कोरोना वायरस संक्रमण से जारी संघर्ष के बीच अब विभिन्न राज्यों में बर्ड फ्लू का संक्रमण फैल रहा है जिससे निपटने के लिए उपाय किए जा रहे हैं। इसके कारण जम्मू कश्मीर, मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों में पोल्ट्री कारोबार पर रोक लगा दी गई है। देश के कई राज्यों में पोल्ट्री, कौव्वों, प्रवासी पक्षियों की मृत्यु दर से हालात बिगड़ गए हैं। इस संक्रमण के मद्देनजर केंद्रीय मंत्री संजीव बालयान ने बताया कि राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश और केरल में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है और बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने दिल्ली में कंट्रोल रूम बनाया है, जो राज्यों के साथ संपर्क में रहेगा। भारत में पहली बार वर्ष 2006 में एवियन इंफ्लूएंजा का मामला सामने आया था।
केरल, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश और हिमाचल प्रदेश के हालातों को देखते हुए केंद्र ने राज्यों के साथ बैठक की और हालात का जायजा लिया ताकि एवियन इंफ्लूएंजा यानि बर्ड फ्लू के संक्रमण से होने वाले नुकसान को देखते हुए राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को एहतियात बरतने और उपायों की सलाह दी जा सके। पिछले 10 दिनों की अवधि में मरने वाले पक्षियों का आंकड़ा 15 लाख के करीब पहुंच चुका है। केवल हिमाचल प्रदेश में बर्ड फ्लू से 3000 प्रवासी पक्षियों की मौत हो गई। जानें इन राज्यों में क्या बरती जा रही सतर्कता-
इन राज्यों में फिलहाल मामले नहीं-
ओडिशा के चीफ सेक्रेटरी सुरेश चंद्र मोहपात्रा ने संभावित बर्ड फ्लू के कारण संभावित हालात की समीक्षा की और एलान किया कि आज तक राज्य में संक्रमण का कोई मामला नहीं आया है। छत्तीसगढ़ में भी इसका कोई मामला नहीं है। पंजाब भी अब तक बर्ड फ्लू के संक्रमण से बचा हुआ है। हां कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में 6 कौव्वों की मौत हो गई है। राज्य स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर के सुधाकर्सा ने कहा कि सैंपल को टेस्टिंग के लिए भेज दिया गया है और सीमावर्ती जिलों में संक्रमण को रोकने के उपाय किए जा रहे हैं। उत्तराखंड के पशुपालन विभाग ने कंट्रोल रूप स्थापित किया है।
जम्मू कश्मीर व उत्तर प्रदेश भी हुआ सतर्क
पड़ोसी राज्यों हरियाणा व हिमाचल प्रदेश में बर्ड फ्लू संक्रमण के प्रकोप को देखते हुए जम्मू कश्मीर सरकार ने पोल्ट्री की एंट्री पर ही रोक लगा दी है। गुरुवार को जम्मू कश्मीर सरकार ने ऐलान किया कि शुक्रवार से प्रदेश में पोल्ट्री से संबंधित सभी कारोबार को बंद कर दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के डाला इलाके में दस कौव्वों की मौत के बाद सनसनी फैल गई। इनके सैंपल पोस्ट मार्टम के बाद मध्यप्रदेश के भोपाल में जांच के लिए भेज दिए गए।
मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश सरकार ने बर्ड फ्लू के खतरे से निपटने के लिए आपात बैठक किया और राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिला स्तर पर निगरानी के निर्देश दिए। साथ ही फैसला लिया कि दक्षिण भारत के कुछ राज्यों से कुछ दिनों के लिए पोल्ट्री का कारोबार पर रोक लगा दिया जाए। बता दें कि राज्य के 10 जिलों में 400 कौव्वों की मौत हो चुकी है। यहां 29 दिसंबर को बर्ड फ्लू का पहला मामला सामने आया था। मध्यप्रदेश सरकार ने भी दक्षिणी राज्यों के साथ चिकन के कारोबार पर अगले दस दिनों तक रोक लगा दी है।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र पशुपालन विभाग को देखने वाले मंत्री सुनिल केदार ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में रेड अलर्ट जारी कर दिया है और जिला अधिकारियों से सख्त निगरानी करने को कहा है। उन्होंने कहा, ‘हम अन्य राज्यों में सैंकड़ों पक्षियों की मौत के कारण सतर्क हो गए हैं। थाने में करीब 10-12 पक्षियों की मौत हो चुकी है हालांकि इनके सैंपल का टेस्ट किया गया और ये बर्ड फ्लू के लिए निगेटिव पाए गए हैं।’
हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश सरकार ने बर्ड फ्लू को लेकर राज्य में अलर्ट जारी कर दिया है और इसके कारण बिगड़े हालात पर काबू पाने के लिए सक्रियता बढ़ा दी है। राज्य के कुछ हिस्सों में मछली, मुर्गे और अंडों की बिक्री को बैन कर दिया है। यहां के पौंग बांध झील अभयारण्य में प्रवासी पक्षियों की मौत हो गई जिसमें बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई। यहां पक्षियों के मरने का पहला मामला 28 दिसंबर को सामने आया था। राज्य में अब तक 3000 प्रवासी पक्षी मारे जा चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, ‘भारत में बर्ड फ्लू का जरिया प्रवासी पक्षी है। सबसे ज्यादा मामले उन्हीं इलाकों में आ रहे हैं, जहां प्रवासी पक्षी आते हैं।’