पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को भारतीय जनता पार्टी सुशासन दिवस के रूप में मना रही है। लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा रायबरेली में डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने पीएम मोदी के संबोधन से पहले किसानों को लाभ देने के साथ उनको संबोधित किया।
लखनऊ के मोहनलालगंज में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पीएम मोदी की प्रेरणा से स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन सुशासन दिवस को पूरा देश किसान भाइयों के सम्मान दिवस के रूप में मना रहा है। किसानों के हितों और किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी जी ने पहला प्रयास किया था। उन्होंने कहा पीडीएस की व्यवस्था, अंत्योदय और अन्नापूर्णा योजना अटल जी की देन है। इसमें हर गरीब को निशुल्क या सस्ते में खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। आजादी के बाद पहली बार देश के अंदर ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर जोर देने का प्रयास अटल जी के समय पर हुआ था। जब पीएम ग्रामीण सड़क योजना शुरू हुई थी और गांव पक्की सड़कों से जुड़े। इन सड़कों की वजह से किसान अपनी उपज को मंडी, बाजार तक ले जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के हितों और किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए अटल जी ने पहला प्रयास किया था। हमारे अन्नदाता किसानों के उन्नयन के लिए प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता से पूरा देश परिचित है। स्वाधीन भारत में किसान उत्थान के लिए सबसे अधिक योजनाएं नरेंद्र मोदी सरकार ने संचालित की हैं। जिसकी मदद से किसानों की समृद्धि का स्वप्न साकार हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने किसानों के सशक्तिकरण के लिए तीन नए कृषि बिल पारित किए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार किसान हितों के संरक्षण के लिए हर प्रकार की सहायता के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्र के साथ ही राज्य सरकार भी अन्नदाताओं को सशक्त बनाने के लिए निरन्तर प्रयासरत हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम मोदी के कुशल मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार अन्नदाताओं को हर वह संसाधन उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है जिससे हमारे अन्नदाता किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी हो सके। प्रधानमंत्री किसानों के उन्नयन के लिए अति गम्भीर हैं। उनकी प्रेरणा से केंद्रीय कैबिनेट ने गन्ना किसानों के हित में 3500 करोड़ की सहायता राशि मंजूर की है। जिससे पांच करोड़ गन्ना किसान और इनके साथ पांच लाख कामगार लाभान्वित होंगे।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कृषि कानून के विरोध में कथित रूप से कुछ आंदोलित किसानों के पक्ष में खड़े यूपीए के कार्यकाल में किसानों ने पीड़ा के कारण सबसे ज्यादा आत्महत्या की थी। देश का किसान नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में खुश है। इसके अलावा सीएम योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर किसानों को गुमराह करने का आरोप भी लगाया।
पहले की सरकारों ने नहीं किया: सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज देश का किसान खुशहाल है. किसानों की खुशहाली पहले भी लाई जा सकती थी, लेकिन पहली की सरकारों के पास समय नहीं था। तब पार्टियों ने परिवार, जातिवाद, क्षेत्र और भाषा के नाम पर भेदभाव करना राजनीतिक जीवन का उद्देश्य बना दिया है। ऐसे लोगों से गांव, किसानों, नौजवानों के लिए रोजगार के विकास की उम्मीद नहीं कर सकते। सीएम ने आगे कहा कि 2004 से 14 के बीच प्रदेश और देश में किसानों ने सबसे ज्यादा आत्महत्याएं की। किसानों को बीज, बिजली, खाद नहीं मिलता था। अनाज का दाम भी नहीं मिलता था। गन्ना किसानों को कई वर्ष तक उनका भुगतान नहीं मिलता था। इससे निराश किसान कर्ज के नीचे दब चुका था। उसके सामने पलायन, आत्महत्या के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा था। फिर माफियाओं को किसानों, गरीबों की जमीनों पर कब्जे के लिए प्रेरित किया जाता था। अब किसानों की जमीनों को मुक्त कराया जा रहा है। माफियाओं के ठिकानों पर बुल्डोजर चलाया जा रहा है। जिन लोगों को खेती-किसानी की जानकारी नहीं, जिनको देश की प्रगति अच्छी नहीं लगती. जिन्हेंं किसानों के चेहरे की खुशहाली उनकी समृद्धि अच्छी नहीं लगती। वह लोग तमाम प्रकार के षणयंत्र कर रहे हैं।
ऋषि और कृषि का देश है भारत: डॉ. दिनेश शर्मा
रायबरेली में डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि भारत ऋषि और कृषि का देश है। यहां की 75 फीसदी जनता गांव में निवास करती है। खेती किसानी पर निर्भर है। केंद्र और प्रदेश सरकार का लक्ष्य किसान की आय दोगुनी करने का है, जिसे पूरा किया जा रहा है। कुछ स्वार्थी प्रवृत्ति के लोग सरकार के खिलाफ किसानों को बरगलाने का कुसति प्रयास कर रहे हैं।
अन्नदाता अपना हित समझते हैं और सरकार के साथ हैं। उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा यहां पर कृषि निवेश मेला में किसानों के बीच में थे। उन्होंने कहा कि पहले किसान खेती करता था, उसके बाद जो समय मिलता था, उसमें छोटे-छोटे उद्योग करता था। अंग्रेज आए और उन्होंने अपने हित के लिए बड़े बड़े उद्योग लगा दिए। इससे किसानों का आॢथक नुकसान हुआ। कांग्रेस की सरकार ने इस व्यवस्था को बदलने के लिए तनिक भी प्रयास नहीं किया। केंद्र में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने और यूपी में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद हालात बदले। गांव गांव सड़क, बिजली, पानी, यूरिया, खाद, बीज, नहरों में पानी आ दि की व्यवस्था की गई। प्रधानमंत्री किसान योजना से करीब 4:30 लाख किसानों को लाभान्वित किया गया। जगह-जगह धान क्रय केंद्र खोले गए जहां 75 फीसद से ज्यादा खरीद हो चुकी है। 72 घंटे के भीतर अन्नदाता ओं की उपज का भुगतान भी सुनिश्चित करा दिया गया है। प्रदेश में पूर्व की सरकारों का गन्ना किसानों पर बकाया 1.12 लाख करोड़ का भुगतान भी भाजपा सरकार ने किया।