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एक साल का हुआ GST, आज सरकार मनाएगी जश्न, कारोबारी दुकान बंदकर जताएंगे विरोध

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून के एक साल पूरा होने के अवसर पर रविवार को पूरे देश में 'जीएसटी दिवस' मनाने का ऐलान किया है. वहीं, यूपी के कानपुर और गुजरात के सूरत समेत देश के की हिस्सों में व्यापारियों ने विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी की है. शनिवार को भी व्यपारियों का विरोध देखने को मिला. दरअसल, सत्ता में आने के साथ हमेशा से चर्चा में रहने वाली मोदी सरकार एक जुलाई 2017 को पूरे देश में जीएसटी लागू कर चर्चा का केंद्र बन गई थी. एक साल में इसने भारतीय कराधान क्षेत्र में अप्रत्याशित सुधारों के प्रति करदाताओं के उत्साह और भागीदारी का पूरी दुनिया में एक बेहतर उदाहरण प्रस्तुत किया है. वित्त मंत्रालय ने बताया कि सरकार एक जुलाई 2018 को 'जीएसटी दिवस' मनायेगी. संसद के केन्द्रीय कक्ष में 30 जून और एक जुलाई 2017 की मध्यरात्रि को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की उपस्थिति में जीएसटी को देश में लागू किया गया था. इस मौके पर दिल्ली के जनपथ स्थित डॉक्टर अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में सुबह 11 बजे जीएसटी की सफलता का जश्न मनाया जाएगा. वित्त मंत्रालय के अनुसार, 'केन्द्रीय रेल, कोयला, वित्त एवं कारपोरेट कार्य मंत्री पीयूष गोयल इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे जबकि वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला भी इस अवसर पर उपस्थित होंगे.' केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लोगों को संबोधित करेंगे. जीएसटी में करीब एक दर्जन करों को समाहित किया गया है. केन्द्र स्तर पर लगने वाले उत्पाद शुल्क, राज्यों में लगने वाले मूल्य वर्धित कर (वैट) और कई स्थानीय शुल्कों को जीएसटी में समाहित किया गया. जिसके बाद देश में 'एक राष्ट्र, एक कर' की यह नई प्रणाली लागू हुई. मंत्रालय ने इस अवसर पर कहा है, 'जीएसटी का पहला साल भारतीय करदाताओं के इस अप्रत्याशित कर सुधार की व्यवसथा में भागीदार बनने को लेकर तैयार रहने का बेहतर उदाहरण दिखाता है.' इसमें कहा गया है कि इलेक्ट्रानिक वे-बिल इस प्रणाली के तहत पहले के विभागीय नीतिगत मॉडल से आगे बढ़कर एक 'स्व-घोषित मॉडल' की दिशा में अहम बदलाव है. इसमें ई-वे बिल हासिल कर पूरे देश में माल की बिना किसी रोक टोक के बाधामुक्त आवाजाही सुनिश्चित हो सकती है. देश में अंतरराज्यीय ई-वे बिल व्यवस्था एक अप्रैल 2018 से लागू हुई है जबकि राज्यों के भीतर माल परिवहन के लिये ई-वे बिल लेने की व्यवस्था को 15 अप्रैल से चरणों में लागू किया गया. व्यापारियों ने जताया विरोध इस बीच व्यापारियों ने देश में अलग-अलग जगह विरोध जताते नजर आए. कानपुर में व्यापारियों ने अनोखे तरीके से जीएसटी का विरोध किया. ये कारोबारी घंटाघर के पास भारत माता की मूर्ति के पास इकट्ठा हुए और घंटियां बजाकर विरोध जताया. हाथ में ली गई तख्तियां बता रही थीं कि वो जीएसटी की खामियों का विरोध कर रहे हैं. लेकिन घंटी और घड़िया के साथ विरोध के पीछे उन्होंने एक दिलचस्प तर्क दिया. व्यापारियों ने कहा कि साल भर पहले मोदी सरकार ने जीएसटी को लागू करने का ऐलान घंटा बजाकर किया था. अब वो उनके ही तरीके से घंटियां बजाकर कह रहे हैं कि सरकार जीएसटी की मुश्किलों और खामियों को दूर करे. व्यापारियों की शिकायत है कि आज भी व्यापारियों के ऊपर छापेमारी की जा रही है. कहा गया था कि सभी सामानों पर जीएसटी लगाई जाएगी लेकिन पेट्रोल उत्पाद इससे बाहर हैं. एक साल पूरे होने पर सरकार को अपना वादा पूरा करना चाहिए. गुजरात के सूरत में भी जीएसटी की सालगिरह का उत्साह नहीं दिखा. हीरा और कपड़ा दोनों ही व्यापारियों में मायूसी नजर आई. वहीं, कोयंबटूर में भी जीएसटी के पहले जन्मदिन का स्वागत नहीं हुआ. यहां छोटे व्यापारियों के कारोबार पर बुरा असर पड़ा है. जीएसटी से बढ़ेगा राजस्व: विशेषज्ञ एक तरफ जहां व्यापारी जीएसटी का विरोध कर रहे हैं वहीं, उद्योग और कर विशेषज्ञों ने इसकी सराहना की है. उनकी राय है कि इस अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था से आगे चलकर राजस्व में सुधार होगा और अनुपालन बेहतर होगा. उद्योग मंडल एसोचैम के अध्यक्ष संदीप जाजोदिया ने कहा कि ऐसी आशंकाएं कि जीएसटी से महंगाई बढ़ेगी और उद्योग की आपूर्ति श्रृंखला में बाधा आएगी, अब दूर हो चुकी हैं. कीमतों में जो भी बढ़ोतरी हो रही है वह कच्चे तेल और खाद्य मूल्यों के दबाव की वजह से है. विशेषज्ञों का कहना है कि नए कर ढांचे से अगले तीन से चार साल में कर से जीडीपी अनुपात सुधरेगा. हेलो टैक्स के सह संस्थापक हिमांशु कुमार ने कहा कि जीएसटी एक राष्ट्र एक कर की दिशा में बड़ा कदम है. उत्पादों की कम कीमत के रूप में इसका लाभ उपभोक्ताओं को स्थानांतरित होगा. बेहतर कर अनुपालन से अगले तीन से चार साल में कर कर जीडीपी अनुपात में सुधार होगा. हालांकि, कुमार ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र पर नए सिरे से ध्यान देने की जरूरत है ताकि अप्रत्यक्ष कर से संबंधित अनुपालन की लागत को कम किया जा सके.

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून के एक साल पूरा होने के अवसर पर रविवार को पूरे देश में ‘जीएसटी दिवस’ मनाने का ऐलान किया है. वहीं, यूपी के कानपुर और गुजरात के सूरत …

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3 दिन बाद फिर अमरनाथ यात्रा शुरू, बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए चौथा जत्था रवाना

भारी बारिश के कारण अमरनाथ यात्रा में आई रुकावट के बाद रविवार को श्रद्धालुओं का चौथा जत्था रवाना हुआ. सुरक्षा के सख्त इंतजाम के बीच जम्मू से बेस कैंप के लिए यात्रियों का चौथा जत्था रवाना हुआ. इस जत्थे में करीब करीब 3 हजार अमरनाथ यात्री बेस कैंप की तरफ निकले. उनके साथ 90 गाड़ियां रवाना हुईं. यात्रा तीन दिन बाद बहाल हुई है. बारिश की वजह से शनिवार को यात्रा को रोक दिया गया था. रविवार को मौसम खुलने के बाद बेस कैंप से यात्रियों को आगे बढ़ने की इजाजत मिली. इस बीच बिना रजिस्ट्रेशन वाले यात्रियों पर कार्रवाई करते हुए उनहें रामबन और बनिहाल में रोक दिया गया है. जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर 500 गाड़ियां रुकीं बता दें कि वर्षा से जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कल कई स्थानों पर भूस्खलन हुए हैं और पत्थर गिरे हैं. भारी बारिश के बाद भूस्खलन के कारण कई जगह रास्ते बंद हो गए हैं. जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर 500 गाड़ियां रुकी हैं. सरकार ने आदेश जारी किया है कि जवाहर टनल से घाटी की तरफ किसी गाड़ी को एंट्री नहीं दी जाए. अधिकारियों ने समय पर कार्रवाई से यह सुनिश्चित किया कि घाटी को देश के अन्य हिस्से से जोड़ने वाली 260 किलोमीटर लंबी यह सड़क खुली रहे. अमरनाथ यात्रा के तीसरे दिन शनिवार को 587 श्रद्धालुओं ने पवित्र हिम शिवलिंग के दर्शन किए. एक अधिकारी ने बताया कि भूस्खलन, फिसलन भरे मार्ग और पत्थर गिरने के कारण श्रद्वालुओं की सुरक्षा को देखते हुए यात्रा को रोक दिया गया था. उन्होंने कहा कि किसी भी तीर्थयात्री को पैदल गुफा मंदिर की ओर बढ़ने नहीं दिया गया, कुछ यात्रियों ने तीर्थयात्रा के लिए हेलीकाप्टर सेवा का इस्तेमाल किया. पहलगाम में फंसे हजारों तीर्थयात्री गत 27 जून से ही रूक रूककर हो रही मानसूनी वर्षा के चलते दक्षिण और मध्य कश्मीर के साथ ही राज्य के कई अन्य हिस्सों में बाढ़ का अलर्ट जारी कर दिया गया है. इसके चलते अमरनाथ यात्रा के दो आधार शिविरों गंदेरबल जिला स्थित बालटाल और अनंतनाग जिले के पहलगाम में हजारों तीर्थयात्री फंसे हुए हैं. लगातार वर्षा के बावजूद दक्षिण कश्मीर में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा के लिए यात्रा 28 जून को तय समय से कई घंटे के विलंब से शुरू हुई. यद्यपि लगातार वर्ष के चलते यात्रा में बार-बार व्यवधान आ रही है. 60 दिवसीय यात्रा का समापन 26 अगस्त को रक्षा बंधन के दिन होगा. इस बीच जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एन एन वोहरा ने सीईओ उमंग नरूला से श्रद्वालुओं को यात्रा की अनुमति देने से पहले मार्ग की स्थिति और मरम्मत कार्यों की नजदीक से निगरानी करने के निर्देश दिए हैं. जम्मू कश्मीर में बाढ़ जैसे हालात बाढ़ से जम्मू-कश्मीर के हालात काबू से बाहर होते जा रहे हैं. आजतक ने जम्मू-कश्मीर में बाढ़ की ग्राउंड रिपोर्टिंग की है. जहां पिछले चार दिनों से हो रही बरसात ने तबाही मचाई हुई है. जम्मू-कश्मीर के ज्यादातर हिस्सों में 27 जून से रुक-रुककर बारिश हो रही है. इससे झेलम और तवी नदी खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी है. यहां की छोटी-छोटी नदियां भी गरज रही हैं. जम्मू में भी तवी नदी फुंफकार रही है. लहरें लगातार किनारों को तोड़ रही है. शनिवार को तवी नदी की बाढ़ में 7 लोग फंस गए. बहाव इतना तेज था कि लहरों में फंसे लोगों के लिए निकल पाना संभव नहीं था. SDRF की टीम ने बचाव ऑपरेशन शुरू किया. ये टीम रस्सी और लाइफ जैकेट लेकर बोट से नदी के उस पार गई. किनारे पर पहुंच कर उसने वहां फंसे लोगों को निकाला. 10 राज्यों में अलर्ट जारी कुदरत के ब्रेक फेल की वजह से लोगों की मुश्किलें कई गुना बढ़ गयी हैं. सूबे में बाढ़ और बारिश से निपटने के इंतजामों को लेकर राज्यपाल एनएन बोहरा ने एक आपात बैठक बुलाई. सिर्फ जम्मू-कश्मीर ही नहीं देश के ज्यादातर हिस्से बारिश के बेहाल हैं. मौसम विभाग ने आज 10 राज्यों के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया है. मतलब, आसमानी आफत का खतरा अभी टला नहीं है.

भारी बारिश के कारण अमरनाथ यात्रा में आई रुकावट के बाद रविवार को श्रद्धालुओं का चौथा जत्था रवाना हुआ. सुरक्षा के सख्त इंतजाम के बीच जम्मू से बेस कैंप के लिए यात्रियों का चौथा जत्था रवाना हुआ. इस जत्थे में …

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तेजस्वी यादव से मिले हार्दिक पटेल

शनिवार को पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने तेजस्वी यादव से मुलाकात की. दोनों नेताओं की मुलाक़ात लगभग सवा घंटे तक चली. इस मुलाकात के बाद तेजस्वी और हार्दिक ने मीडिया से चर्चा की. तेजस्वी यादव ने कहा कि गुजरात और बिहार का संबंध दोस्ताना रहा है. यह राज्य गांधी की कर्मभूमि रही है. हार्दिक भी गांधी के रास्ते पर चलते हुए गुजरात से बिहार आए हैं. हम दोनों मिलकर देश से दक्षिणपंथी अधिनायकवाद को खत्म करने के लिए संघर्ष करेंगे. हमारा उद्देश्य समतामूलक समाज का निर्माण है. किसानों और युवाओं के हित के लिए हमारा संयुक्त संघर्ष होगा. गौरतलब है कि हार्दिक पटेल को गुजरात में पटेल आरक्षण आंदोलन के बाद से पहचान मिली है. इसके बाद से ही हार्दिक पटेल राजनीति में सक्रीय नजर आ रहे है. इसके पहले भी हार्दिक अपने बिहार दौरे पर आ चुके हैं. इस बार हार्दिक ने नीतीश कुमार से मुलाकत नहीं की और वो लगातार नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए नजर आये. वहीं नीतीश कुमार ने भी हार्दिक से मिलने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. हार्दिक और तेजस्वी की मुलाकात से राजनितिक गलियारों में भी चर्चा रही. आने वाले समय में इससे कुछ नए समीकरण भी देखने को मिल सकते हैं.

शनिवार को पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने तेजस्वी यादव से मुलाकात की. दोनों नेताओं की मुलाक़ात लगभग सवा घंटे तक चली. इस मुलाकात के बाद तेजस्वी और हार्दिक ने मीडिया से चर्चा की.  तेजस्वी यादव ने कहा कि गुजरात और बिहार का …

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एक घर के 11 लोगों की मौत से सहम उठी दिल्ली

दिल्ली में आज एक घर से 11 लोगों के शव मिलने के बाद सनसनी फैल गई है. दिल्ली के बुराड़ी स्थित एक घर से यह शव मिलने के बाद आसपास के लोगों में दहशत का माहौल है. बताया जा रहा है कि इन 11 लोगों में सभी एक ही परिवार के लोग है. मौके पर पुलिस पहुंच चुकी है और जांच अभी जारी है.  बता दें, दिल्ली में किराना दूकान और प्लायवुड का धंधा करने वाले बुराड़ी में रह रहा यह परिवार जिसमें 7 महिलाऐं थी और 4 पुरुष. पुलिस जब इस मामले में खबर मिलने के बाद मौके पर पहुंची तो पुलिस को 10 शव घर की छत से लटके मिले वहीं 1 शव निचे जमीन पर पड़ा हुआ मिला. इन 11 लोगों में दो भाई और दो पत्नियां और करीब 16 से 17 साल की उम्र के लड़के थे. वहीं अंदेशा लगाया जा रहा है कि जमीन पर पड़ा हुआ शव लड़कों की माँ का है, जो बुजुर्ग है.  लोगों के अनुसार इनकी किराना की दुकान घर के पास में ही, जो हमेशा सुबह 6 बजे खुल जाती है लेकिन आज जब दुकान नहीं खुली तो लोगों ने घर में जाकर देखा तो यह सभी छत से लटके मिले. लोगों ने इस घटना की सुचना पुलिस को दी. जानकारी के अनुसार आज से 22 साल पहले ही यह परिवार राजस्थान से दिल्ली आया था. शवों के पास से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ हालाँकि मामले को अभी पुलिस दोनों एंगल से देख रही है. 

दिल्ली में आज एक घर से 11 लोगों के शव मिलने के बाद सनसनी फैल गई है. दिल्ली के बुराड़ी स्थित एक घर से यह शव मिलने के बाद आसपास के लोगों में दहशत का माहौल है. बताया जा रहा …

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अब रिटायर होते ही ट्रेन चालकों को मिल जाएगा 3 लाख का पुरस्कार

अब सेवानिवृत्त होने के साथ ही ट्रेन चालकों को तीन लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। यह पुरस्कार उन्हें अपने कार्यकाल में दुर्घटनारहित ट्रेन संचालन के लिए मिलेगा। रेलवे बोर्ड ने इसके लिए नियमों को आसान किया है। इससे देश के 90 फीसद ट्रेन चालक इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। रेलवे में दुर्घटनारहित ट्रेन चलाने वाले चालकों के रिटायर होने पर पुरस्कार देने की व्यवस्था काफी पुरानी है, लेकिन इसके नियम इतने कठिन हैं कि चालकों को कई साल तक कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। बावजूद इसके पुरस्कार मिलने की संभावना कम ही होती है। इस मामले को रेलवे बोर्ड के स्थायी वार्ता तंत्र (पीएनएम) की बैठक में नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेल मेन (एनएफआइआर) ने अप्रैल में उठाया था। तर्क दिया था कि चालक के सेवानिवृत्त होने के समय दी जाने वाले सर्विस बुक में दुर्घटनारहित ट्रेन चलाने का प्रमाण पत्र भी शामिल होता है। ऐसे में पुरस्कार के लिए आवेदन की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए। सेवानिवृत्त चालकों को पुरस्कार मिलने में पांच साल का समय लग जाता है। रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर सेफ्टी (थर्ड) पी श्रीनिवास ने 10 जून को इस संबंध में पत्र जारी किया। इसमें बताया है कि एनएफआइआर की मांग पर रेलवे बोर्ड ने दुर्घटना रहित पुरस्कार के लिए नियम को सरल कर दिया है। सेवानिवृत्त होने के समय दुर्घटना रहित पुरस्कार राशि भी दी जाएगी। सेवानिवृत्त होने वाले अधिकांश चालकों का वेतन एक लाख रुपये के आसपास हो जाता है। तीन माह के वेतन के बराबर दुर्घटना रहित पुरस्कार राशि देने का प्रावधान है। चालकों को तीन लाख रुपये के आसपास पुरस्कार राशि मिल जाएगी। मंडल रेल प्रबंधक अजय कुमार सिंघल ने बताया कि बोर्ड के नए आदेश के अनुसार अब दुर्घटना रहित पुरस्कार दिए जाएंगे।

अब सेवानिवृत्त होने के साथ ही ट्रेन चालकों को तीन लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। यह पुरस्कार उन्हें अपने कार्यकाल में दुर्घटनारहित ट्रेन संचालन के लिए मिलेगा। रेलवे बोर्ड ने इसके लिए नियमों को आसान किया है। इससे देश …

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अमरनाथ यात्रा पर खराब मौसम का ब्रेक, आज पूरी तरह रोकी गई

जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही बारिश के चलते भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिसके बाद एहतियातन आज अमरनाथ यात्रा पूरी तरह से रोक दी गई है. खराब मौसम को देखते हुए श्रद्धालुओं को जम्मू कैंप पर ही रोका गया है. अधिकारियों ने बताया कि कई जगहों पर भूस्खलन की वजह से काली माता ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया है जिसकी वजह से बालटाल मार्ग से अमरनाथ यात्रा को रोकना पड़ा है. 28 जून को यात्रा के पहले दिन से ही बारिश हो रही है. जिससे लगातार तीसरे दिन अमरनाथ यात्रा पर खराब मौसम ने ब्रेक लगा दिया है. सड़कों की हालत इतनी खराब है कि बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों से यात्रा रोक दी गई है. पवित्र गुफा के रास्ते में करीब 100 मीटर का ट्रैक बारिश में बह गया है. इसके अलावा छोटे-छोटे पुल भी तेज धार में बह गए हैं. इससे पहले खराब मौसम ने अमरनाथ यात्रा के पहले दिन ही भारी व्यवधान पैदा किया, जिसकेचलते केवल 1,007 श्रद्धालु ही गुफा मंदिर में बर्फ से बने शिवलिंग के दर्शन कर पाए. वहीं, मौसम विभाग ने अभी मौसम खुलने का अनुमान नहीं जताया है. खराब मौसम और आतंकी खतरे के बावजूद श्रद्धालुओं का हौसला डिगा नहीं है. 60 दिन की इस यात्रा के लिए अभी तक दो लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है. इस यात्रा का समापन 26 अगस्त को होगा. 'रक्षाबंधन' का त्योहार भी इसी दिन पड़ रहा है.

जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही बारिश के चलते भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिसके बाद एहतियातन आज अमरनाथ यात्रा पूरी तरह से रोक दी गई है. खराब मौसम को देखते हुए श्रद्धालुओं को जम्मू कैंप पर ही रोका …

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BJP का कर्नाटक में विधायक तोड़ो प्लान, येदियुरप्पा बोले- बजट तक करेंगे इंतजार

कर्नाटक में सत्तारूढ़ गठबंधन के कुछ सदस्यों में असंतोष के बीच भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने की उम्मीद में बैठ हुई है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा ने शनिवार को कहा कि यदि कांग्रेस और जेडीएस के नेता बीजेपी में आना चाहते हैं तो उनका स्वागत है. साथ ही उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं से भी अपील की कि डरें नहीं कि नए लोग पार्टी में जगह ले लेंगे. हम सब मिलकर काम करेंगे. येदियुरप्पा ने शुक्रावार को दावा किया था कि कांग्रेस और जेडीएस के कई नेता उनकी पार्टी में शामिल होने को तैयार हैं. विधानसभा में विपक्ष के नेता येदियुरप्पा ने यहां बीजेपी की राज्य कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन को 'अपवित्र गठबंधन' भी करार दिया. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह संयम रखेंगे और जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाएंगे. गठबंधन पहले से ही काफी अस्थिर है. जेडीएस और कांग्रेस का अपवित्र गठबंधन अपने आप गिर जाएगा और यह पांच साल पूरे नहीं करेगा. हम बजट पेश करने तक इंतजार करेंगे और उसके बाद अपना अगला कदम उठाएंगे. बागियों को बीजेपी में लाओ येदियुरप्पा ने अपनी पार्टी के लोगों से कहा कि वे 2019 के आम चुनाव में राज्य की 28 लोकसभा सीटों में 25 पर बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने की दिशा में काम करें. उन्होंने कहा, 'कांग्रेस और जेडीएस के कई नेता मौजूदा राजनीतिक स्थिति में बीजेपी में शामिल होने को तैयार हैं. मैं नेताओं से अपील करता हूं कि वे ईमानदार और सक्षम लोगों को लाकर पार्टी को मजबूत करने की दिशा में काम करें.' उन्होंने कहा , 'जो लोग बीजेपी में आने को तैयार हैं , हमें उन तक, उनके घरों तक व्यक्तिगत रूप से जाना होगा और उन्हें पार्टी में लाने तथा लोकसभा चुनाव के वास्ते पार्टी को मजबूत करने के लिए उनसे बात करनी होगी.' इससे पहले जब कैबिनेट विस्तार के बाद कांग्रेस और जेडीएस, दोनों में व्यापक असंतोष था, तब येदियुरप्पा ने दावा किया था कि सत्तारूढ़ गठबंधन के कई नेता उनकी पार्टी में शामिल होने को इच्छुक हैं. अटकलों को किया खारिज बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मिलने के लिए येदियुरप्पा की हालिया अहमदाबाद यात्रा के बाद ये अटकलें लगाई जा रही थीं कि कांग्रेस के कई असंतुष्ट विधायक उनके संपर्क में हैं और पाला बदलने के लिए तैयार हैं, जिससे बीजेपी राज्य में एक बार फिर सरकार बनाने की कोशिश कर सकती है. हालांकि, येदियुरप्पा ने यह कहते हुए इन अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश की थी कि वह शाह को पार्टी की राज्य कार्यकारिणी की बैठक के लिए आमंत्रित करने वहां गए थे. बहुमत नहीं कर पाए थे साबित येदियुरप्पा ने पिछले महीने विधानसभा में विश्वासमत का सामना किए बगैर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था क्योंकि बीजेपी बहुमत जुटाने में विफल रही थी. इस साल मई में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव के बाद शुक्रवार बीजेपी की राज्य कार्यकारिणी की पहली बैठक हुई. इसमें पार्टी महासचिव मुरलीधर राव , केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार , रमेश जिगाजिनगी और पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार सहित अन्य नेता शामिल हुए.

कर्नाटक में सत्तारूढ़ गठबंधन के कुछ सदस्यों में असंतोष के बीच भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने की उम्मीद में बैठ हुई है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा ने शनिवार को कहा कि  यदि कांग्रेस और जेडीएस के नेता …

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मंदसौर रेप केस: दूसरा आरोपी भी हिरासत में, फांसी की मांग को लेकर प्रदर्शन

मंदसौर: मंदसौर में आठ वर्षीय बालिका से दरिंदगी का पहला आरोपी कल ही पकड़ा गया था अब मामले में दूसरा आरोपी भी पुलिस की गिरफ्त में है. इरफ़ान के बाद अब आसिफ जो 24 साल पुलिस रिमांड पार भेजा गया है. आसिफ (24) निवासी मदारपुरा बालिका को स्कूल से लाया और इरफान उर्फ भय्यू खां मेव को सौपा. मंगलवार शाम स्कूल की छुट्टी के बाद जब बालिका घर नहीं पहुंची तो परिजन ने खोजबीन के बाद गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई . बुधवार सुबह करीब 11.30 बजे वह बस स्टैंड के पीछे लक्ष्मण दरवाजे के पास झाड़ियों के बीच नाले किनारे हर तरह की चोट खाई हालत में थी. इंदौर लेन पार डॉक्टर्स ने उसके तीन ऑपरेशन किये और उसकी आते काटना पड़ी. डॉक्टर भी रो पड़े जब उन्होंने ये पुष्टि कि की बच्ची के गुप्तांग को किसी धारदार हथियार से या लकड़ी जैसी चीज से डैमेज किया गया है. वही सियासी दांव खेलने के लिए शुक्रवार को मंदसौर के सांसद सुधीर गुप्ता, विधायक सुदर्शन गुप्ता जब अस्पताल पहुंचे तो उन्होंने एक शर्मनाक काम भी कर दिया. विधायक गुप्ता का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमे गुप्ता पीड़िता के परिजनों से कह रहे हैं कि सांसद जी को धन्यवाद दो कि वह यहां मिलने आए हैं. दोनों बड़े हसते हुए पीड़ित परिवार से मिल रहे है और उनके हावभाव से जरा भी नहीं लग रहा है कि उन्हें इस घटना से किसी तरह कि सहानुभूति है. वो बस खाना पूर्ति और खबर बनाये जाने के लिए आये है कि सांसद और विधायक जनता के साथ है और उसके दर्द में शामिल है . मगर उनके कारनामे में उनके मन की बात झलक गई.

मंदसौर: मंदसौर में आठ वर्षीय बालिका से दरिंदगी का पहला आरोपी कल ही पकड़ा गया था अब मामले में दूसरा आरोपी भी पुलिस की गिरफ्त में है. इरफ़ान के बाद अब आसिफ जो 24 साल पुलिस रिमांड पार भेजा गया …

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खूंटी में सफलता आंशिक है- रघुबर दास

हाल ही में खूंटी झारखण्ड से तीन जवानो को पत्थलगड़ी समर्थको ने अगुवा कर लिया गया था और उन्हें 50 घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस ने ढूंढ़ निकला था. अब मामले पर जमशेदपुर में सीएम रघुवर दास ने कहा कि खूंटी में अभी आंशिक सफलता मिली है, पूर्ण सफलता मिलना बाकी है. जब तक वहां कानून का राज स्थापित नहीं हो जाता, तब तक हमारे पुलिस के जवान वहां तैनात रहेंगे. सीएम ने पत्थलगड़ी नेता यूसुफ पूर्ति पर निशाना साधते हुए कहा कि खुद यूनियन बैंक में अकाउंट खोलने वाला और शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन करने वाला भोले-भाले आदिवासियों को बरगलाने का काम कर रहा है. सूबे में अब इस तरह की राजनीति नहीं चलेगी. अगुवा किये गए जवानो को पुलिस ने सैको थाना के पास से रिहा करवाया. जवान बीजेपी सांसद करिया मुंडा के घर तैनात थे. इसके बाद यूसुफ पूर्ति ने जवानों की रिहाई के लिए पत्थलगड़ी पर ग्रामसभा में बहस की शर्त रखी. पिछले कई महीने से खूंटी में पत्थलगड़ी आंदोलन जारी है.

हाल ही में खूंटी झारखण्ड से तीन जवानो को पत्थलगड़ी समर्थको ने अगुवा कर लिया गया था और उन्हें 50 घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस ने ढूंढ़ निकला था. अब मामले पर जमशेदपुर में सीएम रघुवर दास ने कहा …

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गरीबों में राशन दुकानों से सस्ती दर पर दाल बांटने की तैयारी

गरीबों में राशन दुकानों से सस्ती दर पर दाल बांटने की तैयारी की जा रही है। इस बारे में उपभोक्ता व खाद्य मंत्रालय कैबिनेट नोट तैयार कर रहा है। सरकारी स्टॉक में फिलहाल 55 लाख टन दालें पड़ी हुई हैं, जिन्हें बाजार के हिसाब से अधिक मूल्य पर खरीदा गया है। अगर उसे खुले बाजार में बेचना पड़ा तो भारी घाटा उठाना पड़ेगा। घाटे के इस सौदे से बचने के लिए देश के 201 पिछड़े जिलों में सस्ती दर पर दालों को बेचने पर विचार किया जा रहा है। सरकारी स्टॉक की दालों को खपाने के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवों की समिति की बैठक बुलाई गई है। बैठक में बफर स्टॉक की पुरानी पड़ी दालों के साथ मूल्य समर्थन योजना के तहत खरीदी दालों को पिछड़े जिलों में बांटे जाने पर कोई अहम फैसला लिया जा सकता है। महंगी दाल खरीद कर बाजार में निजी व्यापारियों को सस्ते में बेचना सरकार को भारी पड़ सकता है। दलहन फसलों की सरकारी एजेंसी नैफेड ने चालू सीजन में 43 लाख टन से अधिक की खरीद कर ली है। कई राज्यों में अभी भी खरीद चालू है। इनमें चना, अरहर, मसूर, उड़द और मूंग है। सारी दालें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदी गई हैं। जबकि खाद्य मंत्रालय के बफर स्टॉक में 12 लाख टन पुरानी दाल पड़ी हुई है। इसमें काफी दालें बाजार भाव पर खरीदी गई हैं। कुछ दालें आयातित हैं। देश के चिन्हित 201 पिछड़े जिले के उपभोक्ताओं को इसका लाभ दिया जाएगा। केंद्रीय उपभोक्ता मामले व खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने बताया कि इस बारे में विस्तृत विचार-विमर्श हो चुका है। इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी जल्द ही ले ली जाएगी। दलहन कारोबार के एक जानकार व्यापारी ने बताया कि अरहर को छोड़कर बाकी सभी दलहन फसलें साबुत भी खाई जाती हैं, इसलिए राशन प्रणाली के तहत उपभोक्ताओं को दालें बांटना बहुत आसान है। दालों में सबसे अधिक सरकारी खरीद चने की हुई है। यह 25 लाख टन से भी अधिक है। 20 लाख टन अरहर, चार लाख टन उड़द, तीन लाख टन मूंग और इतनी ही मात्रा में मसूर खरीदी गई है। मानसून के सक्रिय होने के साथ ही सरकारी खरीद ठप होने लगी है।

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