दुनिया

ईरान ने भारत को याद दिलाई दोस्ती, कहा- तेल देने को उठाएंगे हरसंभव कदम

भारत के तेल और ऊर्जा साझेदार रहे ईरान ने कहा है कि वह भारत को तेल आपूर्ति सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी हरसंभव कोशिश करेगा. उसने जोर देकर कहा है कि वह भारत का भरोसेमंद ऊर्जा साझेदार रहा है. यह स्पष्टीकरण ईरान के दूतावास की ओर से आया है. आपको बता दें कि ईरान के उप राजदूत ने मसूद रिजवानियन रहागी ने दो दिन पहले ही कहा था कि अमेरिकी प्रतिबंध के बाद अगर भारत ने ईरान से तेल आयात में कटौती की तो ईरान भारत को मिलने वाली विशिष्ट सहूलियतें बंद कर देगा. अब ईरानी दूतावास ने कहा है कि वह अस्थिर ऊर्जा बाजार से निपटने में भारत को हो रही दिक्कतों को समझता है. उसने कहा कि ईरान द्विपक्षीय व्यापार और खास तौर पर ईरानी तेल के आयात को बनाए रखने के लिए विभिन्न कदम उठाएगा और भारत की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगा. रहागी ने मंगलवार को कहा था कि अगर भारत ने सऊदी अरब, रूस, इराक, अमेरिका या किसी दूसरे देश से तेल मंगाने की कोशिश की तो भारत को दी जाने वाली विशिष्ट सहूलियतें बंद कर दी जाएंगी. आपको बता दें कि अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने मई में ईरान न्यूक्लियर डील से अलग होने के बाद ईरान पर नए प्रतिबंध थोप दिए हैं. अमेरिका ने भारत और दूसरे देशों से कहा है कि 4 नवंबर तक ईरान से तेल का आयात बंद कर दें वरना प्रतिबंध भुगतने को तैयार रहें. भारत ने अभी इस मामले पर कोई फैसला नहीं लिया है या स्पष्ट रुख नहीं दिखाया है . नई दिल्ली में मौजूद ईरानी दूतावास की ओर से कहा गया है कि ईरान हमेशा से भारत समेत दूसरे देशों का भरोसेमंद ऊर्जा साझेदार रहा है. ईरान की कोशिश तेल बाजार में संतुलन लाने और तार्किक कीमतें बनाए रखने की रही हैं. ईरान ने कहा है कि उसने हमेशा से आयतक और निर्यातक देशों के हितों का ध्यान रखा है. रहागी ने चाबहार बंदरगाह के विस्तार के लिए इसमें निवेश बढ़ाने के वादे को पूरा न करने पर भारत की आलोचना की थी. ईरानी दूतावास ने कहा है कि उनका देश चाबहार में भारतीय निवेशक कंपनियों का हमेशा स्वागत करता रहा है. दूतावास ने कहा है कि भारत और ईरान कई अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मसलों पर समान राय रखते हैं और वैश्विक शांति के लिए परस्पर सहयोगी रहे हैं.

भारत के तेल और ऊर्जा साझेदार रहे ईरान ने कहा है कि वह भारत को तेल आपूर्ति सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी हरसंभव कोशिश करेगा. उसने जोर देकर कहा है कि वह भारत का भरोसेमंद ऊर्जा साझेदार रहा है. …

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अब ईरान की भारत को चेतावनी

ईरान ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि भारत की ओर से चाबहार पोर्ट परियोजना पर कम निवेश होता है और तेल के आयात में कटौती की जाती है तो उसका 'विशेष देश' का दर्जा खत्म कर दिया जाएगा. ईरान के उप-राजदूत मसूद रेजवानियन राहागी ने कहा कि यदि भारत ने ईरान से तेल के आयात में कटौती कर सऊदी अरब, रूस, इराक, अमेरिका और अन्य देशों से आयात में इजाफे का प्रयास किया तो उसे मिल रहे सभी विशेषाधिकार वापस ले लिए जाएंगे. उन्होंने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत की ओर से चाबहार पोर्ट के विस्तार और उसके कनेक्टिविटी प्रॉजेक्ट्स में निवेश किए जाने के वादे पर अभी बहुत प्रगति नहीं दिखी है. यह उम्मीद की जाती है कि यदि चाबहार पोर्ट को लेकर भारत रणनीतिक साझेदारी चाहता है तो वह तत्काल इस ओर ध्यान दे और जरूरी कदम उठाए.' राहागी ने 'ग्लोबल डिप्लोमेसी में उभरती चुनौतियां एवं अवसर और भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर प्रभाव' नाम से आयोजित सेमिनार में यह बात कही. चाबहार पोर्ट को भारत, ईरान और अफगानिस्तान के लिए मध्य एशिया के देशों के साथ कारोबार के लिए रणनीतिक तौर पर बेहद अहम है. ऐसे में ईरान ने भारत की चिंता बढ़ा दी है. गौरतलब है कि अमरीका और ईरान के बिगड़ते संबंधो के चलते अमरीका ने भारत सहित समूचे विश्व को ईरान से तेल न खरीदने की हिदायत ही है .

ईरान ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि भारत की ओर से चाबहार पोर्ट परियोजना पर कम निवेश होता है और तेल के आयात में कटौती की जाती है तो उसका ‘विशेष देश’ का दर्जा खत्म कर …

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ट्विटर पर फॉलो किए जाने वाले मामले में पीएम मोदी तीसरे बड़े नेता

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पोप फ्रांसिस के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्विटर पर फॉलो किए जाने वाले तीसरे सबसे बड़े नेता हैं। मोदी को व्यक्तिगत तौर पर फॉलो करने वाले लोगों की संख्या जहां 4.3 करोड़ हैं वहीं संस्थागत तौर पर उनको फॉलो करने वालों की संख्या 2.6 करोड़ है। अंतरराष्ट्रीय संगठनों और सरकारों की डिजिटल नीति को प्रोत्साहित करने वाले डिजिटल प्लेटफार्म 'टिप्लोमेसी' की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 12 महीनों के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने 26.4 करोड़ पारस्परिक संवाद किए, जो पीएम मोदी के 5.2 करोड़ संवादों की तुलना में पांच गुना अधिक है। टिप्लोमेसी ने 187 देशों के राज्य और केंद्र की सरकार के नेताओं के 951 ट्विटर अकाउंट का अध्ययन किया था। इनमें 372 व्यक्तिगत थे जबकि 579 व्यवसायिक अकाउंट थे। पीएम मोदी के अलावा टॉप-10 की सूची में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, जार्डन की महारानी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति हैं। इन सभी के एक करोड़ से ज्यादा फॉलोवर हैं। सुषमा स्वराज एकमात्र विदेश मंत्री हैं, जिन्हें सबसे ज्यादा 1.1 करोड़ लोग फालो करते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक अकाउंट (2.3 करोड़) को जहां पांचवां स्थान मिला है वहीं व्हाइट हाउस के ट्विटर एकाउंट को (1.7 करोड़) सूची में छठा स्थान मिला है। विश्व के 69 नेताओं के एक करोड़ से ज्यादा फॉलोवर हैं। लाओस, मउरिटियान, निकारागुआ, उत्तर कोरिया, स्वाजीलैंड और तुर्कमेनिस्तान की सरकारों की सोशल मीडिया ट्विटर पर कोई उपस्थिति नहीं है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पोप फ्रांसिस के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्विटर पर फॉलो किए जाने वाले तीसरे सबसे बड़े नेता हैं। मोदी को व्यक्तिगत तौर पर फॉलो करने वाले लोगों की संख्या जहां 4.3 करोड़ हैं …

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थाईलैंड: बच्चों के लापता होने से लेकर गुफा से बाहर आने तक की पूरी कहानी, ऐसे बीते 18 दिन

थाईलैंड की गुफा में फंसे 12 फुटबॉलर बच्चों समेत उनके कोच को आखिरकार सुरक्षित बचा लिया गया है. लंबी जद्दोजहद के बाद मंगलवार को वह वक्त आया जब स्पेशल रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया गया. इस घटना ने पूरी दुनिया की नजर खींची और हर तरफ बच्चों के लिए मन्नतें की गईं. अब इन बच्चों को डॉक्टरों की देखरेख में रखा गया है. ये है पूरा घटनाक्रम उत्तरी थाईलैंड में 23 जून को बाढ़ का पानी भरने से वहां घूमने गए 12 फुटबॉलर बच्चे और उनके कोच फंस गए. रात होने पर जब बच्चे घर नहीं लौटे तो उनके अभिभावकों ने लापता होने की शिकायत दर्ज कराई. गुफा के प्रवेश द्वार पर लड़कों की साइकिलें मिलीं और रात में तलाशी अभियान शुरू किया गया. 24 जून: स्थानीय प्रशासन, पुलिस और बचाव कर्मियों वाली टीम ने तलाश शुरू की. 25 जून: तलाश अभियान को आगे बढ़ाते हुए लड़कों के आगे बढ़ने वाले रास्ते को खंगाला गया. 26 जून: थाई नौसेना की सील के सदस्य और अन्य अभियान से जुड़े. गृह मंत्री अनुपोंग पाओजिंदा ने कहा कि गुफा के रास्ते में पानी भर गया है. 27 जून: भारी बारिश से अभियान प्रभावित हुआ. अमेरिकी सेना, ब्रिटेन के गुफा विशेषज्ञ और गुफा की जानकारी रखने वाले कई अन्य शख्स इस अभियान से जुड़े. 28 जून: पहाड़ के बाहर से छेद कर गुफा से पानी निकालने की कोशिश शुरू हुई. गुफा के अन्य प्रवेश द्वार की तलाश शुरू हुई. 29 जून: प्रधानमंत्री प्रयुत चान-ओचा गुफा के पास पहुंचे और परिजनों से उम्मीदें नहीं छोड़ने का अनुरोध किया. 30 जून: लापता लड़कों की जगह का पता लगाने के लिए प्रयास फिर शुरू हुआ. ऑस्ट्रेलिया और चीन सहित दुनिया के और विशेषज्ञ बचाव दल में शामिल हुए. 1 जुलाई: बचाव के कार्य में लगे गोताखोर गुफा के भीतर आगे बढ़ने में सफल रहे. 2 जुलाई: गुफा की जानकारी रखने वाले दो ब्रिटिश विशेषज्ञों ने लापता लड़कों और उनके कोच की जगह का पता लगा लिया. बच्चों के साथ बातचीत का वीडियो रिकार्ड किया गया. 3 जुलाई: वीडियो जारी किया गया. बच्चे आपस में बातचीत करते दिखे. 4 जुलाई: नौसेना सील के सात सदस्य और एक डॉक्टर ने बच्चों तक खाना और दवा पहुंचाने का अभियान चलाया. बच्चों को निकालने के विभिन्न विकल्प पर चर्चा हुई. 5 जुलाई: लड़कों को गोताखोरी के तरीकों के बारे में बताया गया. गुफा में भरे पानी को निकालने का अभियान और तेजी से चलाया गया. 6 जुलाई: आगे खतरा बढ़ने की आशंका के चलते अधिकारियों ने लड़कों को जल्द से जल्द निकालने का संकेत दिया. गुफा के भीतर आक्सीजन स्तर घटने को लेकर चिंता बढ़ी. अभियान के दौरान आक्सीजन की कमी से सील के पूर्व सदस्य की मौत हो गई. 7 जुलाई: बारिश की आशंका के कारण अधिकारियों ने अगले कुछ दिनों में बच्चों को निकालने का सुझाव दिया. 8 जुलाई: अधिकारियों ने कहा कि बचाव अभियान शुरू करने का वक्त आ चुका है. गोताखोरों ने संकरे रास्ते से चार लड़कों को बाहर निकाल लिया. 9 जुलाई: बचाव अभियान के दूसरे दिन चार और लड़कों को बाहर निकाला गया. 10 जुलाई: बचाव अभियान के तीसरे दिन गोताखोरों ने बाकी चार लड़कों और उनके कोच को बाहर निकाला. इस तरह दो हफ्ते से ज्यादा समय तक चले इस अभियान का अंत हुआ.

थाईलैंड की गुफा में फंसे 12 फुटबॉलर बच्चों समेत उनके कोच को आखिरकार सुरक्षित बचा लिया गया है. लंबी जद्दोजहद के बाद मंगलवार को वह वक्त आया जब स्पेशल रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया गया. इस घटना ने पूरी दुनिया …

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थाईलैंड रेस्क्यू ऑपरेशन में इस भारतीय इंजीनियर का भी हाथ, ऐसे किया कमाल

थाईलैंड में गुफा में फुटबॉल टीम के 12 बच्चों और उनके कोच की जान बचाने में महाराष्ट्र के सांगली जिले के किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड कंपनी के डिजाइनिंग इंजीनियर प्रसाद कुलकर्णी ने अहम भूमिका निभाई. बता दें कि थाईलैंड की गुफा में फंसे 12 फुटबॉलर बच्चों समेत उनके कोच को सुरक्षित बचा लिया गया है. लंबी जद्दोजहद के बाद मंगलवार को वह वक्त आया जब स्पेशल रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया गया. इस घटना ने पूरी दुनिया की नजर खींची और हर तरफ बच्चों के लिए मन्नतें की गईं. अब इन बच्चों को डॉक्टरों की देखरेख में रखा गया है. गुफा में फुटबॉल टीम और उनके कोच 23 जून से फंसे हुए थे. उसी वक्त शुरू हुई तेज बारिश के कारण गुफा से बाहर आने के रास्ता बंद हो गया था और सभी लोग गुफा में फंस गए थे. कई देशों की टीम्स इनको बचाने के लिए रवाना हुई थी. तभी थाईलैंड सरकार ने भारत सरकार से किर्लोस्कर पंप भिजवाने की मांग की. ताकि गुफा में भरे पानी को बाहर निकाला सके. बता दें कि बैंकॉक में किर्लोस्कर कंपनी की एक ब्रांच है, जंहा से यह पंप मुहैया कराए गए. उनको सुचारू रूप से शुरू करने के लिए सांगली जिले के प्रसाद कुलकर्णी अपनी टीम के साथ थाईलैंड गए थे. जहां बीच जंगल में जनरेटर के जरिए उन्होंने ये पंप शुरू किए. वहीं, थाईलैंड सरकार ने प्रसाद कुलकर्णी और उनकी टीम का शुक्रिया अदा किया है. गुरुवार या शुक्रवार को यह टीम भारत वापस आने वाली है. इससे पहले 2011 में भी जब ऐसी ही भयंकर बाढ़ थाईलैंड में आई थी तब बैंकॉक में स्थित किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड ने अतुलनीय मददकार्य करके आपदाग्रस्त लोगों को बचाया था. प्रचंड शक्तिशाली किर्लोस्कर पंप के जरिए बहुत ही तेजी से बाढ़ का पानी निकाला गया था.

थाईलैंड में गुफा में फुटबॉल टीम के 12 बच्चों और उनके कोच की जान बचाने में महाराष्ट्र के सांगली जिले के किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड कंपनी के डिजाइनिंग इंजीनियर प्रसाद कुलकर्णी ने अहम भूमिका निभाई. बता दें कि थाईलैंड की गुफा …

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पेशावर: आत्मघाती हमले में एएनपी नेता सहित 14 की मौत

आतंकवादियों के गढ़ पाकिस्तान को भी आतंकियों ने नहीं बक्शा है, ये बात कई बार साबित हो चुकी है और अब एक बार फिर पेशावर शहर में आत्मघाती बम हमला 14 लोगों की जान ले गया. इस हमले में 65 अन्य घायल भी हो गए है. हैं. मंगलवार रात की ये घटना याकातूत इलाके में घटी जिसके बाद घायलों को पास के लेडी रीडिंग अस्पताल रेफेर किया गया और राहत एवं बचाव टीम सुबह तक अपने काम में लगी हुई थी. यहाँ एक एक चुनावी बैठक चल रही थी जिस पर हुए आत्मघाती विस्फोट में अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) के नेता हारून बिल्लौर सहित कम से कम 14 लोगों के मरने की खबर . एएनपी के कार्यकर्ता और हारून बिल्लौर चुनाव संबंधी एक बैठक कर रहे थे तभी अचानक ये आत्मघाती हमला हुआ जिससे वह मौजूद लगभग 300 लोग घबरा कर भागने लगे, विस्फोट से और भगदड़ से कई लोग घायल भी हो गए. अवामी नेशनल पार्टी के हारून बिल्लौर गंभीर रूप से घायल हो गए और लेडी रीडिंग अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. बम निरोधक दस्ते (बीडीएस) के अधिकारी ने बताया कि हमले में कम से कम 12 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री का इस्तेमाल हुआ है. गौरतलब है कि हारून बिल्लौर के पिता बशीर अहमद बिल्लौर भी 2012 में पेशावर में पार्टी की एक बैठक के दौरान ऐसे ही एक आत्मघाती हमले में मारे गए थे. हमला तालिबानी हमलावर ने किया था.

आतंकवादियों के गढ़ पाकिस्तान को भी आतंकियों ने नहीं बक्शा है, ये बात कई बार साबित हो चुकी है और अब एक बार फिर पेशावर शहर में आत्मघाती बम हमला 14 लोगों की जान ले गया. इस हमले में 65 …

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थाईलैंड की गुफा से बच्चों को निकालने में भारत का भी योगदान

फुटबॉल टीम के 12 बच्चों और उनके कोच को थाईलैंड की गुफा से निकाल लिया गया है. इस मुहीम में महाराष्ट्र के सांगली जिले के किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड कंपनी के डिजाइनिंग इंजीनियर प्रसाद कुलकर्णी ने भी बड़ा किरदार अदा किया है और बच्चों की जान बचाई है. मंगलवार शाम को स्पेशल रेस्क्यू ऑपरेशन सफलता से पूरा हुआ.कोशिशे और मुरादें काम आई. फ़िलहाल बच्चे डॉक्टरों की निगरानी में है. 23 जून से गुफा में फुटबॉल टीम और उनके कोच फस गए थे . तेज बारिश के कारण गुफा से बाहर आने के रास्ता बंद हो गया था. बचाव दल के कहने पर थाईलैंड सरकार ने भारत सरकार से किर्लोस्कर पंप भिजवाने की मांग की. ताकि गुफा में भरे पानी को बाहर निकाला सके. बैंकॉक में किर्लोस्कर कंपनी की एक ब्रांच से पंप मुहैया किये जाने के बाद उहने सेट करने के लिए सांगली जिले के प्रसाद कुलकर्णी अपनी टीम के साथ थाईलैंड पहुंचे. इससे पहले 2011 में भी भयंकर बाढ़ में थाईलैंड की मदद बैंकॉक स्थित किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड ने की थी और लोगों की जान बचाई थी. बहरहाल बच्चे तेजी से ठीक हो रहे है और डॉक्टर्स का कहना है कि वे स्वस्थ है और जल्द ही फीफा वर्ल्ड कप के फाइनल का नज़ारा करने रूस जा सकते है जिसका निमंत्रण उन्हें गुफा में फ़से होने के दौरान ही मिल गया था.

फुटबॉल टीम के 12 बच्चों और उनके कोच को थाईलैंड की गुफा से निकाल लिया गया है. इस मुहीम में महाराष्ट्र के सांगली जिले के किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड कंपनी के डिजाइनिंग इंजीनियर प्रसाद कुलकर्णी ने भी बड़ा किरदार अदा किया …

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रूस में देखा गया किम जोंग उन का प्राइवेट जेट, दौरे को लेकर अटकलें तेज़

उड़ानों पर निगरानी रखने वाली एक वेबसाइट ने सोमवार को उत्तर कोरिया के तनाशाह किम जोंग उन के प्राइवेट जेट को रूसी शहर व्लादिवोस्तोक की परिधि में पाया, जिससे उनके दौरे की तैयारियों की चर्चाओं को बल मिला है. समाचार एजेंसी एफे की रिपोर्ट के मुताबिक, फ्लाइटरडार24 ने सोमवार को व्लादिवोस्तोक में चेम्माए-1 जेट को उतरते और उसके सिर्फ तीन घंटे बाद प्योंगयांग की ओर रवाना होते हुए देखा. रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तरी कोरियाई शासन की बातों का खुलासा न करने वाले रुख के बावजूद रूसी क्षेत्र में चेम्माए-1 के छोटे से दौरे ने चर्चाओं को हवा दी है कि किम सितंबर में शहर की संभावित यात्रा कर सकते हैं, जिसकी तैयारी के लिए उनकी टीम ने यह यात्रा की है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने किम को रूस के तटीय शहर व्लादिवोस्तोक में अगले सितंबर महीने में पूर्वी आर्थिक मंच में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था, हालांकि प्योंगयांग ने आमंत्रण पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. जून में हुए थी ट्रंप-किम मुलाकात आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई तनाशाह किम जोंग उन 12 जून को सिंगापुर के एक होटल में ऐतिहासिक शिखर वार्ता के लिये मिले थे. दोनों की करीब 50 मिनट मुलाकात तक चली थी जिसके बाद ट्रंप और किम ने सिंगापुर समझौते पर हस्ताक्षर किया था. समझौते पर हस्ताक्षर के बाद डोनल्ड ट्रंप ने कहा था कि यह काफी व्यापक और महत्वपूर्ण दस्तावेज है. 70 सालों में पहली बार था जब अमेरिका के कोई राष्ट्रपति उत्तर कोरिया के किसी शासक से मुलाकात कर रहे हों. अमेरिका ने सिंगापुर सम्मेलन से पहले कहा था कि उत्तर कोरिया के साथ चर्चा 'उम्मीद से ज्यादा तेजी' से बढ़ रही है. वहीं उत्तर कोरिया ने कहा कि संबंधों का नया दौर शुरू हो चुका है. आपको ये भी बता दें कि इस मुलाकात के बाद दुनिया पर मंडरा रहे परमाणु युद्ध के ख़तरे पर हालिया विराम लग गया है.

उड़ानों पर निगरानी रखने वाली एक वेबसाइट ने सोमवार को उत्तर कोरिया के तनाशाह किम जोंग उन के प्राइवेट जेट को रूसी शहर व्लादिवोस्तोक की परिधि में पाया, जिससे उनके दौरे की तैयारियों की चर्चाओं को बल मिला है. समाचार एजेंसी एफे …

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ब्रेक्जिट मुद्दे पर ब्रिटेन के विदेश मंत्री का इस्तीफा

प्रधानमंत्री टेरीजा मे की ब्रेक्जिट रणनीति से नाराज विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन ने इस्तीफा दे दिया। उनका इस्तीफा ब्रेक्जिट मंत्री डेविड डेविस के इस्तीफे के एक घंटे के भीतर आया। डेविड यूरोपीय संघ से अलग होने के मामले में ब्रिटिश सरकार की ओर से मुख्य वार्ताकार थे। उनकी जगह डोमिनिक राब को नया मंत्री बनाया गया है। गौरतलब है कि 28 सदस्यीय यूरोपीय संघ से ब्रिटेन को 29 मार्च 2019 को बाहर हो जाना है। विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन के इस्तीफे से प्रधानमंत्री टेरीजा मे के लिए संकट बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। इस्तीफे के बाद जॉनसन ने कहा कि अगले साल ब्रेक्जिट के बाद समूह के साथ करीबी कारोबारी संबंध के लिए सरकार योजना घोषित करेगी। लेकिन देश की स्थिति ईयू के उपनिवेश जैसी हो जाएगी। इससे पहले इस्तीफा सौंपने वाले ब्रेक्जिट मंत्री डेविड ने कहा था कि उनका इरादा प्रधानमंत्री टेरीजा के खिलाफ बगावत को हवा देना नहीं है। डेविस को 2016 में ब्रेक्जिट मंत्री बनाया गया था। उस समय उनकी नियुक्ति से लोगों को बहुत हैरानी हुई थी। कई वरिष्ठ मंत्रियों पर तरजीह देकर उनको यह अहम जिम्मेदारी दी गई थी। डेविस ने मे को लिखे पत्र में कहा कि ब्रेक्जिट को लेकर अपनाई गई नीति के आम निर्देश हमें बातचीत की कमजोर स्थिति में लाकर छोड़ देंगे और शायद उससे बच निकलना भी मुश्किल होगा। अपने जवाब में मे ने कहा कि कैबिनेट में शुक्रवार को इस नीति पर सहमति बनी थी और इसके बारे में जो बात आप कह रहे हैं उससे मैं सहमत नहीं हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह उनके इस्तीफे से दुखी हैं। लेकिन, हर उस काम के लिए शुक्रिया अदा करना चाहती हैं, जो उन्होंने यूरोपीय संघ से निकलने को दिशा देने के लिए किया है। ब्रेक्जिट पर नया जनमत संग्रह नहीं होगा : प्रधानमंत्री मंत्रियों के इस्तीफे के बाद दबाव में आईं ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने सोमवार को कहा कि यूरोपीय संघ छोड़ने के अंतिम फैसले पर फिर से जनमत संग्रह नहीं कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन अनुच्छेद 50 को विस्तार नहीं देगा। ब्रिटेन के लोग चाहते हैं कि सरकार फिर से मतदान कराने की जगह ब्रेक्जिट करे। सरकार में बिखराव को देखते हुए उत्पन्न नेतृत्व की चुनौती के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि वह वही करना चाहेंगी जो ब्रिटेन के लोगों की इच्छा है।

प्रधानमंत्री टेरीजा मे की ब्रेक्जिट रणनीति से नाराज विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन ने इस्तीफा दे दिया। उनका इस्तीफा ब्रेक्जिट मंत्री डेविड डेविस के इस्तीफे के एक घंटे के भीतर आया। डेविड यूरोपीय संघ से अलग होने के मामले में ब्रिटिश …

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ब्रिटेन में राजनीतिक संकट गहराया! 24 घंटे में तीसरे मंत्री ने दिया इस्तीफा

पिछले 24 घंटों में ब्रिटेन सरकार के तीन मंत्रियों के इस्तीफे ने प्रधानमंत्री थेरेसा मे सरकार को राजिनिक संकट में डाल दिया है. ब्रेक्जिट मंत्री डेविस डेविस, जुनियर ब्रेक्जिट मंत्री स्टीव बेकर के इस्तीफे के बाद अब ब्रिटेन के विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन ने भी सरकार से इस्तीफा दे दिया है. ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे की ब्रेक्जिट रणनीति की वजह से अब सरकार की कैबिनेट में मतभेद खड़ा हो गया है. ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने की तारीख नज़दीक आने से पहले प्रधानमंत्री थेरेसा मे पर राजनीतिक दबाव बढ़ गया है. ऐसे में ब्रेक्जिट कैंपेन का चेहरा रहे और सरकार के नंबर टू की हैसियत रखने वाले ब्रिटेन के विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन का इस्तीफा थेरेसा मे के लिए तगड़ा झटका माना जा रहा है. इसे पढ़ें: टेरीजा मे को झटका, ब्रिटेन के ब्रेक्जिट मंत्री ने दिया इस्तीफा 2016 में ब्रिटेन की थेरेसा मे सरकार ने जनमत संग्रह के जरिए यूरोपीय संघ से बाहर निकलने का फैसला लिया था. इस फैसले के तहत ब्रिटेन को 28 सदस्यीय यूरोपीय संघ से 29 मार्च, 2019 को अलग होना है. लेकिन अभी भी ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन में इस बात पर सहमति नहीं बन पाई है कि ब्रेक्जिट के बाद दोनों के बीच व्यापार किस तरह का होगा. ऐसे असमंजस और अनिश्चितता के माहौल में देश में उपजे राजनीतिक संकट के बीच ऐसा माना जा रहा है कि थेरेसा मे सरकार से अभी कुछ और मंत्रियों के इस्तीफे होंगे. जिससे सरकार की मुश्किले बढ़ सकती है.

पिछले 24 घंटों में ब्रिटेन सरकार के तीन मंत्रियों के इस्तीफे ने प्रधानमंत्री थेरेसा मे सरकार को राजिनिक संकट में डाल दिया है. ब्रेक्जिट मंत्री डेविस डेविस, जुनियर ब्रेक्जिट मंत्री स्टीव बेकर के इस्तीफे के बाद अब ब्रिटेन के विदेश …

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