आजादी के बाद से हाशिये पर रहे किसान, पहली बार सियासी एजेंडे में शामिल : योगी

सीएम ने किसान कल्याण मिशन का किया शुभारम्भ,  किसानों को किया सम्मानित

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजादी के बाद देश का अन्नदाता किसान पहली बार राजनीतिक एजेंडे में शामिल हो पाया। जब इमानदारी से किसानों के हितों को ध्यान में रख कर शासन की नीतियां बनने लग गई और उन नीतियों के अनुरूप उनका क्रियान्वयन भी होते हुए इस देश के किसानों ने देखा। उन्होंने कहा कि अन्यथा किसान लोगों के लिए वोट बैंक का माध्यम तो बन गया था। लेकिन, वह किसी भी सत्ताधारी दल के लिए उन योजनाओं के इमानदारी पूर्वक क्रियान्वयन का भाग नहीं बन पाता था। मुख्यमंत्री बुधवार को लखनऊ के सरोजनीनगर विकास खण्ड के अन्तर्गत ग्राम दादूपुर से किसान कल्याण मिशन का शुभारम्भ करने के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारे अन्नदाता किसानों ने इस देश को खाद्यान्न उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में अपना खून पसीना बहाया है। जय जवान और जय किसान के नारे भी दिए। लेकिन, किसान आजादी के बाद से हाशिये पर रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि 2014 में उनके आने के बाद किसान को मुख्यधारा के साथ जोड़ने और जय किसान के साथ इस नारे को सार्थकता प्रदान करने के लिए किसान के हित में नीतियां, कार्यक्रम बनाए गए। उन्हें इमानदारी पूर्वक लागू किया गया। इसी का परिणाम है कि आज मृदा स्वास्थ्य कार्ड और मृदा परिक्षण से जुड़ी प्रयोगशाला हर जनपद, एक विकासखंड और हर मुख्य स्थलों पर हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के जरिए प्राकृतिक आपदा से प्रभावित फसल के मुआवजे का लाभ कोई भी किसान ले सकता है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से हर खेत को पानी उपलब्ध कराया गया है। वैज्ञानिक तकनीक से किसानों को जोड़कर उनको ड्रिप इरीगेशन की सुविधा दी जा रही है। किसान की लागत को कम करने और उत्पादकता को बढ़ाने में एक बड़ा कार्य आज देश में देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के अनुरूप न्यूनतम समर्थन मूल्य में डेढ़ गुना की वृद्धि का कार्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने किया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से प्रत्येक किसान को 6,000 रुपये वार्षिक दिया जा रहा है। इस तरह किसानों को सूदखोरों, बिचौलियों से मुक्त करने के लिए उसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से जोड़ने का कार्य भी प्रधानमंत्री मोदी ने किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देखा जाए तो आजादी के बाद बेहद गति से ये कार्यक्रम चले हैं। अगर पिछले छह वर्षों के दौरान हुई प्रगति उसके पहले के वर्षों में हुई होती, तो संभवत इस देश में 2014 में प्रधानमंत्री मोदी को यह लक्ष्य निर्धारित करने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता कि 2022 तक हम किसान की आमदनी को दोगुना करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उस लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर हम मजबूती के साथ आगे बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 के अंदर इस देश के अंदर सर्वाधिक किसानों ने आत्महत्या की थी। और 2014 के बाद जब किसान देश के राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा बना, केन्द्र सरकार ने किसानों के हित के लिए कार्यक्रम और योजनाएं बनाई, आज उसका परिणाम देखने को मिल रहा है। देश के अंदर अब किसान आत्महत्या नहीं बल्कि आमदनी को दोगुना तिगुना करने के लिए नई नई तकनीक को अपनाते हुए तेजी के साथ आगे बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का कार्यक्रम उसी का हिस्सा है आज का कार्यक्रम किसान के हित के लिए किए जा रहे कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का ही कड़ी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जब भारतीय जनता पार्टी को जनता ने चुना तो हमारी कैबिनेट तब तक नहीं बैठी थी, जब तक हम यह नहीं तय कर पाए थे कि लघु सीमांत किसानों का कर्जा माफ होना है। एक लाख तक के कर्ज को माफ करने का निर्णय हमारी पहली कैबिनेट बैठक में किया गया। एक लाख पन्द्रह हजार करोड़ रुपये का भुगतान गन्ना किसानों किया गया। बंद हो रही चीनी मिलों को फिर से चलाने की कार्रवाई प्रारंभ हुई। इसके साथ ही चीनी मिलों के विस्तारीकरण और नवीनीकरण की कार्रवाई को तेजी से आगे बढ़ाया गया। जल शक्ति विभाग ने भी वर्षों से लंबित सिंचाई परियोजना को समय बाद ढंग से पूरा करने का कार्य किया।

उन्होंने कहा कि पिछले सरकारोंं में धान और गेहूं की खरीद नहीं होती थी। आज हमने लक्ष्य से अधिक खरीद की। प्रदेश में 20 विज्ञान केंद्र स्थापित क‍िए। वहीं 79 कृषि विज्ञान केंद्र किसानों की मदद कर रहे हैं। किसान कल्याण मिशन को पूरी सफलता के साथ आगे बढ़ेगा। तमाम लोग गलतफहमी पैदा कर रहे हैं। उन लोगों को अच्छा नहींं लग रहा की किसान खुश हो रहा है। दुग्ध उत्पादन में हम नम्बर एक है। हमारी डेरी से जाने वाला दुध बिलकुल शुद्ध है। खुरपका को हमने दूर किया। इस दौरान 2.35 करोड़ किसान सम्‍मान निधि से समानित किए गए। हमने कोरोना काल में किसानों के लिए बहुत काम किया। बुंदेलखंड में बलेनी दुग्ध उत्पादन समिति ने एक साल में एक करोड़ 46 लाख का उत्पादन किया। यह सभी जगह होना चाहिए। ग्राम स्तर पर स्टोर बना सकते है। केंद्र सरकार कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर के लिये मदद दे रही है।

 

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