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कैमरे चलते रहे, मनोवैज्ञानिक बढ़त बनाने में लगे रहे ट्रंप, देखें: कौन किसपर भारी

आज वो लम्हा आ ही गया जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल था. सिंगापुर के कैपेला रिजॉर्ट में किम जोंग उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मिले तो ये पल दुनिया के इतिहास में दर्ज हो गया. ये महज मुलाकात नहीं कूटनीतिक एनकाउंटर था. किम जोंग और डोनाल्ड ट्रंप पहली बार आमने-सामने हुए तो दुनिया भर के विशेषज्ञों की नजर दोनों के हाव-भाव पर थी. दुनिया देखना चाहती थी कि किम जोंग से कैसे मिलते हैं ट्रंप. बाएं से किम जोंग और दाएं से डोनाल्ड ट्रंप की स्टेज पर जैसे ही एंट्री हुई दोनों तरफ से मनोवैज्ञानिक दांव शुरू हो गए. दरअसल ट्रंप ने आते ही जोंग से गर्मजोशी से हाथ मिलाया. जोंग के कंधे पर हाथ रखा और ये दिखाने की कोशिश की कि इस मीटिंग को लेकर वो किसी तरह के दवाब में नहीं है. जब तक कैमरे चमकते रहे. डोनाल्ड ट्रंप मीटिंग से पहले मनोवैज्ञानिक बढ़त बनाने में लगे रहे, वो कभी जोंग की बांह पर हाथ रखते तो कभी पीठ पर. दोनों मीटिंग के लिए आगे बढ़े तब भी ट्रंप का हाथ जोंग की पीठ पर ही था. मनोविश्लेषकों का मानना है कि इस मीटिंग को लेकर दोनों नेता दबाव में दिख रहे थे. ट्रंप के चेहर पर भी दबाव दिख रहा था. लेकिन किम जोंग ज्यादा दबाव में दिख रहे थे. शुरुआती हिचक दूर होते ही किम जोंग भी सधे और सहज दिखे. उधर, जोंग से दोगुनी उम्र के ट्रंप बार-बार ये दिखाने की कोशिश कर रहे थे कि वो सुपर पावर अमेरिका के सर्वेसर्वा हैं. जब वन टू वन मीटिंग से पहले दोनों नेता लॉबी में रुके तब भी माइंड गेम जारी था. तब तक जोंग पूरी तरह सहज हो चुके थे. इस बार ट्रंप की बांह थपथपाने की बारी किम जोंग की थी. लेकिन जब मीटिंग रूम में घुसने का मौका आया तो ट्रंप ने एक बार फिर जोंग की पीठ पर हाथ रखा और रास्ता दिखाया.

आज वो लम्हा आ ही गया जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल था. सिंगापुर के कैपेला रिजॉर्ट में किम जोंग उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मिले तो ये पल दुनिया के इतिहास में दर्ज हो गया. ये महज मुलाकात नहीं …

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किम से डील पक्की, ट्रंप ने दिया व्हाइट हाउस आने का न्योता

जिस मुलाकात का पूरी दुनिया को इंतजार था आखिरकार वो हो ही गई. मंगलवार सुबह सिंगापुर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और नॉर्थ कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन के बीच बैठक हुई. बैठक के बाद ट्रंप ने कहा कि ये मुलाकात उम्मीद से भी अच्छी रही. दोनों नेता जल्द ही किसी डॉक्यूमेंट भी साइन किए. दोनों ने साझा बयान जारी करते हुए कहा कि दुनिया जल्द ही बड़ा बदलाव देखेगी. इसके साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नॉर्थ कोरिया के नेता किम जोंग उन को व्हाइट हाउस आने का न्योता दिया है. इसके साथ ही ट्रंप ने कहा कि नॉर्थ कोरिया जल्द ही परमाणु निशस्त्रीकरण की कार्रवाई तेज करेगा. अभी कुछ महीने पहले तक दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग चल रही थी. लेकिन अब मिजाज पूरी तरह से बदल गया है. दोनों नेता सिंगापुर में पूरे जोश में मिले और द्विपक्षीय बातचीत की. साथ में किया दोनों ने लंच दोनों नेताओं के बीच अब तक दो दौर की बातचीत हो चुकी है. इसके अलावा दोनों नेता लंच भी कर चुके हैं. दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल की बातचीत के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि किम जोंग से उनकी बैठक उम्मीद से बेहतर हुई है. इसके अलावा दोनों नेता बैठक के बाद रिजॉर्ट के अंदर टहलते हुए भी दिखाई दिए. LIVE: किम से दो दौर की बात, साथ लंच, ट्रंप बोले- उम्मीद से बेहतर रही मुलाकात 41 मिनट चली पहली मुलाकात सेंटोसा द्वीप के कैपेला रिजॉर्ट में दोनों नेताओं के बीच 41 मिनट तक वन-ऑन-वन मुलाकात हुई. ये मुलाकात कई मायनों में ऐतिहासिक है. अमेरिका का कोई सिटिंग राष्ट्रपति पहली बार किसी उत्तर कोरियाई नेता से मिला है. वहीं, सत्ता संभालने के 7 साल बाद किम जोंग उन पहली बार इतनी लंबी विदेश यात्रा पर आए हैं. ट्रंप और किम ने क्या कहा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किम के साथ बैठकर उम्मीद जताई कि यह शिखर वार्ता 'जबरदस्त सफलता' वाली होगी. उत्तर कोरियाई नेता के बगल में बैठकर ट्रंप ने कहा, 'आगे हमारे रिश्ते बेहद शानदार होंगे. वास्तव में बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं, हम बेहद अच्छी चर्चा करने वाले हैं और हमारे रिश्ते शानदार होंगे, इसमें मुझे कोई संदेह नहीं है.' ट्रंप-किम की ऐतिहासिक मुलाकात से कारोबारी खुश, एशियाई बाजार हरे निशान में उत्तर कोरियाई सर्वोच्च नेता ने कहा कि सिंगापुर में आज हो रही बैठक की राह में कई 'रोड़े' थे. उन्होंने बताया, 'हमने उन बाधाओं को पार किया और आज हम यहां हैं.' माना जा रहा है कि मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति और एक उत्तर कोरियाई नेता के बीच हो रही यह पहली शिखर वार्ता ट्रंप और किम के बीच कभी बेहद तल्ख रहे रिश्तों को भी बदलने वाली साबित होगी. मुलाकात से पहले अमेरिका ने परमाणु निरस्त्रीकरण के बदले उत्तर कोरिया को 'विशिष्ट' सुरक्षा गारंटी की पेशकश की थी.जिस मुलाकात का पूरी दुनिया को इंतजार था आखिरकार वो हो ही गई. मंगलवार सुबह सिंगापुर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और नॉर्थ कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन के बीच बैठक हुई. बैठक के बाद ट्रंप ने कहा कि ये मुलाकात उम्मीद से भी अच्छी रही. दोनों नेता जल्द ही किसी डॉक्यूमेंट भी साइन किए. दोनों ने साझा बयान जारी करते हुए कहा कि दुनिया जल्द ही बड़ा बदलाव देखेगी. इसके साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नॉर्थ कोरिया के नेता किम जोंग उन को व्हाइट हाउस आने का न्योता दिया है. इसके साथ ही ट्रंप ने कहा कि नॉर्थ कोरिया जल्द ही परमाणु निशस्त्रीकरण की कार्रवाई तेज करेगा. अभी कुछ महीने पहले तक दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग चल रही थी. लेकिन अब मिजाज पूरी तरह से बदल गया है. दोनों नेता सिंगापुर में पूरे जोश में मिले और द्विपक्षीय बातचीत की. साथ में किया दोनों ने लंच दोनों नेताओं के बीच अब तक दो दौर की बातचीत हो चुकी है. इसके अलावा दोनों नेता लंच भी कर चुके हैं. दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल की बातचीत के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि किम जोंग से उनकी बैठक उम्मीद से बेहतर हुई है. इसके अलावा दोनों नेता बैठक के बाद रिजॉर्ट के अंदर टहलते हुए भी दिखाई दिए. LIVE: किम से दो दौर की बात, साथ लंच, ट्रंप बोले- उम्मीद से बेहतर रही मुलाकात 41 मिनट चली पहली मुलाकात सेंटोसा द्वीप के कैपेला रिजॉर्ट में दोनों नेताओं के बीच 41 मिनट तक वन-ऑन-वन मुलाकात हुई. ये मुलाकात कई मायनों में ऐतिहासिक है. अमेरिका का कोई सिटिंग राष्ट्रपति पहली बार किसी उत्तर कोरियाई नेता से मिला है. वहीं, सत्ता संभालने के 7 साल बाद किम जोंग उन पहली बार इतनी लंबी विदेश यात्रा पर आए हैं. ट्रंप और किम ने क्या कहा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किम के साथ बैठकर उम्मीद जताई कि यह शिखर वार्ता 'जबरदस्त सफलता' वाली होगी. उत्तर कोरियाई नेता के बगल में बैठकर ट्रंप ने कहा, 'आगे हमारे रिश्ते बेहद शानदार होंगे. वास्तव में बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं, हम बेहद अच्छी चर्चा करने वाले हैं और हमारे रिश्ते शानदार होंगे, इसमें मुझे कोई संदेह नहीं है.' ट्रंप-किम की ऐतिहासिक मुलाकात से कारोबारी खुश, एशियाई बाजार हरे निशान में उत्तर कोरियाई सर्वोच्च नेता ने कहा कि सिंगापुर में आज हो रही बैठक की राह में कई 'रोड़े' थे. उन्होंने बताया, 'हमने उन बाधाओं को पार किया और आज हम यहां हैं.' माना जा रहा है कि मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति और एक उत्तर कोरियाई नेता के बीच हो रही यह पहली शिखर वार्ता ट्रंप और किम के बीच कभी बेहद तल्ख रहे रिश्तों को भी बदलने वाली साबित होगी. मुलाकात से पहले अमेरिका ने परमाणु निरस्त्रीकरण के बदले उत्तर कोरिया को 'विशिष्ट' सुरक्षा गारंटी की पेशकश की थी.

जिस मुलाकात का पूरी दुनिया को इंतजार था आखिरकार वो हो ही गई. मंगलवार सुबह सिंगापुर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और नॉर्थ कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन के बीच बैठक हुई. बैठक के बाद ट्रंप ने कहा …

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किम-ट्रंप की मुलाकात, पहला दौर 50 मिनट

अंततः पहली मुलाकात हुई वो भी पुरे 50 मिनट. जी हा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के प्रमुख किम जोंग उन के बीच सिंगापुर के सेंटोसा द्वीप में ऐतिहासिक मुलाकात शुरू हो चुकी है और वन-ऑन-वन मुलाकात का पहला दौर खत्म हो चुका है. ये वो ऐतिहासिक 50 मिनट थे जब अमेरिका का कोई सिटिंग राष्ट्रपति पहली बार किसी उत्तर कोरियाई नेता से मिल रहा था. वही सत्ता संभालने के 7 साल बाद किम जोंग उन पहली बार इतनी लंबी विदेश यात्रा के लिए देश और अपने सुरक्षा घेरे से बाहर आये है. भारतीय समयानुसार सुबह करीब 6.30 बजे सेंटोसा द्वीप पर दोनों नेताओ ने एक दूसरे से औपचारिक मुलाकात शुरू की जिसके बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उम्मीद जताई कि यह शिखर वार्ता 'जबरदस्त सफलता' वाली होगी. उत्तर कोरियाई नेता के बगल में बैठकर ट्रंप ने कहा, 'आगे हमारे रिश्ते बेहद शानदार होंगे. वास्तव में बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं, हम बेहद अच्छी चर्चा करने वाले हैं और हमारे रिश्ते शानदार होंगे, इसमें मुझे कोई संदेह नहीं है.' उत्तर कोरियाई तानाशाह ने कहा कि सिंगापुर में आज हो रही बैठक की राह में कई 'रोड़े' थे. उन्होंने बताया, 'हमने उन बाधाओं को पार किया और आज हम यहां हैं.' किम जोंग उन ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग से इस मुलाकात का आयोजन और इस पर 100 करोड़ खर्च करने पर कहा कि अमेरिका और उत्तर कोरिया की ऐतिहासिक मुलाकात को पूरी दुनिया देख रही है. वहीं, मुलाकात से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने लगातार किम से अपनी मुलाकात को लेकर ट्वीट किए. डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट करके कहा है कि सिंगापुर आना अहम है, वातावरण में उत्साह है!अंततः पहली मुलाकात हुई वो भी पुरे 50 मिनट. जी हा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के प्रमुख किम जोंग उन के बीच सिंगापुर के सेंटोसा द्वीप में ऐतिहासिक मुलाकात शुरू हो चुकी है और वन-ऑन-वन मुलाकात का पहला दौर खत्म हो चुका है. ये वो ऐतिहासिक 50 मिनट थे जब अमेरिका का कोई सिटिंग राष्ट्रपति पहली बार किसी उत्तर कोरियाई नेता से मिल रहा था. वही सत्ता संभालने के 7 साल बाद किम जोंग उन पहली बार इतनी लंबी विदेश यात्रा के लिए देश और अपने सुरक्षा घेरे से बाहर आये है. भारतीय समयानुसार सुबह करीब 6.30 बजे सेंटोसा द्वीप पर दोनों नेताओ ने एक दूसरे से औपचारिक मुलाकात शुरू की जिसके बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उम्मीद जताई कि यह शिखर वार्ता 'जबरदस्त सफलता' वाली होगी. उत्तर कोरियाई नेता के बगल में बैठकर ट्रंप ने कहा, 'आगे हमारे रिश्ते बेहद शानदार होंगे. वास्तव में बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं, हम बेहद अच्छी चर्चा करने वाले हैं और हमारे रिश्ते शानदार होंगे, इसमें मुझे कोई संदेह नहीं है.' उत्तर कोरियाई तानाशाह ने कहा कि सिंगापुर में आज हो रही बैठक की राह में कई 'रोड़े' थे. उन्होंने बताया, 'हमने उन बाधाओं को पार किया और आज हम यहां हैं.' किम जोंग उन ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग से इस मुलाकात का आयोजन और इस पर 100 करोड़ खर्च करने पर कहा कि अमेरिका और उत्तर कोरिया की ऐतिहासिक मुलाकात को पूरी दुनिया देख रही है. वहीं, मुलाकात से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने लगातार किम से अपनी मुलाकात को लेकर ट्वीट किए. डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट करके कहा है कि सिंगापुर आना अहम है, वातावरण में उत्साह है!

अंततः पहली मुलाकात हुई वो भी पुरे 50 मिनट. जी हा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के प्रमुख किम जोंग उन के बीच सिंगापुर के सेंटोसा द्वीप में ऐतिहासिक मुलाकात शुरू हो चुकी है और वन-ऑन-वन मुलाकात …

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अफगानिस्तान: तालिबानी हमले में मारे गए 15 सुरक्षाकर्मी

अफगानिस्तान में एक बार फिर तालिबानी आतंकियों ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है. ताजा घटना कुंडूज प्रांत से आई है जहां एक शिक्षा विभाग की इमारत पर तालिबानी आतंकवादियों ने हमला कर कई सुरक्षाबलों को अपना शिकार बना लिया. बताया जा रहा है कि इस बड़े हमले में 15 सुरक्षाकर्मीयो की मौत हो गई है और कई अन्य घायल भी हुए है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हमलावरों ने जलालाबाद स्थित शिक्षा विभाग की इमारत पर हमला किया. बताया जा रहा है कि मुठभेड़ अभी भी जारी है और एक बंदूकधारी ताबड़तोड़ गोलियां बरसा रहा है. बता दें कि शनिवार को अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा किए गए हमले में 19 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई, जबकि कई पुलिस कर्मी घायल भी बताए जा रहे है. एक न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक तालिबानी आतंकियों ने सैन्य बेस पर हमला किया. अचानक हुए इस हमले में 19 पुलिसकर्मी शहीद हो गए. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कुछ ही घंटों पहले ईद के मौके पर अफगानिस्तान सरकार द्वारा सीजफायर के ऐलान की घोषणा की थी. हालांकि तालिबान ने सीजफायर का उन्लंघन कतरे हुए इस बड़ी घटना को अंजाम दिया है. अफगान सरकार ने सैकड़ों धार्मिक विद्वानों द्वारा जारी एक ऐतिहासिक निर्णय की प्रतिक्रिया में तालिबान के साथ आठ दिवसीय संघर्षविराम का ऐलान किया था. राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि 'संघर्षविराम रमजान के 27वें दिन (13 जून) से शुरू होकर ईद उल फितर के पांचवें दिन तक जारी रहेगा'.

अफगानिस्तान में एक बार फिर तालिबानी आतंकियों ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है. ताजा घटना कुंडूज प्रांत से आई है जहां एक शिक्षा विभाग की इमारत पर तालिबानी आतंकवादियों ने हमला कर कई सुरक्षाबलों को अपना शिकार बना लिया. …

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उपराज्‍यपाल के घर सोफे पर गुजारी रात, ट्वीट किया गुड मॉर्निंग एलजी सर

गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने मंत्रियों समेत सोमवार शाम से एलजी आवास पर सोफे पर ही सो गए थे.उन्होंने एलजी अनिल बैजल के सामने कुछ मांगें रखी हैं और कहा है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी तब तक वह वहां से नहीं हटेंगे. उपराज्यपाल के आवास में 'धरना' देने से पहले अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, 'हम चारों मैं, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, सतेंदर जैन और गोपाल राय ने एलजी से मुलाकात कर कुछ मांगें रखीं. हमारी मांग है-1. दिल्ली में चार महीने से हड़ताल कर रहे आईएएस अधिकारियों को काम पर लौटने के निर्देश दिये जाएं. 2. चार महीनों से काम रोकने वाले आईएएस अधिकारियों को सजा दी जाए. 3. राशन की घर पहुंच व्यवस्था को स्वीकृति दी जाए.'

दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी मांगों को लेकर सोमवार शाम से ही उपराज्‍यपाल के आवास पर धरने पर बैठे है और फिलहाल वही पर है. अब दिल्ली में घमासान मचा हुआ है और आप नेताओं के धरने के बाद …

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केजरीवाल और 3 मंत्रियों की गांधीगिरी LG के घर: केजरीवाल ने कहा- दिल्लीवासियों, संघर्ष जारी है

दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच एक बार फिर जंग तेज हो चुकी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी मांगों को लेकर उपराज्यपाल अनिल बैजल के घर सोमवार शाम से धरने पर बैठे है। उनके साथ डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, मंत्री गोपाल राय, सत्येंद्र जैन भी पूरी रात एलजी कर आवास के वेटिंग रूम में बैठे रहे। केजरीवाल दिल्ली सरकार की डोर टू डोर राशन योजना को मंज़ूरी देने और पिछले चार महीने से सरकार के कामकाज का बहिष्कार करनेवाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। केजरीवाल का आरोप है कि एलजी इस मामले में ढीला रवैय्या अपनायें हुए है । अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि उनके पास सीबीआई, पुलिस, ईडी, आईटी, आईएएस, एसीबी- सब कुछ है। फिर वो इतना घबराए क्यों हैं? हमारे साथ सत्य है, आत्मबल है। इसीलिए चेहरों पर सुकून और मुस्कान है। सत्य में बड़ी ताक़त होती है। मनीष सिसोदिया ने उपराज्‍यपाल अनिल बैजल ट्वीट करके कहा कि हमारे स्कूलों में वाइट वॉश का काम गर्मी की छुट्टियों में होना था। इस बार आपके आईएएस अधिकारियों की हड़ताल के चलते ये काम शुरू ही नहीं हुआ। बड़ी मुश्किल से सरकारी स्कूलों की चमक लौटनी शरू हुई थी. इसका काम बंद करवाकर आप कह रहे हैं। आईएएस अफसर काम तो कर रहे है। केजरीवाल सरकार की मांगे है- 1- पहली अधिकारी कथित हड़ताल खत्म करें मोहल्ला क्लिनिक की सीबीआई जांच पर केजरीवाल का केंद्र सरकार पर हमला 2- दूसरा काम रोकने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई हो 3- तीसरा राशन की डोर टू डोर योजना पास की जाए।

दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच एक बार फिर जंग तेज हो चुकी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी मांगों को लेकर उपराज्यपाल अनिल बैजल के घर सोमवार शाम से धरने पर बैठे है। उनके साथ डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, मंत्री …

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राहुल गाँधी से मिले शरद पवार

आगामी लोक सभा चुनाव को लेकर राहुल गाँधी बहुत गंभीर हो गए हैं और इसके लिए वे भाजपा की शैली को समझते हुए उसी की रणनीति का अनुसरण कर उसे हराने के लिए लोहे को लोहे से काटने की तर्ज पर राहुल गांधी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो शरद पवार से मुलाक़ात की .राहुल गांधी की शरद पवार से हुई मुलाकात के कई अर्थ निकल रहे हैं. आपको बता दें कि पिछले दिनों बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मुंबई जाकर शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी.हालाँकि इस मुलाक़ात को संपर्क फॉर समर्थन का हिस्सा बताया था , लेकिन खास तौर से इस मुलाक़ात का मकसद शिव सेना को साथ लेकर चुनाव लड़ने के लिए समझाना था , लेकिन शिव सेना ने अलग रहकर चुनाव लड़ने के फैसले में एनसीपी के शरद पवार को भी संभावनाएं दिखाई देने लगी और वो राहुल गाँधी के बुलावे पर दिल्ली पहुँच गए. जबकि अमित शाह ने खुद मुंबई में उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी. उल्लेखनीय है कि इस मुलाकात में शरद पवार ने राहुल गाँधी को सियासी मन्त्र मंत्र देते हुए फ़िलहाल पूरा ध्यान एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ पर केंद्रित करने को कहा, क्योंकि इन तीन राज्यों में बीजेपी का विजय रथ रुक गया तो इसका लाभ आगामी लोक सभा चुनाव पर भी पड़ेगा. कहा जा रहा है कि भाजपा को हराने के लिए राहुल गाँधी जल्द ही लालू प्रसाद यादव, ममता बनर्जी, चंद्र बाबू नायडू और समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह बसपा प्रमुख मायावती से भी मिलेंगे. राहुल गाँधी ने भी अमित शाह की ही तरह सम्पर्क से समर्थन साधने की नीति अपना ली है. इसी रणनीति से वे भाजपा को निपटाएंगे.

आगामी लोक सभा चुनाव को लेकर राहुल गाँधी बहुत गंभीर हो गए हैं और इसके लिए वे भाजपा की शैली को समझते हुए उसी की रणनीति का अनुसरण कर उसे हराने के लिए लोहे को लोहे से काटने की तर्ज …

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कांग्रेस ने जोर देकर मुझे सीएम बनाया….

कर्नाटक में सत्ता पर काबिज होने के बाद मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा है कि कांग्रेस ने ही जोर देकर उन्हें सीएम बनाया है. उन्होंने बताया, 'कांग्रेस चाहती थी कि मैं जेडीएस-कांग्रेस के गठबंधन का नेतृत्व करूं.' कुमारस्वामी ने कहा कि कर्नाटक चुनाव के नतीजे आने के बाद कांग्रेस नेताओं ने जब उनके पिता एचडी देवगौड़ा से संपर्क किया तो उन्होंने कांग्रेस को सीएम पद अपने पास रखने को कहा था. कुमारस्वामी ने बताया, 'मेरे पिता ने कांग्रेस नेताओं को कहा कि मेरी दो बार हृदय की सर्जरी हो चुकी है और मेरा स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है. इस वजह से पिता ने कहा था कि सीएम का पद कांग्रेस खुद अपने पास रखे, लेकिन उन्होंने जोर दिया और मुझे सीएम बनाया.' उन्होंने यह भी कहा कि वह चरणबद्ध तरीके से सरकारी ऑफिसों से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए दृढ़ निश्चयी हैं. उन्होंने कहा, 'भ्रष्टाचार को पूरी तरह हटाना मुश्किल काम है और अगर मैं इसे प्रयोग में लाता हूं तो अपना पद छोड़ दूंगा.' उन्होंने आगे कहा, 'मैं विधान सौंधा में मौजूद बिचौलियों की वजह से सरकार चलाने के अपने डर को साझा करना चाहता हूं. मैंने बिचौलियों के होने की आशंका सुनी थी जो अधिकारियों के तबादले के लिए 10 करोड़ रुपये की मांग करते हैं. इन परिस्थतियों की वजह से कभी-कभी मैं सरकार चलाने को सोचते हुए डर जाता हूं.' उन्होंने आगे कहा, 'मैंने अपने इस डर को पिता से भी जाहिर किया था. इसके बाद ही मेरे पिता ने कांग्रेस नेताओं से हुई बातचीत को साझा किया था.' सीएम ने कहा कि लोगों के कल्याण के लिए काम करने के अलावा उनकी कोई महत्वकांक्षा नहीं है. उन्होंने कहां, 'मैं पैसा नहीं कमाना चाहता हूं और न ही किसी चीज के लिए आकांक्षा रखता हूं. मुझे नहीं पता कि मैं कितना अधिक जी पाउंगा. हालांकि फिर भी मैंने ऑफर स्वीकार कर लिया है, मैं सरकार चलाउंगा और अच्छी सरकार को सुनिश्चित करूंगा.'

कर्नाटक में सत्ता पर काबिज होने के बाद मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा है कि कांग्रेस ने ही जोर देकर उन्हें सीएम बनाया है. उन्होंने बताया, ‘कांग्रेस चाहती थी कि मैं जेडीएस-कांग्रेस के गठबंधन का नेतृत्व करूं.’ कुमारस्वामी ने कहा …

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यादगार किस्सा: प्लेन भटकने की सूचना मिली तो सो गए अटल जी

भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को किडनी में खराबी और श्वसन तंत्र में संक्रमण की शिकायत के बाद सोमवार को एम्स में भर्ती कराया गया है। जांच में उन्हें यूरिन में संक्रमण पाया गया। हालांकि एम्स ने उनकी हालत स्थिर बताई है। 93 साल के अटलजी लंबे समय से बीमार चल रहे हैं। वे डिमेंशिया (भूलने की बीमारी) से जूझ रहे हैं। वह 2009 से ही व्हीलचेयर पर हैं। अटलजी जीवन भर भारतीय राजनीति में सक्रिय रहे। उनके जीवन से जुड़ा एक किस्सा यहां बता रहे हैं। अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी 'हार नहीं मानूंगा' में एक किस्सा बताया गया है जिसे पत्रकार विजय त्रिवेदी ने बयान किया है। एक बार अटलजी को हिमाचल प्रदेश में एक चुनावी सभा को संबोधित करने जाना था तो वे एक छोटे विमान से धर्मशाला जा रहे थे। इस सफर में उनके साथ वरिष्ठ पत्रकार और राज्यसभा सांसद रहे बलबीर पुंज भी थे। इस यात्रा के दौरान अटलजी को नींद आ गई। इसी बीच विमान का सह-पायलट कॉकपिट से बाहर आया और उसने पुंज से पूछा कि क्या वे इससे पहले कभी धर्मशाला आए हैं? पुंज द्वारा ऐसा पूछने की वजह पूछे जाने पर सह-पायलट ने कहा कि एयर ट्रैफिक कंट्रोल से हमारा संबंध टूट गया है और हमें धर्मशाला मिल नहीं रहा है। विमान चालकों के पास बहुत पुराना नक्शा था और नीचे जो दिख रहा था, वह उस नक्शे से मेल नहीं खा रहा था। इतने में वाजपेयी की नींद टूटी। जब पुंज ने उन्हें सारी बात बताई तो अटल जी ने बोले 'अगर जागते हुए क्रैश होगा तो बहुत तकलीफ होगी इसलिए फिर से सो जाता हूं।' यह कहकर वे दोबारा सो गए। बाद में इस विमान का संपर्क इंडियन एयरलाइंस के एक विमान से हुआ और उसकी मदद से उसे धर्मशाला की जगह कुल्लू में सुरक्षित उतार लिया गया।

भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को किडनी में खराबी और श्वसन तंत्र में संक्रमण की शिकायत के बाद सोमवार को एम्स में भर्ती कराया गया है। जांच में उन्हें यूरिन में संक्रमण पाया गया। हालांकि एम्स ने उनकी …

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जब संख्याबल के आगे झुक गए थे अटल, 1996 का वो ऐतिहासिक भाषण

देश के पूर्व प्रधानमंत्री और कवि अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत ठीक नहीं है. सोमवार को रुटीन चेकअप के लिए उन्हें नई दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया. अटल जी को यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन है. सोमवार शाम से ही एम्स में नेताओं का जमावड़ा लगा रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई दिग्गज अटल का हाल लेने पहुंचे. अटल बिहारी वाजपेयी ने तीन बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. एक 13 दिन, दूसरी बार 13 महीने और फिर पूरे पांच साल तक. जब एक वोट से गिर गई सरकार... 1996 के चुनाव परिणामों के बाद 16 मई 1996 को अटल बिहारी वाजपेयी ने देश के 11वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी. लेकिन एक मत के चलते बीजेपी बहुमत साबित नहीं कर पाई, परिणाम स्वरूप समय से पहले ही बीजेपी के पहले प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा और सरकार 13 दिन बाद गिर गई थी. दरअसल, बीजेपी को लोकसभा में 161 सीटें मिली थीं और कांग्रेस को 140 सीटें मिली थीं, लेकिन फ्लोर टेस्ट के दौरान वाजपेयी सरकार के पक्ष में 269 वोट और उनके विरोध में 270 वोट पड़े थे. इस्तीफा देने से पहले अटल बिहारी वाजपेयी ने संसद में यादगार भाषण दिया. उन्होंने लोकसभा में कहा था कि सदन में एक व्यक्ति की पार्टी है, वो हमारे खिलाफ जमघट करके हराने का प्रयास कर रहे हैं. उन्हें पूरा अधिकार है लेकिन वो 'एकला चलो रे' के रास्ते पर चल रहे हैं. ये देश के भलाई के लिए एक हो रहे हैं तो स्वागत है. विपक्ष पर किया था जमकर वार साथ ही उन्होंने कहा था कि हमारा क्या अपराध है. हमें क्यों कठघरे में खड़ा किया जा रहा है? यह जनादेश ऐसे ही नहीं मिला है. हमने मेहनत की है, इसके पीछे वर्षों का संघर्ष है, साधना है. हम देश सेवा कर रहे हैं वो भी निस्स्वार्थ भाव से और पिछले 40 सालों से ऐसे ही करते आ रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि एक-एक सीटों वाली पार्टियां कुकुरमुत्ते की तरह उग आती हैं. राज्यों में आपस में लड़ती हैं. दिल्ली में आकर एक हो जाती हैं. हम देश की सेवा के कार्य में जुटे रहेंगे. उन्होंने कहा, 'हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि जो कार्य हमने अपने हाथों में लिया है, उसे पूरा किए बिना विश्राम नहीं करेंगे. अध्यक्ष महोदय, मैं अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को देने जा रहा हूं.' उन्होंने अपने भाषण के दौरान कहा कि हम थोड़ी ज्यादा सीटें नहीं ला सके. ये हमारी कमजोरी है. हमें बहुमत मिलना चाहिए था. हमें सरकार बनाने को राष्ट्रपति ने अवसर दिया, लेकिन हमें सफलता नहीं मिली. हम सदन में सबसे बड़े विरोधी दल के रूप में बैठेंगे और आपको हमारा सहयोग लेकर सदन चलाना पड़ेगा. मगर सरकार आप कैसी बनाएंगे, वो सरकार किस कार्यक्रम पर बनेगी वो सरकार कैसी चलेगी मैं नहीं जानता. 'हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा', पढ़ें अटल की 5 यादगार कविताएं वाजपेयी ने अपने शब्दों से प्रहार करते हुए कहा था, 'ये सरकार टिकाऊ होगी, उसके लक्षण कम ही दिखते हैं. पहले तो उसका जन्म लेना कठिन है, फिर उसका जीवित रहना कठिन है और ये सरकार अंतर्विरोध में घिरी हुई है, ये देश का कितना लाभ कर सकेगी, ये एक बड़ा सवाल है. ऐसे में तब आपको हर बात के लिए कांग्रेस के पास दौड़ना पड़ेगा और आप उनपर निर्भर हो जाएंगे. हम फ्लोर पर कोर्डिनेशन करते हैं उसके बिना सदन नहीं चलता. आप सारा देश चलाना चाहते हैं, अच्छी बात है हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.' और फिर 28 मई, 1996 को अटल ने अपने भाषण में कहा कि हम संख्याबल के सामने सिर झुकाते हैं. अध्यक्ष महोदय, मैं अपना इस्तीफा राष्ट्रपति जी को देने जा रहा हूं. कर्नाटक चुनाव के दौरान भी आई थी याद आपको बता दें कि हाल ही में कर्नाटक चुनाव के दौरान जब बीजेपी की सरकार बहुमत ना होने के कारण गिरी. तो बी.एस. येदियुरप्पा ने इस्तीफे का ऐलान करते हुए भाषण दिया. उस दौरान उनके भाषण की तुलना भी अटल बिहारी वाजपेयी के 1996 में दिए गए भाषण से की गई थी.

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