कारोबार

सब्सिडी वाला सिलेंडर 2.71 रुपये महंगा, बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर के दाम भी बढ़े

रुपये में गिरावट और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गैस के बेस प्राइज पर टैक्स का प्रभाव आने के चलते आज से सब्सिडी वाला गैस सिलेंडर महंगा हो गया है. सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर में 2.71 रुपये प्रति सिलेंडर का इजाफा हुआ है. इसके अलावा गैर सब्सिडी वाला सिलेंडर भी 55.50 रुपये महंगा हो गया है. सब्सिडी वाला गैस सिलेंडर की दिल्ली में कीमत बढ़कर 493.55 रुपये हो गई है. इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने ये जानकारी दी है. तेल कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को एलपीजी कीमतों में बदलाव करती है और ये औसत बेंचमार्क कीमतों और पिछले महीने के फॉरेन एक्सचेंज रेट के आधार पर तय होती हैं. आईओसी ने कहा कि घरेलू नॉन सब्सिडाइज्ड एलपीजी पर जीएसटी की दरों में बदलाव के कारण भी एलपीजी कीमतों में ये इजाफा देखा गया है. ऊंची वैश्विक कीमतों के कारण गैर सब्सिडी वाला सिलेंडर के दाम में 55.50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी कर दी गई है. इससे पहले 31 मई को सब्सिडी वाले गैस सिलिंडरों की कीमतों में 2.33 रुपये की बढ़ोत्तरी हुई थी. वहीं बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलिंडरों में सीधे 48 रुपए की बढ़ोत्तरी की गई थी. इंडियन ऑयल ने बयान में कहा , " बाकी बचे 52.79 रुपये (55.50-2.71 रुपये) ग्राहकों को क्षतिपूर्ति के रूप में उनके बैंक खाते में स्थानांतरित किए जाएंगे. इस प्रकार , जुलाई 2018 में ग्राहकों के बैंक खातों में सब्सि़डी ट्रांसफर बढ़कर 257.74 रुपये प्रति सिलेंडर हो गया है , जो कि जून 2018 में 204.95 पैसे प्रति सिलेंडर था. इस प्रकार सब्सिडी वाले एलपीजी ग्राहक एलपीजी की अंतरराष्ट्रीय दरों में वृद्धि से सुरक्षित हैं. सब्सिडी वाले आम उपभोक्ता को साल में 14.2 किलो के 12 सिलेंडर सब्सिडी के तहत मिलते हैं. इसके बाद उन्हें बाजार कीमत या बिना सब्सिडी वाला सिलेंडर खरीदना होता है.रुपये में गिरावट और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गैस के बेस प्राइज पर टैक्स का प्रभाव आने के चलते आज से सब्सिडी वाला गैस सिलेंडर महंगा हो गया है. सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर में 2.71 रुपये प्रति सिलेंडर का इजाफा हुआ है. इसके अलावा गैर सब्सिडी वाला सिलेंडर भी 55.50 रुपये महंगा हो गया है. सब्सिडी वाला गैस सिलेंडर की दिल्ली में कीमत बढ़कर 493.55 रुपये हो गई है. इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने ये जानकारी दी है. तेल कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को एलपीजी कीमतों में बदलाव करती है और ये औसत बेंचमार्क कीमतों और पिछले महीने के फॉरेन एक्सचेंज रेट के आधार पर तय होती हैं. आईओसी ने कहा कि घरेलू नॉन सब्सिडाइज्ड एलपीजी पर जीएसटी की दरों में बदलाव के कारण भी एलपीजी कीमतों में ये इजाफा देखा गया है. ऊंची वैश्विक कीमतों के कारण गैर सब्सिडी वाला सिलेंडर के दाम में 55.50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी कर दी गई है. इससे पहले 31 मई को सब्सिडी वाले गैस सिलिंडरों की कीमतों में 2.33 रुपये की बढ़ोत्तरी हुई थी. वहीं बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलिंडरों में सीधे 48 रुपए की बढ़ोत्तरी की गई थी. इंडियन ऑयल ने बयान में कहा , " बाकी बचे 52.79 रुपये (55.50-2.71 रुपये) ग्राहकों को क्षतिपूर्ति के रूप में उनके बैंक खाते में स्थानांतरित किए जाएंगे. इस प्रकार , जुलाई 2018 में ग्राहकों के बैंक खातों में सब्सि़डी ट्रांसफर बढ़कर 257.74 रुपये प्रति सिलेंडर हो गया है , जो कि जून 2018 में 204.95 पैसे प्रति सिलेंडर था. इस प्रकार सब्सिडी वाले एलपीजी ग्राहक एलपीजी की अंतरराष्ट्रीय दरों में वृद्धि से सुरक्षित हैं. सब्सिडी वाले आम उपभोक्ता को साल में 14.2 किलो के 12 सिलेंडर सब्सिडी के तहत मिलते हैं. इसके बाद उन्हें बाजार कीमत या बिना सब्सिडी वाला सिलेंडर खरीदना होता है.

रुपये में गिरावट और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गैस के बेस प्राइज पर टैक्स का प्रभाव आने के चलते आज से सब्सिडी वाला गैस सिलेंडर महंगा हो गया है. सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर में 2.71 रुपये प्रति सिलेंडर का इजाफा हुआ …

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आखिर स्विस बैंक में ही क्यों ब्लैक मनी जमा कराते हैं धन कुबेर, जानिए

अगर स्विस बैंककर्मी किसी खाते की जानकारी लीक करता है तो उसे छह महीने की कैद के अलावा 50,000 फ्रैंक्स (करीब 34 लाख रुपये) तक का जुर्माना हो सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि बैंक गोपनीयता कानून की धारा 47 के अनुसार स्विट्जरलैंड के हर बैंक का कर्मचारी, अधिकारी, बैंकिंग संबंधित संस्थाएं, एजेंट, लेखा-परीक्षक (ऑडिटर) और स्वयं बैंक निगरानी आयोग के सदस्य और कर्मचारी भी गोपनीयता को बनाये रखने के लिए बाध्य हैं।

वर्ष 2017 में भारतीयों की ओर स्विस बैंक में जमा होने वाले पैसों में 50 फीसद की तेजी देखने को मिली है। स्विस बैंक की ओर से नेशनल बैंक की ओर से यह आंकड़ा जारी किया गया है। बैंक के …

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स्व‍िस बैंक: कांग्रेस राज में 41 हजार करोड़ की जमा राशि‍, मोदी राज में ऐसे हुई 7 हजार करोड़

मोदी सरकार के राज में स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा राश‍ि पिछले चार साल में पहली बार बढ़ी है. पिछले साल यह राश‍ि एक अरब स्विस फ्रैंक (7,000 करोड़ रुपये) के दायरे में पहुंच गई. लेकिन एक वक्त वो भी था, जब स्व‍िस बैंकों में भारतीयों का पैसा 41400 करोड़ के स्तर पर पहुंच गया था. स्व‍िस बैंकों में भारतीयों की तरफ से पैसे रखने के मामले में पिछले 12 सालों में काफी ज्यादा कमी आई है. कांग्रेस राज में यह आंकड़ा एक वक्त में रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया था. साल 2006 में इसने 41400 करोड़ का आंकड़ा छुआ था. 2014 में जब मोदी सरकार आई, तो उस दौरान स्व‍िस बैंकों में भारतीयों का पैसा घटकर 14 हजार करोड़ पर पहुंच गया था. कांग्रेस राज में ऐसा रहा हाल: देश में 2004 से 2014 तक कांग्रेस की सरकार रही. इस दौरान भी स्व‍िस बैंक में छुपे काले धन को लेकर चर्चा होती थी. हालांकि उस समय स्व‍िस बैंकों के नियम कड़े होने की वजह से इन बैंकों में खाता रखने वाले लोगों की जानकारी निकाल पाना मुश्क‍िल होता था. हालांकि धीरे-धीरे हालात बदले और स्व‍िट्जरलैंड के बैंकों ने अपने नियमों में थोड़ा ढील देना शुरू किया. कांग्रेस राज में भी कम हुआ आकंड़ा: स्व‍िस नेशनल बैंक के आंकड़ों को देखें तो 2006 में 41400 करोड़ के रिकॉर्ड हाई स्तर पर पहुंचने के बाद स्व‍िस बैंक में भारतीयों का पैसा कम हुआ है. 2006 के बाद 2007 में यह आंकड़ा 27500 करोड़ रुपये पर पहुंचा. इसी तरह 2008 में 15400 करोड़, 2009 में 12600 करोड़, 2010 में यह आंकड़ा घटकर 12450 करोड़ पर पहुंचा. 2011 में फिर बढ़ी रकम: इसके बाद 2011 में एक बार फिर इसमें बढ़ोतरी हुई और स्व‍िस बैंकों में भारतीयों का पैसा बढ़कर 14000 करोड़ पर पहुंच गया. 2012 में फिर इसमें गिरावट आई और यह 9000 करोड़ रुपये पर आ गया. इसके बाद 2013 में एक बार फिर यह आंकड़ा 14 हजार करोड़ पर पहुंचा. जून, 2014 में जब मोदी सरकार ने देश की कमान संभाली, तो इस दौरान स्व‍िस बैंकों में भारतीयों का पैसा 10.6 फीसदी घटकर 12,615 करोड़ पर पहुंच गया था. मोदी राज में हुई रिकॉर्ड गिरावट: 2014 के आम चुनावों में स्व‍िस बैंकों में छुपा काला धन सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बना था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काला धन वापस लाने को लेकर वादे भी किए. इसके बाद मोदी सरकार के 4 साल के कार्यकाल में काले धन पर लगाम कसने के लिए कई कदम उठाए गए. मोदी सरकार के कार्यकाल में 2015 में यह आंकड़ा 8392 करोड़ पर आया. वहीं, 2016 में इसमें रिकॉर्ड कमी आई और यह 4500 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंचा. क्या मोदी सरकार के प्रयास से ही आई कमी? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चार साल के कार्यकाल में काले धन के ख‍िलाफ कई कदम उठाए हैं. लेक‍िन सिर्फ मोदी सरकार के प्रयासों से इसमें सफलता नहीं मिली है. स्व‍िस बैंक हमेशा से काले धन के लिए सेफ हेवन बनने की वजह से आलोचकों के निशाने पर रहे हैं. 2010 के बाद से दुनियाभर के कई देशों ने स्व‍िस सरकार पर दबाव बनाना शुरू किया ताकि वे अपने कड़े नियमों को आसान कर काले धन यहां छुपाने वालों पर अंकुश लगाए. नियमों में ढील से भी कम हुई जमा राश‍ि: इसके बाद स्व‍िट्जरलैंड ने काफी समय तक इसका विरोध किया, लेकिन आख‍िर यहां की सरकार अपने बैंक‍िंग नियमों में ढील देने को तैयार हुई. इसके बाद स्‍व‍िस सरकार ने कई देशों के साथ संध‍ि की. इसमें भारत भी शामिल है. इस संध‍ि के तहत स्व‍िट्जरलैंड संबंध‍ित देश के खाताधारकों की जानकारी कुछ शर्तों के साथ साझा करने के लिए तैयार हुआ. इस वजह से कई लोगों ने स्व‍िस बैंकों से अपना पैसा निकालना शुरू कर‍ दिया. बैंकों ने घरेलू स्तर पर ही कारोबार बढ़ाने पर दिया फोकस: इसके साथ ही वैश्व‍िक स्तर पर बढ़ रहे दबाव के चलते स्व‍िस बैंकों ने घरेलू स्तर पर ही अपने कारोबार को बढ़ाने पर फोकस करने की तरफ ध्यान देना शुरू किया. इसलिए इन्होंने न सिर्फ विदेश‍ियों के लिए पैसा रखने के नियमों को कड़ा किया, बल्क‍ि अपना फोकस देश में ही सेवा देने पर भी श‍िफ्ट किया. इससे भी कहीं-न-कहीं स्व‍िस बैंकों में भारत समेत अन्य देशों की जमा राश‍ि कम हुई.

मोदी सरकार के राज में स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा राश‍ि पिछले चार साल में पहली बार बढ़ी है. पिछले साल यह राश‍ि एक अरब स्विस फ्रैंक (7,000 करोड़ रुपये) के दायरे में पहुंच गई. लेकिन एक वक्त वो …

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लगातार दूसरे द‍िन नहीं बदले पेट्रोल-डीजल के दाम, आज ये हैं कीमतें

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मंगलवार तक मिल रही राहत पर बुधवार से ब्रेक लगा हुआ है. गुरुवार को भी पेट्रोल और जीएसटी की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. कच्चे तेल की कीमतों में जारी बढ़ोतरी के चलते ईंधन पर मिल रही राहत भी खत्म हो रही है. गुरुवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतें मंगलवार के स्तर पर बनी हुई हैं. दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल के लिए आपको 75.55 रुपये प्रति लीटर चुकाने पड़ रहे हैं. कोलकाता की बात करें तो यहां 78.23 रुपये प्रति लीटर पर है. मुंबई में 83.12 और चेन्नई में 78.40 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है. वहीं डीजल की बात करें, तो यह भी मंगलवार के स्तर पर बना हुआ है. गुरुवार को दिल्ली में एक लीटर डीजल की कीमत 67.38 रुपये हुई है. कोलकाता में यह 69.93 रुपये प्रति लीटर और मुंबई में 71.52 पर पहुंच गया है. चेन्नई में यह 71.12 रुपये प्रति लीटर का मिल रहा है. कच्चे तेल भी महंगा: कच्चे तेल की कीमतों में भी लगातार इजाफा हो रहा है. बुधवार को कच्चा तेल नवंबर, 2014 के बाद सबसे महंगा हुआ है. बुधवार को डब्लूटीआई क्रूड 72.76 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचा. वहीं, ब्रेंट क्रूड 77.62 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया है. कच्चे तेल में बढ़ोतरी और रुपये में लगातार दर्ज हो रही गिरावट के चलते आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी होने का संकेत है.

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मंगलवार तक मिल रही राहत पर बुधवार से ब्रेक लगा हुआ है. गुरुवार को भी पेट्रोल और जीएसटी की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. कच्चे तेल की कीमतों में जारी बढ़ोतरी के …

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डॉलर के मुकाबले रुपया 19 महीने के निचले स्तर पर, आपकी जेब पर ऐसे डालेगा असर

डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड 19 महीने के निचले स्तर पर आ गया है. आज शुरुआती कारोबार में रुपये में 30 पैसे की कमजोरी देखी गई. इसी के साथ डॉलर के मुकाबले रुपया 68.54 रुपये पर आ गया. डॉलर के मुकाबले …

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6 महीने में इन स्टॉक्स ने दिया 100% से ज्यादा रिटर्न

इन्वेस्टर्स इस वर्ष स्मॉल कैप स्टॉक्स में रूचि नहीं ले रहे है. लेकिन वैल्यूएशन संबंधी चिंताओं की वजह से इस सेगमेंट में काफी बिकवाली हुई है. साथ ही, प्रॉफिट ग्रोथ के मोर्चे पर कई कंपनियों के मायूस करने से भी …

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GST के तहत नहीं आ सकता पेट्रोल, आया तो सरकार को होगा भारी नुकसान

GST के तहत नहीं आ सकता पेट्रोल, आया तो सरकार को होगा भारी नुकसान

पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने को लेकर केंद्र सरकार लगातार अपना समर्थन जाहिर कर रही है. हालांकि पेट्रोलियम उत्पादों को जल्द जीएसटी के तहत लाने पर कोई फैसला होना मुश्किल लग रहा है. लेकिन नीति आयेाग के …

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वीडियोकॉन लोन विवाद: चंदा कोचर पर सेबी लगा सकता है 1 करोड़ का जुर्माना

वीडियोकॉन लोन विवाद: चंदा कोचर पर सेबी लगा सकता है 1 करोड़ का जुर्माना

वीडियोकॉन ग्रुप को लोन देने के मामले में हितों के टकराव का आरोप झेल रहीं आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर फंसती नजर आ रही हैं. मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने अपनी प्रथम दृष्टया जांच में पाया है कि इस मामले …

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महंगाई को जांचने के लिए अगली बैठक में भी रेपो रेट बढ़ा सकता है आरबीआई: HSBC

एचएसबीसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मुद्रास्फीति को जांचने के लिए प्रमुख नीति दरों को फिर से बढ़ा सकता है। बीते महीने हुई बैठक में केंद्रीय बैंक ने रिटेल इन्फ्लेशन (खुदरा महंगाई) अनुमान को 0.30 फीसद बढ़ा दिया था और पॉलिसी स्टांस को न्यूट्रल जोन में रखा था। वहीं आरबीआई ने रेपो रेट को 0.25 फीसद बढ़ाकर 6.25 फीसद कर दिया था। एचएसबीसी में एशियाई आर्थिक शोध के सह-अध्यक्ष फ्रेडरिक न्यूमैन ने एक नोट में कहा, “भारत में दरें और बढ़ सकती हैं। तेल ने काफी मुश्किलें पैदा की हैं, व्यापार संतुलन को नुकसान पहुंचाया है और कीमतों पर दबाव डाला है। मुद्रास्फीति की अपेक्षाओं को जांचने के लिए, आरबीआई को दरों को फिर से बढ़ाने की आवश्यकता हो सकती है।” आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, मई में खुदरा मुद्रास्फीति चार महीने के उच्चतम स्तर के साथ 4.87 फीसद तक पहुंच गई थी, जिसकी प्रमुख वजह फलों, सब्जियों और अनाज जैसे महंगे खाद्य पदार्थों के महंगे होने के साथ साथ ईंधन की कीमतों में भी तेजी आना रहा। बीते साल मई महीने के दौरान महंगाई दर 2.18 फीसद रही थी। RBI ने रेपो रेट को बढ़ाकर 6.25 फीसद किया, महंगाई अनुमान भी बढ़ा यह भी पढ़ें एचएसबीसी की रिपोर्ट में कहा गया, “यह मुश्किल होगा कि केंद्रीय बैंक किसी फैसले के लिए फेड के रुख का इंतजार करे, यह अमेरिका को एक महत्वपूर्ण मार्जिन से पीछे छोड़ देगा।” रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में मौद्रिक नीति में एक भिन्नता है।

एचएसबीसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मुद्रास्फीति को जांचने के लिए प्रमुख नीति दरों को फिर से बढ़ा सकता है। बीते महीने हुई बैठक में केंद्रीय बैंक ने रिटेल इन्फ्लेशन (खुदरा महंगाई) अनुमान …

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ग्लोबल बाजारों में तेजी के रुख से सोने के दाम बढ़े, चांदी में बड़ी गिरावट

मजबूत ग्लोबल रुख के बीच लोकल ज्वैलर्स की लिवाली से आज लगातार दूसरे दिन सोने में मजबूती रही. दिल्ली सर्राफा बाजार में आज सोना 15 रुपये बढ़कर 31,600 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया. क्यों आई सोने में तेजी बाजार सूत्रों ने कहा कि ग्लोबल स्तर पर मजबूत रुख के साथ लोकल कारोबारियों की लगातार खरीदारी से हाजिर बाजार में सोने के भाव में तेजी देखी गयी. वैश्विक स्तर पर सिंगापुर में सोना 0.16 फीसदी बढ़कर 1268.90 डॉलर प्रति औंस रहा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में , 99.9 फीसदी और 99.5 फीसदी शुद्धता वाला सोना 15-15 रुपये बढ़कर क्रमश: 31,600 रुपये और 31,450 रुपये प्रति दस ग्राम हो गया. इससे पहले कल भी सोना 15 रुपये चढ़ा था. हालांकि आठ ग्राम वाली गिन्नी 24,800 रुपये प्रति यूनिट पर ही टिकी रही. चांदी के दाम वहीं सिक्का निर्माताओं और औद्योगिक इकाइयों का उठाव बढ़ने से चांदी 250 रुपये सुधरकर वापस 41,000 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गयी. चांदी हाजिर 250 रुपये बढ़कर 41,000 रुपये प्रति किलोग्राम और साप्ताहिक डिलीवरी चांदी 200 रुपये चढ़कर 39,795 रुपये प्रति किलोग्राम हो गयी. वैश्विक स्तर पर सिंगापुर में चांदी 0.89 फीसदी बढ़कर 16.43 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई. चांदी सिक्का लिवाल और बिकवाल क्रमश : 76,000 और 77,000 रुपये प्रति सैकड़ा के पूर्व स्तर पर टिके रहे.

मजबूत ग्लोबल रुख के बीच लोकल ज्वैलर्स की लिवाली से आज लगातार दूसरे दिन सोने में मजबूती रही. दिल्ली सर्राफा बाजार में आज सोना 15 रुपये बढ़कर 31,600 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया. क्यों आई सोने में तेजी …

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