कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने चालू फसल वर्ष के दौरान गेहूं सहित अन्य रबी खाद्यान्नों के रिकॉर्डतोड़ उत्पादन की उम्मीद जाहिर की है। पिछले फसल वर्ष में इस मौसम की फसलों का रिकॉर्ड 15.32 करोड़ टन उत्पादन हुआ था। तोमर ने इस बार यह रिकॉर्ड टूटने की उम्मीद जताई है। फसल वर्ष 2020-21 के लिए केंद्र सरकार ने 30.1 करोड़ टन रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जिसमें से रबी सत्र की फसलों का अनुमानित लक्ष्य 15.16 करोड़ टन है।
तोमर ने बताया कि देश के कृषि क्षेत्र ने पिछले वर्ष अच्छा प्रदर्शन किया, जिसके चलते खरीफ सीजन में खाद्यान्न का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ। उन्होंने कहा कि इस साल हमें पिछले रबी सत्र की तुलना में बेहतर खाद्यान्न उत्पादन की उम्मीद है। फसलों की मार्केटिंग पर दो नए कृषि कानूनों, 10,000 किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के गठन, एक लाख करोड़ रुपये के कृषि इन्फ्रा फंड सहित सरकार की अन्य हालिया कोशिशों से भी किसानों को बड़ा लाभ होगा। तोमर ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि किसानों की कड़ी मेहनत और मोदी सरकार की किसान समर्थक नीतियों से कृषि क्षेत्र मजबूत होगा। नए सुधारों से भी इस क्षेत्र को फायदा होगा।
वर्तमान में रबी फसलों की बोआई चल रही है। खरीफ फसलों की कटाई के तुरंत बाद रबी की बोआई अमूमन अक्टूबर से शुरू होती है। फसल वर्ष किसी भी वर्ष जुलाई से अगले वर्ष जून तक की अवधि का होता है। गेहूं और सरसों प्रमुख रबी फसलें हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार चालू रबी सत्र में अब तक गेहूं का बोआई रकबा चार प्रतिशत बढ़कर 325.35 लाख हेक्टेयर पर जा पहुंचा है। वहीं, मानसून में बेहतर बारिश की वजह से दलहनों की खेती का रकबा पांच प्रतिशत बढ़कर 154.80 लाख हेक्टेयर हो गया है।
चालू रबी सत्र में अभी तक धान खेती का रकबा मामूली गिरावट के साथ 14.83 लाख हेक्टेयर रहा, जो पिछले वर्ष समान अवधि में 15.47 लाख हेक्टेयर था। मोटे अनाजों का रकबा इस रबी सत्र में घटकर अब तक 45.12 लाख हेक्टेयर ही है, जबकि पिछले वर्ष समान अवधि में यह 49.90 लाख हेक्टेयर था। हालांकि, तिलहन के लिए बोआई का रकबा पिछले वर्ष के 75.93 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 80.61 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है। विभिन्न रबी फसलों का कुल बोआई का रकबा बढ़कर 620.71 लाख हेक्टेयर हो गया है।