प्रदेश

28 सितंबर तक विवि में अवकाश घोषित कर खाली कराए जा रहे छात्रावास

देश के शीर्ष शिक्षण संस्थाओं में शुमार बीएचयू दूसरे दिन सोमवार को भी रणक्षेत्र बन गया। रात नौ बजे सर्जरी वार्ड में जूनियर रेजिडेंट व महिला मरीज के बीच नोक-झोंक से शुरू बवाल देर रात में हिंसक हो गया। मामला थाने पहुंचा और वहां भी मारपीट हो गई। प्रभारी निरीक्षक के साथ गालीगलौज और धक्कामुक्की की गई। बवाल फिर बीएचयू परिसर में फैल गया। सुबह विवि प्रशासन की ओर से एलबीएस, रुइया एनेक्सी और धन्वंतरि हॉस्टल खाली कराने के आदेश जारी कर दिए गए। इसके लिए छात्रों को 24 घंटे का अल्‍टीमेटम दिया गया है। सुलग रहा है अभी भी बीएचयू हॉस्टल पर हमला, तोडफ़ोड़ और आगजनी की घटना से परिसर में दहशत का आलम रहा। पथराव और मारपीट में कई छात्र घायल भी हुए हैं। बीएचयू प्रशासन मूक दर्शक बना रहा। आरोप यह भी है कि चीफ प्रॉक्टर रॉयना सिंह ने खुद को कमरे में बंद कर लिया था। पिटते रेजिडेंट्स ने मदद की गुहार लगानी चाही। लेकिन उनका फोन नहीं उठा। आरोप यह भी है कि दो छात्राें को रात भर हास्‍टल में बंधक बनाया गया जिनको सुबह पुलिस ने छुड़ाया। हालांकि दोपहर तक बवाल की आशंका बनी रही मगर छात्रावास खाली कराने के आदेश के बाद छात्रों में बैठक का दौर शुरू हो गया है। बीएचयू अस्पताल में इलाज के लिए पहुंची चंदौली निवासी महिला का आरोप था कि डॉक्टर की शह पर रेजिडेंट ने उनके साथ न सिर्फ अभद्रता की बल्कि, उसके भतीजे को भी जमकर पीटा। बचाव करने पहुंचे कुछ छात्रों को भी पीटा गया। इस बीच धनवंतरि छात्रावास के बाहर दो बाइक से आए चार अज्ञात लोगों ने एक जूनियर रेजिडेंट विश्वजीत पटेल को मारपीट कर घायल कर दिया, जिसे इलाज के लिए ट्रामा सेंटर ले जाया गया। महिला के साथ विवि के छात्र लंका थाने तहरीर देने पहुंचे। साथ ही रेजिडेंट भी मुकदमा कायम कराने पहुंचे। पास के रेस्तरां में रेजिडेंट के बैठकर खाना खाने की जानकारी मिलने पर छात्रों ने वहां जाकर मारपीट कर दी। सूचना पर दर्जनों बाइक सवार रेजिडेंट लंका के पास पहुंचे और छात्रों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटने लगे। छात्रों के जान बचाकर थाने के अंदर भागने के बाद भी उन्हें बख्शा नहीं गया। थाने में घुसकर उन्हें मारने की कोशिश पर क्षेत्राधिकारी भेलूपुर व एसीएम-प्रथम ने रोका। पुलिस का रुख देख रेजिडेंट पीछे हटे। इसके बाद बीएचयू सिंह द्वार बंद कर रेजिडेंट धरने पर बैठ गए। कुछ ही देर बाद एक बार फिर माहौल बिगडऩे लगा और बिड़ला छात्रावास पर बवाल हो गया। एलडी गेस्ट हाउस चैराहे पर पुलिस पिकेट फूंक दी गई। एसबीआइ के एटीएम में तोडफ़ोड़ की गई और जमकर  ईंट-पत्थर चले, जिसमें आठ से ज्यादा छात्र घायल हो गए।  उत्पाती छात्र रुइया छात्रावास में घुस गए और मेडिकल के छात्रों को बुरी तरह पीटने लगे। छात्रावास में बाइक फूंक दी। मेडिकल छात्रों की चीख-पुकार सुनकर रुइया के पीछे मौजूद न्यू गल्र्स हास्टल की छात्राएं दहशत में आ गईं। बवालियों ने वहां भी पथराव किया, जिससे छात्राएं रोने लगी। चीफ प्राक्टर से लेकर बीएचयू के अन्य अधिकारियों को फोन किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इस दौरान रात भर अफरातफरी बनी रही। पुलिस प्रशासन की संवेदनहीनता के चलते छात्रों की जान पर बन आई। उत्पाती छात्रों के बवाल के चलते भयभीत छात्र-छात्राएं लगातार पुलिस को 100 नंबर पर डायल करके सुरक्षा की गुहार लगा रहे थे। इतना ही नहीं छात्रों ने कई पुलिस अधिकारियों के सीयूजी नंबर पर भी संपर्क किया। लेकिन उन लोगों ने बीएचयू प्रशासन द्वारा परिसर में दाखिल होने की अनुमति नहीं मिलने का हवाला देते हुए हाथ खड़े कर दिए। दरअसल, मामला अनुमति का नहीं था, बल्कि लंका थाने में मेडिकल के छात्रों द्वारा थाना प्रमुख से लेकर अन्य पुलिसकर्मियों के साथ की गई गालीगलौज व दुव्र्यवहार का था। छात्रों के दुर्व्‍यवहार से पुलिस परिसर में दाखिल नहीं हो रही थी। पुलिस का रुख देखकर दर्जनों छात्र छिपते - छिपाते किसी तरह परिसर से बाहर निकले। देर रात लगभग डेढ़ बजे फोर्स अंदर घुसी जब छात्रों ने परिसर में कई जगह तोडफ़ोड़, मारपीट करने के साथ ही आगजनी हो चुकी थी। दर्जनभर से अधिक रेजिडेंट डॉक्टरों को पीटकर जख्मी करने के खिलाफ कई जूनियर डॉक्टर सुबह से ही काम से विरत रहे। मंगलवार की सुबह घूम- घूमकर कुछ ओपीडी बंद कराने का प्रयास किया गया। इसके कारण सुबह मरीजों को थोड़ी देर के लिए परेशानी झेलनी पड़ी। हालांकि इस दौरान सीनियर डाक्‍टर मरीजों को देखते रहे, मगर मरीजों की भीड़ फ‍िर भी काफी रही। छात्राें का अरोप है कि मेडिकल के अधिकारी के इशारे पर सारे बवाल हो रहे हैं। आरोप यह भी है कि कुलपति और चीफ प्रॉक्टर को हटाने तक बवाल को हवा दी जा रही है। ताकि बवाली छात्रों की फिर से वापसी के रास्ते साफ हो सकें। यह वहीं छात्र हैं जिनपर रंगदारी, मारपीट, लूटपाट, आगजनी जैसे कई संगीन मामले दर्ज है। रात को वीसी आवास पर पथराव के दौरान डिबार बवाली छात्र यह भी चेतावनी दे रहे थे कि अगर उनकी वापसी नहीं हुई तो वे और आतंक मचाएंगे। घटनाओं के पीछे बीएचयू के ही कुछ शिक्षक, सेंट्रल ऑफिस के आसपास के अधिकारी और कथित छात्र नेताओं का भी हाथ बताया जा रहा है। लंका पुलिस ने बताया कि रात में धन्वंतरि हॉस्टल में कुछ छात्र मेडिकल छात्रों को पीटने के लिए घुसे थे। इस दौरान बाकी तो भाग निकले लेकिन दो- तीन छात्रों को मेडिकोज ने पकड़ कर बंधक बना लिया। आरोप है कि रात भर उनसे मारपीट की गई और सूचना पर सुबह फोर्स ने भीतर घुस कर मेडिकोज को पीटा और छात्रों को मुक्‍त कराया। दैनिक जागरण को मौके से मिली तस्‍वीर में एक का चेहरा खून से लथपथ नजर आ रहा है। पुलिस हालांकि घटना की बाबत बंधक बनाए गए छात्रों से भी पूछताछ कर रही है।

देश के शीर्ष शिक्षण संस्थाओं में शुमार बीएचयू दूसरे दिन सोमवार को भी रणक्षेत्र बन गया। रात नौ बजे सर्जरी वार्ड में जूनियर रेजिडेंट व महिला मरीज के बीच नोक-झोंक से शुरू बवाल देर रात में हिंसक हो गया। मामला …

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परिवहन विभाग में है अधिकारियों का टोटा, कैसे सुधरेगी व्यवस्था

परिवहन विभाग में इस समय अधिकारियों का टोटा चल रहा है। संभागीय परिवहन कार्यालयों में आरटीओ व एआरटीओ के पदों को व्यवस्था के आधार पर चलाया जा रहा है। स्थिति यह है कि सड़क दुर्घटनाओं के लिहाज से संवेदनशील पौड़ी में फिलहाल कोई आरटीओ नहीं है। जिस आरटीओ का यहां तबादला किया गया है, उन्होंने अभी तक यहां ज्वाइनिंग नहीं दी है। वहीं नैनीताल के आरटीओ अल्मोड़ा की भी दोहरी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। बात करें परिवहन मुख्यालय की तो यहां फिलहाल उप परिवहन आयुक्त के तीन पद हैं और तीनों रिक्त चल रहे हैं। विभाग में सबसे अधिक काम फील्ड यानी प्रवर्तन का है लेकिन स्थिति यह कि एआरटीओ प्रवर्तन के स्थान पर की बजाय एआरटीओ प्रशासन के पदों को ही भरने पर जोर है। उत्तराखंड में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं के मद्देनजर इस समय केंद्र के साथ ही सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट की नजरें प्रदेश सरकारों पर हैं। उत्तराखंड में हाईकोर्ट ने परिवहन विभाग को बाकायदा सड़क दुर्घटनाओं पर रोकथाम के लिए एक गाईडलाइन भी जारी की हुई है। इन दिनों इस गाइडलाइन के अनुसार किसी तरह काम किया जा रहा है, जबकि इन्हें धरातल पर उतारने के लिए संभागीय स्तर से सख्त निगरानी की आवश्यकता है। दरअसल, देखा जाए तो परिवहन विभाग के प्रदेश में चार संभाग हैं। इनमें देहरादून, पौड़ी, नैनीताल और अल्मोड़ा शामिल हैं। सोशल ऑडिट शुरू होते ही गायब हो रहे हैं चाइल्ड केयर एनजीओ यह भी पढ़ें तबादला सत्र के दौरान शासन ने देहरादून और पौड़ी के आरटीओ का आपस में तबादला कर दिया था। इसे नियमविरुद्ध बताते हुए एसके गर्ग ने पौड़ी में ज्वाइनिंग न देते हुए कोर्ट की शरण ली। वहीं, डीसी पठोई ने तुरंत आरटीओ देहरादून का चार्ज संभाल लिया। अब आरटीओ सुधांशु गर्ग हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट से भी निराश हो चुके हैं लेकिन वह अब अवकाश पर चल रहे हैं। इससे पौड़ी आरटीओ का पद खाली चल रहा है। व्यवस्था के तौर पर एआरटीओ ही यह जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। ऐसा ही हाल अल्मोड़ा का भी है। यहां लंबे समय से किसी आरटीओ की तैनाती नहीं हुई है। इसका एक कारण यह है कि विभाग में फिलहाल आरटीओ के पांच पदों के सापेक्ष चार आरटीओ हैं। आरटीओ का पांचवा पद परिवहन मुख्यालय में हैं। यहां सहायक आयुक्त एसके सिंह ही इस जिम्मेदारी को देख रहे हैं। अब बात करें उप परिवहन आयुक्त के पदों की, तो प्रदेश में इनके तीन पद हैं। दो अधिकारी इस पद के पात्र हो चुके हैं लेकिन शासन स्तर से इन पर कोई डीपीसी नहीं हो पाई है। ऐसे में चुनिंदा अधिकारियों पर व्यवस्था चलाने की सारी जिम्मेदारी आ गई है।

परिवहन विभाग में इस समय अधिकारियों का टोटा चल रहा है। संभागीय परिवहन कार्यालयों में आरटीओ व एआरटीओ के पदों को व्यवस्था के आधार पर चलाया जा रहा है। स्थिति यह है कि सड़क दुर्घटनाओं के लिहाज से संवेदनशील पौड़ी …

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गूगल ब्वॉय’, टैलेंट देखकर हर कोई हो गया हैरान मथुरा का ये बच्चा बना चर्चा का विषय.

उन्होंने बताया कि गुरु हिंदी के साथ इंग्लिश भाषा में भी बात करता है. गुरु के पिता अरविंद उपाध्यय ने बताया कि इंग्लिश में जवाब मांगने पर वो उसी भाषा में जवाब देता है. दो साल के इस शार्प मेमोरी वाले बच्चों के जवाब सुनकर हर कोई चकित है और जवाब सुनकर हर कोई दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर है.

‘गूगल ब्वॉय’ के नाम से चर्चा में रहा कौटिल्य के तेज दिमाग के बारे में आपने सुना होगा. उसने छोटी सी उम्र में कई सवालों को सही जवाब देकर लोगों के चकित कर दिया था. लेकिन इन दिनों चर्चा कौटिल्य की …

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पहली बार देर रात खुली कोर्ट, सभी आरोपीयों को चार दिन कि रिमांड पर भेजा, रेवाड़ी सामूहिक बलात्कार मामला…

अन्य पीड़ितों से शिकायत की अपील एसपी भसीन ने अपील की कि आरोपियों को सख्त सजा दिलाने के लिए जरूरी है कि वे अन्य पीड़िताएं भी सामने आएं जिनके साथ यह गिरोह पूर्व में घिनौनी वारदात कर चुका है। मैं उन अभिभावकों व पीड़िताओं से यह अपील करती हूं कि वे खुलकर सामने आए। उनकी पहचान पूरी तरह से गुप्त रखी जाएगी। अभिभावक व पीड़ित महिलाएं व युवतियां पूरे भरोसे के साथ एसआइटी के समक्ष आ सकती है। डॉ. संजीव ने किया था छात्रा का प्राथमिक इलाज दुष्कर्म के दौरान छात्रा की तबितय बिगड़ने पर आरोपियों ने डॉ. संजीव को बुलाकर उसका प्राथमिक उपचार भी कराया था। बावजूद डॉ. संजीव ने पुलिस को सूचना नहीं दी थी। सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को जिस कमरे में अंजाम दी गई वह दीन दयाल का था। इसलिए पुलिस ने डॉ. संजीव और दीन दयाल को भी वारदात में शामिल मानते हुए गिरफ्तार किया है। फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई का अनुरोध करेगी पुलिस एसआइटी इंचार्ज नाजनीन भसीन ने बताया कि आरोपियों को जल्द सजा दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का अनुरोध करेंगे। क्या प्राथमिकी दर्ज करने में पुलिस ने शुरूआत में लापरवाही की, इस सवाल पर एडीजीपी श्रीकांत जाधव ने कहा कि लापरवाही की जांच की जा रही है। अगर जांच में लापरवाही साबित हुई तो पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। भसीन ने कहा कि जिस कोठरी में सामूहिक दुष्कर्म को अंजाम दिया गया वह कोठरी अपराधों का अड्डा है। पूर्व में भी यहां पर इस तरह की वारदातें होती रही है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में स्वीकार किया कि ट्यूबवैल मालिक दीनदयाल को लंबे समय से अपनी कोठरी में होने वाले दुष्कर्म जैसे अपराधों की जानकारी थी। भसीन ने यह भी कहा कि अभी नाहड़ के विश्राम गृह में एसआइटी का कैंप कार्यालय कायम रहेगा।

देशभर में चर्चा का विषय बने रेवाड़ी सामूहिक दुष्कर्म में महेन्द्रगढ़ कोर्ट ने गिरफ्तार किए गए दोनों मुख्य आरोपियों पंकज फौजी और मनीष को चार दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। ये पहली बार है कि इस केस …

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मुज्जफरपुर के पूर्व मेयर को 16 गोलियां मारी, भाड़े के गुंडों पर पुलिस कर रही है शक 

बिहार के मुजफ्फरपुर को दहला देने वाले पूर्व मेयर मर्डर को अंजाम देने के लिए पूरी साजिश रची गई थी. पूर्व मेयर समीर कुमार पर एके-47 राइफल से इतनी गोलियां बरसाई गईं कि उनके बचने की कोई गुंजाइश ही नहीं थी. दरअसल, कातिल किसी भी हाल में उन्हें जिंदा नहीं छोड़ना चाहते थे. पुलिस को शक है कि इस हत्याकांड के लिए भाड़े के हत्यारों का इस्तेमाल किया गया था. रविवार की शाम मुजफ्फरपुर शहर गोलियों की आवाज़ से गूंज रहा था. बाइक सवार बदमाशों ने शहर के पूर्व मेयर समीर कुमार को एके-47 से भून डाला. हमलवारों ने 50 से अधिक राउंड फायरिंग की. वारदात को अंजाम देकर हवा में फायरिंग करते हुए वहां से फरार हो गए. इस दौरान पूर्व मेयर के ड्राइवर को भी कई गोली लगने से उसकी मौत हो गई. पुलिस ने जब पूर्व मेयर और उनके ड्राइवर का पोस्टमार्टम कराया तो खुलासा हुआ कि समीर को 16 गोलियां लगी थीं. सभी गोलियां उनके सिर और सीने में मारी गईं थी. जबकि उनके ड्राइवर रोहित के शरीर से 11 गोलियां निकालीं गईं. हत्या में इस्तेमाल हथियार और मारने के तरीके से पुलिस को लग रहा है कि इस काम को सुपारी किलर्स ने अंजाम दिया है. कैसे और कहां हुई हत्या आपको बता दें कि यह वारदात मुजफ्फरपुर के बनारस बैंक चौक पर शाम करीब 7:30 बजे की है. जानकारी के मुताबिक समीर कुमार अपनी गाड़ी में कहीं जा रहे थे, तभी बाइक पर सवार अपराधियों ने उन्हें ओवरटेक किया और फिर गाड़ी के सामने खड़े हो गए. इस वजह से पूर्व मेयर की ड्राइवर ने अपनी गाड़ी रोक दी. इसके बाद अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. पुलिस सूत्रों के मुताबिक अपराधियों ने दो से ज्यादा एके-47 के मैगजीन की गोलियां खाली कर दीं. इस घटना में समीर कुमार को 50 गोलियां मारी गईं, जिस वजह से उनकी मौके पर ही मौत हो गई. घटना के बाद इलाके में दहशत फैल गई है. वहीं आनन-फानन में शहर के बनारस बैंक चौक के आसपास के दुकानदार ने अपनी दुकानें बंद कर भागने लगे. घटना के तुरंत बाद स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची. पूर्व मेयर और उसके चालक के शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल ले जाया गया. पुलिस फिलहाल इस घटना को लेकर कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं है. हत्या के पीछे की वजह व्यक्तिगत है या फिर राजनीतिक इसको लेकर जांच की जा रही है. पुलिस ने आसपास लगे सीसीटीवी को भी खंगाला शुरू कर दिया है. वहीं कोशिश की जा रही है कि इस घटना में शामिल अपराधियों की पहचान कर गिरफ्तार किया जा सके. पटना से महज 70 किलोमीटर की दूरी पर एके-47 से की गई इस हत्या ने एक बार फिर से बिहार सरकार और कानून व्यवस्था के ऊपर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.

बिहार के मुजफ्फरपुर को दहला देने वाले पूर्व मेयर मर्डर को अंजाम देने के लिए पूरी साजिश रची गई थी. पूर्व मेयर समीर कुमार पर एके-47 राइफल से इतनी गोलियां बरसाई गईं कि उनके बचने की कोई गुंजाइश ही नहीं …

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सोनकच्छ में विसर्जन जुलूस में विवाद, नगर रहा बंद

देवास जिले के सोनकच्छ में रविवार देर रात विसर्जन जुलूस में डीजे और ऑर्केस्ट्रा बंद कराने के दौरान टीआई और लोगों में विवाद हो गया। उन्होंने टीआई पर अभद्रता करने का आरोप लगाते हुए सोमवार सुबह नगर का पूरा बाजार बंद रखा। इस दौरान 250 से ज्यादा लोग नगर बंद कराने सड़कों पर उतर आए। हंगामे के बाद रात में जुलूस नहीं निकाला गया। सुबह तक निकली झांकियां शहर में सोमवार सुबह तक झांकियों का कारवां निकला, इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर निकल आए। इन झांकियों में बड़ी-बड़ी गणेश प्रतिमाएं भी शामिल रहीं। इस दौरान गणेश मंडल ने विभिन्न अभियानों के बैनर लगाए।

देवास जिले के सोनकच्छ में रविवार देर रात विसर्जन जुलूस में डीजे और ऑर्केस्ट्रा बंद कराने के दौरान टीआई और लोगों में विवाद हो गया। उन्होंने टीआई पर अभद्रता करने का आरोप लगाते हुए सोमवार सुबह नगर का पूरा बाजार …

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लखनऊ को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम देने वाले गांव को सिर्फ वादों की ‘गुगली’ मिली…

सुल्तानपुर रोड पर राजधानी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम मिल गया, मगर जिस गांव से ये जमीन ली गई थी, उस अहमामऊ में विकास का वादा टूट गया है। यहां करीब स्टेडियम के लिए करीब 120 एकड़ जमीन लेते समय ग्राम प्रधान से कहा गया था कि एलडीए अहमामऊ और आसपास के गांवों का विकास करवाएगा। मगर ऐसा हुआ नहीं। शानदार स्टेडियम से कुछ दूरी पर अहमामऊ गांव अब भी विकास की बांट जोह रहा है। गोमती नगर में स्टेडियम ध्वस्त किये जाने के बाद उसके समायोजन में एक स्टेडियम सरकार को बनाना था। जिसको लेकर गोमती नगर विस्तार में शहीद पथ के किनारे पर गोमती नगर विस्तार की भूमि तय कर दी गई। ये भूमि ग्राम पंचायत अहमामऊ की थी। जिस पर चारागाह बना हुआ था। तत्कालीन जिलाधिकारी और एलडीए उपाध्यक्ष ने लेखपाल के माध्यम से उस समय के ग्राम प्रधान तेज नारायण सिंह पर दबाव डाला। जमीन उनसे एलडीए के नाम हस्तांतरित करवाई गई। उस समय प्रस्ताव में ये तय हुआ था कि अहमामऊ ग्राम पंचायत में यहां स्टेडियम बनाए जाने से बहुत फर्क पड़ेगा। एलडीए जमकर विकास कराएगा। मगर 11 साल बाद जब इस स्टेडियम के निर्माण के बाद विंडीज और भारत के बीच टी-20 मुकाबला छह नवंबर को होगा तो थोड़ी ही दूरी पर अहमामऊ के ग्रामीण अपने गांव की दुर्दशा पर दुखी होंगे।

सुल्तानपुर रोड पर राजधानी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम मिल गया, मगर जिस गांव से ये जमीन ली गई थी, उस अहमामऊ में विकास का वादा टूट गया है। यहां करीब स्टेडियम के लिए करीब 120 एकड़ जमीन लेते समय ग्राम …

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कश्मीर का आतंकवाद पाकिस्तान प्रायोजित, जल्द ही होगा समस्या का हलः राजनाथ सिंह

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में राज्यों के बीच और केंद्र व राज्य से जुड़े  22 में से 17 मुद्दे हल हुए । तीन मुद्दों का समाधान दिशानिर्देशों के साथ करने और …

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पटनाः अतिक्रमण हटाने के विरोध में हम कार्यकर्ताओं का ‘मांझी मार्च’, पुलिस ने भांजी लाठी

 राजधानी पटना में अतिक्रमण हटाने के विरोध में रविवार को एक बार फिर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए. अतिक्रमण हटाने के सरकार के तानाशाही रवैये के खिलाफ हम के कार्यकर्ताओं ने आक्रोश मार्च निकाला. कार्यकर्ताओं ने कारगिल चौक …

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बिहार: ट्रेन से खींच ली दिव्यांग दंपति की बेटी, सुनसान जगह ले जाकर 4 युवकों ने किया गैंगरेप

बिहार के भोजपुर जिले में दिव्यांग मां-बाप की बेटी से चार युवकों द्वारा गैंगरेप का मामला सामने आया है। लड़की ने बताया कि ट्रेन में यात्रा के दौरान चार युवक ट्रेन से खींचकर उसे सुनसान जगह ले गये जहां उसके …

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