पांच एकड़ में होगा निर्माण, निकलेंगे कर्मकांडी, मकसद धर्म को रोजगार से जोड़ना
सुरेश गांधी
वाराणसी। धर्म एवं आस्था की नगरी काशी में पुजारी प्रशिक्षण केंद्र खोलने की तैयारी है। कर्मकांड और पूजा के प्रशिक्षण के साथ ही संस्कृतनिष्ठ युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी मौजूद होंगे। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इसकी रुपरेखा तैयार कर ली गयी है। प्रशिक्षण केंद्र से निकले कर्मकांडी देश ही नहीं दुनिया के हिंदू मंदिरों में पूजा और पाठ कराएंगे। दो दिवसीय अखिल भारतीय संत समिति की बैठक में इस मुद्दे पर संतों ने अपनी सहमति जता दी है। उन्होंने बताया कि काशी में खुलने वाले पुजारी प्रशिक्षण केंद्र में गुरु कुल की तर्ज पर कर्मकांडी तैयार किए जाएंगे। प्रशिक्षण केंद्र के लिए शहर के शहर के मध्य में ही पांच एकड़ जमीन की तलाश की जा रही है। पांच एकड़ क्षेत्र में बनने वाले प्रशिक्षण केंद्र में पहले चरण में चार सौ कर्मकांडी छात्रों को प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण केंद्र में सनातन धर्म के युवाओं को कर्मकांड और पूजा का प्रशिक्षण आचार्य देंगे। छात्रों को विद्वानों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यहां से निकलने वाले प्रशिक्षु देश के साथ ही दुनिया भर के हिंदू मंदिरों में पूजा के लिए भेजे जाएंगे। इससे संस्कृत का अध्ययन करने वाले युवाओं को पुजारी प्रशिक्षण केंद्र के जरिए रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे। कौशल विकास की तर्ज पर ही यहां संस्कृत के अध्ययन करने वाले छात्रों को व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ ही रोजगार भी दिया जाएगा। पाताल पुरी पीठाधीश्वर बालक दास महाराज ने बताया देश के ग्रामीण इलाकों में मंदिर तो हैं लेकिन वहां पर पुजारियों की संख्या सीमित है। ऐसे ही आदिवासी इलाकों का भी यही हाल है। ऐसी दशा में काशी में खुलने वाला पुजारी प्रशिक्षण केंद्र देश भर के मंदिरों में पुजारियों की कमी को दूर करेगा।