दुनिया

मलेशिया में चैनल खोलने जा रहा है जाकिर नाईक

विवादित इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाईक इन दिनों मलेशिया में है और खबर है कि वहा अपना नया चैनल खोलने जा रहा है. इस मामले पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रविश कुमार ने कहा, 'भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जाकिर नाईक का प्रस्ताव अभी पेंडिंग है. उनको जमीन दिए जाने के मामले में अभी कुछ भी कह पाना आसान नहीं है... इस फोरम पर हम कुछ नहीं कह सकते.' नाईक के भारत प्रत्यर्पण के बारे में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, 'हमने इस साल जनवरी में आपराधिक मामलों के आधार पर जाकिर नाईक के प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक अनुरोध किया था. इस स्थिति में मैं सिर्फ यही कह सकता हूं कि हमारा प्रत्यर्पण अनुरोध मलेशिया प्रशासन की ओर से विचाराधीन है.' उन्होंने आगे कहा, ' हम मलेशिया सरकार के साथ लगातार संपर्क में हैं. पिछले हफ्ते विवादित इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाईक ने मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद से मुलाकात जिसके एक दिन पहले ही मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर बिन मोहम्मद ने जाकिर नाईक को प्रत्यर्पित कर भारत भेजने से मना किया है. प्रधानमंत्री मोहम्मद ने कहा था कि जब तक वह हमारे देश में कोई दिक्कत खड़ी नहीं कर रहे हैं तब तक उनका प्रत्यर्पण नहीं किया जाएगा. जाकिर को मलेशिया की नागरिकता भी प्राप्त है.

विवादित इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाईक इन दिनों मलेशिया में है और खबर है कि वहा अपना नया चैनल खोलने जा रहा है. इस मामले पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रविश कुमार ने कहा, ‘भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से …

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तालिबानी हमले से 40 अफ़गानी सैनिक मारे गए

अफगानिस्तान के उत्तरी इलाके में देश के सुरक्षा बलों पर हुए तालिबान के हमलों में 40 सैनिक मारे गए हैं. रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद रादमनीश ने बताया कि कुंदुज प्रांत के दास्त अर्शी जिला में आतंकवादी ‘नाइट विजन गॉगल्स’ का इस्तेमाल करते हुए कई अफगान सैन्य ठिकानों और चौकियों पर हमले कर रहे हैं. वहीं, विद्रोहियों के खिलाफ हवाई और जमीनी अभियान जारी है. ताकहर गवर्नर के प्रवक्ता सुनातुल्ला तिमोर ने बताया कि गुरुवार दोपहर कुंदुज और ताकहर प्रांत के बीच सीमा पर स्थित एक सैन्य ठिकाने पर हुए हमले में 29 सुरक्षा बल मारे गए, जबकि 17 अन्य घायल हो गए. यहाँ पर एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हमे नुकसान पहुंचा है. तालिबान को भी नुकसान हुआ है.’ उन्होंने बताया कि अब तक 10 से 15 अफगान सैनिक मारे गए हैं और इतनी ही संख्या में घायल भी हुए हैं. हमले के बाद तालिबान ने दावा किया है कि उसके लड़ाकों ने एक सैन्य ठिकाने और 11 चौकियों पर कब्जा जमा लिया है साथ ही 65 सैनिकों और कई स्थानीय पुलिसकर्मियों को मार डाला है. एक वरिष्ठ कमांडर ने कहा, ‘ हमारे पास ‘नाइट विजन गॉगल्स’ नहीं है इसलिए तालिबान, सैनिकों के काफी नज़दीक पहुंच रहे हैं और उन्हें पता नहीं चल पा रहा है.’

अफगानिस्तान के उत्तरी इलाके में देश के सुरक्षा बलों पर हुए तालिबान के हमलों में 40 सैनिक मारे गए हैं. रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद रादमनीश ने बताया कि कुंदुज प्रांत के दास्त अर्शी जिला में आतंकवादी ‘नाइट विजन गॉगल्स’ …

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पाकिस्तान: मर्दों की भीड़ वाले चुनावी मैदान में हैं 31 साल की हिंदू महिला सुनीता परमार

पाकिस्तान: मर्दों की भीड़ वाले चुनावी मैदान में हैं 31 साल की हिंदू महिला सुनीता परमार

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान चुनाव के रंग में पूरी तरह से रंग गया है. इस बार के चुनाव में दिग्गज क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान से लेकर 26/11 हमले का मस्टार माइंड हाफिज सईद तक लड़ रहे हैं. लेकिन मर्दों …

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NATO की बैठक में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘रक्षा खर्च दो गुना करें सदस्य देश’

जी 7 देशों के हंगामेदार सम्मेलन के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस बार नाटो देशों की बैठक में कुछ नया करने की तैयारी में हैं। नाटो के सदस्य देशों से उन्होंने रक्षा खर्च बढ़ाकर दो गुना करने के लिए कहा है। जर्मनी को रूस का बंधक करार देने के बावजूद ट्रंप जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल से द्विपक्षीय मुलाकात के लिए तैयार हो गए हैं। नाटो अमेरिका की अगुआई वाला 29 देशों का सैन्य गठबंधन है। मर्केल से आमने-सामने की मुलाकात के बाद ट्रंप फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से एकांत में बंद कमरे में मिलेंगे। ट्रंप दो दिन के नाटो सम्मेलन में भाग लेने के लिए बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स पहुंचे हैं। नाटो के महासचिव जेंस स्टॉटेनबर्ग के साथ नाश्ते के बाद ट्रंप ने जर्मनी पर हमला बोला। कहा, वह ऊर्जा के लिए रूस पर इस तरह से आश्रित है कि वह उसका बंधक बन गया है। उनका निशाना रूस-जर्मनी की गैस पाइपलाइन पर था। उन्होंने जर्मनी से अपना रक्षा बजट तत्काल बढ़ाने की मांग की जिससे नाटो पर खर्च के मामले में अमेरिका को राहत मिल सके। ट्रंप को अपने सहयोगी यूरोपीय देशों से यह शिकायत रही है कि वे नाटो के जरिये सुरक्षा के गठबंधन पर पर्याप्त खर्च नहीं करते। इससे अमेरिका पर अनावश्यक बोझ पड़ता है। उल्लेखनीय है कि यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश जर्मनी सुरक्षा गठबंधन पर जीडीपी का 1.24 प्रतिशत खर्च करता है जबकि 2014 में फैसला जीडीपी का दो प्रतिशत खर्च करने पर हुआ था। अमेरिका अपने जीडीपी का 3.5 प्रतिशत सुरक्षा पर खर्च करता है। जवाब में मर्केल ने कहा है कि वह रूस के प्रभाव में काम नहीं करतीं। जर्मनी स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र है, वह अपने हितों के मुताबिक नीतियां बनाता है।

जी 7 देशों के हंगामेदार सम्मेलन के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस बार नाटो देशों की बैठक में कुछ नया करने की तैयारी में हैं। नाटो के सदस्य देशों से उन्होंने रक्षा खर्च बढ़ाकर दो गुना करने के लिए …

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PAK: पूर्व राष्ट्रपति जरदारी और उनकी बहन के देश से बाहर जाने पर रोक

पाकिस्तान में आम चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. इस बीच पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और उनकी बहन फरयाल तालपुर अब देश से बाहर नहीं जा सकेंगे. पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने बुधवार को इस बात की पुष्टि की कि पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और उनकी बहन फरयाल तालपुर को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर एक्जिट कंट्रोल लिस्ट (ईसीएल) में डाल दिया गया है, ताकि दोनों देश से बाहर नहीं जा सकें. स्थानीय अखबार डॉन की खबर के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय ने मंत्रालय को यह निर्देश फर्जी खातों और कई मुख्यधारा के बैंकों के जरिए अरबों मूल्य के हुए फर्जी लेनदेन की जांच से संबंधित एक मामले के संबंध में दिए थे. इन फर्जी खातों का इस्तेमाल रिश्वत के जरिए प्राप्त हुई भारी भरकम रकम को ठिकाने लगाने के लिए किया गया. जरदारी और तालपुर सहित सात लोग कथित रूप से कुल 35 अरब रुपये के संदिग्ध लेनदेन के लिए खास बैंक खातों के इस्तेमाल में संलिप्त रहे हैं. सर्वोच्च न्यायालय ने मंत्रालय को ओदश दिया था कि जरदारी और तालपुर सहित सभी संदिग्ध लाभर्थियों और मामले में पहचाने जा चुके आरोपियों के नाम ईसीएल में डाल दिए जाएं. "ताकि मामले की जांच पूरी होने तक या इस अदालत के अगले आदेश तक ये सभी लोग देश से बाहर नहीं जा सकें." कार्यवाहक गृह मंत्री आजम खान ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने मंत्रालय को निर्देश दिया है कि जरदारी और तालपुर के नाम सोमवार को ईसीएल में डाल दिए जाएं, और मंत्रालय ने आदेश का पालन किया. आपको बता दें कि पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे. हाल ही में पाकिस्तान की एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में क्रमश: 10 और सात साल की सजा सुनाई थी.

पाकिस्तान में आम चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. इस बीच पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और उनकी बहन फरयाल तालपुर अब देश से बाहर नहीं जा सकेंगे. पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने बुधवार को इस बात …

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ईरान ने भारत को याद दिलाई दोस्ती, कहा- तेल देने को उठाएंगे हरसंभव कदम

भारत के तेल और ऊर्जा साझेदार रहे ईरान ने कहा है कि वह भारत को तेल आपूर्ति सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी हरसंभव कोशिश करेगा. उसने जोर देकर कहा है कि वह भारत का भरोसेमंद ऊर्जा साझेदार रहा है. यह स्पष्टीकरण ईरान के दूतावास की ओर से आया है. आपको बता दें कि ईरान के उप राजदूत ने मसूद रिजवानियन रहागी ने दो दिन पहले ही कहा था कि अमेरिकी प्रतिबंध के बाद अगर भारत ने ईरान से तेल आयात में कटौती की तो ईरान भारत को मिलने वाली विशिष्ट सहूलियतें बंद कर देगा. अब ईरानी दूतावास ने कहा है कि वह अस्थिर ऊर्जा बाजार से निपटने में भारत को हो रही दिक्कतों को समझता है. उसने कहा कि ईरान द्विपक्षीय व्यापार और खास तौर पर ईरानी तेल के आयात को बनाए रखने के लिए विभिन्न कदम उठाएगा और भारत की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगा. रहागी ने मंगलवार को कहा था कि अगर भारत ने सऊदी अरब, रूस, इराक, अमेरिका या किसी दूसरे देश से तेल मंगाने की कोशिश की तो भारत को दी जाने वाली विशिष्ट सहूलियतें बंद कर दी जाएंगी. आपको बता दें कि अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने मई में ईरान न्यूक्लियर डील से अलग होने के बाद ईरान पर नए प्रतिबंध थोप दिए हैं. अमेरिका ने भारत और दूसरे देशों से कहा है कि 4 नवंबर तक ईरान से तेल का आयात बंद कर दें वरना प्रतिबंध भुगतने को तैयार रहें. भारत ने अभी इस मामले पर कोई फैसला नहीं लिया है या स्पष्ट रुख नहीं दिखाया है . नई दिल्ली में मौजूद ईरानी दूतावास की ओर से कहा गया है कि ईरान हमेशा से भारत समेत दूसरे देशों का भरोसेमंद ऊर्जा साझेदार रहा है. ईरान की कोशिश तेल बाजार में संतुलन लाने और तार्किक कीमतें बनाए रखने की रही हैं. ईरान ने कहा है कि उसने हमेशा से आयतक और निर्यातक देशों के हितों का ध्यान रखा है. रहागी ने चाबहार बंदरगाह के विस्तार के लिए इसमें निवेश बढ़ाने के वादे को पूरा न करने पर भारत की आलोचना की थी. ईरानी दूतावास ने कहा है कि उनका देश चाबहार में भारतीय निवेशक कंपनियों का हमेशा स्वागत करता रहा है. दूतावास ने कहा है कि भारत और ईरान कई अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मसलों पर समान राय रखते हैं और वैश्विक शांति के लिए परस्पर सहयोगी रहे हैं.

भारत के तेल और ऊर्जा साझेदार रहे ईरान ने कहा है कि वह भारत को तेल आपूर्ति सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी हरसंभव कोशिश करेगा. उसने जोर देकर कहा है कि वह भारत का भरोसेमंद ऊर्जा साझेदार रहा है. …

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अब ईरान की भारत को चेतावनी

ईरान ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि भारत की ओर से चाबहार पोर्ट परियोजना पर कम निवेश होता है और तेल के आयात में कटौती की जाती है तो उसका 'विशेष देश' का दर्जा खत्म कर दिया जाएगा. ईरान के उप-राजदूत मसूद रेजवानियन राहागी ने कहा कि यदि भारत ने ईरान से तेल के आयात में कटौती कर सऊदी अरब, रूस, इराक, अमेरिका और अन्य देशों से आयात में इजाफे का प्रयास किया तो उसे मिल रहे सभी विशेषाधिकार वापस ले लिए जाएंगे. उन्होंने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत की ओर से चाबहार पोर्ट के विस्तार और उसके कनेक्टिविटी प्रॉजेक्ट्स में निवेश किए जाने के वादे पर अभी बहुत प्रगति नहीं दिखी है. यह उम्मीद की जाती है कि यदि चाबहार पोर्ट को लेकर भारत रणनीतिक साझेदारी चाहता है तो वह तत्काल इस ओर ध्यान दे और जरूरी कदम उठाए.' राहागी ने 'ग्लोबल डिप्लोमेसी में उभरती चुनौतियां एवं अवसर और भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर प्रभाव' नाम से आयोजित सेमिनार में यह बात कही. चाबहार पोर्ट को भारत, ईरान और अफगानिस्तान के लिए मध्य एशिया के देशों के साथ कारोबार के लिए रणनीतिक तौर पर बेहद अहम है. ऐसे में ईरान ने भारत की चिंता बढ़ा दी है. गौरतलब है कि अमरीका और ईरान के बिगड़ते संबंधो के चलते अमरीका ने भारत सहित समूचे विश्व को ईरान से तेल न खरीदने की हिदायत ही है .

ईरान ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि भारत की ओर से चाबहार पोर्ट परियोजना पर कम निवेश होता है और तेल के आयात में कटौती की जाती है तो उसका ‘विशेष देश’ का दर्जा खत्म कर …

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ट्विटर पर फॉलो किए जाने वाले मामले में पीएम मोदी तीसरे बड़े नेता

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पोप फ्रांसिस के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्विटर पर फॉलो किए जाने वाले तीसरे सबसे बड़े नेता हैं। मोदी को व्यक्तिगत तौर पर फॉलो करने वाले लोगों की संख्या जहां 4.3 करोड़ हैं वहीं संस्थागत तौर पर उनको फॉलो करने वालों की संख्या 2.6 करोड़ है। अंतरराष्ट्रीय संगठनों और सरकारों की डिजिटल नीति को प्रोत्साहित करने वाले डिजिटल प्लेटफार्म 'टिप्लोमेसी' की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 12 महीनों के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने 26.4 करोड़ पारस्परिक संवाद किए, जो पीएम मोदी के 5.2 करोड़ संवादों की तुलना में पांच गुना अधिक है। टिप्लोमेसी ने 187 देशों के राज्य और केंद्र की सरकार के नेताओं के 951 ट्विटर अकाउंट का अध्ययन किया था। इनमें 372 व्यक्तिगत थे जबकि 579 व्यवसायिक अकाउंट थे। पीएम मोदी के अलावा टॉप-10 की सूची में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, जार्डन की महारानी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति हैं। इन सभी के एक करोड़ से ज्यादा फॉलोवर हैं। सुषमा स्वराज एकमात्र विदेश मंत्री हैं, जिन्हें सबसे ज्यादा 1.1 करोड़ लोग फालो करते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक अकाउंट (2.3 करोड़) को जहां पांचवां स्थान मिला है वहीं व्हाइट हाउस के ट्विटर एकाउंट को (1.7 करोड़) सूची में छठा स्थान मिला है। विश्व के 69 नेताओं के एक करोड़ से ज्यादा फॉलोवर हैं। लाओस, मउरिटियान, निकारागुआ, उत्तर कोरिया, स्वाजीलैंड और तुर्कमेनिस्तान की सरकारों की सोशल मीडिया ट्विटर पर कोई उपस्थिति नहीं है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पोप फ्रांसिस के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्विटर पर फॉलो किए जाने वाले तीसरे सबसे बड़े नेता हैं। मोदी को व्यक्तिगत तौर पर फॉलो करने वाले लोगों की संख्या जहां 4.3 करोड़ हैं …

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थाईलैंड: बच्चों के लापता होने से लेकर गुफा से बाहर आने तक की पूरी कहानी, ऐसे बीते 18 दिन

थाईलैंड की गुफा में फंसे 12 फुटबॉलर बच्चों समेत उनके कोच को आखिरकार सुरक्षित बचा लिया गया है. लंबी जद्दोजहद के बाद मंगलवार को वह वक्त आया जब स्पेशल रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया गया. इस घटना ने पूरी दुनिया की नजर खींची और हर तरफ बच्चों के लिए मन्नतें की गईं. अब इन बच्चों को डॉक्टरों की देखरेख में रखा गया है. ये है पूरा घटनाक्रम उत्तरी थाईलैंड में 23 जून को बाढ़ का पानी भरने से वहां घूमने गए 12 फुटबॉलर बच्चे और उनके कोच फंस गए. रात होने पर जब बच्चे घर नहीं लौटे तो उनके अभिभावकों ने लापता होने की शिकायत दर्ज कराई. गुफा के प्रवेश द्वार पर लड़कों की साइकिलें मिलीं और रात में तलाशी अभियान शुरू किया गया. 24 जून: स्थानीय प्रशासन, पुलिस और बचाव कर्मियों वाली टीम ने तलाश शुरू की. 25 जून: तलाश अभियान को आगे बढ़ाते हुए लड़कों के आगे बढ़ने वाले रास्ते को खंगाला गया. 26 जून: थाई नौसेना की सील के सदस्य और अन्य अभियान से जुड़े. गृह मंत्री अनुपोंग पाओजिंदा ने कहा कि गुफा के रास्ते में पानी भर गया है. 27 जून: भारी बारिश से अभियान प्रभावित हुआ. अमेरिकी सेना, ब्रिटेन के गुफा विशेषज्ञ और गुफा की जानकारी रखने वाले कई अन्य शख्स इस अभियान से जुड़े. 28 जून: पहाड़ के बाहर से छेद कर गुफा से पानी निकालने की कोशिश शुरू हुई. गुफा के अन्य प्रवेश द्वार की तलाश शुरू हुई. 29 जून: प्रधानमंत्री प्रयुत चान-ओचा गुफा के पास पहुंचे और परिजनों से उम्मीदें नहीं छोड़ने का अनुरोध किया. 30 जून: लापता लड़कों की जगह का पता लगाने के लिए प्रयास फिर शुरू हुआ. ऑस्ट्रेलिया और चीन सहित दुनिया के और विशेषज्ञ बचाव दल में शामिल हुए. 1 जुलाई: बचाव के कार्य में लगे गोताखोर गुफा के भीतर आगे बढ़ने में सफल रहे. 2 जुलाई: गुफा की जानकारी रखने वाले दो ब्रिटिश विशेषज्ञों ने लापता लड़कों और उनके कोच की जगह का पता लगा लिया. बच्चों के साथ बातचीत का वीडियो रिकार्ड किया गया. 3 जुलाई: वीडियो जारी किया गया. बच्चे आपस में बातचीत करते दिखे. 4 जुलाई: नौसेना सील के सात सदस्य और एक डॉक्टर ने बच्चों तक खाना और दवा पहुंचाने का अभियान चलाया. बच्चों को निकालने के विभिन्न विकल्प पर चर्चा हुई. 5 जुलाई: लड़कों को गोताखोरी के तरीकों के बारे में बताया गया. गुफा में भरे पानी को निकालने का अभियान और तेजी से चलाया गया. 6 जुलाई: आगे खतरा बढ़ने की आशंका के चलते अधिकारियों ने लड़कों को जल्द से जल्द निकालने का संकेत दिया. गुफा के भीतर आक्सीजन स्तर घटने को लेकर चिंता बढ़ी. अभियान के दौरान आक्सीजन की कमी से सील के पूर्व सदस्य की मौत हो गई. 7 जुलाई: बारिश की आशंका के कारण अधिकारियों ने अगले कुछ दिनों में बच्चों को निकालने का सुझाव दिया. 8 जुलाई: अधिकारियों ने कहा कि बचाव अभियान शुरू करने का वक्त आ चुका है. गोताखोरों ने संकरे रास्ते से चार लड़कों को बाहर निकाल लिया. 9 जुलाई: बचाव अभियान के दूसरे दिन चार और लड़कों को बाहर निकाला गया. 10 जुलाई: बचाव अभियान के तीसरे दिन गोताखोरों ने बाकी चार लड़कों और उनके कोच को बाहर निकाला. इस तरह दो हफ्ते से ज्यादा समय तक चले इस अभियान का अंत हुआ.

थाईलैंड की गुफा में फंसे 12 फुटबॉलर बच्चों समेत उनके कोच को आखिरकार सुरक्षित बचा लिया गया है. लंबी जद्दोजहद के बाद मंगलवार को वह वक्त आया जब स्पेशल रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया गया. इस घटना ने पूरी दुनिया …

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थाईलैंड रेस्क्यू ऑपरेशन में इस भारतीय इंजीनियर का भी हाथ, ऐसे किया कमाल

थाईलैंड में गुफा में फुटबॉल टीम के 12 बच्चों और उनके कोच की जान बचाने में महाराष्ट्र के सांगली जिले के किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड कंपनी के डिजाइनिंग इंजीनियर प्रसाद कुलकर्णी ने अहम भूमिका निभाई. बता दें कि थाईलैंड की गुफा में फंसे 12 फुटबॉलर बच्चों समेत उनके कोच को सुरक्षित बचा लिया गया है. लंबी जद्दोजहद के बाद मंगलवार को वह वक्त आया जब स्पेशल रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया गया. इस घटना ने पूरी दुनिया की नजर खींची और हर तरफ बच्चों के लिए मन्नतें की गईं. अब इन बच्चों को डॉक्टरों की देखरेख में रखा गया है. गुफा में फुटबॉल टीम और उनके कोच 23 जून से फंसे हुए थे. उसी वक्त शुरू हुई तेज बारिश के कारण गुफा से बाहर आने के रास्ता बंद हो गया था और सभी लोग गुफा में फंस गए थे. कई देशों की टीम्स इनको बचाने के लिए रवाना हुई थी. तभी थाईलैंड सरकार ने भारत सरकार से किर्लोस्कर पंप भिजवाने की मांग की. ताकि गुफा में भरे पानी को बाहर निकाला सके. बता दें कि बैंकॉक में किर्लोस्कर कंपनी की एक ब्रांच है, जंहा से यह पंप मुहैया कराए गए. उनको सुचारू रूप से शुरू करने के लिए सांगली जिले के प्रसाद कुलकर्णी अपनी टीम के साथ थाईलैंड गए थे. जहां बीच जंगल में जनरेटर के जरिए उन्होंने ये पंप शुरू किए. वहीं, थाईलैंड सरकार ने प्रसाद कुलकर्णी और उनकी टीम का शुक्रिया अदा किया है. गुरुवार या शुक्रवार को यह टीम भारत वापस आने वाली है. इससे पहले 2011 में भी जब ऐसी ही भयंकर बाढ़ थाईलैंड में आई थी तब बैंकॉक में स्थित किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड ने अतुलनीय मददकार्य करके आपदाग्रस्त लोगों को बचाया था. प्रचंड शक्तिशाली किर्लोस्कर पंप के जरिए बहुत ही तेजी से बाढ़ का पानी निकाला गया था.

थाईलैंड में गुफा में फुटबॉल टीम के 12 बच्चों और उनके कोच की जान बचाने में महाराष्ट्र के सांगली जिले के किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड कंपनी के डिजाइनिंग इंजीनियर प्रसाद कुलकर्णी ने अहम भूमिका निभाई. बता दें कि थाईलैंड की गुफा …

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