अधूरी परियोजनाओं के निर्माण के लिये क्रिटिकल गैप्स योजना में 900 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत
हमीरपुर। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बुन्देलखंड के सभी सातों जनपदों को बड़ी सौगात दी है। जनपदों में अधूरी पड़ी परियोजनाओं के निर्माण कार्य कराये जाने के लिये जहां 900 लाख रुपये की धनराशि को मंजूरी दी गयी है वहीं सरकार ने 450 लाख रुपये की धनराशि भी अवमुक्त कर दी है। उत्तर प्रदेश शासन के विशेष सचिव विवेक कुमार ने बुन्देलखंड के सभी जिलाधिकारियों को इस आशय का पत्र जारी भी कर दिया है। क्रिटिकल गैप्स योजना में बजट आंटित करने का उद्देश्य यह है ऐसी योजनाओं को पूरा करना जो अन्य विकास योजनाओं से छूट गये हैं। इस धनराशि से त्रिस्तरीय पंचायतें एवं नगर निकायें अपनी विकास योजनाओं को तैयार कर समेकित योजनायें बनायेगीं ताकि बुन्देलखण्ड में बजट के अभाव में अधूरी पड़ी परियोजना को पूरा किया जा सके। इसमें शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों की परियोजनाओं को पूरा करने के लिये अलग-अलग धनराशि का प्राविधान किया गया है।
इस वर्ष शासन ने जनपदों को दो श्रेणी में बांटते हुए बड़े जनपदों को 150 लाख एवं छोटे जनपदों को 100 लाख का बजट स्वीकृत किया है। बुन्देलखण्ड के झांसी, जालौन, बांदा, ललितपुर को बड़े जनपदों की श्रेणी में रखते हुए प्रत्येक जनपद को 150 लाख कुल 600 लाख की धनराशि स्वीकृत करते हुये 300 लाख का बजट जारी कर दिया है। जिसमें शहरी क्षेत्र के लिए 120 लाख प्रति जनपद एवं ग्रामीण क्षेत्र की योजनाओं के लिए 30 लाख प्रति जनपद की स्वीकृति प्रदान की गयी है। वहीं हमीरपुर, चित्रकूट एवं महोबा को छोटे जनपदों की श्रेणी में रखते हुए प्रत्येक जनपद को 100 लाख कुल 300 लाख की स्वीकृति प्रदान करते हुए 50 प्रतिशत धनराशि 150 लाख का बजट भी जारी कर दिया है। जिसमें शहरी क्षेत्रों के लिए 80 लाख एवं ग्रामीण क्षेत्र के लिए 20 लाख का बजट प्रति जनपद हेतु स्वीकृत किया गया है। इस प्रकार बुन्देलखण्ड के 7 जनपदों में शहरी क्षेत्र के लिए 720 लाख एवं ग्रामीण क्षेत्र के लिए 180 कुल 900 लाख की बजट की स्वीकृति प्रदान की गयी है।
विशेष सचिव विवेक ने सभी जिलाधिकारी को पत्र भेजकर निर्देश दिये हैं कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में क्रिटिकल गैप्स योजना के अंतर्गत पूंजीगत विकास कार्यों हेतु स्वीकृत धनराशि का उपयोग उसी प्रयोजन के लिए किया जाएगा, जिसके निमित्त स्वीकृत की गयी है। किसी अन्य प्रयोजन के लिए नहीं किया जाएगा एवं व्यय स्वीकृत धनराशि तक सीमित रखा जाएगा। कार्य प्रारम्भ करने के पूर्व यह सुनिश्चित किया जाएगा कि राज्य सरकार, केन्द्र सरकार अथवा अन्य किसी स्रोत से धनराशि स्वीकृत नहीं हुई है और न ही यह कार्य किसी अन्य परियोजना, योजना में अनुमोदित कार्य योजना में शामिल है। कार्यों की भौतिक, वित्तीय प्रगति की समीक्षा जिलाधिकारी द्वारा नियमित रूप से की जाएगी एवं इसकी रिपोर्ट नियोजन विभाग को भेजी जाएगी।