बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए गाजीपुर मुर्गा मंडी में सतर्कता बरती जा रही है। बुधवार को पशु पालन विभाग के तीन डाक्टरों की टीम ने मंडी में कुछ मुर्गो की जांच की। प्रथम दृष्टया उनमें से किसी में फ्लू के लक्षण नहीं मिले। लेकिन एहतियात बरतते हुए 25 मुर्गो के खून और लार के नमूने लेकर जांच के लिए जालंधर स्थित उत्तरी क्षेत्रीय रोग निदान प्रयोगशाला भेजे गए हैं। कारोबारियों की मानें तो फ्लू की वजह से मंडी में मुर्गो की आवक घटी है। थोक दाम में भी गिरावट दर्ज की गई है।
इस मंडी में हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और उत्तर प्रदेश से रोजाना 90 से 100 ट्रक मुर्गे लेकर आते हैं। जिनमें करीब 250 से 300 टन के बराबर हजारों मुर्गे होते हैं। यहां से दिल्ली-एनसीआर में मुर्गो की सप्लाई होती है। बुधवार को इस मंडी में आवक घट कर करीब 200 टन रह गई।
पक्षियों की मौत पर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने राज्यों को सतर्क किया
वहीं, बर्ड फ्लू तेजी से फैलने की घटना को देखते हुए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय बुधवार को सक्रिय दिखा। मंत्रालय ने सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को अलर्ट जारी कर तत्काल बचाव संबंधी उपाय करने के निर्देश दिए हैं। मंत्रालय के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ फारेस्ट रोहित तिवारी ने राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिए हैं।
उन्होंने लिखा है कि जिस तरह से फ्लू का प्रकोप एक राज्य से दूसरे राज्य में तेजी से फैल रहा है, उसके चलते राज्यों को सतर्क रहने की जरूरत है। मंत्रालय की ओर से तीन जनवरी को राज्यों को बचाव से जुड़े सामान्य दिशानिर्देश दिए गए थे, जिसमें पशु-पक्षियों से जुड़े स्थलों पर सतर्कता बरतने को कहा गया था। बता दें कि देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू तेजी से फैल रहा है। ऐसे में दिल्ली में काफी सतर्कता बरती जा रही है।