पिछले एक दशक में युवा भारतीय महिलाओं की आकांक्षाओं में एक परिवर्तनकारी बदलाव देखा गया है, जो उनकी बढ़ती स्वायत्तता, शिक्षा और कार्यबल में भागीदारी को दर्शाता है। यह विकास भारत के सामाजिक परिदृश्य को महत्त्वपूर्ण रूप से पुनर्परिभाषित कर …
Read More »लेख
कातिल सड़कों पर तबाह होता जीवन एक गंभीर चुनौती
अलीगढ़ में सड़क हादसा, यमुना एक्सप्रेसवे पर बस-ट्रक भिड़ी, 5 की मौत, 15 से अधिक घायल। राजस्थान में पाली-जोधपुर हाइवे पर मरीज को एक एम्बुलेंस से दूसरे में शिफ्ट करते समय डम्पर ने मारी टक्कत, चार की मौत। दिल्ली के …
Read More »जीवन में त्यौहारों का महत्व
विजय गर्ग भारत मेलों और त्योहारों का देश है। हमारा देश विविधताओं का देश है और यहां विभिन्न धर्मों को मानने वाले विभिन्न समुदाय रहते हैं, इसलिए यहां हर साल नियमित रूप से कई त्योहार मनाए जाते हैं। भारत में, …
Read More »वर्ष 2024 में भारत में कई उच्च-स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षाओं में गड़बड़ियों में वृद्धि चिंताजनक है।
विजय गर्ग वर्ष 2024 में भारत में स्नातक के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी यूजी), विश्वविद्यालय अनुदान आयोग राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यूजीसी नेट) और सामान्य विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) सहित कई उच्च-स्तरीय परीक्षाओं में चूक में चिंताजनक वृद्धि …
Read More »पूर्वाग्रहों की जंजीरें
विजय गर्ग हमारी दुनिया में पूर्वाग्रहों का जाल इतनी बारीकी से बुना हुआ है कि हममें से अधिकतर लोग इसके प्रभाव से अनजान रहते हैं। यह जाल हमारे जीवन में सोचने, समझने और प्रतिक्रिया देने के ढंग को आकार देता …
Read More »मातृभाषा में खुलती शिक्षा की की नई नई राहें
विजय गर्ग हाल के कुछ वर्षों में बेरोजगारी एक बड़ा मुच बनकर उभरा है। इसी की ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार देश की शीर्ष 500 कंपनियों में एक करोड़ युवाओं के लिए विशेष इंटर्नशिप योजना शुरू करने जा रही …
Read More »हमारी आकांक्षाओं और वास्तविकता में बहुत बड़ा अंतर
विजय गर्ग असल में हमारी आकांक्षाओं और वास्तविकता में बहुत बड़ा अंतर है। सबसे बड़ा अंतर तब नजर आता है, जब हम स्कूलों की ओर देखते हैं। पिछले 77 सालों से हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे एक स्वतंत्र सोच, …
Read More »आजादी के बाद शिक्षा के क्षेत्र में हम कहां से कहां पहुंचे ?
विजय गर्ग अंग्रेजों ने भारत में शिक्षा को कुछ चुने हुए लोगों तक ही सीमित रखने की नीति अपना रखी थी। उन्हें सिर्फ ऐसी शिक्षा व्यवस्था से वास्ता था, जिससे उनका काम चल जाए, उसमें कोई दिक्कत ना आए। बाकी …
Read More »हरियाली अमावस्या: प्रकृति के प्रति कृतज्ञ होने का पर्व
अमरपाल सिंह वर्मा हमारे देश के दूरदर्शी लोगों ने सदियों पहले प्रकृति का महत्व समझ लिया और उसके संरक्षण के उपाय सुनिश्चित किए। आम जन-जीवन में प्रकृति के प्रति आस्था का भाव सदा से रहा है। देश में प्राचीन काल …
Read More »पाकिस्तान में जमाने भर की बातों का बदला हिंदू मंदिरों से क्यों?
पाकिस्तान की सीमा हैदर पबजी खेलते हुए भारत के सचिन के प्यार मेंं पड़ कर कई देशों की सीमाएं लांघते हुए भारत आ गई। यकीनन, सीमा हैदर की करतूत से उसके परिजनों और पाकिस्तान के लोगों मेंं गुस्सा है लेकिन …
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