भारत कर रहा 1 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता
नई दिल्ली। मंगोलिया में भारत की 1 अरब डॉलर की मदद से स्थापित होने वाली तेल रिफ़ाइनरी का काम मंगलवार को शुरू हो गया। दोनों देशों के आपसी सामंजस्य और अटूट भरोसे का नमूना बनकर उभरी इस तेल रिफ़ाइनरी का काम 2022 तक पूरा हो जाएगा। मंगोल रिफ़ाइनरी परियोजना भारत सरकार के लाइन ऑफ क्रेडिट्स (एलओसी) कार्यक्रम के तहत शुरू की गई अब तक की सबसे बड़ी परियोजना है। यह परियोजना मंगोलिया की ईंधन की तीन चौथाई जरूरत को पूरा करेगी। जिसका निर्माण भारतीय कंपनी जेएमसी कंस्ट्रक्शन कर रही है और भारत की सरकारी कंपनी इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (ईआईएल) इस प्रतिष्ठित परियोजना के लिए परामर्श सेवाएं दे रही है। मंगोलिया के दक्षिणी डोर्नोगोवी प्रांत में सेनशंड के पास निर्माणाधीन यह रिफ़ाइनरी तैयार होने बाद 15 लाख टन वार्षिक पेट्रोलियम उत्पादों का प्रोडक्शन करेगी।
बता दें कि साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी मंगोलिया यात्रा के दौरान वहां पर तेल रिफ़ाइनरी लगाने के लिए भारत की तरफ से एक अरब डॉलर की आसान शर्तों वाले कर्ज की घोषणा की थी। जिसे वर्ष 2019 में पांच दिवसीय भारत यात्रा पर आए मंगोलिया के राष्ट्रपति खल्तमागिन बात्तुग्ला के साथ हुई बैठक में भारत सरकार के गैस एवं पेट्रोलियम मामलों के मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अमली जामा पहनाते हुए आगे बढ़ाया था। भारत सरकार की भारतीय विकास और आर्थिक सहायता योजना (आईडीईएएस) के तहत एक्जिम बैंक ऑफ इंडिया के माध्यम से लाइन ऑफ क्रेडिट (एलओसी) के रूप में अन्य देशों को रियायती ऋण दिया जाता है। इस योजना के तहत वर्तमान समय में 30.66 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य की परियोजनाएं 64 देशों में चल रही हैं। जिसमें लगभग 300 एलओसी परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जबकि 260 से अधिक परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। एलओसी के तहत रेलवे, सड़क, बंदरगाह, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे, बिजली उत्पादन एवं वितरण, कृषि और सिंचाई, विनिर्माण उद्योग, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा तथा क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों को कवर किया जाता है।