राजा का बाजा बजा : इधर ममता बनर्जी, सोमा को लेकर भाई लोग पिल पडे़ हैं। पत्रकारिता के प्रोडक्ट में तब्दील होते जाने की यह यातना है। यह सब जो जल्दी नहीं रोका गया तो जानिए कि पानी नहीं मिलेगा। इस …
Read More »लेख
महिला लेखन यानी भूख की मारी चिड़िया
महिला लेखन की बिसात और ज़मीन अब बदल गई है। शर्म, संकोच और शराफ़त की जगह अब शरारत, शातिरपन और शोखी अपनी जगह बना रही है। जैसे समाज और व्यवहार बदल रहा है, औरत बदल रही है, वैसे ही महिला …
Read More »सच तो यह है कि कबीर के बाद कोई लेखक सेक्यूलर नहीं हुआ
फेसबुक पर तमाम लेखक लोग सेक्यूलर होने का चोंगा ओढ़ कर बैठे हैं । लेकिन सच यह है कि इन में एक भी सेक्यूलर नहीं हैं । यह अपने को सेक्यूलर कहने वाले सभी लेखक एकपक्षीय हैं । एजेंडा चलाने …
Read More »