भारतीय टीम ने ब्रिसबेन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक ऐसी जीत हासिल की जिसे क्रिकेट इतिहास में हमेशा ही याद रखा जाएगा। रिषभ पंत ने नाबाद 89 रन की पारी खेलते हुए 329 रन का पीछा कर ऐतिहासिक जीत हासिल की। 1988 के बाद ऑस्ट्रेलिया को इस मैदान पर पहली बार हार का सामना करना पड़ा। पंत ने बताया कि जब उन्होंने आखिरी शॉट लगाया तो क्या हुआ था।
चार मैचों की टेस्ट सीरीज के आखिरी मुकाबले में भारत के सामने पांचवें दिन 328 रन का लक्ष्य था। ओपनर शुभमन गिल ने 91 जबकि पुजारा ने 56 रन बनाए। इसके बाद पंत ने आकर 138 गेंद पर नाबाद 89 रन बनाते हुए टीम को जीत दिलाई। इस मैच को जीतने के साथ भारत ने ऑस्ट्रेलिया में लगातार दूसरी बार बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर 2-1 से कब्जा जमाया।
पंत ने मैच के आखिरी वक्त की कहानी एक चैनल को बताई। उन्होंने कहा, “जब मैंने वो आखिरी शॉट खेला, मुझे लगा कि गेंद बल्ले के नीचले भाग पर जाकर लगी। आउट फील्ड बहुत ही ज्यादा धीमा था इसी वजह से जब गेंद उस तरफ जा रही थी तो नॉन स्ट्राइक पर खड़े सैनी से मैंने कहा, तीन रन …दो रन नहीं बल्कि तीन रन ही लेना है। उनके ग्रोइन इंजरी की बात मेरे दिमाग से निकल गई थी और मैं बहुत ही तेजी से दौड़ लगा रहा था।”
“पहला रन लेते वक्त मैंने अपना आंख बंद किया और दौड़ लगाई, जब दूसरा रन ले रहा था तो मैंने ध्यान दिया कि मिड ऑफ का फील्डर गेंद के पीछे ही नहीं जा रहा है। मैं आश्चर्य चकित था कि आखिर फील्डर दौड़ क्यों नहीं रहा है। इसके बाद मैंने ध्यान दिया कि गेंद तो बाउंड्री की तरफ जा रही है, और फिर मैं खुशी से भर आया। मैं चिल्ला रहा था सैनी तीन, हमें तीन रन लेना है। सैनी एक पैर पर दौड़ रहे थे, यह वाकई मजेदार था।”