नई शिक्षा नीति में मातृभाषा का समावेश : आनंदी बेन

प्रसूति के लिए तैयार करना होगा बेहतर तंत्र
सूबे के आंगनबाड़ी केंद्रों में नया पाठ्यक्रम शुरू

-सुरेश गांधी

वाराणसी। बीएचयू में विज्ञान संस्थान के महामना हाल परिसर में तीन दिवसीय आंगनबाड़ी प्रशिक्षण के दूसरे दिन मंगलवार को कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जवन के साथ मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर महामना मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर राष्ट्रगान से किया। इस दौरान राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि अब स्कूल में बच्चों में प्राथमिक संग व्यवहारिक शिक्षा भी देनी होगी। इससे मातृभाषा से सीखने में आसानी होती है। यह तभी संभव हो पाएगा जब नई शिक्षा नीति में इसका समावेश है। इसके लिए जरुरी है अस्पताल के साथ-साथ स्कूल और कालेज भी अधिक से अधिक खुले। इससे ग्रामीण बच्चे आसानी से घर के नजदीक ही शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। बच्चों के हाथ में मोबाइल कम, हल्का शारीरिक श्रम इन केंद्रों पर कराना चाहिए। आनंदीबेन ने कहा कि प्रसूति सुविधाओं पर 350 महिला कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रसूति के लिए हमें बेहतर तंत्र तैयार करना होगा। गुजरात का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने दो बस प्रसूति के लिए शुरू किया था जो कि काफी प्रचलित रही। उन्होंने कहा कि 108 पर एक फोन कर देने से प्रसूति वैन घर पर पहुंचती थी और माता की डिलीवरी करती थी। उसमें इतनी बेहतर सुविधा होती है कि माता को आभास ही नहीं होता दर्द का। वैन में म्यूजिक समेत ऐसी कई व्यवस्थाएं होती हैं जिससे माता की आवाज ही नहीं सुनाई देती, सीधे बच्चे के रोने की आवाज आती थी।

राज्यपाल ने कहा कि बच्चे ने घर में क्या देखा, क्या सुना, कैसा व्यवहार देखा, कैसे बात की, इन्हीं सब को लेकर वह आंगनबाड़ी में आता है और वैसा ही करता है। इसको आंगनबाड़ी में समझना होगा कि बच्चे में क्या खासियत है तथा क्या कमी है। कमियों का पता लगाएं, फिर उसी अनुरूप संस्कारवान बनाने के लिए उसके साथ बात, व्यवहार, पढ़ाई, खेलकूद आदि गतिविधियां करें। क्योंकि बच्चों को शुरुआती 8 वर्ष तक जो सिखाया जाता है, उसका 80 फ़ीसदी आदत में ढल जाता है। अतः प्रारंभिक शिक्षा अति महत्वपूर्ण है। राज्यपाल ने विद्या भारती द्वारा बाल शिक्षा के लिए तैयार की गई पुस्तिका प्रारंभिक बाल्यावस्था, देखभाल और शिक्षा का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि पुस्तिका में बाल शिक्षा के बहुत महत्वपूर्ण, रोचक, उपयोगी सामग्री है, जो संस्कारित शिक्षा के लिए बहुत उपयोगी होगी।

आंगनबाड़ी केंद्र को अनुपमशाला बनाएं : आनंदीबेन

राज्यपाल ने कहा कि संसाधनों की कमी नहीं है। आंगनबाड़ी केंद्र को अनुपमशाला बनाएं। बच्चों को गांव का ही भ्रमण कराएं। उन्होंने पंचायत भवन, बैंक, पोस्ट आफिस आदि दिखाने का सुझाव दिया। गुजरात में अपने मंत्रिमंडल के दौरान आंगनबाड़ी सुधार के अनुभवों को साझा किया। कहा कि अच्छा कार्य करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को वहां के डीएम ने हजारों रुपये देकर पुरस्कृत किया। बताया कि इसके लिए माता यशोदा अवार्ड दिया जाता है। सभी आंगनबाड़ी ध्यान से सीखें। उन्हें ट्रेनर बनकर दूसरे राज्यों में मास्टर ट्रेनर के रूप में जाने का अवसर मिलेगा।

नई शिक्षा नीति लागू करने में काशी होगी प्रथम : स्वाति सिंह

प्रदेश की मंत्री स्वाति सिंह ने राज्यपाल का स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सेवापुरी ब्लॉक में आंगनबाड़ी का कार्य पूरे प्रदेश के लिए अनुकरणीय हो रहा है। यह प्रशिक्षण उपयोगी होगा और नई शिक्षा नीति लागू करने में काशी प्रथम होगी। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से अपेक्षा भी की कि वे जैसे अपने बच्चों के साथ रहती हैं, उसी भावना के साथ आंगनबाड़ी के बच्चों के साथ उन्हें संस्कारित, अच्छे भाव व शिक्षा दें। इस अवसर पर शिक्षा भारती के पदाधिकारी, विभागीय अधिकारी सहित 350 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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