जनपदों में हर निर्माण कार्य की गुणवत्ता परखेगी टास्क फोर्स
लखनऊ। मुरादनगर हादसे के बाद अब निर्माण कार्यों में गुणवत्ता को लेकर योगी सरकार और अधिक सतर्क हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अफसरों के साथ बैठक में कड़े शब्दों में कहा कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता मानक से कम मिली तो जिलाधिकारी और मंडलायुक्त इसके लिए जिम्मेदार होंगे। ठेकेदार और इंजीनियरों के साथ डीएम, कमिश्नर के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जिले में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच के लिए टास्क फोर्स गठित की गई है। जिले में हो रहे सभी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की टास्क फोर्स औचक जांच करेगी। मुख्यमंत्री ने हर बड़े प्रोजेक्ट की कम से कम तीन बार औचक गुणवत्ता जांच कराने और उसकी रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश अफसरों को दिए हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने नगर विकास विभाग के अधिकारियों से गुणवत्ता मानक के दिशा निर्देश जारी करने को कहा है। उन्होंने कहा कि मानक से विपरीत गुणवत्ता मिली तो ठेकेदार, इंजीनियरों के साथ जिम्मेदार प्रशासनिक अफसरों को भी खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। मुरादनगर दुर्घटना से नाराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्माण कार्य में हुए सरकारी धन के नुकसान के साथ ही मृतकों के परिवार को दी जा रही सहायता राशि की भरपाई भी जिम्मेदार ठेकेदार और इंजीनियरों से करने के निर्देश दिए हैं। नुकसान के साथ आश्रितों को दी जा रही मुआवजा राशि की भरपाई पहली बार ठेकेदार और अफसरों से की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने मुरादनगर हादसे के हर मृतक के परिवार को दस लाख रुपये सहायता राशि दिए जाने के निर्देश दिए हैं। वहीं आवासहीन आश्रितों को आवास भी उपलब्ध कराये जाएंगे। दुर्घटना के लिए जिम्मेदार ठेकेदार और इंजीनियर के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने अफसरों को दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आरोपितों के खिलाफ ऐसी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए जो उत्तर प्रदेश में कार्य कर रहे ठेकेदारों और अफसरों के लिए एक सबक हो। उल्लेखनीय है कि मुरादनगर दुर्घटना के मुख्य आरोपित ठेकेदार अजय त्यागी समेत अब तक कुल चार आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने मंडलायुक्त और जिलाधिकारी से स्पष्टीकरण भी मांगा है। उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस नीति के तहत सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।