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आखिरी ओवर में अफगानिस्तान से मैच हुआ टाई, जडेजा आखिरी ओवर में मैच नही जीता पाए.  

भारत और अफगानिस्तान के बीच एशिया कप के सुपर-4 का बेहद रोमांचक मुकाबला टाई रहा. अफगानिस्तान के 253 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने 50वें ओवर की पांचवीं गेंद पर रवींद्र जडेजा (25) के रूप में अपना अंतिम विकेट गंवाया और पूरी टीम 252 रनों पर आउट हो गई. और इसके साथ ही जडेजा एक बार फिर 'विलेन' साबित हुए. चार साल पहले भी उनकी वजह से टीम इंडिया का मैच टाई हो गया था. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि जडेजा की पारी की वजह से भारत अफगानिस्तान के स्कोर की बराबरी कर पाया. राशिद खान के अंतिम ओवर में भारत को जीत के लिए सात रन चाहिए थे. जडेजा ने राशिद की दूसरी गेंद पर चौके के साथ भारत को जीत के करीब पहुंचाया. जडेजा ने अगली गेंद पर एक रन लिया. इसके बाद खलील अहमद भी एक रन के लिए दौड़े. जिससे भारत को जीत के लिए अंतिम दो गेंदों पर एक रन बनाना था. जडेजा ने हालांकि पांचवीं गेंद को हवा में खेलकर नजीबुल्लाह जादरान को कैच थमा दिया और मैच टाई हो गया. यह पहला मौका नहीं, जब जडेजा ने मैच टाई करवाया. इससे पहले जनवरी 2014 में न्यूजीलैंड के खिलाफ भी ऐसा ही हुआ था. तब कीवियों के खिलाफ जीतने के लिए भारत को आखिरी गेंद पर दो रनों की जरूरत थी. लेकिन कोरी एंडरसन की उस गेंद पर जडेजा एक रन ही ले पाए और मैच टाई हो गया था. तब जडेजा 45 गेंदों में 66 रन बनाकर नॉट आउट लौटे थे. उन्होंने मैच में दो विकेट भी झटके थे. दिलचस्प यह है कि वह मैन ऑफ द मैच रहे. उस मैच में न्यूजीलैंड ने 314 रन बनाए थे. जवाब में टीम इंडिया ने 314/9 रन बनाए. रवींद्र जडेजा ने 14 महीने बाद वनडे में वापसी की है. उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ मौजूदा एशिया कप में 10 ओवरों में 29 रन देकर चार विकेट चटकाए थे. उस मैच में वह ऑफ द मैच रहे. अफगानिस्तान के खिलाफ मैच में उन्होंने तीन विकेट जरूर झटके, लेकिन जब बल्लेबाजी से मैच जिताने की बारी आई, तो वे आउट हो गए और मैच टाई हो गया.

भारत और अफगानिस्तान के बीच एशिया कप के सुपर-4 का बेहद रोमांचक मुकाबला टाई रहा. अफगानिस्तान के 253 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने 50वें ओवर की पांचवीं गेंद पर रवींद्र जडेजा (25) के रूप में अपना अंतिम विकेट गंवाया और पूरी टीम 252 रनों …

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एमैनुएल मैक्रों राफेल डील पर बोले यह यह सौदा दोनों सरकारों के बीच हुआ था, तब मैं राष्ट्रपति नहीं था…   

फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि राफेल करार ‘सरकार से सरकार’ के बीच तय हुआ था और भारत एवं फ्रांस के बीच 36 लड़ाकू विमानों को लेकर जब अरबों डॉलर का यह करार हुआ, उस वक्त वह सत्ता में नहीं थे।  संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के इतर एक प्रेस कांफ्रेंस में मैक्रों से पूछा गया था कि क्या भारत सरकार ने किसी वक्त फ्रांस या फ्रांस की दिग्गज एयरोस्पेस कंपनी दसाल्ट से कहा था कि उन्हें राफेल करार के लिए भारतीय साझेदार के तौर पर रिलायंस को चुनना है। भारत ने करीब 58,000 करोड़ रुपए की लागत से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए पिछले साल सितंबर में फ्रांस के साथ अंतर-सरकारी समझौते पर दस्तखत किए थे। इससे करीब डेढ़ साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पेरिस यात्रा के दौरान इस प्रस्ताव की घोषणा की थी। इन विमानों की आपूर्ति सितंबर 2019 से शुरू होने वाली है।  पिछले साल मई में फ्रांस के राष्ट्रपति बने मैक्रों ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया, ‘‘मैं बहुत साफ-साफ कहूंगा। यह सरकार से सरकार के बीच हुई बातचीत थी और मैं सिर्फ उस बात की तरफ इशारा करना चाहूंगा जो पिछले दिनों प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी ने बहुत स्पष्ट तौर पर कही।’’  मैक्रों ने राफेल करार पर विवाद पैदा होने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा, ‘‘मुझे और कोई टिप्पणी नहीं करनी। मैं उस वक्त पद पर नहीं था और मैं जानता हूं कि हमारे नियम बहुत स्पष्ट हैं।’’  फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि यह सरकार से सरकार के बीच हुई बातचीत थी और ‘‘यह अनुबंध एक व्यापक ढांचे का हिस्सा है जो भारत एवं फ्रांस के बीच सैन्य एवं रक्षा गठबंधन है।’’  उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरे लिए बेहद अहम है, क्योंकि यह सिर्फ औद्योगिक संबंध नहीं बल्कि एक रणनीतिक गठबंधन है। मैं बस उस तरफ ध्यान दिलाना चाहूंगा जो पीएम मोदी ने इस मुद्दे पर कहा है।’’  राफेल करार के मुद्दे पर भारत में बड़ा विवाद पैदा हो चुका है। यह विवाद फ्रांस की मीडिया में आई उस खबर के बाद पैदा हुआ जिसमें पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा कि राफेल करार में भारतीय कंपनी का चयन नई दिल्ली के इशारे पर किया गया था।  ओलांद ने ‘मीडियापार्ट’ नाम की एक फ्रांसीसी खबरिया वेबसाइट से कहा था कि भारत सरकार ने 58,000 करोड़ रुपए के राफेल करार में फ्रांसीसी कंपनी दसाल्ट के भारतीय साझेदार के तौर पर उद्योगपति अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस के नाम का प्रस्ताव दिया था और इसमें फ्रांस के पास कोई विकल्प नहीं था।  भारत में विपक्षी पार्टियों ने ओलांद के इस बयान के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को घेरा और उस पर करार में भारी अनियमितता का आरोप लगाया। कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने एयरोस्पेस क्षेत्र में कोई पूर्व अनुभव नहीं होने के बाद भी रिलायंस डिफेंस को साझेदार चुनकर अंबानी की कंपनी को फायदा पहुंचाया।   

फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि राफेल करार ‘सरकार से सरकार’ के बीच तय हुआ था और भारत एवं फ्रांस के बीच 36 लड़ाकू विमानों को लेकर जब अरबों डॉलर का यह करार हुआ, उस वक्त वह …

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अमेरिकन यूनिवर्सिटीज को किया अरबों का दान, भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक दान में भी है सबसे आगे 

भारत में रहें या ना रहें भारतीय मूल के नागरिक विदेश में रह कर भी हर क्षेत्र में अपने काम का लोहा मनवाते हैं. जब दान देने की बात आई तो अमेरिका में बसे भारतीय वहां भी इस काम में सबसे आगे रहें . अमेरिकी भारतीयों ने 1.2 अरब डॉलर की राशि वहां के विश्वविद्यालयों के विकास के लिए दान किया है. भारतीय अमेरिकी नागरिकों ने 2000 से 2018 के बीच अमेरिका के 37 विश्वविद्यालयों को 1.2 अरब डॉलर की राशि दान में दी है. गैर-लाभकारी संगठन इंडियास्पोरा के अनुसार इनमें से 68 दान राशि 10 लाख डॉलर से अधिक थी. 'भारतीय अमेरिकी नागरिकों की सफलता का पूरी दुनिया पर अर्थपूर्ण प्रभाव' का अध्ययन करने वाली संस्था इंडियास्पोरा ने पहली बार अपनी परियोजना ‘मॉनिटर ऑफ यूनिवर्सिटी गिविंग’ की रिपोर्ट जारी की है. इस संबंध में सिलिकॉन वैली में रहने वाले समाजसेवी और वेंचर कैपिटलिस्ट एम. आर. रंगास्वामी का कहना है कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भारतीय अमेरिकियों द्वारा किए गए दान की सूचना देने के लिए यह रिपोर्ट जारी की गयी है. इंडियास्पोरा की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले रंगास्वामी का कहना है कि इसे जारी करने का एक ही मकसद है कि लोग यह जान सकें कि कैसे भारतीय अमेरिकी नागरिक अपने नए घर में उच्च शिक्षा के क्षेत्र की मदद कर रहे हैं. उनका कहना है कि अमेरिका में भारतीय सबसे शिक्षित समुदाय हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, 50 लोगों ने 68 दान किए जिनकी राशि 10 लाख डॉलर या उससे ज्यादा थी. इनमें से कई लोगों ने एक से ज्यादा बार दान किया. इस रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी संस्थानों के मुकाबले निजी शिक्षण संस्थानों को ज्यादा दान मिला है. अनुपात में देखें तो निजी शिक्षण संस्थानों को जहां पांच डॉलर की राशि मिली है वहीं सरकारी संस्थानों को महज दो डॉलर मिले. रिपोर्ट में कहा गया कि कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, लॉस एंजिलिस को सबसे ज्यादा दान मिला है. वहीं हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और बोस्टन यूनिवर्सिटी दूसरे स्थान पर रहे हैं.

भारत में रहें या ना रहें भारतीय मूल के नागरिक विदेश में रह कर भी हर क्षेत्र में अपने काम का लोहा मनवाते हैं. जब दान देने की बात आई तो अमेरिका में बसे भारतीय वहां भी इस काम में सबसे आगे …

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नेल्सन मंडेला को भारत रत्न मानते हैं हम सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोला:   

संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोलीं सुषमा, नेल्सन मंडेला को भारत रत्न मानते हैं हम

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को यहां कहा कि दक्षिण अफ्रीका के दिवंगत राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला की विचारधारा दुनिया में पहले से ज्यादा प्रासंगिक हैं। ‘मदीबा’ के नाम से मशहूर मंडेला के साथ भारत के मजबूत रिश्ते का जिक्र …

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ट्रम्प बोले अमेरिका उसी देश का साथ देगा जिसको वह अपना सहयोगी मानता है भारत कि तारीफ़ में कुछ ऐसा बोला 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका केवल उन्हीं देशों को सहायता देगा जिन्हें वह अपना सहयोगी मानता है. ट्रम्प ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक भाषण में कहा कि हम देखेंगे कि कहां काम हो रहा है, कहां काम नहीं हो रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि हम इस बात का भी खयाल रखेंगे, 'क्या जो देश हमारे डॉलर और हमारी सुरक्षा लेते हैं, वे हमारे हितों का ख्याल रखते हैं या नहीं.' उन्होंने कहा, 'आगे बढ़ते हुए हम केवल उन्हीं लोगों को विदेशी सहायता देने जा रहे हैं जो हमारा सम्मान करते हैं और स्पष्ट रूप से हमारे दोस्त हैं.' अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें सत्र में विश्व के नेताओं को संबोधित करते हुए भारत को एक 'मुक्त समाज' बताया और अपने लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने के लिए मंगलवार को भारत के प्रयासों की जमकर तारीफ की. संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंगलवार को शुरू हुए जनरल डिबेट को दूसरी बार संबोधित करते हुए ट्रम्प ने कहा, 'भारत है, जहां का समाज मुक्त है और एक अरब से अधिक आबादी में लाखों लोगों को सफलतापूर्वक गरीबी से ऊपर उठाते हुए मध्यम वर्ग में पहुंचा दिया.' करीब 35 मिनट के संबोधन में उन्होंने कहा कि वर्षों से संयुक्त राष्ट्र महासभा के हॉल में इतिहास देखा गया. उन्होंने कहा कि हमारे समक्ष अपने देशों की चुनौतियों, अपने समय के बारे में चर्चा करने आए आए लोगों के भाषणों, संकल्पों और हर शब्दों एवं उम्मीदों में वहीं सवाल कौंधते हैं जो हमारे जेहन में उठते हैं. ट्रम्प ने कहा, 'यह सवाल है कि हम अपने बच्चों के लिए किस तरह की दुनिया छोड़कर जाएंगे और किस तरह का देश उन्हें उत्तराधिकार में मिलेगा.' उन्होंने कहा कि जो सपने यूएनजीए के हॉल में आज दिखे वे उतने ही विविध हैं जितने इस पोडियम पर खड़े लोग और उतने ही विविध हैं जितना संयुक्त राष्ट्र में दुनिया के देशों का प्रतिनिधित्व है. उन्होंने कहा, 'यह वास्तव में कुछ है. वास्तव में यह काफी महान इतिहास है.' ट्रम्प ने सऊदी अरब के साहसिक नये सुधारों और इस्राइली गणतंत्र की 70वीं जयंती का उदाहरण दिया.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका केवल उन्हीं देशों को सहायता देगा जिन्हें वह अपना सहयोगी मानता है. ट्रम्प ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक भाषण में कहा कि हम देखेंगे कि कहां काम हो रहा …

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दिल्ली में ऐसे 54 उपकरण लगाये जायेंगे जिससे दिल्ली कि हवा होगी साफ़ 

राजधानी दिल्ली में हर साल जाड़ों के दौरान होने वाले वाले वायु प्रदूषण से निबटने के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। सरकार ने खासतौर पर हवा साफ करने वाले उपकरण लगाए हैं, जो दिल्ली में 54 जगहों पर लगेंगी। इन्हें 15 अक्टूबर तक लगाया जाना है। मंगलवार को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन गुप्ता ने वायु प्रदूषण को नियंत्रण करने वाली डिवाइसेज का उदघाटन किया। वायु (विंड ऑग्मेंटेशन प्यूरिफाइंग यूनिट) नाम की ये डिवाइसेज 500 स्क्वायर मीटर का क्षेत्र प्रदूषण मुक्त रखेंगी। इन डिवाइसेज को फिलहाल दिल्ली के व्यस्त चौराहों में से एक आईटीओ और मुकरबा चौक पर लगाया गया है। मंत्रालय के मुताबिक वायु डिवाइसेज को सीएसआईआर (काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च) और नीरी (नेशनल इंनवायरनमेंटल रिसर्ट इंस्टीट्यूट) ने मिल कर विकसित किया है। जबकि सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने इसके लिए धन मुहैया कराया। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इन डिवाइसेज को स्वदेश में निर्मित किया गया है और इनकी क्षमता 500 स्क्वायर मीटर के क्षेत्र को साफ रखने की है। वहीं ये डिवाइसेज 10 घंटे में केवल आधी यूनिट बिजली ही खर्च करती हैं, जबकि इनकी मैंटिनेंस कॉस्ट केवल 1500 रुपए प्रति माह है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम इन डिवाइसेज का बड़ा वर्जन डेवलप करने की योजना पर काम कर रहे हैं, जो 10 हजार स्क्वायर मीटर के क्षेत्र को प्रदूषण मुक्त कर सकेंगी। साथ ही इन्हें बस शेल्टर में भी लगाया जा सकेगा। ये डिवाइसेज हवा में मौजूद वायु प्रदूषकों और सक्रिय तत्वों को साफ करेंगी। इनमें पार्टिकुलेट मैटर और एक्टीवेटेड कार्बन यानी चारकोल और अल्ट्रा वायलेट लैंप्स भी लगे हैं, जो जहरीली गैसों जैसे कार्बन मोनोक्साइड को सोखेंगे।

राजधानी दिल्ली में हर साल जाड़ों के दौरान होने वाले वाले वायु प्रदूषण से निबटने के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। सरकार ने खासतौर पर हवा साफ करने वाले उपकरण लगाए हैं, जो दिल्ली में 54 जगहों पर लगेंगी। …

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अब सार्क बैठक पर मंडरा रहे है संकट के बादल, भारत-पाक वार्ता हुई रद्द 

नेपाल ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के हाशिये पर होने वाली दक्षिण एशिया के विदेश मंत्रियों की बैठक में वो सार्क की प्रक्रिया आगे बढ़ाने का आग्रह करेगा. नेपाल के विदेश मंत्री ने कहा कि किन्हीं दो देशों के आपसी मतभेदों के कारण दक्षिण एशिया के मुद्दों पर संवाद की प्रक्रिया नहीं रुकनी चाहिए. हाल ही में भारत ने सीमा पर हिंसा और पाकिस्तान की ओर से आतंकियों के महिमामंडन करने वाले डाक टिकट जारी करने के बाद संयुक्त राष्ट्र में होने वाली विदेश मंत्रियों की वार्ता रद्द कर दी गई थी. संयुक्त राष्ट्र महासभा में शरीक होने पहुंचे नेपाली विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवली ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत में कहा कि सार्क को मौजूदा प्रधान होने के नाते नेपाल इस बात का पक्षधर है कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन की शिखर बैठक होनी चाहिए. ज्ञवली ने कहा कि विदेशमंत्रियों की मुलाकात के दौरान नेपाल इस बात का आग्रह भी करेगा. नेपाल ने भारत और पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि किन्हीं भी दो देशों के मतभेदों के कारण क्षेत्रीय संवाद नहीं रुकना चाहिए. समस्याओं के समाधान के लिए ज़रूरी है कि हम बात करते रहें. महत्वपूर्ण है कि 2016 में आतंकी हुए कई हमलों को लेकर भारत ही नहीं बांग्लादेश और अफगानिस्तान के विरोध के बाद पाकिस्तान सार्क शिखर बैठक की मेजबानी नहीं कर पाया था. एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ज्ञवली का कहना था कि आतंकवाद एक साझा समस्या है. कोई भी देश ऐसा नहीं है जो आतंकवाद के प्रति रियायत बरतता हो या उसका समर्थन करे. लिहाजा इस साझा समस्या के समाधान के लिए भी जरूरी है कि बातचीत की जाए और सहयोग का रास्ता निकाला जाए. इस बीच ज्ञवली ने सोमवार को जहां भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से द्विपक्षीय मुलाकात की वहीं मंगलवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ले भी वो मिले. चीन-नेपाल ट्रेड एंड ट्रांजिट समझौते से भारत को खतरा नहीं बीते दिनों चीन के अपने चार समुद्री बंदरगाह और तीन ड्रायपोर्ट नेपाल के लिए मुकर्रर किए जाने को लेकर भारत में उठी चिंताओं को निराधार करार दिया. ज्ञवली ने कहा कि भारत और नेपाल के संबंध नियती से बंधे हैं.नेपाल यह स्पष्ट कर चुका है कि वो अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी भी अन्य देश के खिलाफ नहीं होने देगा. नेपाली विदेश मंत्री के मुताबिक भारत भी यह समझेगा की नेपाल को अपने कारोबार के लिए बंदरगाहों तक पहुंचने की ज़रूरत है. चीन के साथ नेपाल ने ट्रेड एंड ट्रांज़िट एग्रीमेंट किया था. उसी के तहत प्रोटोकॉल पर दस्तखत हुए. इससे भारत और नेपाल के रिश्ते कतई खराब नहीं होते. बिम्सटेक में नहीं बनी थी सैन्य अभ्यास पर कोई सहमति काठमांडू में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन की मेजबानी के बाद भारत में आयोजित बिमस्टेक संयुक्त सैन्य अभ्यास में नेपाल के शरीक न होने के फैसले को भी ज्ञवली ने जायज ठहराया. इस बारे में पूछे जाने पर उनका कहना था कि बिम्सटेक एक आर्थिक और तकनीकी सहयोग संगठन है. उसमें सैन्य सहयोग का कोई पक्ष नहीं है.साथ ही बिम्सटेक सम्मेलन में भारत की तरफ से संयुक्त सैन्य अभ्यास का प्रस्ताव ज़रूर आया था लेकिन इसके लिए कोई सहमति नहीं बनी थी. इसलिए हमने केवल ऑब्जर्वर भेजे थे..द्विपक्षीय स्तर पर भारत और नेपाल के बीच सैन्य अभ्यास की मजबूत परम्परा है.

नेपाल ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के हाशिये पर होने वाली दक्षिण एशिया के विदेश मंत्रियों की बैठक में वो सार्क की प्रक्रिया आगे बढ़ाने का आग्रह करेगा. नेपाल के विदेश मंत्री ने कहा कि किन्हीं दो देशों …

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लश्कर कमांडर सहित दो आतंकी हुए ढेर, जम्मू-कश्मीर के सोपोर में सेना का बड़ा ऑपरेशन 

जम्मू कश्मीर के बारामुला जिले के सोपोर में सेना ने एनकाउंटर के दौरान दो आतंकवादियों को ढेर किया है. मंगलवार देर रात से सोपोर जिले में सुरक्षाबलों और जम्मू कश्मीर पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में करीब 8 घंटे बाद आतंकियों को मार गिराया है. इलाके में सुरक्षाबलों और जम्मू कश्मीर पुलिस का संयुक्त अभियान अब भी जारी है.  जानकारी के मुताबिक, मंगलवार देर रात सेना को सोपोर के टुज्जर गांव में 2-3 आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी. आतंकियों की सूचना मिलने के बाद 22 राष्ट्रीय राइफल्स, जम्मू-कश्मीर स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों ने इलाके सर्च अभियान चलाया.  लश्कर के दो आतंकवादी ढेर देर रात गोलीबारी में सेना ने दो आतंकियों को मार गिराया है. मारे गए आतंकी लश्कर-ए-तैयबा संगठन से जुड़े हुए हैं. इसमें से एक नॉर्थ कश्मीर का लश्कर कमांडर अबू मार्ज और उसका साथी था. पुलिस को काफी लंबे समय से इनकी तलाश थी. बताया जा रहा है कि इन दोनों आतंकियों पर सोपोर में तीन स्थानीय नागरिकों की हत्या का आरोप है.

जम्मू कश्मीर के बारामुला जिले के सोपोर में सेना ने एनकाउंटर के दौरान दो आतंकवादियों को ढेर किया है. मंगलवार देर रात से सोपोर जिले में सुरक्षाबलों और जम्मू कश्मीर पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में करीब 8 घंटे बाद आतंकियों को मार …

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आज आ सकता है सुप्रीम कोर्ट की बेंच का फैसला प्रमोशन में आरक्षण के मामले पर चल रही सुनवायी

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का आज आधार और प्रमेाशन में आरक्षण मामले में फैसला आ सकता है। आधार मामले में मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधानपीठ ने गत 10 मई को सभी पक्षों की बहस सुनकर फैसला सुरक्षित रख लिया था। प्रमोशन में आरक्षण मामले में यह तय होगा कि प्रमोशन में आरक्षण मामले में नागराज मामले में पुनर्विचार किया जाए या नहीं, यह तय किया जाएगा। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में कल ही कोर्ट की लाइव सुनवाई को लेकर भी फैसला आ सकता है।  सेवानिवृत जज पुत्तासामी और कई अन्य लोगों ने आधार कानून की वैधानिकता को चुनौती दी है। याचिकाओं में विशेषतौर पर आधार के लिए एकत्र किये जाने वाले बायोमेट्रिक डाटा से निजता के अधिकार का हनन होने की दलील दी गई है। आधार की सुनवाई के दौरान ही कोर्ट मे निजता के अधिकार के मौलिक अधिकार होने का मुद्दा उठा था जिसके बाद कोर्ट ने आधार की सुनवाई बीच में रोक कर निजता के मौलिक अधिकार पर नौ न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सुनवाई की और निजता को मौलिक अधिकार घोषित किया। इसके बाद पांच न्यायाधीशों ने आधार की वैधानिकता पर सुनवाई शुरू की थी। इस मामले की कुल साढ़े चार महीने में 38 दिनों तक सुनवाई हुई थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से दलील दी गई थी कि एकत्र किये जा रहे डाटा की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। ये भी आरोप लगाया गया है कि सरकार ने हर सुविधा और सर्विस से आधार को जोड़ दिया है जिसके कारण गरीब लोग आधार का डाटा मिलान न होने के कारण सुविधाओं का लाभ लेने से वंचित हो रहे हैं।  ये भी कहा गया था कि सरकार ने आधार बिल को मनी बिल के तौर पर पेश कर जल्दबाजी में पास करा लिया है। आधार को मनी बिल नहीं कहा जा सकता। उधर, दूसरी ओर केन्द्र सरकार, यूएआईडी, गुजरात और महाराष्ट्र सरकार सहित कई संस्थाओं ने सुप्रीम कोर्ट में आधार कानून को सही ठहराते हुए याचिकाओं को खारिज करने की अपील की थी। सरकार की ओर से कहा गया था कि आधार कानून इसलिए लाया गया है ताकि सुविधाओं का लाभ वास्तविक जरूरतमंद तक पहुंचे। बीच में उसका लीकेज न हो। यह भी कहा था कि एकत्र किया गया डेटा सरकार के पास सुरक्षित है इसके अलावा डेटा सुरक्षित रखने के बारे में कानून बनाने पर विचार हो रहा है।  एम नागराज फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत पर सुनाएगा फैसला  एससी एसटी को प्रोन्नति में आरक्षण के लिए पिछड़ेपन और अपर्याप्त प्रतिनिधित्व के आंकड़े जुटाने की व्यवस्था देने वाले एम नागराज फैसले पर पुनर्विचार की मांग पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को अपना फैसला सुनाएगा।  सरकार और आरक्षण समर्थकों ने 2006 के एम नागराज के फैसले को पुनर्विचार के लिए सात न्यायाधीशों की संविधान पीठ को भेजे जाने की मांग की है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मांग पर सभी पक्षों की बहस सुनकर गत 30 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सरकार और आरक्षण समर्थकों का कहना है कि एम नागराज फैसले में दी गई व्यवस्था सही नहीं है। एससी एसटी अपने आप में पिछड़े माने जाते हैं। राष्ट्रपति द्वारा जारी सूची में शामिल होने के बाद उनके पिछड़ेपन के अलग से आंकड़े जुटाने की जरूरत नहीं है। जबकि आरक्षण विरोधियों ने एम नागराज फैसले को सही ठहराते हुए कहा था कि उस फैसले में पांच न्यायाधीशों की पीठ द्वारा दी गई व्यवस्था सही कानून है। फैसले के एक भाग पर नहीं बल्कि फैसला आने की पूरी परिस्थितियों पर विचार होना चाहिए। उनका कहना था कि आरक्षण हमेशा के लिए नहीं है ऐसे में पिछड़ेपन के आंकड़े जुटाए बगैर यह कैसे पता चलेगा कि सरकारी नौकरियों में एससी एसटी का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है और इसलिए इन्हें प्रोन्नति में आरक्षण देने की जरूरत है।

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का आज आधार और प्रमेाशन में आरक्षण मामले में फैसला आ सकता है। आधार मामले में मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधानपीठ ने गत 10 मई को सभी पक्षों की बहस …

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मनमोहन सिंह के 86 जन्मदिन पर मोदी जी और राहुल गांधी ने दी शुभकामनाएं 

देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का आज जन्मदिन है. मनमोहन सिंह 86 बरस के हो गए हैं. देश में आर्थिक सुधारों के सूत्रधार माने जाने वाले मनमोहन का जन्म 26 सितंबर, 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत में हुआ था. मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे. 10 साल के कार्यकाल के दौरान मनमोहन सिंह की चुप्पी पर कई सवाल उठे, लेकिन यही सादगी उनकी सबसे बड़ी विशेषता भी रही. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मनमोहन सिंह को जन्मदिन की बधाई दी. PM मोदी के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी मनमोहन सिंह को जन्मदिन की बधाई दी. गौरतलब है कि बीते कई दिनों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार को कई अहम मुद्दों पर घेरा है. नोटबंदी, जीएसटी, राफेल डील पर लगातार मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वार करते आए हैं. आपको बता दें कि 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह के शासन पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे थे. हालांकि, मनमोहन सिंह खुद हमेशा बेदाग ही रहे. मनमोहन की अगुवाई में ग्लोबल बना भारत 1991 में जब भारत को दुनिया के बाजार के लिए खोला गया तो मनमोहन सिंह ही देश के वित्त मंत्री थे. देश में आर्थिक क्रांति और ग्लोबलाइजेशन की शुरुआत इन्होंने ही की थी. इसके बाद पीएम रहते हुए मनरेगा की शुरुआत भी एक बड़ा फैसला रहा, मनरेगा के कारण कई गरीब लोगों को रोजगार मिल पाया.

देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का आज जन्मदिन है. मनमोहन सिंह 86 बरस के हो गए हैं. देश में आर्थिक सुधारों के सूत्रधार माने जाने वाले मनमोहन का जन्म 26 सितंबर, 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत में हुआ था. मनमोहन सिंह …

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