‘गलती एक बार होती है’ से लेकर ‘मोगैंबो खुश हुआ’ तक, पुण्यतिथि पर पढ़ें अमरीश पुरी के ये 10 दमदार डायलॉग्स

मशहूर अभिनेता अमरीश पुरी हिंदी सिनेमा के शानदार कलाकारों में से रहे थे। उन्होंने फिल्मी पर्दे पर अपनी अमिट छाप छोड़ी थी। खलनायक के तौर उन्होंने केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर के दर्शकों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई थी। अमरीश पुरी ने कई शानदार कलाकारों के साथ काम किया था। फिल्मों में उनके डायलॉग्स हमेशा से चर्चा में रहे थे। 12 जनवरी को अमरीश पुरी की पुण्यतिथि होती है। ऐसे में हम आपको उनकी फिल्मों के कुछ खास डायलॉग्स से रूबरू करवाते हैं।

डायलॉग- ऊपर वाले ने ये दिल पत्थर का बनाया है, इसे शॉक तो लग सकता है, लेकिन स्टॉप नहीं हो सकता

अमरीश पुरी का यह डायलॉग फिल्म ‘मुकद्दर का बादशाह’ का है। यह फिल्म साल 1990 में सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में अमरीश पुरी के अलावा विनोद खन्ना, शबाना आजमी और अनुपम खेर सहित कई कलाकार मुख्य भूमिका में थे।

डायलॉग- जवानी में अक्सर ब्रेक फेल हो जाया करते हैं !

अमरीश पुरी ने यह डायलॉग अजय देवगन और मधू की सुपरहिट फिल्म ‘फूल और कांटें’ के लिए बोला था। फिल्म में उनका यह डायलॉग अपने आप में बहुत कुछ कहता है। फिल्म ‘फूल और कांटें’ साल 1991 में आई थी। दर्शकों ने फिल्म में अमरीश पुरी के किरदार को खूब पसंद किया था।

डायलॉग- गलती एक बार होती है, दो बार होती है, तीसरी बार इरादा होता है।

यह डायलॉग अमरीश पुरी ने साल 1991 में आई फिल्म ‘इरादा’ में बोला था। इस फिल्म में उनके साथ अभिनेता शत्रुघन सिन्हा, परवीन बॉबी और रंजीत सहित कई दिग्गज कलाकार मुख्य भूमिका में थे।

डायलॉग- आदमी के पास दिमाग हो तो अपना दर्द भी बेच सकता है।

अमरीश पुरी का यह डायलॉग फिल्म ‘एतराज’ का है। इस फिल्म में अक्षय कुमार, प्रियंका चोपड़ा और करीना कपूर मुख्य भूमिका में थीं। फिल्म ‘एतराज’ साल 2014 में आई थी। इस फिल्म में अमरीश पुरी के किरदार और अभिनय को दर्शकों ने काफी पसंद किया था।

डायलॉग- जा सिमरन जा, जी ले अपनी जिंदगी

फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ को बॉलीवुड की सबसे आइकॉनिक फिल्मों में रखा जाता है। फिल्म में इस डायलॉग को अमरीश पुरी ने अभिनेत्री काजोल के लिए बोला था। यह डायलॉग अब आम जिंदगी में बहुत लोग बोलते हैं। फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ साल 1995 में सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी।

डायलॉग- पैसों के मामले में मैं पैदाइशी कमीना हूं, दोस्ती और दुश्मनी का क्या, अपनों का खून भी पानी की तरह बहा देता हूं

सलमान खान और शाहरुख खान की सुपरहिट फिल्म ‘करण-अर्जुन’ का यह डायलॉग काफी हिट हुआ था। इस फिल्म में अमरीश पुरी ने ठाकुर दुर्जन सिंह का किरदार निभाया था। फिल्म के डायलॉग और किरदार आज भी चर्चा में रहते हैं। फिल्म ‘करण-अर्जुन’ साल 1995 में आई थी।

डायलॉग- टिप बाद में देना तो एक रिवाज है, पहले देना अच्छी सर्विस की गारंटी होती है।

यह शानदार डायलॉग अमरीश पुरी ने अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘शहंशाह’ के लिए बोला था। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन और अमरीश पुरी के अलावा मीनाक्षी शेषाद्रि भी मुख्य भूमिका में थीं। फिल्म ‘शहंशाह’ साल 1988 में आई थी।

डायलॉग- जिंदगी में भी वीसीआर की तरह रिवाइंड बटन होता तो, कितना अच्छा होता

फिल्म ‘नायक द रियल हीरो’ में अमरीश पुरी ने एक भ्रष्ट राजनेता बलराज चौहान का किरदार निभाया था। फिल्म में उनका यह डायलॉग काफी मशहूर हुआ था। फिल्म ‘नायक द रियल हीरो’ साल 2001 में आई थी। इस फिल्म में अमरीश पुरी के साथ अनिल कपूर और रानी मुखर्जी मुख्य भूमिका में थीं।

डायलॉग- ये अदालत है, कोई मंदिर या दरगाह नहीं जहां मन्नतें और मुरादें पूरी होती हैं, यहां धूप बत्ती और नारियल नहीं,बल्कि ठोस सबूत और गवाह पेश किए जाते हैं।

यह शानदार डायलॉग साल 1993 में आई फिल्म ‘दामिनी’ का है। इस फिल्म में अमरीश पुरी के अभिनय ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं। फिल्म ‘दामिनी’ में अमरीश पुरी, ऋषि कपूर, सनी देओल और मीनाक्षी शेषाद्रि मुख्य भूमिका में थीं।

डायलॉग- मोगैंबो खुश हुआ

फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ में अमरीश पुरी ने मोगैंबो का किरदार निभाया था। इस किरदार में उन्होंने जान डाल दी थी। फिल्म को रिलीज हुए 30 साल से ऊपर हो गए हैं, लेकिन यह डायलॉग आज भी लोगों के जुबान से उतरा नहीं है। इस डायलॉग ने अमरीश को फिल्म इंडस्ट्री में सबसे बड़े खलनायक के रूप में पहचान दिलाई।

 

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