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12वीं पास छात्रों के लिए ISRO ने दिया तोहफा निकाली नयी वैकेंसी, इंटरव्यू के आधार पर होगा चयन… 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 205 पदों पर वैकेंसी निकाली है। इच्छुक उम्मीदवार ISRO की ऑफिशियल वेबसाइट iprc.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। पदों की संख्या: 205 पदों के नाम ग्रेजुएट अप्रेंटिस, टेक्नीशियन अप्रेंटिस और ट्रेड अप्रेंटिस शैक्षणिक योग्यता ग्रेजुएट अप्रेंटिस: किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान ने इंजीनियरिंग डिग्री ली हो। टेक्नीशियन अप्रेंटिस: किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से इंजीनियरिंग में डिप्लोमा। ट्रेड अप्रेंटिस : किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से 12वीं पास किया हो और साथ में आईटीआई/ एनटीसी/ एनएसी कोर्सेज का भी सर्टिफिकेट लिया हो। आयु सीमा आयु 35 साल से अधिक न हो। सैलरी:  3542 से 7200 रुपए चयन प्रक्रिया:  चयन इंटरव्यू के आधार पर होगा आवेदन भेजने की अंतिम तिथि:  11 अक्टूबर, 2018 इंटरव्यू डेट:  ग्रेजुएट अप्रेंटिस: 29 सितंबर 2018 टेक्नीशियन अप्रेंटिस: 6 अक्टूबर 2018 ट्रेड अप्रेंटिस: 13 अक्टूबर 2018 इंटरव्यू का पता: इसरो प्रोपल्सन कॉम्प्लेक्स (IPRC), महेंद्रगिरी, तिरुनेलवेली जिला, तमिलनाडु

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 205 पदों पर वैकेंसी निकाली है। इच्छुक उम्मीदवार ISRO की ऑफिशियल वेबसाइट iprc.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। पदों की संख्या: 205 पदों के नाम ग्रेजुएट अप्रेंटिस, टेक्नीशियन अप्रेंटिस और ट्रेड अप्रेंटिस शैक्षणिक योग्यता ग्रेजुएट …

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सुषमा और कुरैशी लंच टेबल पर होंगे आमने सामने साथ ‘संयुक्त राष्ट्र’. 

रिश्तों में तल्खी और आपसी तनाव के चलते भारत और पाकिस्तान के विदेशमंत्रियों की न्यूयॉर्क में द्विपक्षी मुलाकात मेज पर तो नहीं लेकिन दोपहर भोज के दस्तरख्वान के साथ ज़रूर रूबरू होंगे. संयुक्त राष्ट्र महासभा के हाशिए पर दोनों नेताओं का पहला आमना-सामना 27 सितंबर की होगा जब दक्षिण एशियाई देशों के विदेशमंत्री निर्धारित परम्परा के अनुसार मुलाकात करेंगे. इस बीच भरत की विदेशमंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, दोनों बीते 48 घण्टे से न्यूयॉर्क में हैं. संयुक्त राष्ट्र संघ की कई बैठकों में शिरकत भी कर रहे हैं. मगर दोनों नेताओं का अभी तक आमना-सामना नहीं हुआ है. भारतीय उच्च पदस्थ अधिकारियों के मुताबिक न्यूयॉर्क के वेस्टिन होटल में सभी सार्क मुल्कों के विदेशमंत्री मुलाकत करेंगे. यह एक अनौपचारिक बैठक है इसलिए इसका कोई एजेंडा तय नहीं है. लिहाज़ा नेता अपनी सुविधा और प्राथमिकता के अनुसार मुद्दे उठाते सकते हैं. आतंकवाद के मुद्दे पर अफगानिस्तान, बांग्लादेश पड़ोसियों की नाराजगी के चलते पाकिस्तान 2016 में सार्क की मेजबानी नहीं कर पाया था. इसके बाद से पाकिस्तान लगातार सार्क की मेजबानी को लेकर दबाव बना रहा है. वहीं भारत यह स्पष्ट कर चुका है कि फिलहाल ऐसी क्षेत्रीय बैठक के लिए माहौल ठीक नहीं है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पीएम मोदी के नाम लिखी चिट्ठी में विदेश मंत्रियों की बैठक का प्रस्ताव रखने के साथ साथ सार्क शिखर सम्मेलन इस्लामाबाद में कराए जाने की बात भी कही थी. हालांकि नाटकीय घटनाक्रम में भरत ने जहां पहले विदेशमंत्रियों की बैठक का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया था. वहीं महज़ 24 घण्टे के भीतर भारत का इकरार इनकार में बदल गया. इसकी वजह भी आतंकवाद बन गया. खासतौर पर पाकिस्तान में जिस तरह बुरहान वानी जैसे आतंकी का महिमामंडन करते हुए डाक टिकट जारी किए गए.. साथ ही एक बीएसएफ जवान और जम्मू कश्मीर पुलिस के तीन पुलिसकर्मीयों की नृशंस हत्या का हवाला देते न्यूयॉर्क में होने वाली वार्ता रद्द कर दी हुई.

रिश्तों में तल्खी और आपसी तनाव के चलते भारत और पाकिस्तान के विदेशमंत्रियों की न्यूयॉर्क में द्विपक्षी मुलाकात मेज पर तो नहीं लेकिन दोपहर भोज के दस्तरख्वान के साथ ज़रूर रूबरू होंगे. संयुक्त राष्ट्र महासभा के हाशिए पर दोनों नेताओं …

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वसुन्द्रा की 52 हजार करोड़ की योजनाओं से क्‍यों खफा हुई कांग्रेस? 

नई दिल्‍ली: राजस्‍थान के चुनावी मौसम में इन दिनों वादों की बरसात के साथ घोषणाओं के बादल की भी बड़ी तेजी से गरज रहे हैं. आलम यह है कि बीते 30 दिनों में राजस्‍थान की मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे ने करीब 52 हजार करोड़ रुपए से अधिक की योजनाओं की घोषणा की है. वहीं, मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा की जा रही इन घोषणाओं से कांग्रेस बेहद खफा है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीते पांच सालों के दौरान मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्‍व वाली बीजेपी सरकार ने सूबे में कुछ भी नहीं किया, अब चुनाव की बैतरणी पार लगाने के लिए वसुंधरा राजे सरकार घोषणा पर घोषणा किया जा रही है.  2013 में किए गए वादे अब तक पूरे नहीं राजस्‍थान प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष सचिन पायलट का कहना है कि वसुंधरा राजे सरकार ने पिछले 5 सालों में प्रदेश की तरक्‍की को पीछे ढकेल दिया है. अब चुनाव आने पर रानी सा (मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे) केवल शिलान्यास और पुराने योजनाओं के नाम बदलकर वोट लेना चाहती हैं. राजस्‍थान विधानसभा चुनाव 2013 से पहले बीजेपी की तरफ से किए गए तमाम वादे आज तक पूरे नहीं हुए हैं. उन्‍होंने कहा कि प्रदेश की जनता बीजेपी सरकार की वादाखिलाफी, झूठे आश्वासन और कुशासन से तंग आ चुकी है. आगामी राजस्‍थान विधानसभा चुनाव 2018 में सूबे की जनता अब बीजेपी को दोबारा मौका नहीं देगी. राजे का गृह जिला भी नहीं हुआ विकसित  राजस्‍थान प्रदेश कांग्रेस अध्‍यख सचिन पायलट ने वसुंधरा राजे के गृह जिले झालावाड़ का जिक्र करते हुए कहा कि मुख्‍यमंत्री ने अपने गृह जिले में 17 हजार करोड़ से विकास कार्य करने का दावा किया है. वहीं दूसरी तरफ, झालावाड़ के कलेक्टर ने केंद्र सरकार ससे आग्रह किया कि झालावाड़ में बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं, लिहाजा इस जिले को पिछड़े जिलों की सूची में शामिल किया जाए. उन्‍होंने बताया कि झालावाड़ के कलेक्टर द्वारा केंद्र को भेजी गई चिट्ठी में बताया गया है कि वहां पानी, बिजली, शिक्षा, चिकित्सा जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं, लिहाजा, इसको पिछड़े जिलों की सूची में शामिल किया जाए.  जनता को अभी भी है सुविधाओं का इंतजार मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे पर आरोप लगाते हुए सचिन पायलट ने कहा कि डूंगरपुर सागवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में 2013 चुनाव से पहले भले ही सड़क और पुल जैसी सुविधाएं देने के वादे किए गए थे, लेकिन आज भी कटारा की सड़कें खटारा ही पड़ी है. अवलर का जिक्र करते हुए उन्‍होंने कहा कि 5 साल पहले के वादे आज तक पूरे नही हुए. बानसूर नगर पालिका, बहरोड़ में RTDC मिडवे, रामगढ़ में अनाज मंडी, रैफरल अस्पताल की क्षमता 150 बेड तक करने, राजगढ़ में रोडवेज सब डिपो, मालाखेड़ा में कॉलेज और रेलवे ओवरब्रिज निर्माण कार्य का इंतजार अभी भी अलवर की जनता को है. चुनाव आगमन पर अब शिलान्यास का दौर चला है.  मुख्‍यमंत्री द्वारा बीते एक महीने में की गई घोषणाएं  कुम्भाराम नहर लिफ्ट परियोजना के दूसरे चरण के लिए करीब 700 करोड़ रूपये की स्वीकृति अलवर और दौसा जिले में जलआपूर्ति की समस्‍या खत्‍म करने के लिए 37 हजार करोड़ रुपए की ईआरसीपी योजना.  दौसा और सवाई माधोपुर जिले को जोड़ने वाली बहुप्रतीक्षित दौसा-गंगापुर रेलवे लाइन में 700 करोड़ रुपए का निवेश.  लालसोट से कौथून के बीच 615 करोड़ रुपये की लागत से फोरलेन सड़क का निर्माण.  सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र की 38 हजार हेक्‍टेयर भूमि की सिंचाई के लिए 600 करोड रुपए की दो परियोजनाएं.  जैसलमेर जिले के रामदेवरा में करीब 95 करोड़ रूपये के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण-शिलान्यास जैसलमेर में 61 करोड़ रूपये 66 लाख से अधिक के विकास कार्यों के लोकार्पण. फलोदी में करीब 37 करोड़ रूपये से अधिक के विकास कार्यों के लोकार्पण और शिलान्यास. जोधपुर जिले में विकास कार्यों पर 13 हजार 600 करोड़ रूपये की स्‍वीकृति.  तिंवरी-मथानिया-ओसियां-भोलालगढ़ पेयजल परियोजना के लिए 499 करोड़ रूपये का आवंटन. ओसियां में 105 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास.

नई दिल्‍ली: राजस्‍थान के चुनावी मौसम में इन दिनों वादों की बरसात के साथ घोषणाओं के बादल की भी बड़ी तेजी से गरज रहे हैं. आलम यह है कि बीते 30 दिनों में राजस्‍थान की मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे ने करीब 52 हजार …

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सुप्रीम कोर्ट ने संसद पर छोड़ दिया है कि उसके पुराने तथा नए दागी नेता चुनाव लड़ेंगे या नही, जानिये… 

सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को दो अहम मामलों में फैसला सुनाएगा। एक गंभीर अपराध में अदालत से आरोप तय होने पर चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाए। दूसरा सांसद और विधायकों के वकालत करने पर रोक लगाई जाए। पहले मामले पर मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ फैसला देगी जबकि दूसरे मामले पर मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ फैसला सुनाएगी। इन दोनों ही मुद्दों पर आने वाले फैसले राजनीति पर गहराई से असर डाल सकते हैं। दागियों के चुनाव लड़ने पर रोक यानी जिसके खिलाफ पांच साल से अधिक की सजा के अपराध में अदालत से आरोप तय हो जाएं उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाए। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट मे कई याचिकाएं लंबित हैं। जिसमें पब्लिक इंटरेस्ट फाउंडेशन, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त जेएम लिंगदोह और भाजपा नेता अश्वनी कुमार उपाध्याय की जनहित याचिका शामिल है। इस मामले में मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, आरएम नारिमन, एएम खानविल्कर, डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदू मल्होत्रा की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने बहस सुनकर गत 28 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। याचिकाकर्ताओं की दलील है कि राजनीति का अपराधीकरण रोकने के लिए दागियों के चुनाव लड़ने पर रोक लगनी चाहिए। पांच साल से अधिक की सजा के अपराध में अदालत से आरोप तय होने का मतलब होता है कि अदालत ने उस व्यक्ति को प्रथमदृष्टया आरोपी माना है। चुनाव आयोग ने भी इस याचिका का कोर्ट में समर्थन किया था हालांकि केन्द्र सरकार ने याचिका का पुरजुर विरोध करते हुए दलील दी थी कि कानून में आरोप तय होने के बाद चुनाव लड़ने पर रोक नहीं है और न ही इसे अयोग्यता में गिना गया है ऐसे में कोर्ट अपनी तरफ से कानून में अयोग्यता की शर्त नहीं जोड़ सकता। हैकर की जद में आपका स्‍मार्ट फोन और PC! सोमवार व बुधवार को बरतें विशेष सावधानी यह भी पढ़ें दूसरा मामला सांसदों और विधायकों के वकालत करने पर रोक लगाने की मांग का है। भाजपा नेता अश्वनी कुमार उपाध्याय ने यह याचिका दाखिल की है। इस पर मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, एएम खानविल्कर और डीवाई चंद्रचूड़ ने गत 9 जुलाई को बहस सुनकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। याचिका में उपाध्याय का कहना है कि सांसद विधायक लोकसेवक होते हैं इन्हें सरकारी कोष से वेतन भत्ता गाड़ी बंगला और पेंशन लोक कार्य करने के लिए मिलती है। इन्हें यह सब निजी कार्य या वकालत के लिए नहीं मिलता। इनका काम पूर्णकालिक माना जाएगा क्योंकि सिर्फ पूर्णकालिक कार्य के लिए ही पेंशन का प्रावधान है अंश कालिक कार्य के लिए पेंशन नहीं मिलती। इसके अलावा याचिकाकर्ता की यह भी दलील थी कि सांसदों के पास जजों को पद से हटाने के लिए महाभियोग लाने की शक्ति होती है ऐसे में इनका वकालत करना हितों का टकराव है। केन्द्र सरकार ने इस याचिका का भी कोर्ट में विरोध किया है। इस मामले में आने वाला फैसला कई वरिष्ठ नेताओं की वकालत पर असर डाल सकता है। लगभग सभी राजनैतिक दलों में वरिष्ठ नेता और वरिष्ठ वकील शामिल हैं जिन पर फैसले का प्रभाव पड़ सकता है।

सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को दो अहम मामलों में फैसला सुनाएगा। एक गंभीर अपराध में अदालत से आरोप तय होने पर चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाए। दूसरा सांसद और विधायकों के वकालत करने पर रोक लगाई जाए।  पहले मामले पर …

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आर्म्स डीलर संजय भंडारी और वाड्रा के बीच क्या है रिश्ता, बीजेपी ने राफेल डील में कांग्रेस को भी लपेटा…  

राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर देश में राजनीति काफी तीखी होती जा रही है. कांग्रेस जहां इसे लेकर पीएम मोदी को भ्रष्ट बताने तक उतर आई है, वहीं अब बीजेपी ने इसमें कांग्रेस को भी लपेटते हुए डील को सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से जोड़ दिया है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि यूपीए सरकार के दौरान वाड्रा के दबाव में ही राफेल से डील नहीं हो पाई थी. बीजेपी का आरोप है कि वाड्रा के आर्म्स डीलर संजय भंडारी से करीबी रिश्ते हैं. आइए जानते हैं कि आखिर क्या है राफेल, रॉबर्ट वाड्रा और आर्म्स डीलर संजय भंडारी का पूरा मामला... सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री और बीजेपी नेता गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, 'कांग्रेस इस वजह से राफेल सौदे को रद्द कराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए है, क्योंकि वह राफेल की निर्माता कंपनी दसॉ से बदला लेना चाहती है, जिसने रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी के साथ काम करने से इंकार कर दिया था.' उन्होंने आरोप लगाया कि वाड्रा के दबाव में गांधी परिवार ने साल 2008 में दसॉ के सामने शर्त रखी थी कि वह ऑफसेट इंडिया सोल्युशन के साथ काम करे, जो कि वाड्रा की कंपनी है. शेखावत ने कहा कि भंडारी रक्षा साजोसामान की आपूर्ति करने वाला एक बिचौलिया है और उसे कई डिफेंस एक्सपो में वाड्रा के साथ देखा गया था. गौरतलब है कि भंडारी पर फेमा कानून के उल्लंघन के एक मामला दर्ज है और वह देश से फरार हो चुका है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि भंडारी ने वाड्रा के लिए कई बार एयर टिकट बुक कराया है और उनके लंदन स्थ‍ित मकान के लिए इंटीरियर डेकोरेशन पर पैसे खर्च किए हैं. किसकी है कंपनी इंडिया टुडे की 2016 की एक खबर के अनुसार, साल 2011 में आई आईबी की की एक रिपोर्ट से यह पता चला था कि आर्म्स डीलर संजय भंडारी, रॉबर्ट वाड्रा सहित कई नेताओं के साथ नियमित संपर्क में था. इंडिया टुडे-आजतक को यह रिपोर्ट देखने में सफलता हासिल हुई थी. इसके मुताबिक भंडारी का नाम भारतीय वायु सेना के लिए बेसिक जेट ट्रेनर्स (BTA) खरीद के लिए हुए एक डील में सामने आया था. संजय भंडारी ने ही 'ऑफसेट इंडिया सॉल्युशंस' (OIS) की स्थापना की थी ताकि बड़े रक्षा सौदों का लाभ उठाया जा सके. हालांकि आईबी की रिपोर्ट कहती है कि ओआईएस भंडारी के लिए एक मुखौटा कंपनी जैसे ही थी. क्या है वाड्रा-भंडारी का रिश्ता कभी लग्जरी कार आयात करने वाला संजय भंडारी बाद में रक्षा सौदों का एक बड़ा बिचौलिया बन चुका था और विदेशी कंपनियों के लिए लॉबिइंग करता था. आईबी ने भंडारी के एक फोन नंबर की छह महीने तक कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) हासिल की तो पता चला कि वह वाड्रा सहित कई प्रभावशाली लोगों के नियमित संपर्क में था. आईबी के अनुसार भंडारी के मोबाइल फोन से रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी ब्लू ब्रिज ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड के रजिस्टर्ड नंबर पर कई बार कॉल की गई. आईबी की रिपोर्ट के मुताबिक यह नंबर पहले वाड्रा ही इस्तेमाल करते थे. कांग्रेस के अन्य नेताओं से थे रिश्ते! रिपोर्ट के अनुसार, संजय भंडारी यूपीए सरकार में कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल सहित कई अन्य कांग्रेसी नेताओं के भी संपर्क में था. भंडारी श्रीप्रकाश जायसवाल और कांग्रेस नेता एसपीवाई रेड्डी से फोन पर कई बात बात कर चुका था. इसके अलावा रिपोर्ट के मुताबिक, भंडारी रायबरेली स्थ‍ित इंदिरा गांधी सिविल एविएशन एकेडमी के डायरेक्टर से कई बार बात कर चुका था.

राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर देश में राजनीति काफी तीखी होती जा रही है. कांग्रेस जहां इसे लेकर पीएम मोदी को भ्रष्ट बताने तक उतर आई है, वहीं अब बीजेपी ने इसमें कांग्रेस को भी लपेटते हुए डील को सोनिया गांधी के …

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परिवहन विभाग में है अधिकारियों का टोटा, कैसे सुधरेगी व्यवस्था

परिवहन विभाग में इस समय अधिकारियों का टोटा चल रहा है। संभागीय परिवहन कार्यालयों में आरटीओ व एआरटीओ के पदों को व्यवस्था के आधार पर चलाया जा रहा है। स्थिति यह है कि सड़क दुर्घटनाओं के लिहाज से संवेदनशील पौड़ी में फिलहाल कोई आरटीओ नहीं है। जिस आरटीओ का यहां तबादला किया गया है, उन्होंने अभी तक यहां ज्वाइनिंग नहीं दी है। वहीं नैनीताल के आरटीओ अल्मोड़ा की भी दोहरी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। बात करें परिवहन मुख्यालय की तो यहां फिलहाल उप परिवहन आयुक्त के तीन पद हैं और तीनों रिक्त चल रहे हैं। विभाग में सबसे अधिक काम फील्ड यानी प्रवर्तन का है लेकिन स्थिति यह कि एआरटीओ प्रवर्तन के स्थान पर की बजाय एआरटीओ प्रशासन के पदों को ही भरने पर जोर है। उत्तराखंड में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं के मद्देनजर इस समय केंद्र के साथ ही सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट की नजरें प्रदेश सरकारों पर हैं। उत्तराखंड में हाईकोर्ट ने परिवहन विभाग को बाकायदा सड़क दुर्घटनाओं पर रोकथाम के लिए एक गाईडलाइन भी जारी की हुई है। इन दिनों इस गाइडलाइन के अनुसार किसी तरह काम किया जा रहा है, जबकि इन्हें धरातल पर उतारने के लिए संभागीय स्तर से सख्त निगरानी की आवश्यकता है। दरअसल, देखा जाए तो परिवहन विभाग के प्रदेश में चार संभाग हैं। इनमें देहरादून, पौड़ी, नैनीताल और अल्मोड़ा शामिल हैं। सोशल ऑडिट शुरू होते ही गायब हो रहे हैं चाइल्ड केयर एनजीओ यह भी पढ़ें तबादला सत्र के दौरान शासन ने देहरादून और पौड़ी के आरटीओ का आपस में तबादला कर दिया था। इसे नियमविरुद्ध बताते हुए एसके गर्ग ने पौड़ी में ज्वाइनिंग न देते हुए कोर्ट की शरण ली। वहीं, डीसी पठोई ने तुरंत आरटीओ देहरादून का चार्ज संभाल लिया। अब आरटीओ सुधांशु गर्ग हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट से भी निराश हो चुके हैं लेकिन वह अब अवकाश पर चल रहे हैं। इससे पौड़ी आरटीओ का पद खाली चल रहा है। व्यवस्था के तौर पर एआरटीओ ही यह जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। ऐसा ही हाल अल्मोड़ा का भी है। यहां लंबे समय से किसी आरटीओ की तैनाती नहीं हुई है। इसका एक कारण यह है कि विभाग में फिलहाल आरटीओ के पांच पदों के सापेक्ष चार आरटीओ हैं। आरटीओ का पांचवा पद परिवहन मुख्यालय में हैं। यहां सहायक आयुक्त एसके सिंह ही इस जिम्मेदारी को देख रहे हैं। अब बात करें उप परिवहन आयुक्त के पदों की, तो प्रदेश में इनके तीन पद हैं। दो अधिकारी इस पद के पात्र हो चुके हैं लेकिन शासन स्तर से इन पर कोई डीपीसी नहीं हो पाई है। ऐसे में चुनिंदा अधिकारियों पर व्यवस्था चलाने की सारी जिम्मेदारी आ गई है।

परिवहन विभाग में इस समय अधिकारियों का टोटा चल रहा है। संभागीय परिवहन कार्यालयों में आरटीओ व एआरटीओ के पदों को व्यवस्था के आधार पर चलाया जा रहा है। स्थिति यह है कि सड़क दुर्घटनाओं के लिहाज से संवेदनशील पौड़ी …

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गूगल ब्वॉय’, टैलेंट देखकर हर कोई हो गया हैरान मथुरा का ये बच्चा बना चर्चा का विषय.

उन्होंने बताया कि गुरु हिंदी के साथ इंग्लिश भाषा में भी बात करता है. गुरु के पिता अरविंद उपाध्यय ने बताया कि इंग्लिश में जवाब मांगने पर वो उसी भाषा में जवाब देता है. दो साल के इस शार्प मेमोरी वाले बच्चों के जवाब सुनकर हर कोई चकित है और जवाब सुनकर हर कोई दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर है.

‘गूगल ब्वॉय’ के नाम से चर्चा में रहा कौटिल्य के तेज दिमाग के बारे में आपने सुना होगा. उसने छोटी सी उम्र में कई सवालों को सही जवाब देकर लोगों के चकित कर दिया था. लेकिन इन दिनों चर्चा कौटिल्य की …

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पहली बार देर रात खुली कोर्ट, सभी आरोपीयों को चार दिन कि रिमांड पर भेजा, रेवाड़ी सामूहिक बलात्कार मामला…

अन्य पीड़ितों से शिकायत की अपील एसपी भसीन ने अपील की कि आरोपियों को सख्त सजा दिलाने के लिए जरूरी है कि वे अन्य पीड़िताएं भी सामने आएं जिनके साथ यह गिरोह पूर्व में घिनौनी वारदात कर चुका है। मैं उन अभिभावकों व पीड़िताओं से यह अपील करती हूं कि वे खुलकर सामने आए। उनकी पहचान पूरी तरह से गुप्त रखी जाएगी। अभिभावक व पीड़ित महिलाएं व युवतियां पूरे भरोसे के साथ एसआइटी के समक्ष आ सकती है। डॉ. संजीव ने किया था छात्रा का प्राथमिक इलाज दुष्कर्म के दौरान छात्रा की तबितय बिगड़ने पर आरोपियों ने डॉ. संजीव को बुलाकर उसका प्राथमिक उपचार भी कराया था। बावजूद डॉ. संजीव ने पुलिस को सूचना नहीं दी थी। सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को जिस कमरे में अंजाम दी गई वह दीन दयाल का था। इसलिए पुलिस ने डॉ. संजीव और दीन दयाल को भी वारदात में शामिल मानते हुए गिरफ्तार किया है। फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई का अनुरोध करेगी पुलिस एसआइटी इंचार्ज नाजनीन भसीन ने बताया कि आरोपियों को जल्द सजा दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का अनुरोध करेंगे। क्या प्राथमिकी दर्ज करने में पुलिस ने शुरूआत में लापरवाही की, इस सवाल पर एडीजीपी श्रीकांत जाधव ने कहा कि लापरवाही की जांच की जा रही है। अगर जांच में लापरवाही साबित हुई तो पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। भसीन ने कहा कि जिस कोठरी में सामूहिक दुष्कर्म को अंजाम दिया गया वह कोठरी अपराधों का अड्डा है। पूर्व में भी यहां पर इस तरह की वारदातें होती रही है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में स्वीकार किया कि ट्यूबवैल मालिक दीनदयाल को लंबे समय से अपनी कोठरी में होने वाले दुष्कर्म जैसे अपराधों की जानकारी थी। भसीन ने यह भी कहा कि अभी नाहड़ के विश्राम गृह में एसआइटी का कैंप कार्यालय कायम रहेगा।

देशभर में चर्चा का विषय बने रेवाड़ी सामूहिक दुष्कर्म में महेन्द्रगढ़ कोर्ट ने गिरफ्तार किए गए दोनों मुख्य आरोपियों पंकज फौजी और मनीष को चार दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। ये पहली बार है कि इस केस …

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मुज्जफरपुर के पूर्व मेयर को 16 गोलियां मारी, भाड़े के गुंडों पर पुलिस कर रही है शक 

बिहार के मुजफ्फरपुर को दहला देने वाले पूर्व मेयर मर्डर को अंजाम देने के लिए पूरी साजिश रची गई थी. पूर्व मेयर समीर कुमार पर एके-47 राइफल से इतनी गोलियां बरसाई गईं कि उनके बचने की कोई गुंजाइश ही नहीं थी. दरअसल, कातिल किसी भी हाल में उन्हें जिंदा नहीं छोड़ना चाहते थे. पुलिस को शक है कि इस हत्याकांड के लिए भाड़े के हत्यारों का इस्तेमाल किया गया था. रविवार की शाम मुजफ्फरपुर शहर गोलियों की आवाज़ से गूंज रहा था. बाइक सवार बदमाशों ने शहर के पूर्व मेयर समीर कुमार को एके-47 से भून डाला. हमलवारों ने 50 से अधिक राउंड फायरिंग की. वारदात को अंजाम देकर हवा में फायरिंग करते हुए वहां से फरार हो गए. इस दौरान पूर्व मेयर के ड्राइवर को भी कई गोली लगने से उसकी मौत हो गई. पुलिस ने जब पूर्व मेयर और उनके ड्राइवर का पोस्टमार्टम कराया तो खुलासा हुआ कि समीर को 16 गोलियां लगी थीं. सभी गोलियां उनके सिर और सीने में मारी गईं थी. जबकि उनके ड्राइवर रोहित के शरीर से 11 गोलियां निकालीं गईं. हत्या में इस्तेमाल हथियार और मारने के तरीके से पुलिस को लग रहा है कि इस काम को सुपारी किलर्स ने अंजाम दिया है. कैसे और कहां हुई हत्या आपको बता दें कि यह वारदात मुजफ्फरपुर के बनारस बैंक चौक पर शाम करीब 7:30 बजे की है. जानकारी के मुताबिक समीर कुमार अपनी गाड़ी में कहीं जा रहे थे, तभी बाइक पर सवार अपराधियों ने उन्हें ओवरटेक किया और फिर गाड़ी के सामने खड़े हो गए. इस वजह से पूर्व मेयर की ड्राइवर ने अपनी गाड़ी रोक दी. इसके बाद अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. पुलिस सूत्रों के मुताबिक अपराधियों ने दो से ज्यादा एके-47 के मैगजीन की गोलियां खाली कर दीं. इस घटना में समीर कुमार को 50 गोलियां मारी गईं, जिस वजह से उनकी मौके पर ही मौत हो गई. घटना के बाद इलाके में दहशत फैल गई है. वहीं आनन-फानन में शहर के बनारस बैंक चौक के आसपास के दुकानदार ने अपनी दुकानें बंद कर भागने लगे. घटना के तुरंत बाद स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची. पूर्व मेयर और उसके चालक के शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल ले जाया गया. पुलिस फिलहाल इस घटना को लेकर कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं है. हत्या के पीछे की वजह व्यक्तिगत है या फिर राजनीतिक इसको लेकर जांच की जा रही है. पुलिस ने आसपास लगे सीसीटीवी को भी खंगाला शुरू कर दिया है. वहीं कोशिश की जा रही है कि इस घटना में शामिल अपराधियों की पहचान कर गिरफ्तार किया जा सके. पटना से महज 70 किलोमीटर की दूरी पर एके-47 से की गई इस हत्या ने एक बार फिर से बिहार सरकार और कानून व्यवस्था के ऊपर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.

बिहार के मुजफ्फरपुर को दहला देने वाले पूर्व मेयर मर्डर को अंजाम देने के लिए पूरी साजिश रची गई थी. पूर्व मेयर समीर कुमार पर एके-47 राइफल से इतनी गोलियां बरसाई गईं कि उनके बचने की कोई गुंजाइश ही नहीं …

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सोनकच्छ में विसर्जन जुलूस में विवाद, नगर रहा बंद

देवास जिले के सोनकच्छ में रविवार देर रात विसर्जन जुलूस में डीजे और ऑर्केस्ट्रा बंद कराने के दौरान टीआई और लोगों में विवाद हो गया। उन्होंने टीआई पर अभद्रता करने का आरोप लगाते हुए सोमवार सुबह नगर का पूरा बाजार बंद रखा। इस दौरान 250 से ज्यादा लोग नगर बंद कराने सड़कों पर उतर आए। हंगामे के बाद रात में जुलूस नहीं निकाला गया। सुबह तक निकली झांकियां शहर में सोमवार सुबह तक झांकियों का कारवां निकला, इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर निकल आए। इन झांकियों में बड़ी-बड़ी गणेश प्रतिमाएं भी शामिल रहीं। इस दौरान गणेश मंडल ने विभिन्न अभियानों के बैनर लगाए।

देवास जिले के सोनकच्छ में रविवार देर रात विसर्जन जुलूस में डीजे और ऑर्केस्ट्रा बंद कराने के दौरान टीआई और लोगों में विवाद हो गया। उन्होंने टीआई पर अभद्रता करने का आरोप लगाते हुए सोमवार सुबह नगर का पूरा बाजार …

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