नीरज चोपड़ा एशियाई खेलों में पुरूषों के भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बन गये. उन्होंने अपेक्षानुरूप प्रदर्शन करते 88.06 मीटर के नये राष्ट्रीय रिकार्ड के साथ सोने का तमगा हासिल किया. चोपड़ा का स्वर्ण पदक असल में एशियाई खेलों की भाला फेंक स्पर्धा में भारत का केवल दूसरा पदक है. उनसे पहले 1982 में नयी दिल्ली में गुरतेज सिंह ने कांस्य पदक जीता था. नीरज मिल्खा सिंह के बाद दूसरे ऐसे एथलीट है जिन्होंने एक ही साल में कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता हो.
जीत के बाद चोपड़ा ने कहा कि उनका लक्ष्य एशियाई खेलों का रिकार्ड बनाना था जिसे वह मामूली अंतर से चूक गये. उन्होंने कहा, ‘‘यह आसान नहीं था. अच्छे थ्रोअर भी थे लेकिन वे बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाये. मैंने बहुत अच्छी तैयारी की थी और एशियाई रिकार्ड बनाना चाहता था लेकिन भाले की लंबाई मसला था और इस वजह से मैं जरूरी दूरी हासिल नहीं कर पाया.’’ नीरज ने कहा, ‘‘लेकिन मैं फिर भी राष्ट्रीय रिकार्ड बनाने में सफल रहा और मैं खुश हूं. मैं आगे इसमें सुधार करने की कोशिश करूंगा. ’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं लक्ष्य तय करके खुद पर दबाव नहीं बनाता. मेरे पास विश्व जूनियर चैंपियनशिप, एशियाई चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक हैं लेकिन यह मेरा अब तक का सबसे बड़ा पदक है. विश्व चैंपियनशिप का स्वर्ण जूनियर स्तर पर आया था और इसलिए यह सबसे बड़ा पदक है.’’
इस 20 वर्षीय एथलीट ने तीसरे प्रयास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. उन्होंने पहले प्रयास में 83.46 मीटर भाला फेंका था लेकिन दूसरे प्रयास में वह फाउल कर गये थे. चीन के लियु क्विझेन ने रजत पदक जीता लेकिन वह नीरज से काफी पीछे 82.22 मीटर ही भाला फेंक पाये. पाकिस्तान के अरशद नदीम ने 80.75 मीटर के प्रयास से कांस्य पदक हासिल किया.
राष्ट्रमंडल खेलों और मौजूदा एशियाई खेलों के चैंपियन नीरज ने शुरू से ही दबदबा बनाये रखा और इस बीच उन्होंने खुद के राष्ट्रीय रिकार्ड में सुधार किया. उन्होंने मई में डायमंड लीग सीरीज के पहले चरण में दोहा में 87.43 मीटर के साथ रिकार्ड बनाया था. एशियाई खेलों में भाग ले रहे प्रतिभागियों में नीरज को छोड़कर कोई भी अन्य इस सत्र में 85 मीटर की दूरी को नहीं छू पाया है.
चोपड़ा का सबसे मुख्य प्रतिद्वंद्वी चाओ सुन चेंग को माना जा रहा था जिन्होंने पिछले साल 91.36 मीटर भाला फेंका था लेकिन चीनी ताइपै का यह एथलीट 79.81 मीटर ही भाला फेंक पाया और पांचवें स्थान पर रहा. चोपड़ा के नाम पर जूनियर विश्व रिकार्ड (86.48 मीटर) है. इस सत्र में वह बेहतरीन फार्म में चल रहे हैं और उन्होंने लगातार 85 मीटर की दूरी पार की है.
उन्होंने मार्च में फेडरेशन कप में 85.94 मीटर भाला फेंका था और गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में 86.47 मीटर के साथ स्वर्ण पदक हासिल किया था. दोहा में भी उन्होंने 85 मीटर की दूरी पार की और एशियाई खेलों में आने से पहले फ्रांस और फिनलैंड में क्रमश: 85.17 और 85.69 मीटर भाला फेंका था.