पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के अमेठी आवास पर ईडी का छाप

आय से अधिक संपत्ति की जांच करने पहुंची टीम

अमेठी लखनऊ। अखिलेश सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। बुधवार सुबह अमेठी में गायत्री के आवास पर ईडी के करीब आधा दर्जन अधिकारियों ने छापा मारा है और घंटों से जांच कर रहे हैं। इसके अलावा गायत्री के लखनऊ और कानपुर ठिकानों पर छापेमारी की गयी। बता दें कि, वर्ष 2012-17 के दौरान मंत्री रहते हुए प्रजापति ने आय से छह गुना अधिक संपत्तियां बनाईं थीं, वैध स्रोतों से उनकी आय 50 लाख रुपये के करीबी थी, जबकि उनके पास तीन करोड़ से अधिक की संपत्तियां मिलीं थीं। सनद रहे कि पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति दुष्कर्म के मामले में जेल में निरुद्ध हैं। इस मामले में लखनऊ पुलिस ने 15 मार्च 2017 को पूर्व मंत्री को गिरफ्तार कर जेल भेजा था और तब से वह जेल में हैं। बुधवार सुबह-सुबह प्रयागराज के ईडी के अधिकारी अमेठी कोतवाली क्षेत्र के आवास विकास कालोनी स्थित गायत्री प्रसाद के घर पर पहुंचे।

आपको बता दें कि, शासन से मंजूरी मिलने के बाद ईडी ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में गायत्री प्रजापति के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति होने का केस दर्ज किया कराया था। जांच में पता चला कि वर्ष 2012-17 के दौरान मंत्री रहते हुए प्रजापति ने आय से छह गुना अधिक संपत्तियां बनाईं। वैध स्रोतों से उनकी आय 50 लाख रुपये के करीबी थी, जबकि उनके पास तीन करोड़ से अधिक की संपत्तियां मिलीं। जांच में 22 ऐसी बेनामी संपत्तियों की भी जानकारी मिली, जो इसी अवधि में प्रजापति के करीबियों के नाम पर खरीदी गईं। ये संपत्तियां करीबी रिश्तेदारों, निजी सहायकों और ड्राइवरों के नाम पर हैं। इन संपत्तियों के दस्तावेजों और संपत्तियों जिनके नाम खरीदी गई है अब उनसे पूछताछ होनी है। यह जानकारी मांगी जाएगी कि उन्होंने उनके पास संपत्तियां खरीदने के लिए धन किन स्रोतों से आया? उनसे आयकर रिटर्न और बैंक खातों के संबंध में भी जानकारी ली जाएगी। ऐसी ज्यादातर संपत्तियां भवन, भूखंड और फ्लैट के रूप में है।

बता दें कि, खनन घोटाले में प्रजापति के विरुद्ध सीबीआई की तरफ से दर्ज की गई एफआईआर के बाद ईडी ने भी मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था। ईडी इस मामले में प्रजापति व उनके दोनों बेटों समेत कई लोगों से पूछताछ भी कर चुकी है। खनन घोटाले में ईडी ने अगस्त 2019 में सीबीआइ की एफआइआर को आधार बनाकर पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद व बी.चंद्रकला समेत पांच आइएएस अधिकारियों के विरुद्ध प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। ईडी इस मामले में प्रजापति व उनके दोनों बेटों समेत कई लोगों से पूछताछ भी कर चुकी है। सीबीआइ व ईडी पूर्व मंत्री से लंबी पूछताछ भी कर चुकी हैं।

इससे पूर्व प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गायत्री प्रजापति के बेटे अनिल प्रजापत से कई कंपनियों को लेकर पूछताछ की थी। इस दौरान ईडी को शेल कंपनियों के साथ करोड़ों के ट्रांजेक्शन से जुड़े सबूत मिले। गायत्री प्रजा​पति के बेटे पर आरोप है कि उन्होंने शेल कंपनियों के जरिए मोहनलालगंज में करोड़ों की संपत्तियां खरीदी हैं। खनन घोटाले के मामले में भी उनसे पूछताछ हुई। इसके अलावा यह भी पता चला है कि बेटे की कंपनी एमजे कॉलोनाइजर्स ने लखनऊ में बड़ी ख़रीद की है। एमजे कॉलोनाइजर्स ने लखनऊ के मोहनलालगंज में 110 बीघा जमीन खरीदी, एक बीघे जमीन की कीमत एक करोड़ रुपये बताई जा रही है। गायत्री के बेटे पूछताछ के दौरान पुणे में महंगा रो-हाउस खरीदने की बात कबूली है।

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