ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में पाए गए कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन (COVID-19 New Strain) को लेकर एक राहत भरी खबर सामने आई है। अमेरिका के दवा निर्माता कंपनी द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार फाइजर इंक और बायोएनटेक की वैक्सीन इसके खिलाफ असरदार पाई गई। फाइजर और टेक्सास मेडिकल ब्रांच के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार कोरोना वैक्सीन वायरस को खत्म में प्रभावी है। यह अध्ययन उन लोगों से लिए गए खून पर किया गया, जिन्हें टीका दिया गया था।
फाइजर के शीर्ष वायरल वैक्सीन वैज्ञानिकों में से एक फिल डॉर्मित्जर ने कहा कि ज्यादा संक्रामक होने के लिए म्यूटेशन जिम्मेदार हो सकता है और चिंता इस बात की थी कि वैक्सीन द्वारा विकसित एंटीबॉडी से वायरस बच सकता है। उन्होंने कहा कि यह उत्साहजनक है कि वैक्सीन 15 अन्य म्यूटेशन के साथ साथ इस म्यूटेशन के खिलाफ प्रभावी है। कंपनी पहले ही 15 अन्य म्यूटेशन के खिलाफ परीक्षण कर चुकी हैं। ऐसे में अब 16 अलग-अलग म्यूटेशन के खिलाफ वैक्सीन का परीक्षण होगा है और उनमें से किसी का भी वास्तव में कोई व्यापक प्रभाव देखने को नहीं मिला है, जो अच्छी खबर है।
डॉर्मित्जर ने एक और म्यूटेशन का उल्लेख किया, जो दक्षिण अफ्रीकी में पाया गया, जिसे E484K म्यूटेशन कहा जाता है। शोधकर्ताओं ने इसी तरह के परीक्षण चलाने की योजना बनाई है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि टीका ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट में पाए गए अन्य म्यूटेशन के खिलाफ प्रभावी है या नहीं। सप्ताह के भीतर इसे लेकर और अधिक डेटा उपलब्ध होने की उम्मीद है।
वैज्ञानिकों ने चिंता व्यक्त की है कि इस्तेमाल किए जा रहे टीके, शायद विशेष रूप से दक्षिण अफ्रीकी पाए गए नए वैरिएंट से बचाव करने में सक्षम न हो। रीडिंग विश्वविद्यालय में सेलुलर माइक्रोबायोलॉजी में एक एसोसिएट प्रोफेसर साइमन क्लार्क ने इस सप्ताह कहा कि दोनों वैरिएंट्स में कुछ चीजें सामान दिखाई दे रही है , लेकिन दक्षिण अफ्रीका वाले वैरिएंट में अतिरिक्त म्यूटेशन है, जिसमें स्पाइक प्रोटीन में व्यापक परिवर्तन शामिल है।