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सर्जिकल स्ट्राइक वाले कैम्पों में फिर से दिखे आतंकी…

जहां एक तरफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भारत के साथ बातचीत करना चाहते हैं। वहीं आतंकी उनके मंसूबों पर पानी फेरते हुए लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर अपनी संख्या बढ़ा रहे हैं। उच्च खुफिया सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में लगभग 250 आतंकवादी जम्मू और कश्मीर में  27 लांच पैड के जरिए घुसपैठ करने का इंतजार कर रहे हैं। इसमें 8 नए लांचपैड लीपा घाटी में बनाए गए हैं। यह उन रणनीतिक स्थानों में से एक है जिसे भारतीय सेना ने 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक में तबाह कर दिया था। उड़ी आतंकी हमले के बाद सितंबर 2016 को भारतीय सेना ने पीओके पर बने लांचपैड को निशाना बनाया था। भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच अमेरिका में हो रही संयुक्त राष्ट्र आमसभा के दौरान द्विपक्षीय वार्ता होनी थी। जिसे कि सेना के जवान के साथ हुई बर्बरता और हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकियों द्वारा पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद रद्द कर दिया गया था। हिजबुल कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर में होने वाली हिंसा की घटनाओं में इजाफा हुआ था। जुलाई 2016 में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में वानी को मार गिराया था। पिछले एक साल में पत्थरबाजी और भीड़ हिंसा पर काफी हद तक लगाम लगी है। वहीं पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूहों द्वारा जम्मू और कश्मीर के पुलिसकर्मियों को निशाना बनाने और बढ़ती घुसपैठ की कोशिशों में इजाफा हुआ है। बुरहान वानी की मौत से पहले पीओके में केवल 14 लांचपैड सक्रिय थे जिसमें 160 आतंकी रहा करते थे। लेकिन वानी की मौत के बाद एलओसी में आतंकी ट्रेनिंग गतिविधियों में इजाफा हुआ है। सूत्रों ने बताया कि जहां पहले केवल 160 आतंकी रहा करते थे अब यह संख्या बढ़कर 190 से 230 पर पहुंच गई है। इसके साथ ही पांच आतंकी कैंप बढ़े हैं। इमरान खान को प्रधानमंत्री बनाने वाले चुनाव के दौरान 8 और कैंप बनाए गए हैं। पीओके में जो 27 लांचपैड सक्रिय हैं उनमें लीपा, चखोटी, बरारकोट, शारदी और जूरा घाटी में लश्कर-ए-तैयबा जबकि बरारकोट और कहूटा के क्षेत्रों में हिजबल मुजाहिद्दीन के कैंप लगे हुए हैं। लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य लीपा, चन्नानियन, मंदौकली और नौखट के जरिए भारत में घुसने की कोशिश में हैं और इनकी संख्या अब 25-30 है। इनके कैंप नौगाम सेक्टर के ठीक सामने हैं। यह क्षेत्र उड़ी और कुपवाड़ा के बीच में है। एक खुफिया अधिकारी के अनुसार लगभग 250 आतंकी भारत में घुसपैठ करने की कोशिश में हैं। 

जहां एक तरफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भारत के साथ बातचीत करना चाहते हैं। वहीं आतंकी उनके मंसूबों पर पानी फेरते हुए लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर अपनी संख्या बढ़ा रहे हैं। उच्च खुफिया सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान …

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शरद पवार का बड़ा बयान ‘बोले पीएम मोदी’ कि नीयत पर राफेल डील को लेकर कोई शक नही…

 राफेल डील में भ्रष्‍टाचार का आरोप लगाकर पूरा विपक्ष मोदी सरकार को घेरने में जुटा हुआ है. वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा है कि राफेल डील पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीयत पर कोई श‍क नहीं है. उन्‍होंने यह भी कहा कि विपक्ष की ओर से लगातार मांग की जा रही है कि राफेल जेट से जुड़ी तमाम तकनीकी जानकारियों को सार्व‍जनिक किया जाए. लेकिन इसका कोई औचित्‍य नहीं है. हालांकि पूर्व रक्षा मंत्री और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने यह भी कहा है कि सरकार अगर राफेल डील की कीमतें सार्वजनिक करती है तो इससे उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. शरद पवार ने कहा 'मुझे लगता है कि जनता के दिमाग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीयत को लेकर कोई शंका नहीं है.' हालांकि उन्‍होंने यह भी कहा कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से रखे गए सरकार के पक्ष के बाद जनता के मन में शंका उत्‍पन्‍न हो गई है. अब वित्‍त मंत्री अरुण जेटली राफेल मुद्दे पर रक्षा मंत्री सीतारमण के बजाय सरकार का पक्ष देख सकते हैं.  बता दें कि इससे पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को राफेल विमान सौदे को लेकर बीजेपी पर हमला बोला था. पवार ने कहा था कि 'राफेल विमान की कीमत सार्वजनिक करने में कोई नुकसान नहीं है. मैं यूपीए सरकार के समय संसद में रहा हूं. उस समय बीजेपी ने बोफोर्स मुद्दा उठाया था. सुषमा स्वराज ने उस समय बोफोर्स मामले से जुड़ी सभी जानकारियों को सार्वजनिक करने की मांग कई बार की थी.' बता दें कि कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी लगातार राफेल डील पर मोदी सरकार पर हमला बोल रहे हैं. राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा था कि 'देश के चौकीदार और रक्षा मंत्री राफेल डील पर चुप क्‍यों हैं.' उन्‍होंने कहा था कि देश की जनता राफेल डील की कीमत जानना चाह रही है.

 राफेल डील में भ्रष्‍टाचार का आरोप लगाकर पूरा विपक्ष मोदी सरकार को घेरने में जुटा हुआ है. वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा है कि राफेल डील पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीयत पर कोई श‍क नहीं है. …

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पर्यावरण क्षेत्र में काम के लिए UN ने दिया ‘पीएम मोदी’ को’चैम्पियन ऑफ द अर्थ’ कि उपाधि. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के नेतृत्व और 2022 तक भारत को एकल इस्तेमाल वाले प्लास्टिक से मुक्त कराने के संकल्प को लेकर संयुक्त राष्ट्र के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया है. यह सम्मान पांच अन्य व्यक्तियों और संगठनों को भी दिया गया है. दुनिया के छह हस्तियों को पर्यावरण के क्षेत्र में कदम उठाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान ‘‘चैम्पियंस ऑफ द अर्थ अवॉर्ड’’ से सम्मानित किया गया है. नीतिगत नेतृत्व की श्रेणी में फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों और पीएम नरेंद्र मोदी को संयुक्त रूप से इस सम्मान के लिये चुना गया है. मोदी के यूएन से अवॉर्ड मिलने पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत कई केंद्रीय मंत्रियों ने उन्हें बधाई दी है. संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के मुताबिक, ‘‘इस साल के पुरस्कार विजेताओं को आज के समय के कुछ बेहद अत्यावश्यक पर्यावरणीय मुद्दों से निपटने के लिये साहसी, नवोन्मेष और अथक प्रयास करने के लिये सम्मानित किया जा रहा है.’’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के नेतृत्व और 2022 तक भारत को एकल इस्तेमाल वाले प्लास्टिक से मुक्त कराने के संकल्प को लेकर संयुक्त राष्ट्र के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया है. यह सम्मान पांच अन्य व्यक्तियों …

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सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज, नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद जरूरी है या नहीं.

अयोध्या रामजन्मभूमि मालिकाना हक के मुकदमे पर असर डालने वाले एक पहलू पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को फैसला सुना सकता है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ मुस्लिम पक्ष की इस्माइल फारुकी फैसले के उस अंश पर पुनर्विचार की मांग पर अपना आदेश सुनाएगी जिसमें कहा गया है कि नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है। इस मामले में कोर्ट ने गत 20 जुलाई को सभी पक्षों की बहस सुनकर फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 1994 में अयोध्या मे भूमि अधिग्रहण को चुनौती देने वाली इस्माइल फारुकी की याचिका पर फैसला दिया था। उस फैसले में एक जगह कोर्ट ने कहा है कि नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है। मस्जिद को इस्लाम का अभिन्न हिस्सा न मामले वाले 1994 के इस्माइल फारुकी फैसले पर पुनर्विचार की मांग पर सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला। वैसे तो वह फैसला बहुत पुराना है, लेकिन अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मालिकाना हक से जुड़ी अपीलों पर सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने फारुकी के फैसले में दी गई व्यवस्था को मुख्य मामले पर असर डालने वाला बताते हुए फैसले के उस अंश को पुनर्विचार के लिए सात न्यायाधीशों की पीठ को भेजे जाने की मांग की थी। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, अशोक भूषण और एस अब्दुल नजीर की पीठ ने फारुकी फैसले के उस अंश पर पुनर्विचार की जरूरत पर सभी पक्षों की लंबी बहस सुनकर गत 20 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने मांग की थी इस मामले को संविधान पीठ को भेजा जाना चाहिए क्योंकि फैसले में दी गई व्यवस्था गलत है और ये अयोध्या जन्मभूमि मामले के मालिकाना हक मुकदमें पर असर डालता है। उनका कहना था कि जिस पहलू पर बहस ही नहीं सुनी कोर्ट ने उस पर अपना नजरिया प्रकट कर दिया है। कोर्ट धर्म के अभिन्न हिस्से के मुद्दे पर साक्ष्यों को देखे और सुने बगैर यह नहीं कह सकता कि मस्जिद इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है। हालांकि हिन्दू पक्ष ने मांग का विरोध किया था और कहा था कि फैसले के इतने वर्षो बाद इस पर पुनर्विचार की मांग करके मुस्लिम पक्ष अयोध्या विवाद के मुख्य मामले की सुनवाई में देरी करना चाहता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी मांग का विरोध करते हुए इसे देरी की रणनीति कहा था। अब अगर तीन न्यायाधीशों की पीठ फारुकी फैसले के उस अंश पर पुनर्विचार की जरूरत महसूस करते हुए मामला सात जजों की पीठ को सुनवाई के लिए भेजती है तो निश्चित तौर पर अयोध्या विवाद के मुख्य मुकदमें की सुनवाई और आगे खिसक जाएगी। बतातें चलें कि अयोध्या में राम जन्मभूमि मालिकाना हक के मुख्य मुकदमें पर अभी तक सुनवाई शुरू नहीं हुई है। जबकि हाईकोर्ट का फैसला 2010 में आ गया था जिसमें राम जन्मभूमि को तीन बराबर के हिस्सों में बांटने का आदेश दिया गया था। तभी से सुप्रीम कोर्ट में फैसले के खिलाफ अपीलें लंबित हैं और सुप्रीम कोर्ट ने मामले में यथास्थिति कायम रखने के आदेश दे रखे हैं। इस मामले में भगवान रामलला विराजमान सहित सभी पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की हैं।

अयोध्या रामजन्मभूमि मालिकाना हक के मुकदमे पर असर डालने वाले एक पहलू पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को फैसला सुना सकता है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ मुस्लिम पक्ष की इस्माइल फारुकी फैसले के उस अंश …

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किन कीमतों पर मोदी सरकार ने खरीदा राफेल फ्रांस से, और कैसे बदली UPA कि डील.   

राफेल डील विवाद देश की राजनीति का मुख्य मुद्दा बन गया है. पिछले कई दिनों से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण पर आरोप लगा चुके हैं. इस डील में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को चोर तक कह दिया था. लेकिन आखिर ये विवाद क्या है, डील क्या है. इस मामले की पूरी INSIDE STORY यहां पढ़ें... यूपीए सरकार ने 126 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने का समझौता किया. इसमें 18 विमान तुरंत लेने की स्थिति में थे और बाकी 108 का निर्माण भारत में होना था. > 18 विमान जो तुरंत लेने की स्थिति में थे, उनका दाम 688 करोड़ रुपए प्रति एयरक्राफ्ट था. जबकि जिन 108 विमान का निर्माण HAL की सहायता से भारत में होना था, उनका दाम 911 करोड़ रुपए प्रति विमान था.   > 2013 में यूरो डिफेंस कंपनी ने विमान की कुछ आइटम पर 20 फीसदी डिसकाउंट का ऑफर दिया. हालांकि, उन्होंने विमान के बेस प्राइस में किसी तरह के बदलाव से इनकार किया. > राफेल विमान डील किसी तरह का ऑफर या फिर दामों में बदलाव के लिए इनकार करती रही. उनका कारण था कि क्योंकि ऑर्डर में लगातार देरी हो रही है इसलिए 1.22 फीसदी दाम बढ़ने की संभावना है. > 2013-2014 में भारत में जिन 108 विमानों का निर्माण होना था, वह डील टूट गई. > फ्रांस का मानना था कि अगर वह भारत में इनका निर्माण करते हैं तो सिर्फ 31 मिलियन घंटे की मैन पावर लगेगी, हालांकि HAL का कहना था ये करीब 100 मिलियन घंटे मैन पावर की खपत होगी. > 2014  में भारत ने इस पुराने कॉन्ट्रैक्ट को खत्म कर दिया. > इसके बाद भारत औऱ फ्रांस के बीच सरकार टू सरकार का एग्रीमेंट हुआ. जिसमें फ्रांस से कुल 36 विमान खरीदने का फैसला हुआ, जिसमें शुरुआती 18 विमान का दाम उसका बेस प्राइस जितना ही होगा. > 2014 में ही इस डील को आगे बढ़ाने के लिए एयर मार्शल भदौरिया को नियुक्त किया गया. इससे पहले इसके लिए ज्वाइंट सेकेट्ररी लेवल के अफसर तैनात थे. > जिस दाम पर यूपीए की सरकार सहमत हुई थी अगर उनके हिसाब माने तो 36 विमान की कीमत 9503 मिलियन यूरो रहती. > हालांकि, सौदे में होती लगातार देरी के कारण फ्रांस इसके दाम 11000 मिलियन यूरो तक करना चाहता था. > पूरी बातचीत के बाद 36 राफेल लड़ाकू विमान के दाम 7889 मिलियन यूरो तक तय हुए. > इन सभी में फ्रांस करीब 50 फीसदी ऑफसैट यानी 50 फीसदी इन्वेस्ट भारत में करने में राजी हो गया. साथ ही DRDO को इसके तहत सफरां एयरक्राफ्ट इंजन की टेक्नोलॉजी भी मिलनी तय थी. > भारत सरकार के मुताबिक, इस नए दाम के विमान में मुताबिक कुल 13 नए बदलाव हुए. जिसमें पायलट के लिए हेल्मेट वाली डिस्प्ले, विजुअल रेंज मिसाइल समेत अन्य कई बड़े बदलाव. > साथ ही अगले सात साल के लिए करीब 75 फीसदी मेंटेनेंस की सुविधा मिलना तय था. > एनडीए सरकार का दावा है कि ये डील 1.6 बिलियन डॉलर सस्ती है. > भारत सरकार ने फ्रांस की सरकार से अपील की है कि क्या वह राफेल के दाम जाहिर कर सकते हैं. अभी इस पर फैसला पेंडिंग है.

राफेल डील विवाद देश की राजनीति का मुख्य मुद्दा बन गया है. पिछले कई दिनों से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण पर आरोप लगा चुके हैं. इस डील में भ्रष्टाचार के …

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16 हजार फीट की ऊंचाई पर शहीद जवानों को दी सलामी 

एसपी पीएन मीणा समेत देश के विभिन्न राज्यों के 40 सदस्यीय दल ने लेह लद्दाख के हॉट स्प्रिंग में शहीद हुए जवानों को सलामी दी। 11 दिवसीय इस यात्रा में शामिल होकर सभी सदस्य अपने राज्यों को लौट गए हैं।  इस यात्रा में शामिल होने के बाद रुद्रप्रयाग लौटे एसपी मीणा ने बताया कि यह यात्रा काफी चुनौतीपूर्ण रही। तीन सितंबर को यहां पर शहीद दस जवानों को सलामी दी गई। रास्ता काफी दुर्गम होने के बावजूद टीम के सदस्यों ने इस चुनौती को सफलता से सामना किया। एसपी ने बताया कि इस टीम में देश के सभी राज्यों से एक पुलिस अधिकारी शामिल हुआ, जो एसपी से लेकर डीआइजी रेंक का था। उत्तराखंड का नेतृत्व मीणा ने किया।  मीणा ने बताया आजादी के बाद चीन सीमा पर सीआरपीएफ बटालियन की टुकड़ी भारत-चीन सीमा की रक्षा करती थी। 21 अक्टूबर 1959 को उच्च हिमालय क्षेत्र लद्दाख (हॉट स्प्रिंग) भारत-चीन सीमा पर सीआरपीएफ की एक टुकड़ी के 10 जवानों ने चीनी सेना को भारतीय सीमा में आने से रोकते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। हॉट स्प्रिंग लेह से करीब 200 किलोमीटर आगे भारत-चीन सीमा पर स्थित है, जो 16 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां पर जाने के लिए 18 हजार से लेकर बीस हजार फीट की ऊंचाई वाले दर्रों से होकर गुजरना पड़ता है। यहां पर तापमान शून्य से माइनस 25 डिग्री तक रहता है। एसपी ने बताया कि पूरी टीम अपने तय समय पर इस स्थान पर पहुंची तथा शहीद जवानों को सलामी दी। 21 अक्टूबर को पुलिस शहीद दिवस हर वर्ष 21 अक्टूबर 1959 के दिन इन्हीं सीआरपीएफ जवानों के बलिदान को पुलिस शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। लद्दाख के इस अत्यंत दुर्गम शहीद स्थल पर प्रतिवर्ष देश के सभी राज्यों और केंद्रीय पुलिस बलों से चुने हुए सबसे फिट अधिकारी/कर्मचारी अपने पुलिस बल की ओर से शहीदों को श्रद्धांजलि देने जाते हैं।

एसपी पीएन मीणा समेत देश के विभिन्न राज्यों के 40 सदस्यीय दल ने लेह लद्दाख के हॉट स्प्रिंग में शहीद हुए जवानों को सलामी दी। 11 दिवसीय इस यात्रा में शामिल होकर सभी सदस्य अपने राज्यों को लौट गए हैं।  …

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गनमैन हिरासत में, कमलनाथ की रैली में 4 फायर होने से इलाके में फैली सनसनी.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सागर में मंगलवार को रोड शो व आमसभा में कहा कि सीएम हर साल इंवेस्टर्स मीट करते हैं, कहते हैं 40-50 हजार करोड़ का निवेश आएगा। हकीकत में जितने उद्योग लगते हैं, उससे ज्यादा बंद हो जाते हैं। इधर कमलनाथ की रैली में उस समय सनसनी फैल गई जब एक कांग्रेसी नेता के गनमैन ने इमारत से 4 फायर किए। पुलिस ने गनमैन को पकड़ा कमलनाथ की संकल्प यात्रा व रोड शो के दौरान भारी चूक सामने आई। गुजराती बाजार में कांग्रेस नेता अखिलेश केशरवानी के गनमैन ने एक के बाद एक चार फायर किए। 12 बोर की बंदूक से ये 4 फायर किए गए। फायरिंग के चलते बाजार में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। फायर की आवाज के साथ ही कमलनाथ के गनमैन ने सुरक्षा की दृष्टि से उन्हें घेर लिया। वहीं कमलनाथ के साथ चल रहे पुलिसबल ने तत्काल मौके पर पहुंचकर गनमैन को हिरासत में लिया। दरअसल अखिलेश केशरवानी यहां से दावेदारी कर रहे हैं और कमलनाथ को सलामी देने के इरादे से ये हवाई फायर किए गए। गार्ड ने बताया उसने अखिलेश केशरवानी के कहने पर ही हवाई फायर किए थे। सरकार को घेरा इससे पहले संकल्प यात्रा के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि इन्वेस्टर्स समिट का प्रदेश को कोई लाभ नहीं मिल रहा। उन्होंने कहा कि कई उद्योग बंद गए हैं। शिवराज सिंह बड़े कलाकार हैं। सरकार के विज्ञापनों में विकास दिखता है, जबकि मैदान में भूख-प्यास है। उन्होंने प्रदेश को भ्रष्टाचार, बलात्कार, किसानों की आत्महत्या सभी में नंबर वन बताया। अफ्रीका से ज्यादा हत्याएं हमारे यहां हो रही हैं। कमलनाथ ने कहा कि हमारी सरकार आई तो किसानों का कर्जा और बिजली बिल माफ कर देंगे। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस का वनवास समाप्त करने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कमलनाथ को भेजा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सागर में मंगलवार को रोड शो व आमसभा में कहा कि सीएम हर साल इंवेस्टर्स मीट करते हैं, कहते हैं 40-50 हजार करोड़ का निवेश आएगा। हकीकत में जितने उद्योग लगते हैं, उससे ज्यादा बंद …

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शिक्षामंत्री ने कही ये बात, पटना में फुटपाथ किनारे रात भर सोते रहे 60 स्कूली बच्चे जानिये पूरी घटना 

मुख्यमंत्री बिहार दर्शन योजना के तहत पूर्वी चंपारण के कोटवा प्रखंड के राजकीय उत्क्रमित मध्यविद्यालय मच्छरगावां के बच्चे शैक्षणिक परिभ्रमण योजना को लेकर पटना चिड़ियाघर घू्मने आए थे। लेकिन घूमने आए बच्चों के रात भर फुटपाथ पर सोकर बितानी पड़ी, जिसपर बच्चों की सुरक्षा को लेकर लापरवाही पर चौतरफा सवाल खड़े हो रहे हैं। घटना के उजागर होने के बाद प्रदेश के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने इसपर सफाई देते हुए कहा है कि मामले की जांच की जा रही है कि बच्चों को किन कारणों से रात में फुटपाथ में रुकना पड़ा। शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने कहा कि घटना की जानकारी के बाद उन्होंने डीएम को फोन कर इसकी जांच कर कार्रवाई करने को कहा है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर शाम तक बच्चे अपने घर चले जाते हैं और अगर किसी हालात में उन्हें रुकना पड़ा तो शिक्षकों को जिला शिक्षा पदाधिकारी को इसकी सूचना देनी चाहिए या इसके लिए उचित व्यवस्था करनी चाहिए। कृष्णनंदन वर्मा ने कहा कि बच्चे बेतिया से आए थे। मामले को हम गंभीरता से लेते हैं और जांच के बाद जो भी दोषी होंगे उन पर विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी। दरअसल मंगलवार की रात में राजधानी से एक हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आई थी सिस्टम की बड़ी लापरवाही से यहां स्कूली बच्चे सड़क किनारे रात गुजारने को मजबूर दिखे। इन बच्चों को पटना में जू दिखाने के लिए लाया गया था। लेकिन किसी कारण वो लौट नहीं सके तो उन्हें सड़क किनारे ही सोने को कह दिया गया। जू घूमने आए बच्चे रातभर सड़क पर सोते रहे. वहीं, पूरे प्रशासनिक अमले को इस बात की भनक तक नहीं लगी। इन बच्चों के सड़क पर सोने की खबर किसी कानों तक नहीं पहुंची। बता दें कि इस योजना के तहत सरकारी स्कूल के बच्चों को बिहार के नामचीन जगहों पर घूमाने का प्रावधान है।

मुख्यमंत्री बिहार दर्शन योजना के तहत पूर्वी चंपारण के कोटवा प्रखंड के राजकीय उत्क्रमित मध्यविद्यालय मच्छरगावां के बच्चे शैक्षणिक परिभ्रमण योजना को लेकर पटना चिड़ियाघर घू्मने आए थे। लेकिन घूमने आए बच्चों के रात भर फुटपाथ पर सोकर बितानी पड़ी, …

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28 सितंबर को होगी सुनवाई, टेंडर घोटाले में पेश नहीं हुईं थी यादव सिंह की पत्नी

सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश अमित वीर सिंह की अदालत में नोएडा प्राधिकरण के टेंडर घोटाले में सुनवाई के दौरान नोएडा प्राधिकरण के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह की पत्नी कुसुमलता को छोड़ अन्य आरोपी पेश हुए। 28 सितंबर को होगी सुनवाई  कुसुमलता ने अधिवक्ताओं के माध्यम से हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र पेश किया। मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 सितंबर की तारीख तय की गई है। लोक अभियोजक ने बताया कि सीबीआइ ने टेंडर घोटाले की दो फाइलों को मर्ज कर एक करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। उस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों फाइल मर्ज करने का निर्णय लिया। अलग कर दी गई थी फाइल  दरअसल, लंबे समय तक कुसुमलता के फरार रहने के चलते इस मामले में उनकी फाइल अलग कर दी गई थी। पिछले दिनों उन्होंने अदालत में सरेंडर कर दिया था। इसी के चलते सीबीआइ ने विशेष अदालत में उपरोक्त प्रार्थना पत्र दिया था। करोड़ों का है घोटाला वर्ष 2011 में नोएडा में अंडरग्राउंड केबल डालने के काम में करोड़ों का घोटाला हुआ था। इसमें सीबीआइ ने नोएडा प्राधिकरण के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह, उनकी पत्नी कुसुमलता, प्रोजेक्ट इंजीनियर रामेंद्र, उनकी पत्नी बबीता सहित अन्य लोगों को आरोपी बनाया है।

सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश अमित वीर सिंह की अदालत में नोएडा प्राधिकरण के टेंडर घोटाले में सुनवाई के दौरान नोएडा प्राधिकरण के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह की पत्नी कुसुमलता को छोड़ अन्य आरोपी पेश हुए। 28 सितंबर को होगी …

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मुख्यमंत्री ने डीजीपी का किया तबादला, बिगड़ी कानून व्यवस्था से नाराज है “योगी”.

हमीरपुर में कंस मेले की शोभा यात्रा के दौरान हुए उपद्रव की घटना को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेहद गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री ने मंगलवार रात डीजीपी ओपी सिंह को तलब कर घटना की जानकारी ली और कहा कि किसी भी हालत में कानून-व्यवस्था न बिगडऩे पाये। प्रदेश में हुई अन्य बड़ी घटनाओं को लेकर भी मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई। डीजीपी ओपी सिंह ने हमीरपुर में शोभा यात्रा के दौरान हुए पथराव की घटना की जानकारी मिलने के बाद एडीजी इलाहाबाद जोन एसएन साबत को हमीरपुर में कैंप करने व उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किये जाने का निर्देश दिया है। डीजीपी के अनुसार शोभा यात्रा को कुछ लोग गैर परंपरागत मार्ग से निकालने का प्रयास कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें रोक दिया था। इसी बात को लेकर कुछ उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिससे स्थिति बिगड़ी। घटना में एएसपी, सीओ व दो एसओ घायल हुये हैं। डीजीपी का कहना है कि स्थिति पर नियंत्रण पा लिया गया है। उल्लेखनीय है कि बीते दिनों प्रदेश में कई दुस्साहसिक घटनाएं हुई हैं। प्रतापगढ़ व इलाहाबाद में लगातार संगीन वारदात हो रही हैं। मंगलवार को इलाहाबाद में दिनदहाड़े 22 लाख की लूट की घटना हुई। बांदा में टाइल्स व्यवसायी का अपहरण, प्रतापगढ़ में दोहरा हत्याकांड, बरेली में मोहर्रम जुलूस के दौरान हुए उपद्रव की घटनाएं कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल खड़ी कर रही हैं। बीते दिनों इलाहाबाद में रिटायर दारोगा की पीटकर हत्या किये जाने व इस वारदात की सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद भी पुलिस के गिरते इकबाल को लेकर कई सवाल खड़े हुये थे। खासकर लूट की बड़ी घटनाएं लगातार पुलिस के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही हैं। इलाहाबाद में करीब एक माह पूर्व एक परिवार के चार लोगों की हत्या कर लूटपाट की घटना का राजफाश भी अब तक पुलिस नहीं कर सकी है। डीजीपी ने कहा, जघन्य अपराधों में हो प्रभावी पैरवी डीजीपी ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग कर अधीनस्थ अधिकारियों व सभी एसएसपी/एसपी से लंबित घटनाओं का राजफाश न होने पर नाराजगी जताते हुए जल्द राजफाश किये जाने का निर्देश दिया। डीजीपी ने कहा कि मानीटरिंग सेल के प्रभावी ढंग से काम करे और जघन्य अपराधों में कड़ी पैरवी की जाये। ऐसे मामलों में जिनमें कुख्यात अपराधियों के खिलाफ पुलिस अथवा सरकारी कर्मचारी गवाह हैं। उनमें लगातार पैरवी कर अपराधियों को सजा दिलाई जाये। बताया गया कि कई ऐसे जघन्य मामले हैं, जिनमें खुद पुलिसकर्मी गवाह हैं, लेकिन आरोपित बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही है। इसके अलावा वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी व शस्त्र की दुकानों का नियमित निरीक्षण किये जाने का निर्देश भी दिया। अलीगढ़ एसएसपी भी पहुंचे डीजीपी कार्यालय इससे पहले एसएसपी अलीगढ़ अजय साहनी भी डीजीपी मुख्यालय में दिखाई दिए। समझा जा रहा है कि उन्होंने अलीगढ़ में हुई मुठभेड़ के मामले में डीजीपी को विस्तार से जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि अलीगढ़ में दो बदमाश मारे गए थे, जिसका वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस की बड़ी किरकिरी हुई थी।

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