तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर जारी किसानों का प्रदर्शन शनिवार को 31वें दिन पहुंच गया। दिल्ली-हरियाणा और यूपी के बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन के चलते दिल्ली-एनसीआर के लोगों को आवाजाही में दिक्कत पेश आ रही है।दिल्ली-जयपुर हाईवे पर राजस्थान सीमा में शाहजहांपुर बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसान डटे हुए हैं। किसानों ने शुक्रवार से हाईवे को शाहजहांपुर बॉर्डर के निकट पूरी तरह बंद कर दिया था। शनिवार को भी किसान हाईवे पर जमे रहे। हाईवे से गुजरने वालो वाहनों को पुलिस द्वारा कई मार्गों से डायवर्ट किया गया है। यातायात डायवर्ट करने के कारण वाहन चालकों को परेशानी उठानी पड़ रही है। वाहनों की अचानक संख्या बढ़ने के कारण नारनौल पर दिन भर जाम की स्थिति बनी रही। दूसरी ओर किसान संगठनों के पदाधिकारी शनिवार को राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-352 पर गंगायचा स्थित टोल प्लाजा पर पहुंच गए तथा प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान कुछ समय के लिए टोल को फ्री भी कराया गया। शाहजहांपुर बॉर्डर भारी संख्या में पुलिस व अर्ध सैनिक बल के जवानों की तैनाती की गई है।
भारतीय किसान यूनियन हरपाल गुट ने भी शनिवार से चिल्ला बॉर्डर पर धरना देना शुरू कर दिया है। वहीं, चौथी बार धरना स्थल पर पहुंचे 15 सदस्यों के साथ भारतीय किसान यूनियन भानु गुट के बगल में अपना धरना देना शुरू किया है। चौधरी हरपाल सिंह ने कहा कि सरकार से कृषि कानून वापस करा कर ही वापस जाएंगे।
- केंद्र सरकार के वार्ता के नए प्रस्ताव पर किसान संगठन शनिवार को फैसला ले सकते हैं। कहा जा रहा है कि इससे पहले शुक्रवार को किसान संगठनों ने इस पर विचार किया था। वहीं, केंद्र सरकार को उम्मीद है कि कुछ दिनों के दौरान किसानों के साथ बातचीत शुरू हो सकती है।
- वहीं, दिल्ली से सटे हरियाणा में भी किसान आंदोलन के चलते खेड़ा बॉर्डर पर दिल्ली-जयपुर हाईवे 48 घंटे से पूरी तरह बंद है। इसके चलते वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हाई बंद होने से दिल्ली-जयपुर हाईवे पर गुरुग्राम की ओर से आने वाले वाहनों को आकेड़ा-भिवाड़ी-तीजार-अलवर की तरफ डायवर्ट किया जा रहा है।
- यूपी गेट से दिल्ली की आवाजाही बंद होने के कारण पूरे गाजियाबाद शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। आंतरिक गलियां तक जाम हो गई हैं। इससे पहले शनिवार सुबह किसानों ने आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए यूपी गेट पर सभी लेन बंद कर दीं, जिसके चलते दिल्ली से आवाजाही ठप हो गई है। पिछले एक घंटे से भी अधिक समय से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे की सभी लेन बंद हैं। कुछ देर से किसान प्रदर्शनकारी सड़क पर नाच रहे हैं।
- इससे पहले बीच दिल्ली-यूपी और हरियाणा की आधा दर्जन से अधिक सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का आंदोलन जारी है।
- पूर्वी दिल्ली स्थित यूपी गेट से पहले यातायात पुलिस ने बैरिकेड लगाकर गाजीपुर की तरफ रूट डायवर्ट किया है।
- यूपी गेट पर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे के नीचे भी किसानों द्वारा रास्ता बंद करने के चलते जाम लग गया है।
- पिछले एक महीने से पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के किसान दिल्ली के तीन ओर से घेरे बैठे हैं और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं। इसके चलते दिल्ली-एनसीआर का यातायात पिछले एक महीने से बुरी तरह प्रभावित है।
- चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर पिछले तीन दिनों से बंद है, जिसके कारण उत्तर प्रदेश से दिल्ली जाने वालों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है।
- इस बीच अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रदर्शनकारी किसानों की हर शंका को दूर करने की कोशिश की, लेकिन वह तीनों कृषि कानूनों को हर हाल में वापस लेने की ही मांग पर अड़े हुए हैं।
- शनिवार को भी प्रदर्शनकारी किसान हरियाणा के सभी टोल प्लाज फ्री कराएंगे। यह सिलसिला रविवार को भी जारी रहेगा। सिंघु, ढांसा और टीकरी बार्डर पर प्रदर्शन जारी
वहीं, दिल्ली से सटे हरियाणा के सिंघु, ढांसा और टीकरी बार्डर पर प्रदर्शन जारी है। यहां पर हजारों की संख्या में किसान तंबू गाड़कर स्थायी प्रदर्शन की तैयारी में जुट गए हैं। इससे पहले शुक्रवार को किसानों की संख्या में इजाफा नहीं हुआ, हालांकि तमाशबीनों की संख्या जरूर बढ़ी। इतने किसान धरना स्थल पर नहीं बैठे थे, जितने तमाशबीन बैरिकेड के पास खड़े होकर सेल्फी ले रहे थे। सिंघु बार्डर पर पहुंचे किसानों को शुक्रवार को एक माह पूरा हो गया, हालांकि किसानों ने दिल्ली की घेराबंदी 27 नवंबर को की थी, जिससे लोगों को परेशान होते हुए शनिवार को एक माह पूरा हो जाएगा। इस प्रदर्शन में जितने लोग धरना दे रहे हैं, उससे ज्यादा लोग रोज परेशान हो रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग रोज पैदल दिल्ली से हरियाणा आ-जा रहे हैं। इसके अलावा काफी लोग ऐसे भी हैं जिनको कई किलोमीटर घूम कर दफ्तर जाना पड़ रहा है।