सीएम ने फोर्टिफाइड चावल वितरण योजना का किया शुभारम्भ, कहा हर लाभार्थी को मिले योजना का लाभ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चंदौली में फोर्टिफाइड चावल वितरण योजना का शुभारम्भ किया। उन्होंने हर लाभार्थी तक इसका लाभ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही चावल को लेकर किसी भी प्रकार की अफवाह की सम्भावना के मद्देनजर इसके बारे में लोगों को जानकारी देने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां बड़ी संख्या में कुपोषण और एनीमिया की समस्या देखी गई है इसलिए यह एक बहुत बड़ी शुरुआत है। उन्होंने कहा कि चंदौली हमारे लिए आकांक्षात्मक जनपद है क्योंकि इसे पूर्वी उत्तर प्रदेश में ‘चावल का कटोरा’ कहा जाता है। इस दृष्टि से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यहां फोर्टीफाइड चावल वितरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चंदौली में सफलतापूर्वक योजना को लागू करने के लिए जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लेना चाहिए। कोटे की दुकानों पर वितरण के वक्त जनप्रतिनिधियों द्वारा जनता को बताया जाए कि फोर्टीफाइड राइस क्या है और इससे क्या-क्या फायदा होगा। उन्होंने कहा कि हमें केवल चावल वितरण ही नहीं करना है, इसके परिणाम भी देखने होंगे, क्योंकि यहां बड़ी संख्या में कुपोषण और एनीमिया की समस्या देखी गई है। इसलिए यह एक बहुत बड़ी शुरुआत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नोडल अधिकारी की तैनाती कर यह सुनिश्चित करना होगा कि हर लाभार्थी को इसका लाभ मिल सके। जब हम कोई अच्छी स्कीम चलाते हैं तो कई अफवाह भी उड़ती हैं। हमें जनता को पहले ही बोर्ड लगाकर इस चावल के बारे में बताना होगा। अगर पकाने के बाद चावल का रंग परिवर्तन होता है, तो उसके बारे में पहले से अवगत करा दिया जाए। ताकि ऐसा न हो कि थोड़ा सा रंग बदलने पर लोग उसे फेंक दें या अन्य प्रकार की स्थिति पैदा हो, जिसकी वजह से किसी को गलतफहमी या गुमराह करने का अवसर मिले। उन्होंने कहा कि चंदौली जनपद से जो परिणाम आएंगे वो हमें इस योजना को पूरे देश में लागू करने में मदद करेंगे।
उल्लेखनीय है कि फोर्टीफाइड चावल विटामिन बी-तीन, बी-नौ (फोलिक एसिड) व आयरन से भरपूर है। यह कुपोषण की बीमारी खत्म होने में मददगार है। इसमें धान की दराई करने के बाद पॉलिश की जाती है। पॉलिश के दौरान ही चावल पर विटामिन, फोलिक एसिड व आयरन तत्वों की परत चढ़ाई जाती है। चंदौली में फोर्टिफाइड चावल का उत्पादन शुरू हो चुका है। सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों से गांवों व नगरीय इलाकों में लाल (अतिकुपोषित) व पीला (कुपोषित) श्रेणी वाले बच्चों के परिवारों को चिह्नित कर इसे उपलब्ध कराया जाएगा।