बिहार

कलम चलाने वाले ये हाथ हैं, आइपीएस अमित लोढ़ा के और किताब है ‘बिहार डायरीज’।

कलम चलाने वाले ये हाथ हैं, आइपीएस अमित लोढ़ा के और किताब है 'बिहार डायरीज'।

पुलिस वाले सिर्फ बंदूक ही नहीं चलाते बल्कि कलम चलाना भी बखूबी जानते हैं। कलम चलाई भी तो ऐसी कि फिल्मी सितारे भी कहानी के मुरीद हो गए। कलम चलाने वाले ये हाथ हैं, आइपीएस अमित लोढ़ा के और किताब …

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बिहार में 600 करोड़ रुपये के बहुचर्चित धान खरीद घोटाले में नया खुलासा हुआ है जिससे एसआइटी भी हैरान है। जिसके पास एक धुर भी जमीन नहीं उन्हें लाखों का भुगतान कर दिया गया।

बिहार में 600 करोड़ रुपये के बहुचर्चित धान खरीद घोटाले में नया खुलासा हुआ है

बिहार के बहुचर्चित धान खरीद घोटाले की जांच में कई ऐसे चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिससे इस घोटाले की जांच कर रही सीआइडी की एसआइटी (विशेष जांच दल) भी हतप्रभ है। 600 करोड़ रुपये से भी अधिक के …

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पूर्व मध्य रेल के जीएम ने कहा: दीपावली और छठ पूजा के दौरान बिहार के लिए चलेंगी स्पेशल ट्रेनें

दीपावली और छठ पूजा के दौरान बिहार के लिए चलेंगी स्पेशल ट्रेनें

 दीपावली और छठ के त्योहारों में बिहार आने वाले यात्रियों की भीड़ को देखते हुए रेलवे ने इस बार पर्याप्त संख्या में पूजा और छठ स्पेशल ट्रेनों का परिचालन करने जा रहा है। ये ट्रेनें देश के अलग-अलग स्टेशनों से …

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कुएं से बरामद हुआ एके 47 राइफल के पार्ट-पुर्जों का जखीरा

कुएं से बरामद हुआ एके 47 राइफल के पार्ट-पुर्जों का जखीरा

मुंगेर में 20 एके 47 राइफल की बरामदगी के बाद भी मुंगेर पुलिस की छापामारी जारी है। सोमवार की देर रात मुंगेर पुलिस की टीम ने सदर एएसपी हरिशंकर कुमार के नेतृत्व में बरदह गांव में मंजी उर्फ मंजर के …

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बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन ने, किराए में वृद्धि कर दी जानिए कहां का कितना हो गया किराया

बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन ने, किराए में वृद्धि कर दी जानिए कहां का कितना हो गया किराया

 सोमवार यानी एक अक्टूबर से बस, मिनी बस और ऑटो के किराए में बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन ने वृद्धि कर दी है। फेडरेशन के मुताबिक नया किराया रविवार की आधी रात से लागू हो जाएगा।भाड़ा बढ़ाने को लेकर परिवहन विभाग …

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जब बिहार के एक किसान ने गांधी को पुकारा था- मान्यवर महात्मा!

बिहार के एक किसान राजकुमार शुक्‍ल के आग्रह पर चंपारण पहुंचे महात्‍मा गांधी ने देश में अहिंसक आंदोलन की नींच रखी। लेकिन, एक समय ऐसा भी आया था कि गांधी जी चंपारण नहीं जाने को लेकर सोचने लगे थे। बिहार आने पर उन्‍हें अपमान के घूंट पीने पड़े थे। महात्‍मा गांधी ने इस बात का जिक्र अपने एक पत्र में किया है। जानिए, 'बिहार' की गांधी को लेकर ये स्‍मृतियां... चिंरजीवी मंगनलाल, जो व्यक्ति मुझे यहां ले आया है, कुछ नहीं जानता। उसने मुझे एक अजनबी जगह ला पटका है। घर का मालिक (राजेंद्र बाबू) कहीं गया हुआ है और नौकर ऐसा समझते हैं कि अवश्य ही हम दोनों भिखारी होंगे। वे हमें घर के पखाने का उपयोग भी नहीं करने देते। खाने-पीने की तो बात ही क्या? मैं सोच समझकर अपनी जरूरत की चीजें साथ रखता हूं, इसलिए बेफिक्र रह सका हूं। मैंने अपमान के घूंट पीये हैं, इसलिए यहां की अटपटी स्थिति से कोई दुख नहीं होता। यदि यही स्थिति रही तो चंपारण जाना नहीं हो सकेगा। मार्गदर्शक कोई मदद कर सकेगा ऐसा दिखाई नहीं देता और मैं स्वयं अपना मार्ग खोज सकूं ऐसी स्थिति नहीं है। इस दशा में मैं तुम्हें अपना पता नहीं दे सकता। यदि मैं किसी को वहां से मदद के लिए लाया होता तो वह भी मुझ पर एक भार ही होता...। अपनी अनिश्चित स्थिति की बात भर बता रहा हूं, तुम्हें कोई चिंता करने की जरूरत नहीं...। - मो.क. गांधी ----- बिहार: गठबंधन की राजनीति में टिकटों की जोड़तोड़ शुरू, अटकीं उम्मीदवारों की सांसें यह भी पढ़ें मैं बिहार हूं। लोकतंत्र की जननी। बुद्ध और महावीर की भूमि। गुरु गोविंद सिंह की जन्मस्थली और गांधी की कर्मभूमि। मुझसे भी बापू का बड़ा नाता रहा है। अनगिनत निशानियां मैंने समेट रखी हैं। इनमें महत्वपूर्ण है सदाकत आश्रम। 1921 में बापू के सहयोग से हुई थी स्थापना। लेकिन बिहार को अफसोस है कि आजादी के बाद गांधी कभी बिहार नहीं आ सके। 10 अप्रैल 1917 को गांधी पटना आए। तब मैंने पहली बार उन्हें देखा। उस दिन का प्रसंग थोड़ा अटपटा था। गांधी यहां आ तो गए थे पर कोई ठौर नहीं था। डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के घर गए, पर वे थे नहीं और घर के नौकर ने उन्हें महत्व नहीं दिया। मैंने इस अपमान की पीड़ा महसूस की गांधी की उक्त चिट्ठी में, जिसमें उनका मन आहत है। यह सच है कि गुरु रवींद्रनाथ ने उन्हें महात्मा की उपाधि दी थी। लेकिन, बिहार की माटी भी इस बात की साक्षी है कि यहां के भोले-भाले किसान राजकुमार शुक्ल ने उन्हें महात्मा पुकारा था। दस्तावेज गवाही देते हैं कि बिहार की माटी से उन्हें इसी संबोधन से पत्र लिखा गया था। तारीख थी 27 फरवरी 1917। NDA में ‘ऑल इज वेल’ नहीं! बिहार में खटक रहा तालमेल का अभाव यह भी पढ़ें लिखा था- मान्यवर महात्मा! किस्सा सुनते हो रोज औरों के, आज मेरी भी दास्तान सुनो...।' पत्र लंबा है। याचना है कि गांधी चंपारण आएं और यहां की 19 लाख प्रजा की पीड़ा से अवगत हों। राजकुमार शुक्ल कांग्रेस के लखनऊ अधिवेशन में चंपारण के किसानों की आवाज बनकर पहुंचे। गांधी को बुलाने से पहले पंडित मदनमोहन मालवीय और लोकमान्य बालगंगाधर तिलक से भी मिले और चंपारण की समस्या के बारे में बताया। लेकिन, इन लोगों ने यह कहकर मना कर दिया कि भारत की आजादी का बड़ा प्रश्न पहले उनके सामने है। बाद में राजकुमार ने गांधी जी से विनती की। कानपुर भी गए। पर गांधीजी से मुलाकात न हो सकी। अंतत: 10 अप्रैल 1917 को गांधी पटना पहुंचे।

बिहार के एक किसान राजकुमार शुक्‍ल के आग्रह पर चंपारण पहुंचे महात्‍मा गांधी ने देश में अहिंसक आंदोलन की नींच रखी। लेकिन, एक समय ऐसा भी आया था कि गांधी जी चंपारण नहीं जाने को लेकर सोचने लगे थे। बिहार …

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बिहार में कांग्रेस करेगी ‘किसान आंदोलन’ का आगाज

नई दिल्ली। बिहार में संगठन मजबूत करने में जुटी कांग्रेस ने राज्य में किसानों को लामबंद करने के लिए जल्द ही बड़े पैमाने पर मुहिम शुरू करने की तैयारी में है। कांग्रेस अपनी इस मुहिम में ‘उपज की सरकारी खरीद नहीं …

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12वें और 13वें वित्त आयोग में जहां जनसंख्या को केन्द्रीय करों में हिस्सेदारी के लिए 25 प्रतिशत प्राथमिकता दी गई थी,

12वें और 13वें वित्त आयोग में जहां जनसंख्या को केन्द्रीय करों में हिस्सेदारी के लिए 25 प्रतिशत प्राथमिकता दी गई थी,

पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को कहा कि आगामी 30 सितम्बर को बिहार दौरे पर आ रही 15 वें वित्त आयोग की टीम के समक्ष केन्द्रीय करों में राज्य का हिस्सा बढ़ाने की पूरी …

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शिक्षामंत्री ने कही ये बात, पटना में फुटपाथ किनारे रात भर सोते रहे 60 स्कूली बच्चे जानिये पूरी घटना 

मुख्यमंत्री बिहार दर्शन योजना के तहत पूर्वी चंपारण के कोटवा प्रखंड के राजकीय उत्क्रमित मध्यविद्यालय मच्छरगावां के बच्चे शैक्षणिक परिभ्रमण योजना को लेकर पटना चिड़ियाघर घू्मने आए थे। लेकिन घूमने आए बच्चों के रात भर फुटपाथ पर सोकर बितानी पड़ी, जिसपर बच्चों की सुरक्षा को लेकर लापरवाही पर चौतरफा सवाल खड़े हो रहे हैं। घटना के उजागर होने के बाद प्रदेश के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने इसपर सफाई देते हुए कहा है कि मामले की जांच की जा रही है कि बच्चों को किन कारणों से रात में फुटपाथ में रुकना पड़ा। शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने कहा कि घटना की जानकारी के बाद उन्होंने डीएम को फोन कर इसकी जांच कर कार्रवाई करने को कहा है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर शाम तक बच्चे अपने घर चले जाते हैं और अगर किसी हालात में उन्हें रुकना पड़ा तो शिक्षकों को जिला शिक्षा पदाधिकारी को इसकी सूचना देनी चाहिए या इसके लिए उचित व्यवस्था करनी चाहिए। कृष्णनंदन वर्मा ने कहा कि बच्चे बेतिया से आए थे। मामले को हम गंभीरता से लेते हैं और जांच के बाद जो भी दोषी होंगे उन पर विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी। दरअसल मंगलवार की रात में राजधानी से एक हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आई थी सिस्टम की बड़ी लापरवाही से यहां स्कूली बच्चे सड़क किनारे रात गुजारने को मजबूर दिखे। इन बच्चों को पटना में जू दिखाने के लिए लाया गया था। लेकिन किसी कारण वो लौट नहीं सके तो उन्हें सड़क किनारे ही सोने को कह दिया गया। जू घूमने आए बच्चे रातभर सड़क पर सोते रहे. वहीं, पूरे प्रशासनिक अमले को इस बात की भनक तक नहीं लगी। इन बच्चों के सड़क पर सोने की खबर किसी कानों तक नहीं पहुंची। बता दें कि इस योजना के तहत सरकारी स्कूल के बच्चों को बिहार के नामचीन जगहों पर घूमाने का प्रावधान है।

मुख्यमंत्री बिहार दर्शन योजना के तहत पूर्वी चंपारण के कोटवा प्रखंड के राजकीय उत्क्रमित मध्यविद्यालय मच्छरगावां के बच्चे शैक्षणिक परिभ्रमण योजना को लेकर पटना चिड़ियाघर घू्मने आए थे। लेकिन घूमने आए बच्चों के रात भर फुटपाथ पर सोकर बितानी पड़ी, …

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सुशील मोदी के बयान पर लालू का पलटवार जानिये क्या बोला लालू ने

बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने गया में अपराधियों को लेकर जो बयान दिया उसपर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट कर तंज कसा है और कहा है कि हाथ-गोड़ कुछउ जोड़, अपराधियों के चरण धोकर उनका चरणामृत भी पी लो, अरे शर्म करो... लालू ने अागे लिखा कि "क्रिमिनल्स के आगे मिमियाने और गिड़गिड़ाने से नहीं, शासन रौब से चलता है.... तोहार लोगन के इक़बाल ख़त्म बा...चोर दरवाज़े से राज-काज में घुसल है ना, सो दुनो में नैतिक बल अउर आत्मविश्वास की कमी रहल.." सुशील मोदी का बयान अब उनकी गले की फांस बनता जा रहा है। पितृ पक्ष मेले के उद्घाटन के दौरान सुशील मोदी ने कहा कि वो हाथ जोड़ कर अपराधियों से 15-16 दिन शांति बनाए रखने का अनुरोध करते हैं। अब सुशील मोदी से सवाल पूछा जा रहा है कि क्या नीतीश कुमार सरकार अपराध पर लगाम लगाने में विफल हो गई है। लालू यादव ने ट्वीट के जरिए यहां तक कह दिया कि आने वाले समय में शायद अपराधियों का चरणामृत पीने की नौबत न आ जाए। दरअसल, मुजफ्फरपुर के पूर्व मेयर समीर कुमार की एके-47 से हत्या के ठीक दो दिन बाद सुशील मोदी के इस बयान को राजनीतिक हलको में शासकीय कमजोरी के तौर पर देखा जा रहा है। पटना में मंगलवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों ने सुशील मोदी से उनके बयान पर सवाल दागे लेकिन वो बचते हुए निकल गए।

बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने गया में अपराधियों को लेकर जो बयान दिया उसपर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट कर तंज कसा है और कहा है कि हाथ-गोड़ कुछउ जोड़, अपराधियों के चरण धोकर उनका …

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