दो दिवसीय संत समागम में काशी में देशभर के संतों का जमघट
मुसलमान और ईसाई बन गए हिंदुओं से घर वापसी की अपील
वाराणसी। अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए काशी में देशभर के साधु-संतों का जमावड़ा है। मंदिर की नींव के स्थान पर सरयू की धारा मिलने के बाद साधु संत इस बात पर मंथन करने में जुटे है कि दस संकट का निदान क्या है और मंदिर को भव्य रुप देने में उत्पन्न हो रही छोटी-छोटी समस्या समाधान कैसे हो। दुर्गाकुंड स्थित हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय में आयोजित अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय संत समागम में आएं साधु-संतों का कहना है कि मंदिर की रुपरेखा, भव्यता और धन समेत सारी तैयारियों का अंतिम रुप इस संत समागम में दिया जायेगा। मतलब साफ है काशी से ही अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण की भव्यता प्रदान की जायेगी। बैठक में पश्चिम बंगाल एवं केरल में निरंतर हिन्दुओं की हत्या और प्रताड़ित करने के कार्य और इन घटनाओं पर वामपंथी लेखक और विचारकों का मौन स्वीकृति तथा हिन्दू समाज की छोटी-छोटी घटना को बढ़ा-चढ़ाकर असत्य रूप में प्रस्तुत कर समाज में तनाव पैदा करने के मामले में गंभीरता से विचार-विमर्श किया गया। साथ ही अपील की गयी कि देश की संत शक्ति सभी जातीय भेदभाव मिटाकर समरस समाज बनाने के अपने कार्य को तीव्रगति प्रदान करें। इसके अलावा परिवार परम्परा को पुनः स्नेह और धर्मपालन से मजबूत करने की बात कही गयी। जिससे बहन-बेटियों को किसी के बनावटी प्रेमजाल में पड़ने से बचाया जा सके। इस दौरान संतो ने कुछ पीढ़ियों से मुसलमान-ईसाई बन गए बंधुओं से आग्रह किया कि वे अपने पुनीत हिन्दू धर्म में ससम्मान लौट आएं।
अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता पातालपुरी पीठाधीश्वर बालकदास जी महाराज जी ने देशभर से पधारे सभी संतों का काशी की पावन धरा पर स्वागत करते हुए कहा कि काशी की आवाज पूरी दुनिया में गूंजती है। राम मंदिर निर्माण व सम्पूर्ण भारत में अन्य धर्म क्षेत्रों को लेकर संतों की आवाज सम्पूर्ण देश के लिए सनातन संस्कृति के अभ्युदय का मार्ग प्रशस्त करेगी। बता दें, संत समागम की शुरुवात शनिवार को जय श्रीराम के जयघोष और हर-हर महादेव के बीच हिन्दू धर्म के चारों वेदों का स्वास्ति वाचन के साथ काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी व बटुकों के संयुक्त तत्वावधान में हुई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविचल दास जी महाराज ने कहा कि पूरे भारत में वर्तमान सरकार द्वारा धार्मिक स्थलों के विकास की जो नीतियां प्रभावी रूप से क्रियान्वित की जा रही हैं, वह सराहनीय है। अशोक तिवारी ने भारत में उत्पन्न प्रमुख चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज नगरीय व ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में लव जेहाद की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। इसका मुख्य कारण सनातन संस्कृति की जीवन-मूल्यों से युवाओं का दूर होना। ऐसे में भारतीय समाज को संरक्षित और एकीकृत करने हेतु आवश्यकता है।
संत सम्मेलन में राष्ट्रीय अध्यक्ष अविचल दास महाराज, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक अनिल, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय और विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय मंत्री अशोक तिवारी, श्रीकाशी विद्वत परिषद के अध्यक्ष आचार्य रामयत्न शुक्ला, शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानन्द सरस्वती, महंत फू लडोल बिहारीदास, स्वामी धर्मदेव, महंत कमलनयन दास, आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि, महामंडलेश्वर अनंतदेव गिरि, स्वामी देवेद्रानंद गिरि, कालिका पीठाधीश्वर महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत, महामंडलेश्वर जनार्दन हरि, स्वामी हंसानंद तीर्थ, महामंडलेश्वर स्वामी मनमोहनदास, ब्रह्मर्षि अंजनेशानंद सरस्वती, स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती, स्वामी दिव्यानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर ज्योतिर्मयानंद गिरि, महामंडलेश्वर ईश्वरदास, शक्ति शांतानंद महर्षि, गौरीशंकर दास, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. टीएन सिंह, श्री लक्ष्मण आचार्य, अखिलेश खेमका, किशन जालान, हरिहर पाण्डेय, डॉ. एमजी राय, नीरज बदलानी समेत कई महंत शामिल है।
संतों के आशीर्वाद से ही बनेगा मंदिर : चंपत
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने कहा कि अयोध्या में 5 अगस्त, 2020 को रामजन्मभूमि पूजन के पश्चात प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए जो अभियान चलाया गया है वह संतों के आशीर्वाद की ही देन है। राम मंदिर के लिए जुटाएं जा रहे चंदे का एक-एक दिन का हिसाब-किताब बैकों में जमा हो जाएगा। इस कार्य के लिए तीन बैंकों (स्टेट बैंक, पंजाब बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा) की लगभग 46 हजार शाखाओं को लगाया गया है। निधि समर्पण अभियान में लगे कार्यकर्ताओं को इन रुपयों को अपने जेब में 48 घंटे से ज्यादा नहीं रखना है। व्यवस्था यह की गई है कि प्रतिदिन रात 11 बजे तक की सूचना बैंक मंदिर तीर्थ ट्रस्ट को दे देगा कि आज अमूक शाखा में इतने रुपये जमा हुए। बताया कि विभिन्न महानगरों के लगभग चार हजार वॉर्डों, चार लाख गांवों के 11 करोड़ परिवार तक निधि समर्पण अभियान में सम्पर्क की योजना है। इस कार्य में कार्यकर्ताओं के मेहनत से भरपूर सफलता मिलेगी। इसके लिए 10, 100 और 1000 रुपये के तीन कूपन बनाए गए हैं। सभी चेक रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र टस्ट के नाम से ही बनेंगे। अभियान को और संबल बनाने के लिए विभिन्न राज्यों में स्थानीय भाषाओं में पम्फलेट भी बंटवाए जा रहे हैं जिसमें राम मंदिर का इतिहास और गौरव लिखा हुआ है। पूरे विश्व में ऐसा संदेश जाना चाहिए कि यह राष्ट्र के सम्मान और अस्मिता का मंदिर बन रहा है। लाखों कार्यकर्ता छोटी-छोटी टोलियों में कार्य कर रहे हैं। चम्पत राय जी ने बताया कि श्रीराम मंदिर के लिए 14 जनवरी से शुरू हो रहे अभियान में सम्बंधित सभी जनपदों के कार्यकर्ताओं उच्च नेतृत्व में अपना-अपना सहयोग दें।