भारत में भले ही कोरोना वायरस वैक्सीन (COVID-19 Vaccine) की इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी नहीं मिली हो, लेकिन इसकी तैयारियां अंतिम चरण में है। इसी के मद्देनजर टीकाकरण की व्यवस्थाओं के आकलन के लिए दो दिवसीय पूर्वाभ्यास का पहला दिन है। ये अभ्यास चार राज्यों पंजाब, असम, आंध्रप्रदेश और गुजरात में हो रहा है। इस दौरान वैक्सीन के कोल्डचेन से लेकर लोगों को लगाने तक की सभी प्रक्रिया परखी जाएगी। ताकि वैक्सीन वितरण से पहले खामियों को दूर किया जा सके।
अभ्यास में पूरी प्रक्रिया की ऑनलाइन निगरानी के लिए तैयार को-विन में आवश्यक डेटा भरने, टीम के सदस्यों की तैनाती, उनकी रिपोर्टिंग और शाम को होने वाली समीक्षा बैठक भी शामिल होगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। इसमें कोरोना वैक्सीन के लिए कोल्ड स्टोरेज और ढुलाई की व्यवस्था का परीक्षण भी शामिल होगा।टीकाकरण केंद्र पर भीड़ प्रबंधन और शारीरिक दूरी जैसी कोरोना संबंधी दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराने की प्रक्रिया को भी परखा जाएगा।
अभियान के दौरान चारों राज्यों के दो-दो जिलों में पांच अलग-अलग केद्रों पर अभ्यास होगा। जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, शहरी केंद्र, निजी अस्पताल, ग्रामीण इलाके के केंद्र इनमें शामिल हो सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार वैक्सीन लागने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित करने का काम तेजी से चल रहा है। जिल स्तर पर सबी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रशिक्षण का काम पूरा हो चुका है।स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार वैक्सीन लगाने के लिए प्राथमिकता समूहों की पहचान हो गई है।
पहले चरण के दौरान 30 करोड़ लोगों का टीकाकरण होगा। इनमें तीन करोड़ स्वास्थ्यकमियों, सुरक्षाकमियों व सफाईकर्मियों के अलावा 50 साल से अधिक आयु के लगभग 27 करोड़ लोग शामिल होंगे। माना जा रहा है कि ऑक्सफर्ड की वैक्सीन को इस्तेमाल के लिए सबसे पहले मंजूरी मिल सकती है। सीरम इंस्टीट्यूट ने दवा नियामक को टीके के प्रभाव पर अतिरिक्त आंकड़े सौंप दिए हैं।