ऑनलाइन सत्र ‘एक मुलकात विशेष कार्यक्रम’ में पूर्व कप्तान ने कही दिल की बात
कोलकाता/नई दिल्ली : मैं राजनीति में शामिल नहीं होना चाहता, क्योंकि मैं राजनीति में जाने के लिए अपना व्यक्तित्व नहीं बदल सकता। आज तक मैं राजनीति में शामिल नहीं हुआ, क्योंकि मैंने अनुभव किया है, कि पार्टी प्रमुख के साथ एक सुर में सुर मिलाकर जनता को धोखा देना मेरे लिए संभव नहीं है। पार्टी में जाकर मैं अपने स्वयं के स्वाभाविक सोच पर अंकुश नहीं लगाना चाहता, भारतीय क्रिकेट टीम को पहला विश्व कप दिलाने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव ने कोलकाता के प्रभा खेतान फाउंडेशन एवं श्री सीमेंट के सयुंक्त प्रयास से आयोजित ऑनलाइन सत्र एक मुलकात विशेष कार्यक्रम में यह बातें कही। रूही स्याल द्वारा इस लाइव सत्र की शुरुआत की गई, जिसमें अहसास वुमेन के दिल्ली शाखा की तरफ से अर्चना डालमिया के साथ इस विशेष सत्र में देशभर से सैकड़ों लोग शामिल हुए थे। कपिल देव ने कहा, चुनाव जीतना या हारना तब तक अलग है जब तक मेरी अपनी खुद की राय इसमें शामिल न हो। उन्हें लगता है कि राजनीति में उनकी भूमिका चाय के एक कप से ज्यादा नहीं है, मेरी माँ ने मुझे कहा था कि मुझे खेल के अलावा कभी दूसरी तरफ नहीं जाना चाहिए क्योंकि मेरे पास इसके लिए अच्छा अनुभव नहीं है। इसलिए मैंने कभी एक्टिंग की दुनियां में जाने की कोशिश नहीं की। मैंने अभिनय नहीं किया है, लेकिन एक फिल्म को और बेहतर बनाने और इसमें सच्चाई लाने दिखने के लिए सिर्फ कपिल देव की भूमिका को करीब से देखने, समझने और जानने के लिए अपने विचारों को साझा किया है।
अपनी आने वाली बायोपिक के बारे में जिसमें रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण उनकी और उनकी पत्नी रोमी के रोल को चित्रित करेंगे, पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान ने कहा, “यह फिल्म 1983 में भारत की विश्व कप जीत की यात्रा के बारे में है। यह भारतीय क्रिकेट टीम पर है जिसने विश्व कप जीता था। इस फिल्म के जरिये निर्माता उस यात्रा के अच्छे और बुरे दोनों अनुभवों को लोगों के सामने लाने की कोशिश कर रहे हैं। एक सवाल के जवाब में पूछने पर कि – क्या 1983 में विश्व कप जीतना अभी भी आपके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण था? कपिल देव ने कहा, “बिल्कुल नहीं। मुझे ऐसा नहीं लगता। सबसे महत्वपूर्ण क्षण अभी भी वह दिन है जब मैं पैदा हुआ था और दूसरा सबसे महत्वपूर्ण दिन था जब मैं भारत के लिए खेला था। मेरे लिए, एक बच्चे के रूप में, सबसे महत्वपूर्ण क्षण भारतीय क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व करना था। यह मेरे जीवन का सबसे अच्छा समय था।”
भारत के बदलते खेल परिदृश्य पर टिप्पणी करते हुए कपिल देव ने कहा, “क्रिकेट केवल विश्व कप को ध्यान में रखकर खेला जानेवाला खेल नहीं है। यह धोनी, स्वयं, हरभजन सिंह या जहीर खान जैसे लोगों के बारे में है जो बहुत छोटे शहरों से ताल्लुक रखते हैं। तीस साल पहले क्रिकेटर्स शायद ही छोटे शहरों या टियर टू या टियर थ्री शहरों से आते थे। अब 90 फीसदी क्रिकेटर सेमी-मेट्रो शहरों और कस्बों से आते हैं। अगले बीस साल में, मुझे यकीन है कि बहुत सारे क्रिकेटर बहुत छोटे शहरों से आएंगे, गांवों से हो सकते हैं क्योंकि यह खेल पूरे भारत की गली-गली में फैल चुका हैं। अभी टी-नटराजन, जो गेंदबाज भारत के लिए खेल रहा है, एक माँ का बेटा है, जो चाय की दुकान चलाता है और एक पिता जो कुली का काम कर रहा है। वह भारत के लिए खेल रहा हैं! यही वह बदलाव है जो खेल के जरिये इस देश में लाया गया है। युवा और नवोदित क्रिकेटरों के लिए एक रोल मॉडल के रूप में, कपिल देव ने कहा, “नहीं, मुझे लगता है कि रोल मॉडल समय-समय पर बदलते रहते हैं। आज की पीढ़ी के रोल मॉडल युवराज सिंह, धोनी, वीरेंद्र सहवाग, सौरव गांगुली हैं। हो सकता है कि 10 साल बाद, रोल मॉडल शायद विराट कोहली, शिखर धवन ही होंगे क्योंकि हर पीढ़ी बदलती रहती है। तीस साल बाद, उस समय के बच्चे मेरे समय में खेलनेवाले क्रिकेटरों को नहीं जान पाएंगे, क्योंकि तबतक काफी रोल मॉडल आ चुके होंगे।
अर्चना डालमिया के एक सवाल का जवाब देते हुए, कि आपके समय में सोशल मीडिया नहीं था, क्या आपको लगता है कि यह एक आशीर्वाद या अभिशाप था? कपिल देव ने कहा, “मुझे लगता है कि दोनों। मैं केवल लोगों से इस माध्यम का उपयोग बेहतरी और भलाई करने के लिए करने के लिए कहूंगा। हमें सोशल मीडिया पर अच्छी खबरें साझा करने और उन पर गर्व करने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि दिन के अंत में अच्छे ज्ञान से ही शक्ति मिलती है। प्रौद्योगिकी को अगर सही भावना में इस्तेमाल किया जाए, तो यह अद्भुत लाभ देनेवाला साबित होता है, अन्यथा यह विनाशकारी भी हो सकता है। एक अन्य सवाल के जवाब में कि, आपको क्या खुश करती है? कपिल देव ने कहा, मुझे ताजा भोजन, अच्छे दोस्त, गोल्फ का खेल दें तो मैं बहुत खुश रहूंगा। मैं अपने जीवन को बहुत सरल बनाना चाहता हूं और हर समय अपने भीतर खुशी तलाशता रहता हूं। कपिल देव अपने परिवार के अलावा नेल्सन मंडेला, मदर टेरेसा और रतन टाटा जैसे विशेष व्यक्तित्व वाले हस्तियों के साथ रात्रि भोज करते हैं, जिन्होंने जीवन में समाज और देश के लिए काफी सारे अद्भुत काम किए हैं।