केंद्रीय कर्मचारी लंबे समय से अपनी बेसिक बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. क्योंकि बढ़ती महंगाई के कारण उन्हें महीने का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है. हालांकि उन्हें 2016 में ही सरकार 7वें वेतन आयोग की सौगात दे चुकी है. इस बीच, बिहार में शिक्षकों व अन्य स्टाफ के लिए एक अच्छी खबर है. हमारी सहयोगी वेबसाइट जीबिजडॉटकॉम के मुताबिक शिक्षकों के एक धड़े ने 7वां वेतन आयोग न दिए जाने को लेकर हड़ताल पर जाने की धमकी दी है. वहीं डिप्टी सीएम सुशील मोदी का कहना है कि राज्य सरकार ने नए वेतन आयोग के क्रियान्वयन के लिए 3 सदस्यीय वेतन समिति बनाई है.
अरुण जेटली के कामकाज संभालने के बाद उम्मीदें बढ़ीं
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी बीते हफ्ते वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाल लिया है. ऐसे में केंद्रीय कर्मचारियों की उम्मीद बढ़ गई है. जेटली ने जुलाई 2016 में राज्यसभा में आश्वासन दिया था कि वह केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक पे बढ़ाने की मांग पर गौर करेंगे. उनके काम पर लौटने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों में सैलरी बढ़ने की मांग पूरी होने की उम्मीद बढ़ती दिख रही है.
पीएम ने किया था नया वेतनमान देने का वादा
पीएम मोदी तक शिक्षक व गैर शिक्षक स्टाफ को 7वें वेतन आयोग का फायदा देने की सिफारिश कर चुके हैं. पटना विश्वविद्यालय के एक समारोह में उन्होंने इसका ऐलान किया था. डिप्टी सीएम मोदी ने कहा कि यूनिवर्सिटी स्टाफ को हड़ताल पर जाने की जरूरत नहीं. उनकी मांग जल्द पूरी होगी. सरकार उनके विषय में सोच रही है. शिक्षक इस बात से नाराज हैं कि राज्य सरकार नया वेतन आयोग कब से लागू करेगी इसे लेकर भ्रम है. वह कोई तारीख नहीं बता रही.
एचआरडी मिनिस्टर ने भी दिया था आश्वासन
एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि 2013-14 में मानव संसाधन मंत्रालय का बजट 63 हजार करोड़ रुपए था जो 2018-19 में बढ़कर 1.1 लाख करोड़ रुपए हो गया. यानि 70 फीसदी का इजाफा. मंत्री ने भी आश्वासन दिया था कि अगर पटना विश्वविद्यालय कोई प्रस्ताव देता है तो उस पर गौर किया जाएगा.
क्या है केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों की मांग
देश में बिजली क्षेत्र से जुड़ी 34 बिजली कंपनियों पर बैंकों का 1.5 लाख करोड़ रुपए कर्ज बकाया है. इनमें कई कंपनियां देश के बिजली उत्पादन में योगदान करती हैं. 7वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों को पे बैंड या पे स्केल की बजाय पे मेट्रिक्स के आधार पर सैलरी मिलती है. पे मेट्रिक्स में लेवल 1 पर न्यूनतम पे 18 हजार रुपए है. वहीं लेवल 18 पर यह ढाई लाख रुपए है. यह व्यवस्था 1 जनवरी 2016 से लागू है. लोवर लेवल के कर्मचारी को 2.57 गुना फिटमेंट फैक्टर के आधार पर सैलरी बनती है जबकि ऊपर के लेवल के अफसर की सैलरी उससे ज्यादा फिटमेंट फैक्टर पर बनती है.