देश

बिहार : अगले 48 घंटे में जोरदार बारिश की संभावना

बिहार में अलगे 48 घंटे में जोरदार बारिश होने का अनुमान है. दक्षिण-पश्चिम मानसून के गति पकड़ने से प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में अच्छी बारिश की खबर है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान में कहा गया है कि 27 जून तक बिहार के मौसम में बदलाव आ जायेगा और दो से चार डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान में कमी आएगी. इस दौरान प्रदेश में अच्छी बारिश की संभावना है. प्रदेश के तापमान में अभी गर्मी बनी हुई है. तेज गर्मी को देखते हुए प्रदेश के लोग भी अच्छी बारिश की उम्मीद लगाए हुए है. ऐसे में मौसम विभाग के पूर्वानुमान से लोगों को राहत मिली है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान में बताया गया है कि प्रदेश में अलगे 24 घंटे में 30 से 40 मिलीमीटर बारिश होने की संभावना बन रही है, जिससे बिहार का उच्चतम तापमान 34 से 37 डिग्री सेल्सियस के बीच पहुंच सकता है. प्रदेश में अच्छी बारिश को देखते कृषि विज्ञानियों ने किसानों को सुझाव दिए हैं. कृषि विज्ञानियों की सलाह है कि किसान अपने खेतों की मेड़ ठीक कर लें, ताकि खेतों में वर्षा के जल को जमा किया जा सके. इसके के साथ ही किसानों को धान की खेती की तैयारी करने का सुझाव दिया गया है.

बिहार में अलगे 48 घंटे में जोरदार बारिश होने का अनुमान है. दक्षिण-पश्चिम मानसून के गति पकड़ने से प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में अच्छी बारिश की खबर है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान में कहा गया है कि 27 जून तक बिहार के …

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शिवपाल ने फिर साधा निशाना, बड़ों की बात मानते तो 2017 में दोबारा CM बनते अखिलेश

समाजवादी पार्टी में नाराज चल रहे शिवपाल सिंह यादव ने अपने भतीजे पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधा है. उन्होंने अखिलेश को सलाह देते हुए कहा कि अगर बुजुर्गों की बात मानी होती तो वह दोबारा सीएम बनते. शिवपाल ने कहा, अखिलेश और उनके चचेरे भाई सांसद धर्मेन्द्र यादव को उन्होंने गोद में खिलाया, परवरिश की, यहां तक कि उनकी शादी भी की, लेकिन युवा पीढ़ी अब किसी की नहीं सुनती है. उन्होंने कहा, 'अगर बड़ों की बात मानी गई होती तो आज प्रदेश में सपा की सरकार होती और अखिलेश मुख्यमंत्री होते और बिहार में भी सपा की सरकार बनी होती. इसलिए हमारी नीचे स्तर तक के पदाधिकारियों के लिए यही सलाह है कि आपस में सभी एकजुट रहें और लोगों को भी एकजुट करें.' शिवपाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे सपा के लिए एकजुट होकर काम करें. उन्होंने अखिलेश द्वारा महागठबंधन की कोशिशों के औचित्य से संबंधित सवाल पर कहा कि वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की सूझबूझ पर कोई सवाल नहीं उठाना चाहते. वह पार्टी के हित में सभी लोगों को एकजुट रखना चाहते हैं और वह हमेशा से सपा के लिए समर्पित हैं. इस सवाल पर कि क्या वह सपा में हाशिये पर पहुंच गए हैं, पूर्व मंत्री ने कहा कि अगर वह हाशिये पर होते तो उनके पीछे जनता नहीं होती. वह अब भी जब कहीं जाते हैं तो बड़ी संख्या में लोग उन्हें बिना बताए पहुंच जाते हैं. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव से विवाद होने के बाद शिवपाल यादव पार्टी में बहुत सक्रिय नहीं हैं. इस तनाव का नतीजा यह हुआ कि पार्टी को यूपी चुनावों में शिकस्त झेलनी पड़ी. अखिलेश के सपा अध्यक्ष बनने के बाद शिवपाल यादव पार्टी कार्यालय भी नहीं जाते हैं. हालांकि शिवपाल ने राज्यसभा चुनाव में पार्टी की उम्मीदवार जया बच्चन को वोट दिया और पूर्व सीएम अखिलेश की ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी में भी शरीक हुए. कयास लगाए जा रहे हैं कि शिवपाल को पार्टी में जल्द ही वरिष्ठ पद दिया जाने वाला है, लेकिन जिस तरह उन्होंने फिर से अखिलेश पर निशाना साधा है, उसे सकारात्मक तो नहीं कहा जा सकता है.

समाजवादी पार्टी में नाराज चल रहे शिवपाल सिंह यादव ने अपने भतीजे पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधा है. उन्होंने अखिलेश को सलाह देते हुए कहा कि अगर बुजुर्गों की बात मानी होती तो वह दोबारा …

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NewsWrap: आतंकियों के शव अनजान जगह दफनाने की तैयारी, पढ़ें बड़ी खबरें

NewsWrap: आतंकियों के शव अनजान जगह दफनाने की तैयारी, पढ़ें बड़ी खबरें

सूत्रों के मुताबिक़ कश्मीर घाटी में लश्कर, जैश और हिज्बुल के टॉप कमांडर के मारे जाने पर उनके शव को उनके परिवार को नहीं सौपा जाएगा. बल्कि ऑपरेशन के दौरान ढेर किये जाने के बाद आतंकियों को अनजान जगह पर …

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उत्तराखंड के मदरसों में भी अब योग की मिलेगी तालीम

उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद में पंजीकृत राज्य के 297 मदरसों में नए सत्र से न सिर्फ योग की कक्षाएं चलेंगी, बल्कि संस्कृत के श्लोकों का वाचन भी होगा। यही नहीं, मदरसों के बच्चों की उंगलियां कंप्यूटर पर भी खूब चलेंगी। मदरसा शिक्षा परिषद ने नए सत्र से मदरसों में योग, कंप्यूटर साइंस व संस्कृत विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया है। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री यशपाल आर्य ने शुक्रवार को परिषद द्वारा संचालित विभिन्न परीक्षाओं के परिणाम घोषित करने के दौरान पत्रकारों के सवालों के जवाब में यह बात कही। यशपाल आर्य ने कहा कि तालीम से ही व्यक्ति अच्छा इंसान बनता है और हुनरमंद भी। इसे देखते हुए मदरसों में क्वालिटी एजुकेशन पर फोकस किया गया है। इसके बेहतर नतीजे भी सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि नए सत्र से मदरसों में योग, कंप्यूटर साइंस व संस्कृत नए विषय शामिल किए जा रहे हैं। मकसद यही है कि अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा मिले। एक अन्य सवाल पर काबीना मंत्री ने कहा कि राज्य में मदरसा परिषद का एक्ट तैयार हो चुका है। जल्द ही परिषद द्वारा संचालित मुंशी व मौलवी और आलिम (अरबी-फारसी) को शिक्षा विभाग से क्रमशः हाईस्कूल और इंटर के समकक्ष मान्यता देने के संबंध में निर्णय ले लिया जाएगा। इस दिशा में गहनता से प्रयास चल रहे हैं।

उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद में पंजीकृत राज्य के 297 मदरसों में नए सत्र से न सिर्फ योग की कक्षाएं चलेंगी, बल्कि संस्कृत के श्लोकों का वाचन भी होगा। यही नहीं, मदरसों के बच्चों की उंगलियां कंप्यूटर पर भी खूब चलेंगी। …

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परिवार बढ़ाने के लिए सिपाही ने मांगी छुट्टी!

लगातार काम, दिन-रात ड्यूटी, इसके बाद भी घर परिवार के सुख दुख में शामिल हो पाने का मौका न मिल पाना, इस दर्द का अहसास पुलिसकर्मियों से ज्यादा किसे हो सकता है। पुलिसकर्मियों का यही दर्द परिवार बढ़ाने के लिए छुट्टी की अर्जी के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें महोबा के एक सिपाही ने परिवार बढ़ाने के लिए 30 दिन की छुट्टी मांगी है। दुनिया के सबसे खराब कामों की श्रेणी में पुलिसिंग यूं ही शामिल नहीं है। छुट्टी की जद्दोजहद, परिवार से दूरी, उन्हें समय न दे पाने जैसी विषमताओं से वे हमेशा जूझते हैं। ऐसे में परिवार बढ़ाने के लिए छुट्टी की अर्जी सोशल मीडिया पर देखते ही देखते चर्चित हो गई। शहर कोतवाली में तैनात एक सिपाही के नाम से वायरल अर्जी में लिखा है कि वह परिवार बढ़ाने के लिए 30 दिन की छुट्टी चाहता है। पुलिस अधिकारी ने अवकाश स्वीकृत करने की संस्तुति भी की। हालांकि सिपाही ने छुट्टी की ऐसी किसी अर्जी से इन्कार किया है लेकिन, शाम को उसे दस दिन की छुट्टी जरूर मिल गई है। सिपाही का कहना है कि कोई उसे बदनाम करने का प्रयास कर रहा है। 28 वर्षीय फतेहपुर निवासी इस सिपाही की शादी चार साल पहले हुई है। उसे करीब सात महीने से छुट्टी नहीं मिली है और फतेहपुर में रह रही उसकी पत्नी बीमार है। वहीं, एसपी एन. कोलांची का कहना है कि सभी को समय पर छुट्टी दी जाती है। मामला जानकारी में है। सिपाही से पूछताछ की गई है। उसकी अर्जी नहीं है। अर्जी किसने वायरल की, इसकी जांच सीओ को सौंपी है।

लगातार काम, दिन-रात ड्यूटी, इसके बाद भी घर परिवार के सुख दुख में शामिल हो पाने का मौका न मिल पाना, इस दर्द का अहसास पुलिसकर्मियों से ज्यादा किसे हो सकता है। पुलिसकर्मियों का यही दर्द परिवार बढ़ाने के लिए …

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यात्रीगण कृपया ध्यान दें, चार दिन तक और नहीं चलेंगी ये 8 ट्रेनें

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अगले चार दिनों तक चलने वाले काम के कारण करीब 8 ट्रेन रद्द कर दी गई हैं। अगर आपको नई दिल्ली से जालंधर, अमृतसर, पलवल या गाजियाबद जाना है तो अगले चार दिनों तक ट्रेन नहीं मिलेगी। दरअसल, रेलवे विभाग स्टेशन पर लगे वाशेबल एप्रेन लगाने का काम कर रहा है। इस सुविधा के बाद रेलवे ट्रेक की सफाई व ट्रेनों में पानी की व्यवस्था बेहतर हो जाएगी। पूरी प्रक्रिया में वक्त लगेगा इसके बाद ही ट्रेनों का आवागमन सुचारू रूप से चल पाएगा। इस कारण फिलहाल आधा दर्जन से ज्यादा ट्रेन को 23 से 26 तारीख तक के लिए रद् कर दिया गया है। इसके अलावा कई ट्रेनों को हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से रेगुलेट किया जाएगा। ये ट्रेनें हुईं रद्द- 14681 नई दिल्ली- जालंधर एक्सप्रेस 14682 जालंधर-नई दिल्ली एक्सप्रेस 12459 नई दिल्ली-अमृतसर इंटरसिटी एक्सप्रेस 12460 अमृतसर-नई दिल्ली एक्सप्रेस 64087 हजरत निजामुद्दीन- नई दिल्ली 64097 नई दिल्ली- शकूरबस्ती (ईएमयू) 64052 गाजियाबद से पलवल 64015 पलवल से शकूरबस्ती इसके अलावा कई लंबी दूरी ट्रेनों को हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से रात 11 बजे तक के लिए रेगुलेट किया गया है। ये ट्रेन अपने तय समय पर ही इस स्टेशन से गंतव्य के लिए रवाना होंगी। 16317 कन्याकुमारी- कटरा हिमसागर एक्सप्रेस 16687 मंगलोर- कटरा नवयुग एक्सप्रेस 11449 जबलपुर-कटरा एक्सप्रेस 16031 चेन्नई-कटरा अंडमान एक्सप्रेस 19803 कोटा-कटरा एक्सप्रेस

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अगले चार दिनों तक चलने वाले काम के कारण करीब 8 ट्रेन रद्द कर दी गई हैं। अगर आपको नई दिल्ली से जालंधर, अमृतसर, पलवल या गाजियाबद जाना है तो अगले चार दिनों तक ट्रेन …

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Exclusive: कश्मीर के राज्यपाल वोहरा ने कहा-हालात सामान्य बनाना हमारी पहली प्राथमिकता

जम्मू-कश्मीर का शासन संभालने के बाद राज्यपाल एन.एन. वोहरा ने कहा कि कश्मीर में 'हालात सामान्य बनाना और युवाओं को मुख्य धारा में लाना' उनकी पहली प्राथमिकता है. उन्होंने आजतक-इंडिया टुडे से खास बातचीत में यह बात कही. राज्यपाल वोहरा ने कहा, 'कश्मीर के युवाओं में नाराजगी है-जो भी वजह हो-और हमें उन्हें मुख्य धारा में लाना होगा.' गौरतलब है कि मंगलवार को बीजेपी ने राज्य की महबूबा मु्फ्ती सरकार से समर्थन वापस ले लिया था, जिसके बाद राज्यपाल शासन लागू हो गया. गवर्नर वोहरा ने कहा, 'सड़कों, चौराहों, राजमार्गों पर हालात सामान्य करना और लोगों में भरोसा एवं विश्वास कायम करना हमारी पहली प्राथमिकता होगी. साथ ही साथ, हम युवाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए हर संभव कोशि‍श करेंगे.' गौरतलब है कि कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाओं और हिजबुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों की भर्ती में युवाओं की संख्या बढ़ रही है. जबकि सरकार और प्रशासन यह दावे करता रहा है कि सख्ती से ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगेगा. वोहरा ने कहा, 'समूचे जम्मू-कश्मीर में सामाजिक सौहार्द्र को बनाए रखना सबसे जरूरी है और हमारी प्राथमिक चिंता है. सामाजिक सौहार्द्र के बिना न तो प्रगति हो सकती है, न कारोबार हो सकता है.' उन्होंने कहा, 'इसके अलावा, सरकारी मशीनरी को भी सक्षमता, गति और ईमानदारी के साथ काम करना होगा ताकि व्यापक तौर पर लोगों को लाभ मिले. पिछले कुछ महीनों में कश्मीर घाटी में हिंसा लगातार बढ़ी है और पत्थरबाजी तथा आतंकी घटनाओं में भी बढ़ोतरी हुई है. लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने रमजान के दौरान एक माह से ज्यादा समय तक आतंकियों के खिलाफ अभियान बंद रखा. लेकिन इस बीच पत्रकार सुजात बुखारी और जवान औरंगजेब की हत्या जैसी घटनाएं हुईं जिसके बाद सरकार ने निर्णय लिया कि सीजफायर को रमजान से आगे नहीं बढ़ाया जाएगा.

जम्मू-कश्मीर का शासन संभालने के बाद राज्यपाल एन.एन. वोहरा ने कहा कि कश्मीर में ‘हालात सामान्य बनाना और युवाओं को मुख्य धारा में लाना’ उनकी पहली प्राथमिकता है. उन्होंने आजतक-इंडिया टुडे से खास बातचीत में यह बात कही. राज्यपाल वोहरा …

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कांग्रेस नेता सोज बोले- सही है मुशर्रफ का बयान, आजादी ही चाहते हैं कश्मीरी

जम्मू-कश्मीर में मची राजनीतिक उथल-पुथल के बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता सैफुद्दीन सोज़ ने बड़ा बयान दिया है. सैफुद्दीन सोज ने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ के उस बयान का समर्थन किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर कश्मीरियों को मौका मिले तो वह किसी के साथ जाने के बजाय आजाद होना चाहेंगे. सोज़ का कहना है कि मुशर्रफ का एक दशक पहले दिया गया ये बयान आज भी कई मायनों में ठीक बैठता है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि ये आजादी मिलना मुमकीन नहीं है. मेरे बयानों का पार्टी से लेना-देना नहीं है. आजतक से बात करते हुए यूपीए सरकार में मंत्री रह चुके सोज़ ने अपनी आने वाली किताब में इस बात पर भी जोर दिया है कि केंद्र सरकार को हुर्रियत नेताओं के साथ खुले तौर पर बात करनी चाहिए. उन्होंने कहा है कि 1953 से आज तक जितनी भी सरकारें रही हैं उन्होंने कश्मीर मुद्दे में कोई ना कोई गलती की है, फिर चाहे वह नेहरू और इंदिरा गांधी की ही सरकार ही क्यों ना हो. आपको बता दें कि सैफुद्दीन सोज़ कश्मीर मुद्दे पर एक किताब ला रहे हैं जिसका नाम Kashmir: Glimpses of History and the Story of Struggle है. ये किताब अगले हफ्ते रिलीज़ होगी. कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर केंद्र कश्मीर के मुद्दे को सुलझाना चाहता है कि उसे कश्मीरियों के प्रति एक ऐसा माहौल बनाना होगा जिससे वह सुरक्षित महसूस कर सकें और बातचीत को तैयार हो पाएं. बात करने के लिए हुर्रियत ग्रुप से पहले बात होनी चाहिए और उसके बाद मेनस्ट्रीम पार्टियों से बात होनी चाहिए. कश्मीर मुद्दे पर मुशर्रफ-वाजपेयी-मनमोहन के फॉर्मूले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध बढ़ने चाहिए, आवाजाही बढ़नी चाहिए जब दोनों देशों के लोग करीब आएंगे तो ही बात बनेगी. उन्होंने बताया कि परवेज मुशर्रफ ने काफी हद तक अपने देश में इस तरह का माहौल बना लिया था कि ये ही एक रास्ता है जिससे शांति लाई जा सकती है. केंद्र सरकारों ने कश्मीर में की गई गलतियां धारा 370 के बारे में उन्होंने कहा कि भारत सरकार को इस बारे में पहले ही सोचना चाहिए था कि दिल्ली और शेख अब्दुल्ला के बीच 1952 में जो समझौता हुआ था वह सही तरीके से लागू नहीं हो पाया था. उन्होंने ये भी कहा कि उस दौरान नेहरू सरकार के द्वारा शेख अब्दुल्ला को गैरसंवैधानिक रूप से गिरफ्तार करना सबसे बड़ा ब्लंडर था. इस बात को नेहरू ने भी स्वीकार किया था कि कश्मीर में उनकी नीति सही नहीं गई थी. इसके अलावा सैफुद्दीन सोज़ ने लिखा कि उसके बाद भी भारत सरकार से कई बड़ी गलतियां हुईं, जिसमें 1984 के दौरान फारूक अब्दुल्ला सरकार को हटाकर जगमोहन को राज्यपाल बनाना भी शामिल है.

जम्मू-कश्मीर में मची राजनीतिक उथल-पुथल के बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता सैफुद्दीन सोज़ ने बड़ा बयान दिया है. सैफुद्दीन सोज ने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ के उस बयान का समर्थन किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर …

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जम्मू-कश्मीर: हालातों पर काबू के लिए राज्यपाल ने बुलाई आपातकालीन बैठक

गौरतलब है कि 2015 में चुनाव के बाद जम्मू कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी के बीच गठबंधन हुआ था जिक्से बाद पीडीपी की महबूबा मुफ़्ती ने यहाँ पर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, जम्मू कश्मीर में 6 साल का इस सरकार का कार्यकाल हालाँकि 2021 में समाप्त होने वाला था लेकिन बीजेपी ने पीडीपी से किनारा कर लिया जिसके बाद यहाँ पर राज्यपाल शासन लगा हुआ है.

जम्मू-कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी का गठबंधन टूटने के बाद राज्य के हालात अभी काफी बुरे दौर में है. सरकार टूटने के बाद यहाँ पर विपक्ष में बैठी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने फिर चुनाव कराने के मांग की है. वहीं जम्मू …

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आज रिटायर्ड हो रहे है जस्टिस जे. चेलामेश्वर

जस्टिस जे. चेलामेश्वर आज शुक्रवार को रिटायर्ड हो रहे है. जिसके बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ का सुप्रीम कोर्ट में संभावित कद का बढ़ना जरा रुक सकता है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम की रूप रेखा भी बदलने के आसार है.फ़िलहाल कॉलेजियम के सदस्यों में जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ के नाम शामिल हैं. पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में काम काज को लेकर और सरकार के लगातार कोर्ट के फैसलों में दखल अंदाजी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जज ने सार्वजनिक रूप से प्रेस वार्ता कर कई तरह की बातें कही थी जिसके बाद बवाल मच गया था. पिछले कुछ समय से जस्टिस जे. चेलामेश्वर लगातार विवादों में चल रहे थे. अपनी बात को सीधा सीधा बोलने के लिए जाने जाने वाले जस्टिस जे. चेलामेश्वर कोर्ट में हो रही कई तरह की वे बातें भी ओपन की थी जिसे आम जानता नहि जानती है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और न्याय व्यवस्था को संकट में होने की बात भी कही थी. जस्टिस जे. चेलामेश्वर आज शुक्रवार को रिटायर्ड हो रहे है. जिसके बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ का सुप्रीम कोर्ट में संभावित कद का बढ़ना जरा रुक सकता है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम की रूप रेखा भी बदलने के आसार है.फ़िलहाल कॉलेजियम के सदस्यों में जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ के नाम शामिल हैं. पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में काम काज को लेकर और सरकार के लगातार कोर्ट के फैसलों में दखल अंदाजी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जज ने सार्वजनिक रूप से प्रेस वार्ता कर कई तरह की बातें कही थी जिसके बाद बवाल मच गया था. पिछले कुछ समय से जस्टिस जे. चेलामेश्वर लगातार विवादों में चल रहे थे. अपनी बात को सीधा सीधा बोलने के लिए जाने जाने वाले जस्टिस जे. चेलामेश्वर कोर्ट में हो रही कई तरह की वे बातें भी ओपन की थी जिसे आम जानता नहि जानती है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और न्याय व्यवस्था को संकट में होने की बात भी कही थी.

जस्टिस जे. चेलामेश्वर आज शुक्रवार को रिटायर्ड हो रहे है. जिसके बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ का सुप्रीम कोर्ट में संभावित कद का बढ़ना जरा रुक सकता है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम की रूप रेखा …

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