उद्यमियों को 25 फीसद छूट पर आवंटित किये जाएंगे भूखंड
कानपुर। भाजपा की डबल इंजन की सरकार से यूपी का तेजी से विकास हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डिफेंस कॉरिडोर बनाने की घोषणा यूपी समिट में की थी और अब कानपुर के साढ़ गांव में प्रस्तावित डिफेंस कॉरिडोर प्रोजेक्ट को पंख लगने वाले हैं। इससे एक तरफ जहां रक्षा क्षेत्र समृद्ध होगा तो वहीं दूसरी ओर युवाओं को रोजगार मिलेगा। यह बातें शनिवार को डिफेंस कॉरिडोर के प्रस्तावित स्थल में आयोजित एक कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कही। उन्होंने बताया कि कॉरीडोर में इतनी सस्ती भूमि उद्यमियों को दी जा रही है, उतनी देश के किसी भी हिस्से में नहीं मिल रही है। डिफेंस कॉरिडोर में उद्यमियों को 25 फीसद छूट पर भूखंड आवंटित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में ईज आफ डूइंग बिजनेस के तहत उद्यमियों को अच्छी सुविधाएं दे रहे हैं। यही वजह है कि पूरे देश में सुविधा देने के मामले में हम दूसरे स्थान पर हैं। अभी पहले स्थान पर आंध्रप्रदेश है लेकिन जब अगली रैंकिंग होगी तो हम आंध्रप्रदेश को पीछे छोड़कर पहले पायदान पर होंगे। डिफेंस कॉरिडोर में विकास कार्य पर आने वाले खर्च को भूखंडों की दर में नहीं जोड़ा गया है। ऐसा इसलिए ताकि उद्यमियों को सस्ती दर पर भूखंड मिल सके और वे आसानी से अपनी इकाई की स्थापना कर सकें।
कार्यक्रम में मंत्री ने एक साल में विकास कार्य पूरा करने और एक उद्यमी को भूखंड का आवंटन किए जाने की जानकारी दी। अपर मुख्य सचिव गृह एवं यूपीडा के सीईओ अवनीश अवस्थी ने कहा कि कॉरिडोर में त्वरित गति से विकास कार्य किया जाएगा, ताकि उद्यमी अपनी इकाई की स्थापना जल्दी से कर सकें। एमकेयू ग्रुप के एमडी मनोज गुप्ता ने पांच हेक्टेयर भूमि पर उद्योग स्थापित करने की बात कहीं। इस अवसर पर अकबरपुर सांसद देवेंद्र सिंह भोले, बिठूर विधायक अभिजीत सिंह सांगा आदि मौजूद रहें। औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा कि डिफेंस कॉरिडोर से यहां के युवाओं को रोजगार मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेक इन इंडिया का नारा दिया था तो उसे फलीभूत करने के लिए उन्होंने कानपुर, अलीगढ़, झांसी, चित्रकूट में डिफेंस कॉरिडोर की सौगात दी है। प्रदेश में अपराधीकरण समाप्त हो गया है, यही वजह है कि यहां निवेश के लिए उद्यमी आगे आ रहे हैं। डिफेंस कॉरिडोर में मूलभूत सुविधाओं का विकास एक साल में हो जाएगा और विकास कार्य होने के पांच साल के अंदर आवंटी को अपनी इकाई स्थापित करनी होगी।