कहा, इंफ्रास्ट्रक्चर किसी भी राष्ट्र के सामर्थ्य का सबसे बड़ा स्त्रोत
नई दिल्ली—लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर किसी भी राष्ट्र के सामर्थ्य का सबसे बड़ा स्त्रोत होता है। इंफ्रास्ट्रक्चर में भी कनेक्टिविटी राष्ट्र की नसें होती हैं, नाड़ियां होती हैं, जितनी बेहतर ये नसें होती हैं, उतना ही स्वस्थ और सामर्थ्यवान कोई राष्ट्र होता है। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पूर्वी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) के ‘न्यू भाऊपुर- न्यू खुर्जा सेक्शुन’ का उद्घाटन करने के दौरान यह बात कही। इस मौके पर उन्होंने प्रयागराज में ईडीएफसी के परिचालन नियंत्रण केन्द्र (ओसीसी) का भी उद्घाटन किया। कार्यक्रम में प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी वर्चुअल रूप से जुड़े। प्रधानमंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज का दिन भारतीय रेल के गौरवशाली अतीत को 21वीं सदी की नई पहचान और भारत व भारतीय रेल का सामर्थ्य बढ़ाने वाला है। आज आजादी के बाद का सबसे बड़ा और आधुनिक रेल इन्फ्राट्रक्चर प्रोजेक्ट धरातल पर उतरते हुए हम देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज जब खुर्जा भाऊपुर फ्रेट कॉरिडोर रूट पर पहली मालगाड़ी दौड़ी तो उसमें नए भारत के आत्मनिर्भर भारत की गूंज और गर्जना स्पष्ट सुनाई दी। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर भी नए भारत के नए सामर्थ्य का प्रतीक है। यह दुनिया के बेहतरीन और आधुनिक कंट्रोल सेंटर में से एक है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सुनकर किसी को भी गर्व होगा कि इसमें मैनेजमेंट और डेटा से जुड़ी जो तकनीक है, वह भारत में ही तैयार की गई है, भारतीयों ने ही उसे तैयार किया है। उन्होंने कहा कि आज जब भारत दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है, तब बेहतरीन कनेक्टिविटी देश की प्राथमिकता है। इसी सोच के साथ बीते छह साल से देश में आधुनिक कनेक्टिविटी के हर पहलू पर फोकस के साथ काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां यात्री ट्रेन और मालगाड़ियां दोनों एक ही पटरी पर चलती हैं। मालगाड़ी की गति धीमी होती है। ऐसे में मालगाड़ियों को रास्ता देने के लिए यात्री ट्रेनों को स्टेशनों पर रोका जाता है। इससे यात्री ट्रेन भी लेट होती है और मालगाड़ी भी। ये फ्रेट कॉरिडोर आत्मनिर्भर भारत के बहुत बड़े माध्यम होंगे। उद्योग हों, व्यापार-कारोबार हों, किसान हों या फिर कंज्यूमर, हर किसी को इसका लाभ मिलने वाला है।
उन्होंने कहा कि विशेष तौर पर औद्योगिक रूप से पीछे रह गए पूर्वी भारत को ये फ्रेट कॉरिडोर नई ऊर्जा देने वाला है। इसका करीब 60 प्रतिशत हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, इसलिए यूपी के हर छोटे-बड़े उद्योग को इसका लाभ होगा। उन्होंने कहा कि कल ही देश में 100वीं किसान रेल शुरू की गई है। किसान रेल से वैसे भी खेती से जुड़ी उपज को देशभर के बाजारों में सुरक्षित और कम कीमत पर पहुंचाना संभव हुआ है। अब किसान रेल और भी तेजी से अपने गंतव्य पर पहुंचेगी। ईडीएफसी का 351 किलोमीटर लम्बा न्यू भाऊपुर- न्यू खुर्जा सेक्शन उत्तर प्रदेश में स्थित है और इसे 5,750 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। यह सेक्शन स्थानीय उद्योगों जैसे एल्यूमीनियम उद्योग (कानपुर देहात जिले का पुखरायां क्षेत्र), डेयरी क्षेत्र (औरैया जिला), कपड़ा उत्पादन-ब्लॉक प्रिंटिंग (इटावा जिला), कांच के सामान के उद्योग (फिरोजाबाद जिला), पॉटरी (बुलंदशहर जिले के खुर्जा), हींग उत्पादन (हाथरस जिला) और ताले और हार्डवेयर (अलीगढ़ जिला) के लिए नए अवसर खोलेगा। यह सेक्शन मौजूदा कानपुर-दिल्ली मुख्य लाइन से भी भीड़भाड़ कम कर देगा और भारतीय रेलवे को तेज ट्रेनें चलाने में सक्षम करेगा।