विधानसभा में विपक्ष के बहिष्कार और आक्रामक रवैये से खफा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को जमकर बरसे। करीब 80 मिनट के भाषण में योगी ने सपा को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि ‘पिछली सरकार ने सीरियल ब्लास्ट के आतंकियों का मुकदमा वापस करने का प्रयास किया था। कोर्ट ने हस्तक्षेप नहीं किया होता तो आतंकवादी आजाद होकर पता नहीं कहां-कहां विस्फोट कर रहे होते। राष्ट्र व समाज की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले ऐसे आतंकियों का मुकदमा वापस लेना भी राष्ट्रद्रोह से कम नहीं है।
विधानसभा में योगी ने याद दिलाया कि दो दिन पहले कोर्ट ने सीरियल विस्फोट के आतंकियों को सजा सुनाई है। इन्हीं के मुकदमों की वापसी के लिए पिछली सरकार ने प्रयास किया था। योगी ने असम में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर की व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि हमें तय करना चाहिए कि कौन हमारा नागरिक है और कौन नहीं। हम शरणार्थियों को सम्मान देंगे लेकिन, यहां के लोगों के हक पर डाका डालने वाले घुसपैठियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। योगी ने अनुपूरक बजट की उपलब्धियां गिनाते हुए पिछली सरकारों की नाकामी और अपनी सरकार की उपलब्धियों का तुलनात्मक आंकड़ा प्रस्तुत किया। योगी ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ेगा।
कारनामा उजागर न हो इसलिए सदन से भागा विपक्ष
योगी ने कहा कि वास्तविक तथ्य सामने न आ जाए और सदन में इनका कारनामा उजागर न हो, इसलिए वाकआउट के बहाने ये लोग सदन से भागे हैं। विपक्ष सदन को बहस का केंद्र बिंदु नहीं बनने देना चाहता है। सदन को बंधक बनाने की लोकतंत्र में इजाजत नहीं है। किसानों के हित में किए गए प्रयासों को गिनाते हुए उन्होंने कहा कि 15 वर्षों तक किसानों के साथ धोखा हुआ। योगी ने कहा कि पिछले वर्ष 24 जिले बाढ़ से प्रभावित थे। इस वर्ष पूरा प्रदेश सुरक्षित है और अगले वर्ष यह समस्या नहीं रहेगी।
पिछली सरकारों ने दलितों, पिछड़ों को छला
योगी ने कहा कि पिछली सरकारों ने दलितों और पिछड़ों को छला। दलित, किसान और वंचित के लिए केंद्र ने पैसा दिया तो उसका उपयोग नहीं किया। छात्रवृत्ति से लेकर विभिन्न योजनाओं में घालमेल किया। भाजपा सरकार ने दलितों और पिछड़ों के हक में योजनाएं चलाई और उसका क्रियान्वयन किया। योगी ने बिंदुवार आंकड़े भी गिनाए। कहा कि पिछली सरकार ने केंद्र से इसलिए एंबुलेंस नहीं ली कि मोदी जी की ब्रांडिंग हो जाएगी लेकिन, मोदी जी ब्रांडिंग के मोहताज नहीं हैं। कहा कि सपा और बसपा ने हमेशा जाति के नाम पर राजनीति की लेकिन, अब जाति के नाम पर प्रदेश को बांटने का खेल नहीं चलेगा।
मैनपुरी, कन्नौज, रायबरेली व अमेठी का भी किया विकास
योगी ने सपा और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए समाजवादी गढ़ कन्नौज और मैनपुरी तथा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के क्षेत्र अमेठी और सोनिया गांधी के क्षेत्र रायबरेली का जिक्र किया। कहा, बड़ी डींग हांकने वाले अपने क्षेत्र का भी विकास नहीं कर सके लेकिन, भाजपा सरकार ने ही इन क्षेत्रों का विकास किया। योगी ने विकास और कानून-व्यवस्था के तुलनात्मक आंकड़ों के साथ दावा किया कि उनकी सरकार में 16 माह में एक भी दंगा नहीं हुआ। कहा, कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाने वालों को एक नई दृष्टि की जरूरत है। क्योंकि जैसी दृष्टि है वैसी ही सृष्टि होगी।
बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना
मुख्यमंत्री ने कांगे्रस दल नेता अजय कुमार लल्लू पर तंज करते हुए कहा कि इस समय प्रदेश में चिपको आंदोलन चल रहा है। सपा के लोग कहते हैं कि राहुल हमारे नेता नहीं हैं लेकिन, बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना जैसी हालत लल्लू की है। आश्चर्य है कि वह भी सपा के साथ सदन के बहिष्कार में शामिल हो जाते हैं।
सांप का बच्चा हमेशा सांप ही होगा
योगी ने बसपा को भी नसीहत दी। कहा कि बसपा कहती है कि सपा से उसकी दूरी है लेकिन, यह सच्चाई है कि सांप कभी नेवला नहीं हो सकता। सांप का बच्चा हमेशा सांप ही होगा। जिनको डंक मारने की आदत है, वह डंक मारेगा ही। अगर, कोई बार-बार ठोकर खाने का आदी हो तो उसे ईश्वर बचाएं।
मौत का आंकड़ा पिछली सरकारों के पाप का स्मारक
योगी ने इंसेफ्लाइटिस से होने वाली मौतों का जिक्र किया। कहा, पिछले वर्ष गोरखपुर में अगस्त में 800 मरीज भर्ती हुए और 86 मरे लेकिन, इस बार छह विभागों ने सामूहिक अभियान के तहत ऐसा माहौल बनाया कि सिर्फ 80 मरीज आये और छह की मौत हुई। योगी ने कहा कि ये आंकड़े पिछली सरकारों के पाप के स्मारक हैं।
अनुपूरक बजट में अटल
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुपूरक बजट में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृतियों को सहेजने का प्रावधान किया गया है। उनकी जन्मभूमि बटेश्वर में स्मारक, शिक्षा स्थली कानपुर डीएवी कालेज में सेंट्रल आफ एक्सीलेंस, पहले चुनाव क्षेत्र बलरामपुर में केजीएमयू का सैटेलाइट सेंटर और लखनऊ में अटल चिकित्सा विश्वविद्यालय का निर्माण होगा।
पिछली सरकार के कार्यों के मुआवजे के लिए प्रावधान
योगी ने कहा कि वाराणसी से भदोही तक सड़क बनाने के लिए सपा सरकार में ठेका तो हथिया लिया गया लेकिन, गरीब किसानों का मुआवजा नहीं दिया गया। अब 250 करोड़ रुपये मुआवजे के लिए अनुपूरक बजट में प्रावधान करना पड़ा है। करीब 1300 करोड़ रुपये उत्तराखंड के पेंशनर्स के लिए व्यवस्था की गई है। पिछली सरकार के रवैये से साफ लगता है कि आने वाले समय में ये कर्मचारियों को वेतन और पेंशन भी नहीं देना चाहते थे।