कारोबार

लगातार 5वें दिन बढ़े पेट्रोल के दाम, फिर 68 के पार पहुंचा डीजल

लगातार 5वें दिन बढ़े पेट्रोल के दाम, फिर 68 के पार पहुंचा डीजल

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जारी बढ़ोतरी थमने का नाम नहीं ले रही है. सोमवार को लगातार 5वें दिन पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ी हैं. इस बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में डीजल फिर 68 के पार पहुंच गया …

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245 अंक चढ़कर खुला शेयर बाजार, निफ्टी भी ऊपर

245 अंक चढ़कर खुला शेयर बाजार, निफ्टी भी ऊपर

सप्ताह के पहले कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार तेजी के साथ खुला है। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स जहां 245 अंकों की तेजी के साथ खुला वहीं निफ्टी भी 60 अंक ऊपर नजर आया। खबर लिखे जाने तक सेंसेक्स 188 अंकों की …

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होंडा ने लॉन्च की भारत की पहली रिवर्स गियर वाली बाइक, इतनी है कीमत

होंडा ने लॉन्च की भारत की पहली रिवर्स गियर वाली बाइक, इतनी है कीमत

जापानी ऑटोमाबाइल कंपनी होंडा ने भारत में एक ऐसी बाइक लॉन्च की है जिसके बारे में जानकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे। दरअसल, यह दुनिया की पहली बाइक है जिसमें रिवर्स गियर दिया गया है। इस अनोखी बाइक की …

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मुकेश अंबानी और पांच वर्षों के लिए आरआईएल के चेयरमैन नियुक्त

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआइएल) के शेयरधारकों ने चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर (सीएमडी) के तौर पर मुकेश अंबानी का कार्यकाल अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। कंपनी ने कहा कि बीते गुरुवार को मुंबई में हुई 41वीं सालाना आमसभा में शेयरधारकों ने अंबानी को अगले वर्ष 19 अप्रैल से पांच वर्षों के लिए दोबारा नियुक्ति का प्रस्ताव मंजूर कर लिया। कंपनी ने शेयर बाजारों को दी जानकारी में कहा कि प्रस्ताव के लिए वोटिंग में हिस्सा लेने वाले शेयरधारकों में से 98.5 फीसद शेयरधारकों ने अंबानी को फिर से चेयरमैन बनाने के पक्ष में, जबकि 1.48 फीसद ने विपक्ष में वोट दिया। प्रस्ताव के हिसाब से अंबानी को सालाना वेतन के मद में 4.17 करोड़ रुपये, भत्ते व अन्य मदों में 59 लाख रुपये दिए जाएंगे। कंपनी ने कहा कि वे कंपनी के सालाना शुद्ध लाभ की स्थिति में बोनस के भी हकदार होंगे। इसके अलावा कारोबारी मकसदों से उनकी यात्रा, ठहरने और अन्य मदों के खर्च भी कंपनी वहन करेगी। यात्रा के दौरान वे जीवनसाथी और सहयोगी को साथ ले जा सकेंगे और उनका खर्च भी कंपनी की तरफ से वहन किया जाएगा। बयान में कंपनी ने कहा कि शेयरधारकों ने आरआइएल को चालू वित्त वर्ष में नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (एनसीडी) के जरिये 20,000 करोड़ रुपये तक जुटाने की मंजूरी दे दी। कंपनी यह रकम किस्तों में जुटाएगी। हालांकि कंपनी ने यह नहीं बताया कि इस रकम का इस्तेमाल किस मद में किया जाएगा। गौरतलब है कि 61 वर्षीय अंबानी 1977 से कंपनी के निदेशक बोर्ड में हैं। उन्होंने तत्कालीन चेयरमैन धीरूभाई अंबानी की मौत के बाद जुलाई 2002 में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन का पदभार संभाला था।

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआइएल) के शेयरधारकों ने चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर (सीएमडी) के तौर पर मुकेश अंबानी का कार्यकाल अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। कंपनी ने कहा कि बीते गुरुवार को मुंबई …

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खराब पुर्जे की मरम्मत को फोर्ड ने वापस मंगाईं पांच हजार कारें

फोर्ड इंडिया ने कहा है कि वह अपने स्पोर्ट यूटीलिटी ईकोस्पोर्ट के 5397 वाहन रिकॉल कर रही है। कंपनी इन कारों में फ्रंट लोअर कंट्रोल आर्म और ड्राइवर व आगे की यात्री सीट के रिक्लाइनर लॉक की तकनीकी खामी दूर कर रही है। कंपनी के बयान के अनुसार उसके चेन्नई प्लांट में पिछले साल मई और जून में उत्पादित ईकोस्पोर्ट की 4379 कारों के फ्रंट लोअर कंट्रोल आर्म के वेल्डिंग ज्वाइंट का निरीक्षण किया जा रहा है। इन वाहनों के इस पुर्जे की वेल्डिंग की मजबूती कंपनी के मानकों से कम हो सकती है। इससे स्टियरिंग कंट्रोल प्रभावित हो सकती है। हालांकि ऐसी खराबी दुर्लभ होती है। कंट्रोल आर्म वाहन के फ्रंट सस्पेंशन को उसके फ्रेम से जोड़ती है। कंपनी के अनुसार वह पिछले साल नवंबर और दिसंबर में उत्पादित 1018 ईकोस्पोर्ट कारों के खरीदारों से भी संपर्क कर रही है। इन कारों में ड्राइवर और आगे की यात्री सीट के रिक्लाइनर लॉक की जांच की जाएगी। फोर्ड का कहना है कि इन वाहनों का स्वैच्छिक निरीक्षण ग्राहकों को विश्वस्तरीय क्वालिटी के वाहन देने की कंपनी की प्रतिबद्धता के अनुरूप किया जा रहा

फोर्ड इंडिया ने कहा है कि वह अपने स्पोर्ट यूटीलिटी ईकोस्पोर्ट के 5397 वाहन रिकॉल कर रही है। कंपनी इन कारों में फ्रंट लोअर कंट्रोल आर्म और ड्राइवर व आगे की यात्री सीट के रिक्लाइनर लॉक की तकनीकी खामी दूर …

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डॉलर के मुकाबले फिर 69 के पार रुपया, कच्चे तेल समेत इस वजह से बढ़ रही गिरावट

डॉलर के मुकाबले रुपये में जारी गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है. शुक्रवार को एक बार फिर रुपया डॉलर के मुकाबले 69 के पार पहुंच गया है. शुरुआती कारोबार में रुपया डॉलर के मुकाबले 8 पैसे गिरकर 69.03 के स्तर पर पहुंचा है. रुपये में आई इस गिरावट के लिए डॉलर का मजबूत होना और कच्चे तेल की कीमतों हो रही बढ़ोतरी को वजह माना जा रहा है. विदेशी मुद्रा के डीलर्स के मुताबिक रुपये में यह बड़ी गिरावट है. उन्होंने बताया कि रुपये में आ रही इस‍ गिरावट के लिए अमेरिकी मुद्रा की मांग बढ़ना है. इसके अलावा रुपये ने आज सुबह शुरुआत भी हल्की की थी. गुरुवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 21 पैसे गिरकर 68.95 के स्तर पर बंद हुआ. विदेशी निवेशकों की तरफ से फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPIs) के तहत निवेश किए गए अपने 159.37 करोड़ के शेयर गुरुवार को बेच दिए. पिछले कई दिनों से रुपये में डॉलर के मुकाबले उतार-चढ़ाव जारी है. इससे पहले 28 जून अथवा गुरुवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 28 पैसे गिरकर 68.89 प्रति डॉलर के स्तर पर खुला. शुरुआती कारोबार में रुपये में गिरावट बढ़ती गई और यह डॉलर के मुकाबले 69.09 के पर पहुंच गया. यह रुपये में आई अब तक की सबसे बड़ी गिरावट थी. एक तरफ जहां रुपये में लगातार गिरावट बढ़ती जा रही है. वहीं, इसको लेकर वैश्व‍िक वित्तीय फर्म मूडीज का कहना है कि डॉलर के मजबूत होने से भारतीय मुद्रा को ज्यादा खतरा नहीं है. मूडीज ने 29 जून को एक रिपोर्ट जारी की. इसमें उसने कहा कि भारत के अलावा चीन, ब्राजील, मेक्स‍िको और रूस की करंसी को डॉलर के मजबूत होने से ज्यादा खतरा नहीं है. मूडीज के मुताबिक ये देश बाहरी पूंजी प्रवाह पर कम निर्भर रहते हैं.

डॉलर के मुकाबले रुपये में जारी गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है. शुक्रवार को एक बार फिर रुपया डॉलर के मुकाबले 69 के पार पहुंच गया है. शुरुआती कारोबार में रुपया डॉलर के मुकाबले 8 पैसे गिरकर 69.03 …

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कच्चे तेल के दाम में कटौती, जानें आज क्या है पेट्रोल-डीजल का हाल

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में पिछले 7 दिनों से कोई बदलाव नहीं हुआ है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में जारी उथल-पुथल के बीच 8वें दिन भी ईंधन की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. तेल कंपनियों ने बुधवार को भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों कोई बदलाव नहीं किया है. बुधवार को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 75.55 रुपये प्रति लीटर पर बनी हुई है. वहीं, डीजल भी यहां 67.38 रुपये प्रति लीटर पर बना हुआ है. मुंबई की बात करें तो यहां पेट्रोल की कीमत 82.94 रुपये प्रति लीटर पर बनी हुई है. डीजल भी 71.49 रुपये प्रति लीटर पर है. कोलकाता में पेट्रोल 78.23 रुपये प्रति लीटर का मिल रहा है. डीजल की कीमत यहां पर 69.93 रुपये प्रति लीटर पर बनी हुई है. वहीं, चेन्नई की बात करें तो यहां पर एक लीटर पेट्रोल के लिए आपको 78.40 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. बुधवार को डीजल यहां 71.12 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है. कच्चे तेल की बात करें, तो मंगलवार को यह 5 साल के सबसे ऊपरी स्तर पर पहुंच गया था. डब्लूटीआई क्रूड ने 75 डॉलर प्रति बैरल का आंकड़ा पार कर लिया था. वहीं, ब्रेंट क्रूड की बात करें, तो यह 78 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया था. यह पहली बार था, जब क्रूड की कीमतें इस स्तर पर पहुंची हुई हैं. हालांकि सऊदी अरब के क्रूड प्रोडक्शन बढ़ाए जाने के फैसले से क्रूड में नरमी आई. इस फैसले के बाद क्रूड ऑयल टूटकर 73 अरब डॉलर के नीचे आ गया. अगर कच्चे तेल की कीमतें आगे भी कम होती रहती हैं, तो इसका फायदा पेट्रोल और डीजल की कम कीमत के तौर पर जल्द मिल सकता है.

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में पिछले 7 दिनों से कोई बदलाव नहीं हुआ है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में जारी उथल-पुथल के बीच 8वें दिन भी ईंधन की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. …

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ATM से पैसे निकालना हो सकता है महंगा, बैंकों ने RBI से मांगी मंजूरी

वैसे तो देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दिया जा रहा है लेकिन अब यह भी आम लोगों की जेब पर भारी पड़ सकता है। देश के बैंकों ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को चिट्ठी लिखकर एटीएम से पैसे निकालने पर चार्ज बढ़ाने की इजाजत मांगी है। दरअसल, रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को अपने एटीएम अपग्रेड करने के लिए कहा है। इसका पहला चरण इसी साल अगस्त तक पूरा होना है। लेकिन एटीएम अपग्रेड करने से बैंकों पर खर्च का बोझ बढ़ेगा और बैंकों ने इसका तोड़ निकालते हुए यह बोझ आम जनता पर डालने की तैयारी कर ली है। उन्होंने आरबीआई को पत्र लिखकर एटीएम ट्रांजेक्शन बढ़ाने की इजाजत मांगी है। अगर ऐसा होता है तो बैंक दो तरह से यह चार्ज बढ़ा सकते हैं। या तो वो एटीएम से फ्री ट्रांजेक्शन खत्म होने पर लिए जाने वाले 18 रुपए के चार्ज को बढ़ा दें या फिर फ्री ट्रांजेक्शन की संख्या कम कर दें। आरबीआई ने क्यों दिया एटीएम अपग्रेड का निर्देश आरबीआई ने सभी बैंकों से एटीएम को अपग्रेड करने का निर्देश धोखाधड़ी और हैकिंग जैसी शिकायतों को देखते हुए दिया है। इसकी पहली डेडलाइन अगस्त, 2018 है। वहीं, आखिरी चरण जून 2019 में समाप्त होगा। जानकारी के लिए बता दें कि एटीएम अपग्रेडेशन के तहत बैंकों को बेसिक इनपुट आउटपुट सिस्टम (बीआईओएस) को अपग्रेड करना होगा। इसके जरिए सिस्टम को बूट या जाता है। ऑपरेटिंग सिस्टम लोड करते समय बीआईओएस कंप्यूटर के हार्डवेयर जिसमें रैम, प्रोसेसर, कीबोर्ड, माउस, हार्ड ड्राइव को कॉन्फिगर करता है। आरबीआई ने बैंकों से यूएसबी पोर्ट डिसेबल कर एटीएम के ऑपरेटिंग सिस्टम का नवीनतम वर्जन लागू करने के लिए कहा है। साथ ही नये नोट के लिहाज से एटीएम के कैसेट को रीकॉन्फिगर करने के लिए भी कहा गया है। गौरतलब है कि नये एटीएम की लागत पहले के मुकाबले 30 फीसद तक बढ़ सकती है।

वैसे तो देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दिया जा रहा है लेकिन अब यह भी आम लोगों की जेब पर भारी पड़ सकता है। देश के बैंकों ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को चिट्ठी लिखकर एटीएम से पैसे निकालने …

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एनआरआई को भी भारत में चुकाना पड़ सकता है आयकर

भारत में एनआरआई की टैक्स फाइलिंग उनकी आवासीय स्थिति पर निर्भर करती है। यदि किसी की आवासीय स्थिति (रेजिडेंशियल स्टेटस) 'भारत का निवासी' है तो उसकी वैश्विक आय भारत में भी कर योग्य होगी। इसका मतलब यह हुआ की उस व्यक्ति की कमाई, चाहे वह दुनिया में कहीं भी कमाता हो और उसने विदेश में इनकम टैक्स चुका दिया हो, उसे वह आय भारत में अपने टैक्स कम्प्यूटेशन में शामिल करके टैक्स भरना होगा। इस मामले में तभी राहत मिलती है जब भारत और संबंधित देश ने आपस में 'डबल टैक्स अवॉयडेंस एग्रीमेंट' कर रखा हो। लेकिन यदि व्यक्ति एनआरआई स्टेटस में है यानी भारत के अनिवासी श्रेणी में आता है तो उसे केवल भारत में अर्जित आय पर टैक्स चुकाना होगा। भारत में अर्जित आय का मतलब 1. वेतन से होने वाली आय, जो भारत में या भारत में प्रदान की जाने वाली सेवाओं के लिए हुई हो। 2. भारत स्थित रिहायशी प्रॉपर्टी से होने वाली आय। 3. भारत स्थित संपत्तियों के हस्तांतरण पर पूंजीगत लाभ। 4. एफडी से आय या बचत खातों पर मिलने वाला ब्याज। एनआरआई के लिए, इनमें से किसी भी स्रोत से होने वाली आय कर योग्य होगी, यदि वह 2.5 लाख रुपए से अधिक हो। भारत से बाहर अर्जितआय भारत में कर योग्य नहीं होगी। यह भी ध्यान रखें कि एनआरआई या एफसीएनआर खातों पर ब्याज कर मुक्त होगा, लेकिन एनआरओ खातों पर ब्याज कर योग्य होगा। एक खास स्थिति एक वित्त वर्ष के दौरान आय 2.5 लाख रुपए से कम होने पर भी एनआरआई को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना पड़ सकता है। यहमजबूरी तब होगी जब उन्हें टैक्स रिफंड क्लेम करना हो या बिजनेस या रिहायशी प्रॉपर्टी का कोई नुकसान क्लेम करना हो। इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए राहुल लंबे समय से अमेरिका में है। वह नौकरी के लिए लांग टीम असाइनमेंट के लिए साल 2009 से ही भारत से बहार है। उसका भारत में एनआरओ बैंक खाते से सालाना 50 हजार रुपए की ब्याज आय होती है। इसके अलावा उसे भारत में एक फ्लैट से 15 हजार रुपए का किराया मिलता है। अब सवाल उठता है कि क्या राहुल को टैक्स देना होगा? और क्या उसे टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा? इस मामले में राहुल भारतीय नागरिक है जो नौकरी के काम से अमेरिका में रह रहा है। आयकर अधिनियम के तहत उसे भारत का निवासी तभी माना जाएगा, जब बीते वित्त वर्ष वह भारत में 182 दिन या उससे अधिक समय रहा हो । लेकिन, राहुल ने तो 13 मई 2009 को ही भारत छोड़ दिया था और भारत में कभी एक साल में एक माह से अधिक नहीं रहा। असल में बीते वित्त वर्ष राहुल ने भारत से बाहर 182 दिन से अधिक बिताया है, लिहाजा वह एनआरआई माना जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि राहुल को भारत में अर्जित आय पर ही टैक्सचुकाना होगा और रिटर्न फाइल करना होगा। उसे अमेरिका में अर्जित आय पर भारत में टैक्स नहीं देना होगा।भारत में एनआरआई की टैक्स फाइलिंग उनकी आवासीय स्थिति पर निर्भर करती है। यदि किसी की आवासीय स्थिति (रेजिडेंशियल स्टेटस) 'भारत का निवासी' है तो उसकी वैश्विक आय भारत में भी कर योग्य होगी। इसका मतलब यह हुआ की उस व्यक्ति की कमाई, चाहे वह दुनिया में कहीं भी कमाता हो और उसने विदेश में इनकम टैक्स चुका दिया हो, उसे वह आय भारत में अपने टैक्स कम्प्यूटेशन में शामिल करके टैक्स भरना होगा। इस मामले में तभी राहत मिलती है जब भारत और संबंधित देश ने आपस में 'डबल टैक्स अवॉयडेंस एग्रीमेंट' कर रखा हो। लेकिन यदि व्यक्ति एनआरआई स्टेटस में है यानी भारत के अनिवासी श्रेणी में आता है तो उसे केवल भारत में अर्जित आय पर टैक्स चुकाना होगा। भारत में अर्जित आय का मतलब 1. वेतन से होने वाली आय, जो भारत में या भारत में प्रदान की जाने वाली सेवाओं के लिए हुई हो। 2. भारत स्थित रिहायशी प्रॉपर्टी से होने वाली आय। 3. भारत स्थित संपत्तियों के हस्तांतरण पर पूंजीगत लाभ। 4. एफडी से आय या बचत खातों पर मिलने वाला ब्याज। एनआरआई के लिए, इनमें से किसी भी स्रोत से होने वाली आय कर योग्य होगी, यदि वह 2.5 लाख रुपए से अधिक हो। भारत से बाहर अर्जितआय भारत में कर योग्य नहीं होगी। यह भी ध्यान रखें कि एनआरआई या एफसीएनआर खातों पर ब्याज कर मुक्त होगा, लेकिन एनआरओ खातों पर ब्याज कर योग्य होगा। एक खास स्थिति एक वित्त वर्ष के दौरान आय 2.5 लाख रुपए से कम होने पर भी एनआरआई को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना पड़ सकता है। यहमजबूरी तब होगी जब उन्हें टैक्स रिफंड क्लेम करना हो या बिजनेस या रिहायशी प्रॉपर्टी का कोई नुकसान क्लेम करना हो। इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए राहुल लंबे समय से अमेरिका में है। वह नौकरी के लिए लांग टीम असाइनमेंट के लिए साल 2009 से ही भारत से बहार है। उसका भारत में एनआरओ बैंक खाते से सालाना 50 हजार रुपए की ब्याज आय होती है। इसके अलावा उसे भारत में एक फ्लैट से 15 हजार रुपए का किराया मिलता है। अब सवाल उठता है कि क्या राहुल को टैक्स देना होगा? और क्या उसे टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा? इस मामले में राहुल भारतीय नागरिक है जो नौकरी के काम से अमेरिका में रह रहा है। आयकर अधिनियम के तहत उसे भारत का निवासी तभी माना जाएगा, जब बीते वित्त वर्ष वह भारत में 182 दिन या उससे अधिक समय रहा हो । लेकिन, राहुल ने तो 13 मई 2009 को ही भारत छोड़ दिया था और भारत में कभी एक साल में एक माह से अधिक नहीं रहा। असल में बीते वित्त वर्ष राहुल ने भारत से बाहर 182 दिन से अधिक बिताया है, लिहाजा वह एनआरआई माना जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि राहुल को भारत में अर्जित आय पर ही टैक्सचुकाना होगा और रिटर्न फाइल करना होगा। उसे अमेरिका में अर्जित आय पर भारत में टैक्स नहीं देना होगा।

भारत में एनआरआई की टैक्स फाइलिंग उनकी आवासीय स्थिति पर निर्भर करती है। यदि किसी की आवासीय स्थिति (रेजिडेंशियल स्टेटस) ‘भारत का निवासी’ है तो उसकी वैश्विक आय भारत में भी कर योग्य होगी। इसका मतलब यह हुआ की उस …

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सब्सिडी वाला सिलेंडर 2.71 रुपये महंगा, बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर के दाम भी बढ़े

रुपये में गिरावट और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गैस के बेस प्राइज पर टैक्स का प्रभाव आने के चलते आज से सब्सिडी वाला गैस सिलेंडर महंगा हो गया है. सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर में 2.71 रुपये प्रति सिलेंडर का इजाफा हुआ है. इसके अलावा गैर सब्सिडी वाला सिलेंडर भी 55.50 रुपये महंगा हो गया है. सब्सिडी वाला गैस सिलेंडर की दिल्ली में कीमत बढ़कर 493.55 रुपये हो गई है. इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने ये जानकारी दी है. तेल कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को एलपीजी कीमतों में बदलाव करती है और ये औसत बेंचमार्क कीमतों और पिछले महीने के फॉरेन एक्सचेंज रेट के आधार पर तय होती हैं. आईओसी ने कहा कि घरेलू नॉन सब्सिडाइज्ड एलपीजी पर जीएसटी की दरों में बदलाव के कारण भी एलपीजी कीमतों में ये इजाफा देखा गया है. ऊंची वैश्विक कीमतों के कारण गैर सब्सिडी वाला सिलेंडर के दाम में 55.50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी कर दी गई है. इससे पहले 31 मई को सब्सिडी वाले गैस सिलिंडरों की कीमतों में 2.33 रुपये की बढ़ोत्तरी हुई थी. वहीं बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलिंडरों में सीधे 48 रुपए की बढ़ोत्तरी की गई थी. इंडियन ऑयल ने बयान में कहा , " बाकी बचे 52.79 रुपये (55.50-2.71 रुपये) ग्राहकों को क्षतिपूर्ति के रूप में उनके बैंक खाते में स्थानांतरित किए जाएंगे. इस प्रकार , जुलाई 2018 में ग्राहकों के बैंक खातों में सब्सि़डी ट्रांसफर बढ़कर 257.74 रुपये प्रति सिलेंडर हो गया है , जो कि जून 2018 में 204.95 पैसे प्रति सिलेंडर था. इस प्रकार सब्सिडी वाले एलपीजी ग्राहक एलपीजी की अंतरराष्ट्रीय दरों में वृद्धि से सुरक्षित हैं. सब्सिडी वाले आम उपभोक्ता को साल में 14.2 किलो के 12 सिलेंडर सब्सिडी के तहत मिलते हैं. इसके बाद उन्हें बाजार कीमत या बिना सब्सिडी वाला सिलेंडर खरीदना होता है.रुपये में गिरावट और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गैस के बेस प्राइज पर टैक्स का प्रभाव आने के चलते आज से सब्सिडी वाला गैस सिलेंडर महंगा हो गया है. सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर में 2.71 रुपये प्रति सिलेंडर का इजाफा हुआ है. इसके अलावा गैर सब्सिडी वाला सिलेंडर भी 55.50 रुपये महंगा हो गया है. सब्सिडी वाला गैस सिलेंडर की दिल्ली में कीमत बढ़कर 493.55 रुपये हो गई है. इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने ये जानकारी दी है. तेल कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को एलपीजी कीमतों में बदलाव करती है और ये औसत बेंचमार्क कीमतों और पिछले महीने के फॉरेन एक्सचेंज रेट के आधार पर तय होती हैं. आईओसी ने कहा कि घरेलू नॉन सब्सिडाइज्ड एलपीजी पर जीएसटी की दरों में बदलाव के कारण भी एलपीजी कीमतों में ये इजाफा देखा गया है. ऊंची वैश्विक कीमतों के कारण गैर सब्सिडी वाला सिलेंडर के दाम में 55.50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी कर दी गई है. इससे पहले 31 मई को सब्सिडी वाले गैस सिलिंडरों की कीमतों में 2.33 रुपये की बढ़ोत्तरी हुई थी. वहीं बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलिंडरों में सीधे 48 रुपए की बढ़ोत्तरी की गई थी. इंडियन ऑयल ने बयान में कहा , " बाकी बचे 52.79 रुपये (55.50-2.71 रुपये) ग्राहकों को क्षतिपूर्ति के रूप में उनके बैंक खाते में स्थानांतरित किए जाएंगे. इस प्रकार , जुलाई 2018 में ग्राहकों के बैंक खातों में सब्सि़डी ट्रांसफर बढ़कर 257.74 रुपये प्रति सिलेंडर हो गया है , जो कि जून 2018 में 204.95 पैसे प्रति सिलेंडर था. इस प्रकार सब्सिडी वाले एलपीजी ग्राहक एलपीजी की अंतरराष्ट्रीय दरों में वृद्धि से सुरक्षित हैं. सब्सिडी वाले आम उपभोक्ता को साल में 14.2 किलो के 12 सिलेंडर सब्सिडी के तहत मिलते हैं. इसके बाद उन्हें बाजार कीमत या बिना सब्सिडी वाला सिलेंडर खरीदना होता है.

रुपये में गिरावट और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गैस के बेस प्राइज पर टैक्स का प्रभाव आने के चलते आज से सब्सिडी वाला गैस सिलेंडर महंगा हो गया है. सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर में 2.71 रुपये प्रति सिलेंडर का इजाफा हुआ …

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