फारूक अब्दुल्ला सरकार को हटाकर जगमोहन को राज्यपाल बनाना भी शामिल है.

जम्मू-कश्मीर में मची राजनीतिक उथल-पुथल के बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता सैफुद्दीन सोज़ ने बड़ा बयान दिया है. सैफुद्दीन सोज ने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ के उस बयान का समर्थन किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर …

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जम्मू-कश्मीर: हालातों पर काबू के लिए राज्यपाल ने बुलाई आपातकालीन बैठक

गौरतलब है कि 2015 में चुनाव के बाद जम्मू कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी के बीच गठबंधन हुआ था जिक्से बाद पीडीपी की महबूबा मुफ़्ती ने यहाँ पर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, जम्मू कश्मीर में 6 साल का इस सरकार का कार्यकाल हालाँकि 2021 में समाप्त होने वाला था लेकिन बीजेपी ने पीडीपी से किनारा कर लिया जिसके बाद यहाँ पर राज्यपाल शासन लगा हुआ है.

जम्मू-कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी का गठबंधन टूटने के बाद राज्य के हालात अभी काफी बुरे दौर में है. सरकार टूटने के बाद यहाँ पर विपक्ष में बैठी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने फिर चुनाव कराने के मांग की है. वहीं जम्मू …

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आज रिटायर्ड हो रहे है जस्टिस जे. चेलामेश्वर

जस्टिस जे. चेलामेश्वर आज शुक्रवार को रिटायर्ड हो रहे है. जिसके बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ का सुप्रीम कोर्ट में संभावित कद का बढ़ना जरा रुक सकता है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम की रूप रेखा भी बदलने के आसार है.फ़िलहाल कॉलेजियम के सदस्यों में जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ के नाम शामिल हैं. पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में काम काज को लेकर और सरकार के लगातार कोर्ट के फैसलों में दखल अंदाजी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जज ने सार्वजनिक रूप से प्रेस वार्ता कर कई तरह की बातें कही थी जिसके बाद बवाल मच गया था. पिछले कुछ समय से जस्टिस जे. चेलामेश्वर लगातार विवादों में चल रहे थे. अपनी बात को सीधा सीधा बोलने के लिए जाने जाने वाले जस्टिस जे. चेलामेश्वर कोर्ट में हो रही कई तरह की वे बातें भी ओपन की थी जिसे आम जानता नहि जानती है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और न्याय व्यवस्था को संकट में होने की बात भी कही थी. जस्टिस जे. चेलामेश्वर आज शुक्रवार को रिटायर्ड हो रहे है. जिसके बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ का सुप्रीम कोर्ट में संभावित कद का बढ़ना जरा रुक सकता है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम की रूप रेखा भी बदलने के आसार है.फ़िलहाल कॉलेजियम के सदस्यों में जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ के नाम शामिल हैं. पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में काम काज को लेकर और सरकार के लगातार कोर्ट के फैसलों में दखल अंदाजी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जज ने सार्वजनिक रूप से प्रेस वार्ता कर कई तरह की बातें कही थी जिसके बाद बवाल मच गया था. पिछले कुछ समय से जस्टिस जे. चेलामेश्वर लगातार विवादों में चल रहे थे. अपनी बात को सीधा सीधा बोलने के लिए जाने जाने वाले जस्टिस जे. चेलामेश्वर कोर्ट में हो रही कई तरह की वे बातें भी ओपन की थी जिसे आम जानता नहि जानती है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और न्याय व्यवस्था को संकट में होने की बात भी कही थी.

जस्टिस जे. चेलामेश्वर आज शुक्रवार को रिटायर्ड हो रहे है. जिसके बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ का सुप्रीम कोर्ट में संभावित कद का बढ़ना जरा रुक सकता है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम की रूप रेखा …

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गुलाम नबी आजाद के गांव में डॉ. जितेंद्र सिंह ने बनवाया डाकघर

मुख्यमंत्री से लेकर केंद्र सरकार में कई अहम विभागों के मंत्री रहे गुलाम नबी आजाद के पैतृक गांव गंदोह (डोडा) में आजादी के 70 वर्षों के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के प्रयासों की बदौलत डाकघर खुला। इस बात की जानकारी बुधवार को जम्मू में डॉ. जितेंद्र सिंह ने दी। अपने संसदीय क्षेत्र में विकास का लेखाजोखा देते हुए उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार में 20 साल तक मंत्रिपदों पर रहे व इस समय राज्यसभा में विपक्ष के नेता के अपने गांव में डाकघर तक नहीं था। वह इस इलाके के सांसद भी रहे थे। अब भाजपा के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस नेता के गांव में लोगों को डाकघर मिला है।

मुख्यमंत्री से लेकर केंद्र सरकार में कई अहम विभागों के मंत्री रहे गुलाम नबी आजाद के पैतृक गांव गंदोह (डोडा) में आजादी के 70 वर्षों के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के प्रयासों की बदौलत डाकघर खुला। …

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धनासन: योग बना अच्छी कमाई का जरिया, दुनिया भर में फैल रहा कारोबार

योग मानसिक और भौतिक सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. लेकिन बहुत से लोगों के लिए यह प्राचीन भारतीय पद्धति धन कमाने का भी अच्छा जरिया साबित हो रही है. इसका कारोबार दुनिया भर में फैल रहा है. सेहत और फिटनेस सेक्टर में योग का क्रेज निरंतर बढ़ता जा रहा है. पीएम मोदी के प्रयास से 21 जून को संयुक्त राष्ट्र संघ ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया जिसके बाद इसका प्रचार-प्रसार दुनिया भर में बढ़ा है. इसलिए योग को करियर के रूप में अपनाने वालों के लिए अवसर निरंतर बढ़ते जा रहे हैं. खासकर जून-जुलाई के दौरान तो योग स्टूडियो से लेकर योग के तमाम केंद्रों में योग शिक्षकों की मांग काफी बढ़ जाती है. नोएडा के योग स्टूडियो प्रणव योग के डायरेक्टर एम.एस. श्रीनाथ ने बताया, 'योग दिवस की वजह से हर साल जून और जुलाई के दौरान हमारा कारोबार 30 से 40 फीसदी तक बढ़ जाता है. हमारे साथ फिलहाल 300 योग प्रशिक्षु जुड़े हैं. पिछले कुछ वर्षों में योग अपनाने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है. पिछले दो महीने में ही 112 स्थायी सदस्य जुड़े हैं. योग दिवस के आसपास तो हमें प्रचार-प्रसार पर भी ज्यादा कुछ खर्च नहीं पड़ना है.' दिल्ली का मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योग हर साल योग दिवस के आसपास लाखों रुपये के योग से जुड़े सामान और स्पोर्ट्स आइटम की खरीद करता है. इंडस्ट्री चैंबर एसोचैम की जून 2017 की एक रिपोर्ट के अनुसार देश में करीब 3 लाख योगा इंस्ट्रक्टर की कमी थी. एक अनुमान के अनुसार, दुनिया भर में योग इंडस्ट्री करीब 80 अरब डॉलर तक पहुंच गई है. भारत में वेलनेस इंडस्ट्री करीब 85,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. अकेले अमेरिका में साल 2020 तक योग उद्योग 11.5 अरब डॉलर तक हो जाने का अनुमान है. अमेरिका में साल 2015 में 3.7 करोड़ लोग योग से जुड़ चुके थे और साल 2020 तक यह संख्या बढ़कर 5.5 करोड़ तक पहुंच जाने का अनुमान है.

योग मानसिक और भौतिक सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. लेकिन बहुत से लोगों के लिए यह प्राचीन भारतीय पद्धति धन कमाने का भी अच्छा जरिया साबित हो रही है. इसका कारोबार दुनिया भर में फैल रहा है. सेहत …

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अखिलेश बोले- मैं फिर से CM बनना चाहता हूं, PM बनने का इरादा नहीं

2019 लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है. हर पार्टी का नेता चुनावों को ध्यान में रखकर बयान दे रहा है. इस बीच समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने एक बड़ा बयान दिया. अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि वह चाहते हैं कि देश का अगला प्रधानमंत्री भी उत्तर प्रदेश से हो. उन्होंने कहा कि वह खुद एक बार फिर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनकर विकास कार्यो को आगे बढ़ाना चाहते हैं. वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री बनने के सवाल पर अखिलेश ने कहा, "मैं इतना बड़ा सपना नहीं देखता कि देश का प्रधानमंत्री बन जाऊं. मुझे देश का प्रधानमंत्री नहीं बनना है, मुझे तो सिर्फ एक बार फिर उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री ही बनना है और प्रदेश के विकास कार्यो को आगे बढ़ाना है." लखनऊ में एक समाचार चैनल से बातचीत में उन्होंने आगे कहा, "अभी तक तो यही होता आया है कि यूपी से ही कोई प्रधानमंत्री बनता आया है, हम यही चाहते हैं कि कोई नया प्रधानमंत्री बने और यूपी से ही बने. देश की पसंद हमारी पसंद बन जाएगी और देश को क्या मिला देश इसका आकलन करेगा." PM बनने का सपना देखना गलत नहीं राहुल गांधी का जिक्र किए जाने पर अखिलेश ने कहा, "सपना देखना बुरी बात नहीं है, लेकिन कांग्रेस को इसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी. हम साथ हैं, लोकसभा चुनाव में भी साथ रहेंगे, कई और भी पार्टियां साथ आएंगी." बसपा संग जारी रहेगा साथ मायावती से गठबंधन के सवाल पर सपा मुखिया ने साफ कहा कि समाजवादी पार्टी 2019 का लोकसभा चुनाव बसपा के साथ मिलकर लड़ेगी. MP में भी लड़ेंगे चुनाव उन्होंने कहा, "इस समझौते के लिए हमें कोई कुर्बानी देनी पड़ी तो हम पीछे नहीं हटेंगे. हालांकि सीटों के बंटवारे को लेकर मैं इस समय कुछ नहीं बोलूंगा. हम मध्य प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं." अखिलेश अपने पुराने अंदाज में भाजपा पर वार करने से नहीं चूके. उन्होंने जहां नोटबंदी, काला धन पर अपने पुराने बयानों को दोहराया तो वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 'उद्घाटन का ही उद्घाटन करने वाला सीएम' बताया.

2019 लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है. हर पार्टी का नेता चुनावों को ध्यान में रखकर बयान दे रहा है. इस बीच समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने एक बड़ा बयान दिया. …

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मोदी के वैवाहिक जीवन पर आनंदीबेन के बोलवचन से जसोदाबेन नाराज

विडियो में बात कर रही जसोदाबेन के होनेकी पुष्टि खुद उनके भाई अशोक मोदी ने की हैं. उन्होंने आगे कहा, 'जब आनंदीबेन का बयान सोशल मीडिया पर आया तो हमें विश्वास ही नहीं हुआ. एक अखबार में जब यही खबर पहले पेज पर प्रकाशित हुई तब हमें लगा कि यह गलत नहीं हो सकती. ऐसे में हमने इसका जवाब देने का फैसला किया. हमने एक लिखित बयान रिकॉर्ड किया जिसे जसोदाबेन सेलफोन पर पढ़ती दिखती हैं. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने एक प्रेस वार्ता कहा था कि पीएम मोदी अविवाहित है जिसका वीडियो भी खूब वायरल हुआ था.

मध्य प्रदेश की गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने कहा था कि मोदी अविवाहित हैं. मगर उनके इस बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी जसोदाबेन को सख्त एतराज है. जसोदाबेन ने कहा, ‘मैं आश्चर्यचकित हूं कि आनंदीबेन प्रेस से कहती हैं …

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आज सुबह: मुरैना में ट्रैक्टर-जीप की भिड़ंत में गई 12 जाने

मध्यप्रदेश के मुरैना में अभी अभी सुबह ट्रैक्टर और जीप कि भिड़ंत में 12 लोगों की मौत हो गई है. ट्रैक्टर स्वराज 735 FE अवैध खनन की गई रेत ले जा रहा था और अनियत्रित हो कर सामने से आ रही जीप में जा घुसा जिसके बाद इस भीषण सड़क दुर्घटना में कुल 12 लोगों ने जान गवाई और आठ अन्य घायल हो गए जिन्हे अस्पताल में भर्ती किया गया है. मुरैना वैसे भी अवैध खनन के लिए बदनाम रहा है. मगर आज ये अवैध धंधा 12 लोगों की जान ले गया . सवाल अब पुलिस और प्रशासन पर भी है कि सब कुछ जान लेने के बाद भी क्यों अब तक ये इलाका इस तरह की गतिविधियों से मुक्त नहीं हो पा रहा है. जहा सूबे में हर जगह भाषण में सरकार खुद की तारीफ करने का एक भी मौका नहीं छोड़ती. वही मुरैना पता नहीं कब से इस दंश को झेल रहा है और समय समय पर मासूम लोगों की जाने इस तरह से जाती रही है. बिना मिली भगत इतना ओपन और व्यापक धंधा नहीं पनप सकता क्योकि रेत खनन चार दीवारी के बीच तो नहीं किया जा सकता, बहरहाल घटना स्थल पर पुलिस पहुंची है और राहत और बचाव कार्य किए जा रहे है.

मध्यप्रदेश के मुरैना में अभी अभी सुबह ट्रैक्टर और जीप कि भिड़ंत में 12 लोगों की मौत हो गई है. ट्रैक्टर स्वराज 735 FE  अवैध खनन की गई रेत ले जा रहा था और अनियत्रित हो कर सामने से आ …

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