देश व प्रदेश से वर्ष 2025 तक ख़त्म करना है टीबी को : डीटीओ

जनपदीय टीबी फोरम की बैठक में अधिकारियों ने किया मंथन

लखनऊ : राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत बुधवार को “टी बी हारेगा, देश जीतेगा” के उद्देश्य के साथ जनपदीय टीबी फोरम की बैठक विकास भवन सभागार में हुई| बैठक की अध्यक्षता जिला विकास अधिकारी प्रभास कुमार ने की| इस अवसर पर जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. ए के चौधरी ने कहा- विश्व स्वस्थ्य संगठन ने वर्ष 2030 तक टीबी को समाप्त करने का आह्वान किया है जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2025 तक टीबी को समाप्त करने का संकल्प लिया है| उनकी प्रेरणा और कुशल नीति के कारण ही वर्ष 2020 में अब टीबी केवल दो तरह की ही रह गयी है – ड्रग रेसिस्टेंट और ड्रग सेंसिटिव| हमें उनके सपने को साकार करते हुए वर्ष 2025 तक प्रदेश और देश से टीबी को खत्म करना है| इसको लेकर लोगों में बहुत सी भ्रांतियां थीं जो अब धीरे-धीरे कम हो रही हैं| राज्यपाल के आह्वान पर वर्ष 2016 से अभी तक 18 वर्ष से कम आयु के 2199 बच्चों को विभिन्न लोगों, विश्वद्यालयों, मेडिकल कॉलेज, गैर सरकारी संगठनों द्वारा गोद लिया जा चुका है जो उनके इलाज, पोषण से लेकर पढ़ाई के संसाधन मुहैया करा रहे हैं|

जिला क्षय रोग अधिकारी कहा- लॉक डाउन के कारण सभी स्वास्थ्य सेवाओं में जहाँ एक ठहराव आ गया था उस दौरान भी हमने ऐसे रोगी जो दूसरे जिलों/प्रदेशों के थे उनके यहाँ से संपर्क कर उन्हें दवाएं उनके घर पर मुहैया करायीं| लॉकडाउन के बाद नवम्बर में हमने सक्रिय क्षय रोगी खोज (एसीएफ) अभियान चलाया जिसमें हमने जनपद की 10 फीसद आबादी की स्क्रीनिंग कर 300 लोगों को इलाज पर ले आये| जिले में सभी शहरी 13 बड़े अस्पतालों और सभी ग्रामीण ब्लाक सहित 24 ट्रीटमेंट यूनिट हैं जहां 24 घंटे टीबी की जाँच व इलाज निःशुल्क सुविधा उपलब्ध है| साथ ही 51 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर ड़ेसिग्नेटेड मेडिकल सेंटर हैं जहाँ बलगम की जाँच की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध है और निक्षय पोषण योजना के तहत , इलाज के दौरान पोषण के लिए सरकार द्वारा 500 रूपये की धनराशि लाभार्थी के खाते में प्रतिमाह सीधे भेजी जाती है|

डीटीओ ने बताया- टीबी रोग को समाप्त करने में सबसे महत्वपूर्ण है टीबी के रोगियों का नोटिफिकेशन| इसके लिए अब सरकार द्वारा सरकारी और निजी चिकित्सकों द्वारा टीबी रोगियों का नोटिफिकेशन कराना अनिवार्य कर दिया गया है साथ ही निजी चिकित्सकों को टीबी रोगियों की सूचना देने पर 500 रूपये की प्रोत्साहन राशि तथा यदि टीबी से ग्रसित मरीज अपना इलाज पूरा कराता है तो 500 रूपये की अतिरिक्त प्रोत्साहन धनराशि दी जाती है | इस क्रम में सभी चिकित्सकों द्वारा टीबी रोगियों की सूचना देनी चाहिए | साथ ही ही केमिस्ट और डायग्नोस्टिक सेंटर्स को भी टीबी रोगियों के नोटिफिकेशन के लिए दिशा निर्देश दिए गए हैं | इसके तहत दिसम्बर में 300 टीबी रोगियों का नोटिफिकेशन केमिस्ट्स द्वारा किया गया है|

इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अजय राजा ने कहा- समय से दवाएं ली जाएँ, दवाओं का पूरा कोर्स किया जाए तथा उचित पोषण लिया जाये तो टीबी पूरी तरह से ठीक हो सकती है| यह मायकोबैक्टीरियम ट्युबरकुलोसिस बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है| ऐसे लोग जिन्हें लम्बे समय तक खांसी रहती है, एचआईवी के मरीज, मधुमेह के मरीज, ऐसे लोग जिन्होंने लम्बे समय तक स्टीरोयाड्स का सेवन किया है, ऐसे लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण टीबी होने की सम्भावना अधिक होती है| इस अवसर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन से डा. अल्पना एस चौधरी, जीत संस्था से अंजुला सचान, एनटीईपी के पब्लिक प्राइवेट मिक्स कोर्डिनेटर, रामजी वर्मा, फहीम अहमद ,मनोज यादव व अन्य कर्मचारी उपस्थित थे| इस मौके पर टीबी को मात दे चुके टीबी चैम्पियंस ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि किस तरह से उन्होंने दवाओं का पूरा कोर्स कर और उचित पोषण के सेवन से इस रोग को मात दी|

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