लखनऊ। प्रदेश की योगी सरकार ने माफियाओं और अपराधियों पर नकेल डालने के लिए इस साल 2020 में गैंगस्टर एक्ट की धारा 14 का पूरा इस्तेमाल किया। इस धारा के तहत पुलिस ने अपराध से कमाई की सम्पत्तियों को जब्तीकरण और अवैध इमारतों को नेस्तनाबूद किया है। अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बुधवार को बताया कि पुलिस ने माफियाओं एवं गिरोहबन्द गतिविधियों में लिप्त कुख्यात अपराधियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाकर उनकी कमर तोड़ी है। एक जनवरी 2020 से 26 दिसम्बर 2020 तक चिह्नित माफियाओं, अपराधियों तथा उनके सहयोगियों की गैंगेस्टरवादों में धारा 14 के अन्तर्गत 733 करोड़ रुपये मूल्य की सम्पत्ति को कुर्क की गयी।
श्री अवस्थी ने यह भी बताया कि गैंगस्टर वादों में धारा 14 के अन्तर्गत की जाने वाली कार्यवाही में प्रदेश के टाॅप 10 जनपदों में कुर्क की गयी सम्पत्ति में राजधानी लखनऊ से 88,15,52,248 रुपये गौतमबुद्धनगर से 66,80,32,248 रुपये, बलरामपुर से 58,80,62,000 रुपये, गाजीपुर से 42,09,72,335 रुपये, गोरखपुर से 38,20,80,000 रुपये, औरैया से 31,22,73,192 रुपये, जौनपुर से 29,40,87,939.56 रुपये, मुजफ्फरनगर से 28,83,75,000 रुपये, प्रयागराज से 26,17,90,722.22 रुपये व देवरिया से 24,39,09,741 रुपये है। पूर्वांचल का बड़ा माफिया मुख्तार अंसारी हो या प्रयागराज का गैंगस्टर अतीक अहमद,बच्चा पासी और राजेश यादव हो। भदोही का विजय मिश्रा, अम्बेडकरनगर का खान मुबारक,देवरिया का तार बाबू हो या फिर मेरठ का बदन सिंह बतो इन सभी माफियाओं की सम्पत्ति इसी कानून के तहत जब्त की गयी है। अपराध छोटा हो बड़ा सांसद हो या विधायक योगी सरकार ने सभी के खिलाफ कार्रवाई की है। यहीं नहीं इनके गुर्गों की सम्पत्ति को सीज किया और बुलडोजर चला है।
माफियाओं पर नकेल कसने के लिए योगी सरकार ने गैंगस्टर एक्ट की धारा 14 का पूरा उपयोग किया है। यह कानून पहले भी था, लेकिन पूर्व की सरकारों ने राजनीति और अपराधियों के गठजोड़ के चलते माफियाओं और अपराधियों पर कोई कार्रवाई नहीं होती थी। इसका फायदा उठाकर अपराधी अपने गुर्गों की मदद से अवैध सम्पत्ति जुटाते लेते थे। लेकिन, वर्तमान की योगी सरकार ने इस कानून का पूरा इस्तेमाल करके अपरधियों की कमर तोड़ने का काम किया है।