लखनऊ। कोरोना वैक्सीन को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की विवादित टिप्पणी के बाद प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रमुख शिवपाल यादव यादव ने भी बयान दिया है। उन्होंने वैक्सीन का स्वागत करते हुए भारतीय वैज्ञानिकों की मेधा को नमन किया है। शिवपाल यादव ने रविवार को कहा कि निःसंदेह यह हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक के ‘कोवैक्सीन’ को आपातकालीन स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग की अनुमति दे दी है। भारतीय वैज्ञानिकों की मेधा और उद्यमिता को नमन। शिवपाल यादव के इस बयान को भतीजे अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया के सदंर्भ में देखा जा रहा है, जिसमें सपा अध्यक्ष ने स्वयं कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि वह भाजपा का भरोसा नहीं कर सकते। अखिलेश यादव के इस बयान के बाद उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इसे देश के वैज्ञानिकों और चिकित्सकों का अपमान बताते हुए उनसे माफी मांगने की मांग की।
इसके बाद विवादों में आए अखिलेश ने ट्वीट किया कि हमें वैज्ञानिकों की दक्षता पर पूरा भरोसा है पर भाजपा की ताली-थाली वाली अवैज्ञानिक सोच व भाजपा सरकार की वैक्सीन लगवाने की उस चिकित्सा व्यवस्था पर भरोसा नहीं है, जो कोरोनाकाल में ठप-सी पड़ी रही है। उन्होंने कहा कि हम भाजपा की राजनीतिक वैक्सीन नहीं लगवाएंगे। सपा की सरकार वैक्सीन मुफ्त लगवाएगी। वहीं रविवार को अखिलेश यादव के तेवर कुछ नरम पड़े और उन्होंने कहा कि कोरोना का टीकाकरण एक संवेदनशील प्रक्रिया है। इसीलिए भाजपा सरकार इसे कोई सजावटी-दिखावटी इवेंट न समझे और अग्रिम पुख्ता इंतजामों के बाद ही शुरू करे। उन्होंने कहा कि ये लोगों के जीवन का विषय है। अत: इसमें बाद में सुधार का खतरा नहीं उठाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि गरीबों के टीकाकरण की निश्चित तारीख घोषित हो।