गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने हरी झंडी दिखाकर कॉम्प्लेक्स से रवाना किया
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का गृह राज्य गुजरात भारतीय सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए सक्षम बनता जा रहा है। सूरत के हजीरा में एलएंडटी आर्मर्ड सिस्टम कॉम्प्लेक्स में अत्याधुनिक के-9 वज्र टैंक बनाए जा रहे हैं। यह ऑटोमेटिक टैंक बोफोर्स टैंक से भी अत्याधुनिक हैं। फैक्टरी में बनाए गए 91वें टैंक को रविवार को गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने हरी झंडी दिखाकर कॉम्प्लेक्स से रवाना किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में 19 जनवरी, 2019 को गुजरात के हजीरा में लार्सन एंड टुब्रो आर्म्ड सिस्टम कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया था। इस दौरान प्रधानमंत्री ने इस प्लांट में सेना के लिए तैयार किया गया पहला शक्तिशाली के-9 वज्र टैंक देश को समर्पित किया था। इसके बाद खुद प्रधानमंत्री ने इस टैंक की सवारी कर इसका जायजा भी लिया।सूरत के हजीरा एलएंडटी प्लांट में तैयार किये जा रहे के-9 वज्र टैंक काफी एडवांस है, जिसे ‘टैंक सेल्फ प्रोपेल्ड होवरक्राफ्ट गन’ भी कहते हैं। टैंक की खासियतों ने बोफोर्स टैंक को भी पीछे छोड़ दिया है। बोफोर्स टैंक की तोप एक्शन में आने से पहले पीछे जाती है लेकिन के-9 वज्र टैंक ऑटोमेटिक है।
रक्षा मंत्रालय ने ‘मेक इन इंडिया’ के तहत 2017 में के-9 वज्र-टी 155मिमी/52 कैलिबर तोपों की 100 यूनिट आपूर्ति के लिए 4 हजार 500 करोड़ रुपये का करार दक्षिण कोरिया से किया था, जिनमें से 10 पूरी तरह से तैयार हालत में मिले हैं। बाकी 90 टैंक ’मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी लार्सन एंड टुब्रो कंपनी हजीरा प्लांट में तैयार कर रही है, जिसमें से अब तक 91 टैंक तैयार किये जा चुके हैं। एलएंडटी साउथ कोरिया की हानवा टेकविन के साथ मिलकर यह टैंक बना रही है। इसके निर्माण में इस्तेमाल की गई 50 प्रतिशत से ज्यादा सामग्री स्वदेशी है। 16 जनवरी, 2020 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 51वें के-9 वज्र टैंक को हजीरा में हरी झंडी दिखाई थी और इसे नवम्बर 2018 में सेना में शामिल किया गया था। के-9 वज्र दक्षिण कोरियाई सेना द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे के-9 थंडर जैसे हैं। फैक्टरी में बनाए गए 91वें टैंक को रविवार को गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने हरी झंडी दिखाकर कॉम्प्लेक्स से रवाना किया।