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2019 में कांग्रेस के साथ रहेंगे-देवगौड़ा

महागठबंधन को लेकर चल रही अटकलों के बीच जनता दल (एस) के प्रमुख एच डी देवगौड़ा ने लोकसभा चुनाव में सभी के साथ मिलकर लड़ने की संभावना पर संशय जताया है. उन्होंने कहा कर्नाटक के मुख्यमंत्री के शपथग्रहण समारोह आये सभी दल साथ रहे जरुरी नहीं है. देवगौड़ा ने बीजेपी के खिलाफ तीसरे मोर्चे की भूमिका को भी दोहराया . देवगौड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से राज्यों में अपने कैडरों को साफ ‘‘संकेत ’ है कि वे जल्द ही नवंबर-दिसंबर में लोकसभा चुनावों के लिए तैयार रहें. उन्होंने कहा, ‘ये आवश्यक नहीं है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में कुमारस्वामी के शपथग्रहण समारोह में शामिल होने वाली पार्टियां सभी राज्यों में मिलकर लड़ेंगी.’ कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, बसपा, आप, माकपा और टीडीपी के शीर्ष नेता पिछले महीने बेंगलूरू में कुमारस्वामी के शपथग्रहण समारोह में शामिल हुए थे. देवगौड़ा ने कहा कि सपा और बसपा आम चुनाव में उत्तर प्रदेश में चालीस-चालीस सीट साझा करने पर चर्चा कर रही हैं.उन्होंने कहा, ‘कर्नाटक में कांग्रेस के साथ कुछ मुद्दे होने के बावजूद हम उसके साथ मिलकर लड़ेंगे.' सीट बंटवारे पर उन्होंने कहा, ‘मुद्दे पर अब तक कोई चर्चा नहीं हुई है... कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कुमारस्वामी चर्चा करेंगे और इसे अंतिम रूप देंगे.’

महागठबंधन को लेकर चल रही अटकलों के बीच जनता दल (एस) के प्रमुख एच डी देवगौड़ा ने लोकसभा चुनाव में सभी के साथ मिलकर लड़ने की संभावना पर संशय जताया है. उन्होंने कहा कर्नाटक के मुख्यमंत्री के शपथग्रहण समारोह आये …

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नेतन्याहू से मुलाकात के बाद यहूदियों को अल्पसंख्यक दर्जा देने की घोषणा

बता दें, मुख्यमंत्री बनने के बाद विजय रुपाणी का यह पहला विदेशी दौरा है, जिसमें वो इजरायल आए है. यहाँ पर विजय रुपाणी आतंरिक सुरक्षा ,जल प्रबंधन और कृषि के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर बेंजामिन नेतन्याहू से बातचीत करेंगे. इससे पहले जब बेंजामिन नेतन्याहू भारत के दौरे पर थे, तब उन्होंने भी गुजरात का दौरा किया था.

हाल ही में कुछ महीनों पहले हुए चुनाव के बाद गुजरात के नए मुख्यमंत्री बने विजय रुपाणी अभी इजरायल दौरे पर है. विजय रुपाणी का मुख्यमंत्री बनने के बाद यह पहला विदेश दौरा है. इस दौरे पर विजय रुपाणी ने …

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इतिहास के साथ फिर की मोदी ने बड़ी छेड़छाड़

नरेंद्र मोदी

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर अपनी एक रैली के दौरान इतिहास से छेड़छाड़ करते हुए एक ऐसा बयान दिया है, जो संभव ही नहीं हो सकता. हाल ही में संत कबीरदास जी 500 वीं पुण्यतिथि यूपी …

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गरीबों में राशन दुकानों से सस्ती दर पर दाल बांटने की तैयारी

गरीबों में राशन दुकानों से सस्ती दर पर दाल बांटने की तैयारी की जा रही है। इस बारे में उपभोक्ता व खाद्य मंत्रालय कैबिनेट नोट तैयार कर रहा है। सरकारी स्टॉक में फिलहाल 55 लाख टन दालें पड़ी हुई हैं, जिन्हें बाजार के हिसाब से अधिक मूल्य पर खरीदा गया है। अगर उसे खुले बाजार में बेचना पड़ा तो भारी घाटा उठाना पड़ेगा। घाटे के इस सौदे से बचने के लिए देश के 201 पिछड़े जिलों में सस्ती दर पर दालों को बेचने पर विचार किया जा रहा है। सरकारी स्टॉक की दालों को खपाने के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवों की समिति की बैठक बुलाई गई है। बैठक में बफर स्टॉक की पुरानी पड़ी दालों के साथ मूल्य समर्थन योजना के तहत खरीदी दालों को पिछड़े जिलों में बांटे जाने पर कोई अहम फैसला लिया जा सकता है। महंगी दाल खरीद कर बाजार में निजी व्यापारियों को सस्ते में बेचना सरकार को भारी पड़ सकता है। दलहन फसलों की सरकारी एजेंसी नैफेड ने चालू सीजन में 43 लाख टन से अधिक की खरीद कर ली है। कई राज्यों में अभी भी खरीद चालू है। इनमें चना, अरहर, मसूर, उड़द और मूंग है। सारी दालें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदी गई हैं। जबकि खाद्य मंत्रालय के बफर स्टॉक में 12 लाख टन पुरानी दाल पड़ी हुई है। इसमें काफी दालें बाजार भाव पर खरीदी गई हैं। कुछ दालें आयातित हैं। देश के चिन्हित 201 पिछड़े जिले के उपभोक्ताओं को इसका लाभ दिया जाएगा। केंद्रीय उपभोक्ता मामले व खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने बताया कि इस बारे में विस्तृत विचार-विमर्श हो चुका है। इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी जल्द ही ले ली जाएगी। दलहन कारोबार के एक जानकार व्यापारी ने बताया कि अरहर को छोड़कर बाकी सभी दलहन फसलें साबुत भी खाई जाती हैं, इसलिए राशन प्रणाली के तहत उपभोक्ताओं को दालें बांटना बहुत आसान है। दालों में सबसे अधिक सरकारी खरीद चने की हुई है। यह 25 लाख टन से भी अधिक है। 20 लाख टन अरहर, चार लाख टन उड़द, तीन लाख टन मूंग और इतनी ही मात्रा में मसूर खरीदी गई है। मानसून के सक्रिय होने के साथ ही सरकारी खरीद ठप होने लगी है।

गरीबों में राशन दुकानों से सस्ती दर पर दाल बांटने की तैयारी की जा रही है। इस बारे में उपभोक्ता व खाद्य मंत्रालय कैबिनेट नोट तैयार कर रहा है। सरकारी स्टॉक में फिलहाल 55 लाख टन दालें पड़ी हुई हैं, …

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नोटबंदी का साइड इफेक्ट? अचानक 50% बढ़ा स्विस बैंक में भारतीयों का पैसा

2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी की ओर से विदेशों में जमा काला धन को वापस लाने के लिए कई तरह के दावे किए जाते थे. सरकार बनने के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने भाषण में कई बार कहा कि ''पहले चर्चा होती थी, कितना गया.. लेकिन अब चर्चा होती है कितना आया.'' काले धन के खिलाफ अभियान चलाने की सरकार की कोशिशों को अब झटका लगा है. स्विस बैंक ने जो ताजा आंकड़े जारी किए हैं उसमें दिख रहा है कि पिछले एक साल में भारतीयों की जमा पूंजी में करीब 50% की बढ़ोतरी हुई है. पिछले तीन साल से ये आंकड़े लगातार घट रहे थे, लेकिन अचानक 2017 में इतनी लंबी छलांग मोदी सरकार के लिए चिंता बढ़ा सकती है. विपक्ष के अलावा कई साथियों ने भी इसको लेकर सरकार को घेरा है. नोटबंदी के बाद पहुंचा सबसे ज्यादा पैसा? दरअसल, ये आंकड़ा इसलिए भी चौंकाता है कि क्योंकि मोदी सरकार आने के बाद लगातार तीन साल कालेधन में कमी आई थी. लेकिन 2016 में नोटबंदी का फैसले के बाद इसमें अचानक बढ़ोतरी हुई. स्विस बैंक ने जो आंकड़े जारी किए हैं वह 2017 के हैं और नोटबंदी 8 नवंबर, 2016 को लागू हुई थी. यानी साफ है कि नवंबर 2016 और 2017 के बीच सबसे ज्यादा पैसा स्विस बैंक पहुंचा. प्रधानमंत्री ने जब नोटबंदी का ऐलान किया था तब इसे कालेधन के खिलाफ सबसे बड़ी 'सर्जिकल स्ट्राइक' बताया गया था. कैसे बढ़ता गया इतना पैसा? # स्विस बैंक खातों में जमा भारतीय धन 2016 में 45 प्रतिशत घटकर 67.6 करोड़ फ्रैंक (लगभग 4500 करोड़ रुपए) रह गया था. बैंक की तरफ से 1987 में आंकड़े देने की शुरुआत के बाद से ये सबसे कम का आंकड़ा था. # लेकिन 2017 में जो आंकड़े जारी किए गए उसमें अब 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. स्विस बैंक खातों में सीधे तौर पर रखा गया धन 2017 में लगभग 6891 करोड़ रुपए (99.9 करोड़ फ्रैंक) हो गया. इसके अलावा प्रतिनिधियों के जरिए रखा गया पैसा इस दौरान 112 करोड़ रुपए (1.62 करोड़ फ्रैंक) रहा. पहले क्या थी स्थिति? ऐसा नहीं है कि स्विस बैंक में पहली बार भारतीयों की जमा पूंजी में बढ़ोतरी आई हो. इससे पहले भी कई बार आंकड़ें भारतीयों को चौंकाने वाले ही रहे हैं. स्विस बैंक खातों में रखे भारतीयों के धन में 2011 में 12%, 2013 में 43%, 2017 में 50.2% की वृद्धि हुई थी. जबकि इससे 2004 में यह धन 56% बढ़ा था. 2007 तक भारत स्विस बैंक की जमा पूंजी की लिस्ट में टॉप 50 देशों में शामिल था, लेकिन अब वह ब्रिक्स देशों से भी नीचे चला गया है.

2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी की ओर से विदेशों में जमा काला धन को वापस लाने के लिए कई तरह के दावे किए जाते थे. सरकार बनने के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने …

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लेटलतीफी से बचने के लिए रेलवे की चालाकी! बढ़ा दिया 185 ट्रेनों का अराइवल टाइम

लेटलतीफी से बचने के लिए रेलवे की चालाकी! बढ़ा दिया 185 ट्रेनों का अराइवल टाइम

पिछले कई महीनों से देश के करोड़ों यात्री रेलवे की लेटलतीफी से काफी परेशान हैं. हाल यह है कि कई ट्रेन ने 24 से 28 घंटे तक लेट होने का रिकॉर्ड ही बना दिया. लेकिन इनको सही समय पर चलाने …

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दिल्ली के बाद अब मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ में सुकून देगी बारिश

वहीं छत्‍तीसगढ़ में राजधानी रायपुर समेत प्रदेश भर में मानसून ने दस्‍तक दे दी है. मंगलवार शाम राजधानी समेत प्रदेश के कई इलाकों में बारिश हुई. हालाँकि मध्यप्रदेश में होने बारिश लोगों की जिंदगियों को इतना अस्त-व्यस्त नहीं करती है जितना मुंबई, बिहार आदि राज्यों में बाढ़ और भारी बारिश के कारण लोगों की जिंदगियां मुश्किल में होती है.

देश के कई हिस्सों में मानसून ने दस्तक दे दी है. मानसून के दस्तक देने के साथ ही मुंबई और केरल में जोरदार बारिश हुई. वहीं मानसून की दस्तक दिल्ली में भी हो गई है जिसके बाद वहां पर लोगों …

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जम्मू-कश्मीर: कुपवाड़ा में सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी

जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात इस दशक के अपने सबसे बुरे दौर में है. एक और वरिष्ठ पत्रकार की हत्या और दूसरी तरह सेना पर हमलों के साथ, घाटी में अभी भी सेना और आतंकियों में मुठभेड़ जारी है. जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में चल रही इस मुठभेड़ में आतंकियों के द्वारा जंगल से गोलिया बरसाई जा रही है, वहीं यहाँ पर सैनिकों ने भी मोर्चे को संभाल के रखा हुआ है. बता दें, जम्मू कश्मीर का कुपवाड़ा इस समय सबसे संवेदनशील इलाका बना हुआ है. यहाँ पर भारतीय सेना के लिए कदम-कदम पर खतरा है. हाल ही में 6 जून को भी कुपवाड़ा में एक घटना हुई. आतंकियों के द्वारा जम्मू-कश्मीर की कुपवाड़ा बॉर्डर से हो रही घुसपैठ को सैनिकों ने नाकाम किया है.वहीं इस मुठभेड़ में भी सेना ने यहाँ पर 3 आतंकियों को मौत के घाट उतारा था. वहीं सेना के एक अधिकारी ने जानकारी शेयर करते हुए कहा कि "सैनिकों ने कुपवाड़ा जिले के माछिल सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर संदिग्ध गतिविधि देखी, इन गतिविधियों के बाद वहां पर सेना अभी काफी एक्टिव हो चुकी है. कुपवाड़ा में सेना ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर रखा है. वहीं आज ही जम्मू-कश्मीर के शोपियां में भी आतंकियों ने सेना पर ग्रेनेड हमला कर दिया था हालाँकि इसमें कोई सैनिक शहीद नहीं हुआ है न किसी को ज्यादा हानि हुई है.

जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात इस दशक के अपने सबसे बुरे दौर में है. एक और वरिष्ठ पत्रकार की हत्या और दूसरी तरह सेना पर हमलों के साथ, घाटी में अभी भी सेना और आतंकियों में मुठभेड़ जारी है. जम्मू-कश्मीर के …

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एक पार्सल बॉक्स, सात टुकड़ों में कटी लाश और ऐसे खुला राज!

दिल्ली के एक रिहायशी इलाक़े में कुछ दिन पहले सुबह सुबह एक लाश मिलती है. सात टुकड़ों में कटी और कार्टुन बॉक्स और बैग में पैक एक लाश. टुकड़ों से साफ़ होता है कि ये लाश किसी लड़की की है. लेकिन शुरुआती छानबीन में ना तो मरने वाली की पहचान पता चलती है और ना ही क़ातिलों का कोई सुराग़ ही मिलता है. लेकिन फिर अचानक कार्टुन पर लिखे कुछ हर्फ़ पुलिस को पहला सुराग़ दे जाते हैं. ये दरअसल एक कूरियर कंपनी का पता था. तो क्या महज़ इस पते के ज़रिए पुलिस क़ातिल तक पहुंच पाएगी? 21 जून, 2018, सुबह 8:30 बजे, सरिता विहार, दिल्ली एक घने रिहायशी इलाक़े से सटे इस कूड़ाघर में लोगों की निगाह दो ऐसी चीज़ों पर पड़ी, जो आम तौर पर कचरे के ढेर में नहीं होती. ये थी एक बड़ा सा बैग और बैग के पास एक पैक्ड कार्टुन बॉक्स. लेकिन सिर्फ़ इन दो चीज़ों ने लोगों का ध्यान अपनी ओर नहीं खींचा, बल्कि इनसे आती बदबू से भी लोग परेशान थे. लोगों का माथा ठनका और उन्होंने पुलिस को इत्तिला दी. अगले चंद मिनटों में दिल्ली पुलिस मौका ए वारदात पर थी. लेकिन बैग और बॉक्स को खंगालते ही पुलिसवालों के क़दम ठिठक गए. बैग में एक लड़की की लाश थी. वो भी सात अलग-अलग टुकड़ों में. हाथ, पैर, सिर, गर्दन सब अलग-अलग. पुलिस ने लाश बरामद की और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. ज़ाहिर है, जिस तरह लाश सात अलग-अलग टुकड़ों में काट कर बैग और कार्टुन में भर कर निपटाई गई थी, उससे ये तो साफ़ था कि मामला क़त्ल का है. लेकिन मरनेवाली लड़की कौन थी? कहां रहती थी? उसका क़त्ल किसने किया? लाश के इतने टुकड़े किन हालात में किए? ये सभी सवाल अभी अनसुलझे थे. वैसे पुलिस को इन तमाम सवालों के जवाब जानने और क़ातिल तक पहुंचने के लिए सबसे पहले मरनेवाली लड़की की पहचान करनी ज़रूरी थी. लेकिन दिक्कत ये थी कि आस-पास के लोगों से पूछताछ करने और बैग और कार्टुन की पूरी कहानी बताने के बावजूद मरने वाली लड़की की शिनाख्त नहीं हो पाई। यहां तक कि लड़की ने जो कपड़े पहने थे, पुलिस ने आस-पास के लोगों को वो कपड़े भी दिखाए, लेकिन कहीं कोई सुराग़ नहीं मिला. इस कोशिश में कई रोज़ निकल गए. इसी बीच तफ्तीश के दौरान पुलिस की नज़र एक ऐसी चीज़ पर पड़ी, जिससे उसे उम्मीद होने लगी कि शायद इससे मरनेवाली का कोई सुराग़ मिल जाए. क़ातिलों ने जिस कार्टुन बॉक्स में लाश के टुकड़े भर कर फेंके थे, उस पर एक कूरियर कंपनी का पता लिखा था. पुलिस ने सोचा शायद इस पते से ही कोई रास्ता निकले. वो फ़ौरन गुरुग्राम में उस कूरियर कंपनी के दफ्तर पहुंची और वहां उसने कंपनी के अफ़सरों को कार्टुन बॉक्स की तस्वीरें दिखाईं. इत्तेफ़ाक से कूरियर वाले ने बॉक्स की पहचान कर ली और बताया कि इस तरह के बड़े बॉक्स में उनके एक कस्टमर ने यूएई से पार्सल बुक करवाया था. कस्टमर का नाम था जावेद अख्तर. अब पुलिस कूरियरवाले के बताए पते पर सीधे जावेद अख्तर के घर अलीगढ़ पहुंची. यहां जावेद ना सिर्फ़ पुलिस को मिल गया, जबकि अपने कार्टुन बॉक्स की तस्वीर भी पहचान ली. उसने बताया कि उसने तीन साल पहले ऐसे कई कार्टुन बॉक्स में यूएई से कुछ ज़रूरत की चीज़ें मंगवाई थीं. इनमें से कुछ बॉक्स जहां उसने अपनी नौकरानी को दिए थे वहीं कुछ बॉक्स दिल्ली के शाहीनबाग़ वाले घर रखवाई थीं. शाहीनबाग के उस मकान में कुछ लड़के किराए पर रहते थे। अब पुलिस ने दिल्ली के शाहीन बाग का रुख किया. पुलिस की सारी उम्मीद अब इसी मकान पर आकर टिक गई थी. जो भी सुराग मिलना था यहीं से मिलना था. पुलिस की टीम जावेद अख़्तर की नौकरानी के पास पहुंची. वहां पर खाली बॉक्स मिल गए, इसके बाद पुलिस जब जावेद के शाहीन बाग स्थित घर पर पहुंची तो वहां ताला लगा था. इससे पुलिस का शक साजिद अली पर गहरा हो गया. पुलिस ने आस-पास के लोगों से साजिद के बारे में जानकारी जुटानी शुरू की, तो पता चला कि उसने वहां लोगों से कहा है कि वो ये घर खाली करके जा रहा है. अब पुलिस को तलाश थी साजिद अली अंसारी की. पुलिस की कई टीमें उसकी तलाश में जुट गई. और आखिरकार वो पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया. पकड़े जाने के बाद साजिद ने क़त्ल की जो कहानी पुलिस को बताई वो चौंका देने वाली है. साजिद अली ने पुलिस को बताया कि उसका अक्सर अपनी पत्नी के साथ झगड़ा होता था. झगड़े की दो वजह थी एक तो उसका किसी दूसरी लड़की के साथ संबंध और उसकी बेरोजगारी. इसी वजह से उसने अपनी पत्नी को मौत के घाट उतार दिया. 20- 21 जून की रात को उसने अपनी पत्नी की गला दबा कर हत्या कर दी. फिर अपने दोनों भाइयों के साथ मिलकर उसकी लाश के कई टुकड़े किए. और लाश को एक पार्सल बॉक्स में डाल कर ठिकाने लगा दिया. पुलिस के मुताबिक साजिद अली को लग रहा था कि इस वारदात को अंजाम देने के बाद वो बच जाएगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं. उस पार्सल बॉक्स ने उसकी साजिश को बेनकाब कर दिया. पूछताछ में साजिद ने पुलिस को बताया कि उसकी पत्नी हिन्दू थी, साल 2011 में पढ़ाई के दौरान उसकी मुलाकात राजबाला से हुई थी. बाद में दोनों ने शादी कर ली और पत्नी का नाम बदलकर जूही रख दिया था. साजिद पेशे से बीटेक इंजीनियर है, लेकिन उसके पास कोई नौकरी नहीं है. फिलहाल तीनों आरोपी भाई अब सलाखों के पीछे हैं.

  दिल्ली के एक रिहायशी इलाक़े में कुछ दिन पहले सुबह सुबह एक लाश मिलती है. सात टुकड़ों में कटी और कार्टुन बॉक्स और बैग में पैक एक लाश. टुकड़ों से साफ़ होता है कि ये लाश किसी लड़की की …

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लगातार दूसरे द‍िन नहीं बदले पेट्रोल-डीजल के दाम, आज ये हैं कीमतें

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मंगलवार तक मिल रही राहत पर बुधवार से ब्रेक लगा हुआ है. गुरुवार को भी पेट्रोल और जीएसटी की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. कच्चे तेल की कीमतों में जारी बढ़ोतरी के चलते ईंधन पर मिल रही राहत भी खत्म हो रही है. गुरुवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतें मंगलवार के स्तर पर बनी हुई हैं. दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल के लिए आपको 75.55 रुपये प्रति लीटर चुकाने पड़ रहे हैं. कोलकाता की बात करें तो यहां 78.23 रुपये प्रति लीटर पर है. मुंबई में 83.12 और चेन्नई में 78.40 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है. वहीं डीजल की बात करें, तो यह भी मंगलवार के स्तर पर बना हुआ है. गुरुवार को दिल्ली में एक लीटर डीजल की कीमत 67.38 रुपये हुई है. कोलकाता में यह 69.93 रुपये प्रति लीटर और मुंबई में 71.52 पर पहुंच गया है. चेन्नई में यह 71.12 रुपये प्रति लीटर का मिल रहा है. कच्चे तेल भी महंगा: कच्चे तेल की कीमतों में भी लगातार इजाफा हो रहा है. बुधवार को कच्चा तेल नवंबर, 2014 के बाद सबसे महंगा हुआ है. बुधवार को डब्लूटीआई क्रूड 72.76 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचा. वहीं, ब्रेंट क्रूड 77.62 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया है. कच्चे तेल में बढ़ोतरी और रुपये में लगातार दर्ज हो रही गिरावट के चलते आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी होने का संकेत है.

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मंगलवार तक मिल रही राहत पर बुधवार से ब्रेक लगा हुआ है. गुरुवार को भी पेट्रोल और जीएसटी की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. कच्चे तेल की कीमतों में जारी बढ़ोतरी के …

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